सुन मेरे हमसफर 271

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     कुहू के गायब होने की बात सुनकर अव्यांश के माथे पर बल पड़ गए। क्या हुआ कैसे हुआ, उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। ना जाने उसे क्या हुआ और उसने एकदम से पलट कर निर्वाण की तरफ देखा तो निर्वाण अलर्ट हो गया। वो समझ गया कि अव्यांश उससे कोई ना कोई सवाल जरूर करेगा और वही अव्यांश ने किया भी। उसने पूछा "नीरू! नेत्रा कहां है?"


    अब निर्वाण के पास इसका क्या जवाब था। उसने बस ना में अपनी गर्दन हिलाई। उसी वक्त चित्रा सारांश, सिद्धार्थ, श्यामा काव्या और बाकी सभी वहां पर पहुंच गए। अव्यांश और निर्वाण को देखकर सबसे पहले चित्रा ने हीं सवाल किया "तुम दोनों में से किसी ने नेत्रा को देखा है? वो भी नही मिल रही है।"


     अव्यांश ने बिना चित्रा की तरफ देखें निर्वाण को घूर कर कहा "यही सवाल तो मैं इससे कर रहा हूं कि नेत्रा कहां है! आप में से किसी को पता चला कुहू दी के बारे में?"


    सभी एक दूसरे का चेहरा देखने लगे, शायद सभी को एक दूसरे से जवाब की उम्मीद थी लेकिन किसी के पास कोई जवाब नहीं था तो अव्यांश ने कहा "नीरू सच-सच बता, क्या कुहू दी को नेत्रा लेकर गई है?"


    निर्वाण के पास इसका कोई जवाब नहीं था उसने बड़ी मासूमियत से अपना सर ना में हिला दिया कि उसे कुछ नहीं पता। काव्या ने अव्यांश को डांट लगाई, "अंशु! ये क्या कह रहे हो तुम? नेत्रा कुहू को लेकर कहां जायेगी और क्यों जाएगी? वो तो खुद भी मिसिंग है।"


     न जाने क्यों लेकिन चित्रा को अपने बेटे पर भरोसा नहीं हुआ। उसने निर्वाण को कंधे से पकड़ा और कहा "देख नीरू! नेत्रा यहां नहीं है। आखिरी बार कुहू के साथ सिर्फ नेत्रा ही थी। इसका साफ मतलब है कि कुहू को जरूर नेत्रा ही लेकर गई है वरना वह कहां जा सकती है? तुम दोनों भाई बहन पिछले दो दिन से घर से गायब थे। कहां थे कुछ बता सकते हो?"


    निर्वाण कुछ ना कह पाया। बड़ी मुश्किल से उसने बहाना बनाया "एक दोस्त के साथ था। वह अस्पताल में......."


     इससे पहले की निर्वाण अपनी बात पूरी कर पाता चित्रा ने पूछा "नेत्रा कहां है नीरू?"


      निर्वाण चुप रह गया। सभी उम्मीद भरी नजरों से निर्वाण को देख रहे थे। चित्रा ने फिर कहा "अभी के अभी अपने फोन से उसे कॉल लगा।"


     निर्वाण फिर भी चुपचाप खड़ा रहा। चित्रा को बहुत ज्यादा गुस्सा आया। गुस्से में निर्वाण पर उसका हाथ उठ गया लेकिन अव्यांश ने एकदम से चित्रा का हाथ पकड़ लिया और कहा "ये आप क्या कर रही हो बुआ?"


     निक्षय ने आगे आकर चित्रा को कंधे से पकड़कर पीछे करते हुए कहा "ये क्या हरकत है चित्रा? तुम्हारा बेटा कोई छोटा बच्चा नहीं है जिस पर हाथ उठाकर या जोर जबरदस्ती करके तुम उससे कोई भी बात निकलवा सकती हो। नेत्रा भी मिसिंग है इसका मतलब ये तो नही कि वो ही लेकर गई है कुहू को। हो सकता है कुहू के साथ नेत्रा भी किसी मुसीबत में हो। हर सिक्के के दो पहलू होते है चित्रा। हर बार सिर्फ नेत्रा ही गलत नही थी। तुम्हें देखकर कोई भी कहेगा कि तुम नेत्रा की नही बल्कि कुहू की मां हो।" वहां खड़े सभी निक्षय के इस रूप को देखकर हैरान रह गए। लेकिन निक्षय की कही कोई भी बात गलत नही थी। नेत्रा के मन में कुहू के लिए जो भी बैर भाव था उसमे कहीं न कहीं चित्रा का बड़ा हाथ था।


