सुन मेरे हमसफर 249
249 निशि हॉस्पिटल में है, यह बात कब तक छुपती! अव्यांश ने पहले ही इस बारे में सारांश को बता दिया था और सारांश ने पूरे घर वालों को। मिश्रा जी और रेनू जी तो घबरा गए थे।। लेकिन फिर सारांश ने ही उन्हें समझाया "वह दोनों ठीक है अंशु है उसके पास चिंता करने की कोई बात नहीं है। हल्की सी सर में चोट आई है, और कुछ नहीं। अंशु ने रिपोर्ट की एक कॉपी भी भेजी है मुझे। निशी आज रात वहीं पर आराम करेगी। कल सुबह तक दोनों आ जाएंगे।" तब जाकर सब ने रात की सांस ली। लेकिन सिया को चैन कहां। जब दो बच्चे अस्पताल में हो ऐसे में दादी को कहां चैन मिलने वाला था। सबके सोने जाने के बावजूद वो रात भर जागी रही। अपने पति की तस्वीर हाथ में लेकर वापस अपने आप से ही बातें करने लगी। "वक्त कितनी जल्दी गुजर गया ना शरद! तुम्हें गए बरसों हो गए, मुझे पता ही नहीं चला। क्या करूं, तुम्हारे बच्चे और तुम्हारे बच्चों के बच्चे, इन सब में मुझे तुम्हारे बारे में सोचने का मौका ही नहीं दिया। काश इस वक्त तुम यहां होते। ये परिवार पूरा हो जाता। चाहे कितनी ही खुशियां क्यों ना हो, वापस जब इस कमरे में आती हूं तो ...