सुन मेरे हमसफर 246

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    कार्तिक सिंघानिया सारी बातों से परेशान होकर दूर कहीं किसी कोने में खड़ा था, अकेला खुद से लड़ता हुआ। उसका भाई ऋषभ उसे ढूंढता हुआ आया और उसे आवाज लगता हुआ बोला "कब तक भागेगा खुद से? कभी न कभी तो सामना करना ही पड़ेगा।"


     कार्तिक सिंघानिया ने पीछे पलट कर देखा और फिर वापस आसमान की तरह देखते हुए बोला "तू नही समझेगा। तेरे लिए तो यह सब कुछ बहुत आसान लगता है। और वैसे भी तुझे तेरी मंजिल मिल गई ना, तो ज्यादा ज्ञान मत बघार।"


     ऋषभ उसके करीब आया और उसके कंधे पर हाथ रखकर बोला "पहले तो तू इतना इमोशनल नहीं था।"


     कार्तिक सिंघानिया ने एक बार फिर ऋषभ की तरफ नहीं देखा और कहा "मैं हमेशा से इमोशनल ही था। हां यह बात अलग है कि मैं थोड़ा सेंसिबल हो गया। तेरे जैसी मेरी लाइफ नहीं रही। भले ही हम दोनों जुड़वा है लेकिन हमारी लाइफ हमेशा से एक दूसरे के अपोजिट रही है।"


     ऋषभ परेशान होकर बोला "हो गया यार! पहला ब्रेकअप हर किसी का होता है। ऐसा भी होता है कहीं कि कोई अपने पहले ब्रेकअप को इतना दिल से लगा कर रखें कि किसी और को अपनी लाइफ में आने ही ना दे? भूल जा उसे।"


     कार्तिक सिंघानिया हल्के से मुस्कुराकर कहा "तू भूल सकता है?"


     ऋषभ बड़े कैजुअल होकर बोला "ऑफ कोर्स! मेरा तो अब तक न जाने कितना ब्रेकअप हुआ है मुझे तो याद भी नहीं है।"


    इससे पहले की ऋषभ आगे कुछ और बोलता, कार्तिक ने एकदम से थोड़ी ऊंची आवाज में कहा "कायरा को भूल सकता है?"


   ऋषभ के होंठो पर आई मुस्कान एकदम गायब हो गई। इतना काफी नहीं था, कार्तिक ने एक और बम फोड़ा "तू चाहता है ना कि मैं अपनी लाइफ में आगे बढूं तो क्या तू अपनी कायरा मुझे दे सकता है?" ऋषभ अभी भी कुछ नहीं बोल पाया।


 कार्तिक सिंघानिया ने तिरछी नजरों से ऋषभ की तरफ देखा जो हैरानी भरी नजरों से उसे ही देख रहा था और मुस्कुरा कर बोला "क्या हुआ? हवा हो गया तेरा सारा ज्ञान?"


    ऋषभ ने एकदम से आगे बढ़ कर कार्तिक का कॉलर पकड़ लिया और बोला "तू सोच भी कैसे सकता है? ऐसा बोलने से पहले तुझे एक बार भी ख्याल नहीं आया कि तु बोल क्या रहा है? साले जान ले लूंगा तेरी अगर कायरा की तरफ नजर उठा कर देखा भी तो। ये बात मैंने तुझे पहले भी समझाई थी। तेरे लिए मेरी जान हाजिर है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं तेरे साथ सब कुछ शेयर कर सकता हूं।"


    कार्तिक सिंघानिया ने ऋषभ की पकड़ से अपनी कॉलर को छुड़ाया और कहा "प्यार करता है उससे इसलिए उसे छोड़ नहीं सकता और तु मुझे एक्सपेक्ट करता है।"


    ऋषभ ने अपने अपनी नज़रें नीचे कर ली और कहा "देख किट्टू! मैं समझ रहा हूं तेरी बात लेकिन ऐसा नहीं है कि कायरा मेरी लाइफ में आने वाली पहली लड़की है। हां वह एहसास पहला है। तू तो एक बार में ही अपना सब कुछ लुटाने को तैयार है। ऐसा नहीं होता यार। अगर उसे तुझे प्यार होता तो क्या वो शादी करके अपना घर में बसा चुकी होती?"


     कार्तिक सिंघानिया आगे कुछ और नहीं सुनना चाहता था। उसने कहा "ये उसका डिसीजन नहीं था और ना ही यह ब्रेकअप हम दोनों के म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग से हुआ है। तू भी अच्छे से जानता है कि हम अलग क्यों हुए थे।"


      पीछे से रुद्र की आवाज आई "तो तुम अपनी मां को ब्लेम कर रहे हो?"


