सुन मेरे हमसफर 239

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     काया को ऐसे अपना दुपट्टा चबाते देख सुहानी ने उसके मुंह से उसका दुपट्टा खींचा और बोली "क्या हो गया तुझे, इतनी नर्वस क्यों है तू? कुछ तो हुआ है जो तू छुपा रही है।"


       काया जल्दी से जबरदस्ती मुस्कुरा कर बोली "कुछ नहीं! कुछ भी तो नहीं!! लेकिन दादी सबको लेकर क्यों गई है, वह भी ऐसे अचानक? मेरा मतलब, इतना अच्छा माहौल चल रहा था। सभी ने ही इतना अच्छा परफॉर्मेंस दिया और बाकी गेस्ट ने भी। लेकिन तुझे नहीं लगता कि........"


      सुहानी इरिटेट होकर बोली "तू साफ़ साफ़ बोल कहना क्या चाहती है? इस तरह घुमा फिरा कर क्यों बात कर रही है?"


    काया बोली "तुझे नहीं लगता कि हमें जा कर एक बार देखना चाहिए कि वह क्या बातें कर रहे हैं।"


       सुहानी नाराज होकर बोली "तू चाहती है कि हम लोग जाकर उनकी बात चुपके से सुने? उन लोगों को पता चल गया ना तो हमारी खैर नहीं। और यह आदत तुझे कैसे लग गई? तेरे दिमाग में यह बात आई थी कहां से? छुप कर बड़ों की बात सुनना अच्छी बात नहीं होती।"


      काया उसे समझाते हुए बोली "तेरा दिमाग खराब है क्या? मैंने कब कहा ऐसे? मैं जानती हूं छुप कर बात सुनना चाहे बड़े हो या छोटे, किसी का भी, अच्छी बात नहीं होती। लेकिन तू खुद सोच कि बड़े लोगों ने मना किया कि हमें वहां नहीं आना है? आई मीन ठीक है, सारे बड़े लोग वहां इकट्ठा है। लेकिन हमें जाने की मनाही तो नहीं है। हम तो जा ही सकते हैं ना?"


      सुहानी भी सोचते हुए बोली "दादी ने ऐसा कुछ कहा तो नहीं था। उन्होंने बस समर्थ भाई को इतना कहा था कि यहां की सारी रिस्पांसिबिलिटी हमारी है। उन्हें कुछ बात करनी है इसलिए वह लोग जा रहे हैं। आने से मना तो नहीं किया था।"


      काया ने सुहानी का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ खींचते हुए बोली "देखा! मैंने कहा था ना, जा सकते हैं यार। हमे देखना चाहिए कि आखिर बात क्या है। ऐसी कौन सी जरूरी बात है जो कुहू दी की शादी के फंक्शन से ज्यादा इंपोर्टेंट है।"


     सुहानी परेशान होकर बोली "लेकिन तू क्यों इतना बेचैन हो रही है?" लेकिन काया कहां कुछ सुनाने वाली थी।




     कार्तिक सिंघानिया ने रूद्र और ऋषभ के डांस परफॉर्मेंस को अपने कमरे में कैद किया था और इस वक्त वह उसी को देख रहा था। पूरे परफॉर्मेंस को उसने एक चिप में ट्रांसफर किया और अपने मोबाइल से कनेक्ट करके उसे दो-तीन जगह भेज दिया जिनमें एक ऋषभ का नंबर भी था और एक उसकी मां शरण्या सिंघानिया का भी।


    यह सब करते हुए उसके होठों पर बड़ी प्यारी सी मुस्कान थी। लेकिन जैसे ही उसकी नजर ऊपर कॉर्नर पर टिक टिक करते घड़ी पर गई उसके चेहरे की सारी मुस्कान गायब हो गई। वह बोला "ओ शीट!" फिर वह भागते हुए पार्किंग लॉट में आया और रूद्र के गाड़ी के ड्राइवर को ढूंढने लगा।


      इधर-उधर नजर दौड़ते हुए उसने देखा, ड्राइवर दो-तीन और लोगों के साथ बैठकर गप्पे हांक रहा था। वह जल्दी से भागते हुए गया और बोला "गाड़ी की चाबी लाओ।" ड्राइवर ने भी बिना कोई सवाल किया गाड़ी की चाबी कार्तिक सिंघानिया को पकड़ा दी। कार्तिक सिंघानिया ने जल्दी से गाड़ी का दरवाजा खोला और अंदर से एक बॉक्स निकाल कर वापस अंदर की तरफ भागा।


     अंदर जाते हुए वह टकराया अपने भाई ऋषभ सिंघानिया से। ऋषभ उसे संभालते हुए बोला "कहां भाग जा रहा है इतनी तेजी में? कोई बवाल पीछे पड़ गई क्या तेरे?"


      कार्तिक सिंघानिया नाराज होकर बोला "तेरी जैसी किस्मत नहीं है मेरी। लड़कियों के अलावा तुझे कोई सूझता है। अब तो सुधर जा कमीने!"