    चित्रा ने बेबसी से कहा "मैं जानती हूं, मैने कुहू को सबसे ज्यादा प्यार दिया है लेकिन निक! हमारी कुहू और नेत्रा........! किसी की क्या दुश्मनी हो सकती दोनों बच्चियों आई? उस इंसान को आज ही का दिन मिला था क्या ये सब करने को? अब हम क्या करे?"


    निक्षय ने चित्रा को शांत किया और उसकी पीठ सहलाकर कर उसे श्यामा के हवाले कर दिया। निर्वाण धीरे से बोला "मुझे नहीं पता नेत्रा कहां है और कुहू दी भी। उन दोनों को कौन लेकर गया ये भी मुझे नहीं पता। क्या हुआ इस सब में मेरा कोई हाथ नहीं है।"


     निक्षय को भी अपने बेटे की बातों पर पूरी तरह भरोसा नहीं हुआ। अगर हुआ भी तो भी सबके सामने जब सब के शक की सुई निर्वाण पर उठी थी तो ऐसे में तसल्ली करना चाहता जरूरी था। "हमे शांति से सोचने की जरूरत है। दो बातें हो सकती है। या तो नेत्रा कुहू को लेकर गई है या फिर कोई उन दोनों को लेकर गया है। अगर कोई और उन्हें लेकर गया है तो हमें उनका फोन जरूर आयेगा, सब अपना फोन चेक करते रहिए। और आगर उसके पीछे नेत्रा है तो................" इतना कहकर निक्षय ने बिना कुछ पूछे सीधे निर्वाण के पॉकेट से उसका फोन निकाला और नेत्रा का नंबर डायल कर दिया।


      फोन की रिंग जा रही थी लेकिन कोई फोन नहीं उठा रहा था। क्या नेत्रा जानती थी कि निर्वाण के जरिए उसे कॉल किया जा सकता है या फिर वाकई निर्वाण इस सब में निर्दोष है? निक्षय ने एक बार फिर से नेत्रा का नंबर डायल किया। अवनी को कुछ सुनाई दिया। उसने एकदम से चिल्ला कर कहा "फोन की रिंगटोन यहीं कहीं बज रही है।"


    सबका ध्यान इस रिंगटोन पर गया। अव्यांश ने कहा "यह तो नेत्रा का फोन है। मतलब वह यही कही है।"


      चित्रा ने भी यही बात कही "मतलब वो दोनों यहीं पर है? नेत्रा कभी अपना फोन छोड़कर नहीं जाती।" सभी ने भागते हुए उस रिंगटोन का पीछा किया और सभी उस कमरे में पहुंचे जहां कुहू को रखा गया था। सबने उम्मीद से चारों तरफ देखा लेकिन सबको निराशा हाथ लगी। ना उस कमरे में कुहू थी और ना ही नेत्रा इनफैक्ट नेत्रा का फोन वही टेबल के नीचे पड़ा हुआ था। निर्वाण ने लपक कर फोन उठा लिया।


     अव्यांश जाकर बालकनी में भी देख आया। खिड़की से इधर-उधर झांक कर देखा। सुहानी और काया भी तब तक छत पर से पूरा देख कर आ चुके थे। हर जगह से निराशा ही हाथ लगी थी। सारांश भी सोचने लगे थे। एकदम से उनके दिमाग में कुछ खटका। "तुम लोगों को कोई स्मेल आ रही है क्या?"


