सुन मेरे हमसफर 272
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पार्थ अपने रेगुलर रूटीन के लिए हॉस्पिटल आया हुआ था। कुहू की शादी में जाने के लिए उसे देर हो गई थी लेकिन हैरानी की बात तो यह थी कि उसे शिवि का एक भी कॉल नहीं आया था। पार्थ ने एक दो बार अपना फोन चेक भी किया लेकिन शिवि की कोई खबर नहीं थी। उसे हैरानी हुई, बहुत ज्यादा हैरानी हुई। इतनी देर में तो शिवि ने उसे फोन करके उसपर गलियों की बौछार कर दी होती लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। 'कहीं शिवि का दिमाग ठिकाने पर तो नहीं आ गया?' यह सोचते हुए पार्थ को हंसी आ गई फिर खुद को समझाया 'बिजी होगी शायद! बहन की शादी है तो काम में लगी होगी। क्या कर सकते हैं, अपने परिवार के बीच हमें बाहर वाले लोग याद नहीं आते।'
पार्थ ने अपनी जरूरी कामों को समेटा और अस्पताल से बाहर निकलने लगा। रिसेप्शन पर खड़ी लिली ने जब पार्थ को देखा तो भागते हुए उसके पास आई और कहा, "डॉक्टर पार्थ! डॉक्टर पार्थ!!"
पार्थ के कदम रुक गए। उसने पलट कर लिली की तरफ देखा और पूछा "क्या हुआ लिली, कुछ काम था?"
लिली पार्थ के सामने आकर खड़ी हो गई और कहा "डॉक्टर पार्थ! आज तो डॉक्टर शिविका के फैमिली में शादी है ना, उनकी बहन की?"
पार्थ ने कंफ्यूज होकर कहा "यह बात तो सबको पता है। तुम क्यों पूछ रही हो, तुम्हें नहीं पता क्या?"
लिली ने ना में सिर हिलाया और कहा, "सर मुझे पता है, जैसे सबको पता है। लेकिन मेरी यह बात समझ में नहीं आ रही कि जब डॉक्टर शिविका के फैमिली में शादी है, वह भी उनकी बहन की शादी है, तो फिर डॉक्टर शिवि का यहां अस्पताल में क्या कर रही है?"
पार्थ की आंखें यहां हैरानी से फैल गई। उसने चौक कर कहा "शिवि यहां है, हॉस्पिटल में?"
पार्थ की आवाज इतनी तेज थी कि वहां आसपास से गुजरते लोगों की नजर पार्थ और लिली की तरफ घूम गई लेकिन फिर सभी अपने काम में लग गए। पार्थ ने चारों तरफ देखा और लिली से पूछा "तुम्हें पूरा यकीन है कि शिवि यहीं पर है?"
लिली ने शिवि के केविन के तरफ इशारा किया और कहा "आप खुद जाकर उनके केबिन में देख लो। करीब एक डेढ़ घंटे से डॉक्टर शिविका यहीं पर है। और जबसे आई है तब से वह अपने केबिन से बाहर नहीं निकली है, ना ही उन्होंने कॉफी मंगाया है ना किसी को इन्फॉर्म किया है, रिसेप्शन पर भी नहीं। आई थिंक कोई प्रॉब्लम है। मैं आपका ही इंतजार कर रही थी कि आप फ्री हो तो मैं आपको इस बारे में बताऊं। कहीं किसी से लड़ाई तो नही हो गई?"
पार्थ सोच में पड़ गया। शिवि का हॉस्पिटल में होना कोई नई बात नही थी पर आज तो कुहू की शादी थी। कुहू की शादी से ज्यादा इंपॉर्टेंट और क्या हो सकता था? माना कि शिवि को कुणाल और कुहू का रिश्ता पसंद नहीं था लेकिन इस तरह घर छोड़कर यहां आना पार्थ के पल्ले नहीं पड़ा। उसने परेशान होकर कहा "यह बात तुम्हें मुझे पहले बतानी चाहिए थी। वह कब से यहां परेशान बैठी है। इस समय मुझे उसके पास होना चाहिए था। यार! वैसे होना तो इसे अपने घर पर चाहिए था, लेकिन कोई बात नहीं। तुम जाकर अपना काम करो मैं देखता हूं।" लिली अपना सर हिला कर वहां से चली गई। पार्थ शिवि के केबिन की तरफ तो बढ़ा लेकिन आधे रास्ते जाकर वह रुक गया। वह वापस पलट कर आया और अस्पताल के बाहर निकल गया।
कूहू और सुहानी दोनों एक बार फिर कुहू को ढूंढते हुए छत पर पहुंच गई थी। सुहानी ने कहा "हम लोग यहां पर फिर से क्यों आए है? एक बार आकर देख कर गए तो थे! उस टाइम हमे कुहू दी नहीं मिली तो अब क्या मिलेगी!"
काया ने उसे समझाते हुए कहा "हो भी सकता है और नही भी।"
सुहानी ने कन्फ्यूज होकर पूछा, "मतलब?"