      ऋषभ बड़े प्यार से बोला "ठीक है, सुधर गया। अब आगे बोल क्या करना है।"


     कार्तिक सिंघानिया ने अपने सर पर हाथ मारा और कहा "तेरा कुछ नहीं हो सकता कालिया।" और जाने लगा।


     ऋषभ अपने भाई की बांह पकड़ी और उसे रोकते हुए बोला "हुआ क्या है तुझे, इतना फ्रस्ट्रेटेड क्यों है तू?"


     कार्तिक सिंघानिया नाराज होकर बोला "फ्रस्ट्रेटेड नहीं हूं मैं रिशू! मॉम की दवाई का तरह टाइम हो गया है। इससे पहले के पापा फोन करके कर चार बात सुना दे, तुझे भी और मुझे भी, मैं दवाई लेकर जा रहा हूं। तू पानी की बोतल लेकर आ। मैं तो बच जाऊंगा लेकिन तू पकड़ा जाएगा।"


      ऋषभ मुस्कुरा कर बोला "मैं नहीं पकड़ में आने वाला। क्योंकि पानी की बोतल मैने ऑलरेडी भिजवा दी थी। मैं तो बस तुझे देख रहा था कि तुझे कितना याद है। चल कोई नहीं, जा और जाकर अपना काम कर।"


    कार्तिक सिंघानिया वहां से जाने को हुआ लेकिन फिर पलट कर अगर ऋषभ के सामने खड़ा हो गया और बोला "पहले तू अपना हुलिया ठीक कर ले। सबके सामने गया, वह भी इस हालत में तो अच्छे से खातिरदारी होगी तेरी। किसी ने तुझे देखा तो नहीं?"


     ऋषभ थोड़ा सा कंफ्यूज हुआ। इससे पहले कि वह कुछ पूछ पाता था कार्तिक सिंघानिया वहां से जा चुका था। ऋषभ ने अपना फोन निकाल और फ्रंट कैमरा ऑन करके खुद को देखा। उसके होठों के आसपास लिपस्टिक लगी थी। उस पल को याद करके ऋषभ मुस्कुरा दिया और अपना हुलिया ठीक करने बाथरूम की तरफ चल दिया।


     कार्तिक सिंघानिया जैसे ही दवाई लेकर अंदर पहुंचा उसके कानों में सिया की कही बातें सुनाई पड़ी। "हमें तुम्हारे कार्तिक और हमारी काया की जोड़ी बहुत अच्छी लगती है। दोनों एक दूसरे को पसंद भी करते हैं और हम चाहते हैं कि इन दोनों का रिश्ता जुड़ जाए। इसी बहाने हम लोग भी रिश्तेदार बन जाएंगे।"


     रूद्र ने शरण्या की तरफ देखा और खुश होकर कहा "क्या बात कर रहे हो आप आंटी जी! हमें क्या एतराज हो सकता है! अरे हमें तो खुशी होगी। भले ही मैंने काया को देखा नही है लेकिन एक बात में दावे से कह सकता हूं, कि इन बच्चों में आपके संस्कार है और आपके संस्कार पर मैं शक नहीं कर सकता। मैं एक बार मां पापा से बात कर लेता हूं। उनका भी यहां होना जरूरी था। किट्टू ने इस बारे में कभी कुछ नहीं बताया। खैर अगर आप लोगों ने बताया होता तो मां पापा को भी लेकर आता।"


     सिद्धार्थ मुस्कुरा कर बोले "कोई बात नहीं। हमें खुद भी यह सब सोचने में थोड़ा सा टाइम लगा। इस बात का आईडिया तो हमें भी नहीं था।"


     तभी कार्तिक सिंघानिया के कदमों की आहट सबके सुनाई दी। सबने पलट कर दरवाजे की तरफ देखा। सामने कार्तिक को खड़ा देख रूद्र ने खुश होकर कहा "अच्छा हुआ तू आ गया। तेरे और काया के रिश्ते की बात चल रही है। मैं काया से मिला नहीं हूं लेकिन मुझे पता है बहुत अच्छी लड़की है। तू खुश है ना?"


    कार्तिक ने हैरानी भरी नजरों से सब की तरफ देखा और शरण्या से बोला "मॉम! मैं इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं हूं। आई एम सॉरी लेकिन मेरे और काया के बीच ऐसा कुछ नहीं है जैसा आप लोग सोच रहे हैं।"


      उसी वक्त काया भी सुहानी को लेकर वहां आ पहुंची। अपने रिश्ते के बारे में सुनकर किया के मन में लड्डू तो जरूर फूटे लेकिन कार्तिक का जो रिएक्शन था उसे देखकर काया को गुस्सा आ गया। उसने कार्तिक की बांह पकड़ी और अपनी तरफ घुमाया।


    काया को अपने सामने देख कार्तिक थोड़ा चौंका लेकिन वो कुछ रिएक्ट कर पाता उससे पहले ही काया ने फिर से एक बार कार्तिक को एक थप्पड़ लगा दिया।


      हे प्रभु! बेचारा कार्तिक सिंघानिया! उसकी किस्मत में काया के हाथों थप्पड़ ही खाना लिखा है।




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टिप्पणियाँ

  1. बेचारा कार्तिक हर वक्त थप्पड़ खाता रहता है ।कांड करता है ऋषभ फसता बेचारा कार्तिक अभी तक सुहानी और कया को ये ही की ये ट्विन हैं ।जब पता लगेगा तो मजा आयेगा।

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