     कार्तिक सिंघानिया और ऋषभ ने पलट कर देखा। कार्तिक ने अपनी नज़रें झुका ली लेकिन ऋषभ ने अपने भाई की शिकायत करने वाले अंदाज में अपने पापा की तरफ देखा। रूद्र ने ऋषभ को वहां से जाने का इशारा किया तो ऋषभ चुपचाप कार्तिक सिंघानिया के कंधे पर हाथ रखकर निकल गया। रुद्र आगे बढ़ा और जाकर पीछे से अपने बेटे को गले लगा कर बोला "अपनी मां को ब्लेम मत करना। तु जानता है उसने क्या कुछ सहा है इसलिए वह उन सब से नफरत करती है जो उसके दर्द की वजह बने।"


   कार्तिक सिंघानिया थोड़ा रुआंसा होकर बोला "उनके दर्द की वजह तो आप भी थे ना! लेकिन आपसे तो प्यार करती है।"


    रुद्र मुस्कुरा दिया और बोला "यही बात तो मेरी समझ में नहीं आती कि आखिर वो मुझे इतना प्यार क्यों करती है। मैं बस यह जानता हूं कि उसकी खुशी के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं। एक बात तू जान ले, अगर वह है तो मैं हूं और मैं हूं तो वह है। उसे लगता था कि तेरे कदम बढ़ाने से पहले ही उसने तुझे रोक लिया। उसे लगता है कि गलती उसकी थी जो उसे घर में आने दिया। तो इस सबसे पहले तू मुझे ब्लेम कर कि मैंने उसे बुलाया था। टिक्कू! जब तक हम अपने अतीत को पकड़ कर चलते रहेंगे तब तक हम कभी अपने आज में नहीं जी पाएंगे। तुझे क्या लगता है, क्या मैं तेरी मां को भूलने की कोशिश नहीं की थी? मेरी बहुत सारी गर्लफ्रेंड थी यार लेकिन पहली नजर में जो शरण्या की आंखों में देखा था, बचपन की वह छोटी सी बदमाश लड़की न जाने मुझे उसके साथ क्या अट्रैक्शन हुआ कि उसके हाथ से मार खाना मुझे अच्छा लगता था। कभी पता ही नही चला कब वो मेरी जिंदगी बन गई।


     10 साल होने को है लेकिन तू अभी उसे सबसे निकालने को तैयार नहीं है। हम सब ने अपनी अपनी तरफ से कोशिश की थी। सिर्फ तेरे लिए आखिर में तेरी मां भी तो मान ही गई थी ना, लेकिन नतीजा क्या हुआ! वह खुद नहीं आना चाहती थी तेरी लाइफ में। शायद कुछ सोच कर ही उसने ऐसा किया। समझदार बच्ची है वह। लेकिन एक बार जान ले तू कि अब तेरा उसकी यादों पर भी हक नहीं है क्योंकि अब वो किसी और की अमानत है। इसलिए उसे भूल कर लाइफ में आगे बढ़। एक बात मेरी समझ में नहीं आती, तू गया किस पर है? मेरा बेटा होकर इतना इमोशनल कैसे हो गया तू?"


    कार्तिक मुस्कुरा कर बोला "आपका बेटा हूं इसलिए इतना इमोशनल हूं।"


     रूद्र ने अपने सिर से कार्तिक के सिर पर मारा और पूछा "सुहानी तेरी दोस्त है ना?"


    कार्तिक ने बस अपना सर हिला दिया। रूद्र मुस्कुरा कर बोला "तो अपने दोस्त को एक मौका देकर देख। तुझे पसंद करती है शायद। तभी तो, तेरे इंकार ने उसके चेहरे पर से सारी खुशी हवा कर दी थी।"


    पीछे दूर खड़ा ऋषभ अजीब सा मुंह बनाकर बोला "मुझे तो कभी इतने प्यार से गले नहीं लगाया। कुछ ज्यादा ही प्यार नहीं उमड़ रहा। मैं भी अगर ऐसे ही करूं तो क्या पापा मुझे प्यार करेंगे?"


     पीछे से शरण्या ने उसके सर पर जोर से मारा और कहा "खबरदार जो ऐसी वैसी कोई हरकत करने की कोशिश की तो! मेरे रुद्र का यह साइड कभी-कभी ही नजर आता है। दोनों कितने अच्छे लग रहे हैं ना, बाप बेटे!"


    ऋषभ गंदी सी शक्ल बनाकर बोला "टाइटैनिक के पोज में है दोनों। वहां आपको होना चाहिए था। लोग गलत समझेंगे।"


    शरण्या ने एक बार फिर उसे मारने के लिए हाथ उठाया तो ऋषभ बचते हुए बोला "आपको मैं ही मिलता हूं क्या?"


   शरण्या भी मुस्कुरा कर बोली "तू खाली बैठा रहता है ना, तो हाथ साफ करने में मजा आता है। चल जा, तेरी वाली तुझे ढूंढ रही होगी। उसके हाथ से भी तुझे मार खानी है। मेरा चप्पल उसी के पास है।"




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