काया ने समझाया, "मतलब ये कि यहां से निकलने के दो रास्ते हैं। हो सकता है जब हम लोग यहां से देखकर गए हो तो कुहू दी दूसरी तरफ से आई हो। ठीक से देख, यहां एक और सीढ़ी है जो बाहर जाता है।"
सुहानी ने देखा, वाकई दूसरी तरफ सीढ़ी थी। उसने कहा, "ठीक है यहां दूसरी तरफ भी सीढ़ी है लेकिन वह सीढ़ी सीधे लॉन में जाती हैं। यानी कि अगर कुहू दी या नेत्रा, दोनों में से कोई भी इस सीढ़ियों से उतर कर गई होगी तो वह सीधे लॉन में पहुंचेगी जहां पर काफी देर से अंशु और निर्वाण खड़े थे। और वहां वह दोनों अकेले नहीं थे और भी बहुत लोग थे। किसने किसी की नजर तो पड़ती ही। और होता भी तो किसी तरह खतरा देख दोनों में से कोई तो चिल्लाता।"
काया ने परेशान होकर कहा "पता नहीं यार! मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा। न जाने क्या होगा। चाहे जो भी हो कम से कम कुहू दी और नेत्रा सही सलामत हो।"
सुहानी और काया चारों तरफ नजर दौड़ा रहे थे। पीछे से एक आवाज आई "हेलो गर्ल्स! तुम लोग इस वक्त?"
यह ऋषभ की आवाज थी। काया और सुहानी ने पलट कर देखा तो दोनों कुछ देर उसे देखते रह गए क्योंकि यहां पर दोनों भाइयों का कंफ्यूजन था। दोनों बहनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और वापस अपने काम में लग गए। ऋषभ थोड़ा और करीब आया और पूछा "अरे! मुझे इग्नोर क्यों किया जा रहा है? मैने क्या किया?"
किसी ने कुछ रिएक्ट नही किया और अपनी जासूसी में लगे रहे। ऋषभ ने फिर पूछा, "क्या हुआ कोई प्रॉब्लम है? कुछ ढूंढ रहे हो तुम लोग?"
काया ने पलट कर कहा "प्रॉब्लम है यार बहुत बड़ी प्रॉब्लम है। यहां घोटाला हो गया है।"
ऋषभ की समझ में कुछ नहीं आया। उसने पूछा "क्या हो गया? ऐसा कौन सा घोटाला हो गया है जो तुम लोग इतना परेशान हो? बताओ मुझे, शायद मैं कुछ हेल्प कर पाऊं।"
सुहानी ने उसे कार्तिक सिंघानिया समझकर अपना मुंह खोला लेकिन काया ने हाथ दिखाकर उसे चुप कर दिया और कहा "तुम्हारा भाई कार्तिक होता ना तो मैं उसे जरूर बता देती लेकिन तुम जैसे को मैं क्या ही कहूं। तुम्हें कुछ समझ नहीं आएगा।"
ऋषभ की भौंहे टेढ़ी हो गई। उसने कहा "मैं कार्तिक ही हूं! तुम्हें लगा मैं ऋषभ हूं? अपने होने वाले पति को पहचानना सीखो होने वाली मिसेज सिंघानिया!"
काया ने उसके चेहरे के सामने एक उंगली घुमाई और कहा "यह जी चेहरे से कमीनापन टपक रहा है और आंखों में जो काइयापन नजर आ रहा है, वह सिर्फ एक ही इंसान के चेहरे पर नजर आ सकता है। कार्तिक एक सीधा-साधा इंसान है तो प्लीज उसे बदनाम करने की कोशिश मत करो तुम।"
ऋषभ के होंठ गोल हो गए और एक सीट निकली। "बहुत अच्छे से जान गई हो मुझे, वो भी एक ही रात में। कमाल है!"
ऋषभ की डबल मीनिंग बातें सुनकर सुहानी की आंखें हैरानी से फैल गई "इतनी जल्दी? शादी का वेट कर लेते।"
काय को पहले तो थोड़ा टाइम लगा लेकिन जब उसे समझ आया तो उसने सुहानी के पैर पर जोर से अपना पैर दे मारा और कहा "बेवकूफ! उसके कहने का मतलब है कि कल रात में मैंने इन दोनों भाइयों को एक साथ देखा और इतनी जल्दी मैं इसको पहचान गई। क्या सोचती है तू!"
ऋषभ की हंसी छूट गई लेकिन काया का गुस्सा और बढ़ गया। वह चिल्ला कर बोली, "दिमाग खराब मत करो तुम। एक तो वैसे ही कुहू दी कहीं मिल नही रही ऊपर से तुम........"
दूसरी तरफ से हैरानी भरी आवाज आई, "कुहू नही मिल रही? कहां गई वो?"
किसकी थी ये
आवाज?
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एक नई कहानी, रक्षित रौनक और सूची की। मिलते है उनसे।
रक्षित धीरे से मुस्कुरा दिया और कहा "चलो! जानकर खुशी हुई कि तुम में इतनी मैच्योरिटी आई है कि किस से लड़ना है किस नहीं और किससे माफी मांगनी है। अच्छी बात है, सीख रहे हो। जल्दी ही पूरी तरह सीख जाओगे। और अपनी इस गर्लफ्रेंड को काबू में रखो, कुछ ज्यादा ही उछल रही है।" रक्षित ने बड़े स्टाइल से अपना काला चश्मा आंखों पर डाला और वापस गाड़ी में बैठकर ड्राइवर को चलने का इशारा किया।
Sab golmal hai kuhu gayab hai netra gayab hai shivi hospital mai hai kya gadbad jhala hai
जवाब देंहटाएंDekh he lag rha Kunal aur shivi ki shadi hogi
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