   वाकई वह गंध सभी को आ रही थी। लेकिन वह गंध क्या थी यह किसी के समझ में नहीं आई। काया ने कहा "कुहू दी की परफ्यूम की स्मेल ऐसी नहीं है। उन्हें तो ऐसा मीठा स्मेल पसंद नहीं आता है।"


     लेकिन अव्यांश ने जो कहा वह किसी का भी दिमाग खराब करने को काफी था। उसने कहा "यह क्लोरोफॉर्म की स्मेल है। मतलब कुहू दी और नेत्रा को बेहोश करके यहां से लेकर जाया गया है।"


   सिद्धार्थ को इस बात पर यकीन नहीं हुआ। उन्होंने कहा "लेकिन अगर कोई किसी को बेहोश करके लेकर जाएगा तो किसी न किसी की तो नजर पड़ेगी ही। और अगर ऐसा कुछ अनयूजुअल चीज होगी तो बात फैलेगी ही। समर्थ कहां है"


     समर्थ भी तब तक वहां आ खड़ा हुआ और कहा, "कहीं से कुछ पता नहीं चल रहा। मैंने सीसीटीवी फुटेज देखा है। कुहू इस कमरे से निकली ही नहीं है और ना ही नेत्रा। हां नेत्रा एक बार निकली तो थी लेकिन फिर कमरे में वापस आ गई थी। उसके बाद दरवाजा नहीं खुला। नीरू! तू भी तो गया था ना कमरे में? कुछ देखा था तूने उन दोनों के बीच?"


    निर्वाण एकदम से चौंक गया और कहा, "हां मैं गया था कमरे में। कुहू दी को पार्लर से मैं ही तो लेकर आया था। आई मीन, उनका ड्राइवर बनकर। उनका पर्स रह गया था गाड़ी में तो मैं बस वही देने आया था।"


     काव्या ने पूछा "उस वक्त और कौन था यहां पर?"


     निर्वाण ने अनजान बनते हुए कहा "उस टाइम तो वो ही दोनों थे और आपस में कुछ बात कर रहे थे। और दोनों को बात करते थे मुझे लगा शायद सही हो रहा है। इन फैक्ट नेत्रा तो कुहू दी के लिए पायल भी लेकर आई थी और उन्हें पहनाने वाली थी। यह देखिए, यह रही वह पायल।" कहते हुए निर्वाण में टेबल के साइड में गिरे उस डब्बे को उठाया जिसके अंदर पायल अभी भी रखी हुई थी।"


     काव्या ने अपना सर पकड़ लिया। उनका सर घूमता हुआ था महसूस होने लगा। कार्तिक ने उन्हें संभाला और कहा "नीरू बेटा! याद कर कुछ तो देखा होगा तूने। कोई ऐसी चीज नोटिस की होगी।"


    निर्वाण ने ना में अपनी गर्दन हिला दी। अव्यांश ने नेत्रा का फोन लिया और उसमें कुछ चेक करने लगा। ऐसा वैसा तो कुछ नहीं था लेकिन जिस टाइम वह लोग इस कमरे में मौजूद थे उस टाइम नेत्रा ने शिवि को फोन किया था। अव्यांश ने कॉल लॉग देख कर कहा "नेत्रा ने लास्ट कॉल शिवि दी को किया था। शायद उन्हें कुछ पता हो।"


     समर्थ ने परेशान होकर कहा "तो शिवि को फोन लगा और पूछ इस बारे में। वह लड़की कहां है, अब तक किसी को नहीं पता। बस मेरी यह बात समझ में नहीं आ रही है कि जब नेत्रा और कुहू दोनों ही इस कमरे से बाहर निकलते हुए नजर नहीं आ रही तो फिर जा कहां सकती है?"


     सारांश ने पूछा "गेट के तरफ का फुटेज देखा तूने? मेन गेट, पीछे का दरवाजा! क्योंकि इतना तो तय है कि नेत्रा और कुहू को कोई और ही लेकर गया है।"


    समर्थ ने कुछ सोचते हुए कहा "कुछ फुटेज तो मैंने देखी थी मेन गेट की लेकिन उसमें भी ऐसा कुछ नहीं दिखा मुझे।"


      अव्यांश ने कहा "एक बार आप लोग जाकर हर एक कमरे की तलाशी लीजिए। देखिए कहीं किसी कोने में कुछ तो रिकॉर्ड हुआ होगा। मैं तब तक शिवि दी को इस बारे में बताता हूं। शायद कुछ हेल्प मिल सके।" अव्यांश ने नेत्रा के फोन से ही शिवि का नंबर डायल कर दिया। समर्थ और निर्वाण फिर से सिक्योरिटी सर्विलांस रूम में पहुंचे और कुछ टाइम पहले की रिकॉर्डिंग देखने लगे।




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