सुन मेरे हमसफर 276
276 निर्वाण और अव्यांश दोनों ही घबरा गए। 'हे भगवान! इस बारे में इसको खबर लग गई?' निर्वाण और अव्यांश ने घबरा कर दूसरी तरफ देखा तो वहां प्रेरणा खड़ी थी। प्रेरणा अवाक सी भागते हुए आई और कहा "तुम्हारे कहने का मतलब कुहू का मर्डर हो गया है? हे भगवान! इतनी बड़ी बात तुम लोग घर वालों से छुपा रहे हो? बहुत गलत बात है ये। तुम्हें एहसास भी है घर वाले सारे कुहू के बारे में कितना गलत सोच रहे हैं! कार्तिक अंकल को देखा किस तरह अपनी ही बेटी से नाराज है? उनकी बेटी के साथ क्या कुछ गलत हो गया है ये तो उन्हे पता ही नही है। हे भगवान! अब क्या होगा? किसने किया यह सब? नाम बताओ उसका, मैं उसका मर्डर कर दूंगी। और कुहू? उनकी लाश कहां है? कहां है उनकी डेड बॉडी?" अव्यांश और निर्वाण ने उस बकबक मशीन को देखा और फिर एक दूसरे की तरफ देखकर अपना सर पीट लिया। निर्वाण ने अव्यांश की तरफ इशारा किया और इशारों में ही कहा कि इस दिमाग चबाने वाली मशीन को वो ही संभाले। प्रेरणा अभी भी बोले जा रही थी। ना उसकी घबराहट कम हो रही थी और ना ही उसकी बातें। अव्यांश ने इधर उधर द...