सुन मेरे हमसफर 273
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सुहानी और काया ने जब उस आवाज की तरफ देखा तो उन दोनों की आंखें हैरानी से फैल गई। दोनों बहनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ लिया और एक दूसरे की तरफ देखा। सुहानी ने धीरे से कहा "हे भगवान! इन्होंने सुन लिया। बात तो अभी तक घर के घर में थी, क्या जरूरत थी तुझे इस इंसान के सामने अपना मुंह खोलने की जब तु इस पर भरोसा नहीं कर सकती?"
काया ने भी थोड़ा झुंझला कर कहा "अरे यार! इस इंसान के कारण मेरा दिमाग खराब हो जाता है। पता नहीं कैसे इसके प्यार में पड़ गई मैं। मेरा तो दिल करता मैं इसका खून कर दूं।"
"मुझे सब सुनाई दे रहा है। बहरा नहीं हूं मैं। और काया महारानी! आपको तो बाद में बताऊंगा मैं। फिलहाल जो कुछ भी हुआ है और जो हो रहा है मुझे बताओगी इस बारे में तुम लोग?" ऋषभ ने नाराज होकर कहा लेकिन सुहानी और काया की नजरे तो कहीं और ही थी। वह कोई और नहीं बल्कि कुणाल ही था जो उन दोनों के करीब आ रहा था।
कुणाल उनके पास आकर खड़ा हो गया और बोला "कुहू मिसिंग है, इसका मतलब क्या है?"
काया और सुहानी ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा "कुछ नहीं जीजू, कुछ भी नहीं। हम तो बस यह कह रहे थे कि हम कुहू दी को बहुत मिस करेंगे। उनकी शादी हो जाएगी तो फिर हम उन्हें मिस करेंगे ही ना? सिर्फ हम दोनों क्यों, पूरे घर वाले मिस करेंगे। आप उन्हें लेकर चले जाओगे तो फिर हम क्या करेंगे।"
अब ऋषभ चुप नहीं रहने वाला था। उसने कहा "झूठ बोल रही है। ये दोनों बहने झूठ बोल रही है। काया ने साफ-साफ कहा कि कुहू मिसिंग है।"
कुणाल ने कहा "मैंने भी यही सुना और इस मामले में हम दोनों एक साथ गलत नहीं हो सकते। सच बताओ क्या हुआ है?"
काया और सुहानी ने एक दूसरे की तरफ देखा और दोनों ने ही एक दूसरे को कोहनी मारी। ये साफ इशारा था कि दोनों ही गेंद को एक दूसरे के पाले में डालने की कोशिश कर रहे थे। कुणाल ने परेशान होकर कहा "तुम दोनों में से मुझे इस बारे में कोई कुछ बताएगा या मैं सीधा जाकर घर वालों से पूछूं?"
घबराहट में सुहानी के मुंह से निकला "कुहू दी मिसिंग है, वह कहीं नहीं मिल रही और नेत्रा भी मिसिंग है, शायद कोई उन दोनों को किडनैप करके ले गया है, दोनों ही बेहोश है जहां तक हमें समझ में आया है।"
कुहू और नेत्रा दोनों एक साथ मिसिंग है ये बात कुणाल को बहुत बुरी तरह से खटकी। ऐसा कैसे हो सकता है? कुछ ना कुछ गड़बड़ तो जरूर था।' यह सोचते हुए कुणाल ने कहा "तुम लोगों को पूरा यकीन है कि कूहू और नेत्रा दोनों को कोई उठा ले गया है? कहीं ऐसा तो नहीं कि इस सब के पीछे नेत्रा........"
काया बीच में बोल पड़ी "हम लोगों को भी यही लगा था लेकिन नेत्रा का फोन जिस तरह से गिरा हुआ मिला है और जो भी सिचुएशन हमें नजर आई है उससे तो यही लगता है कि उन दोनों को कोई तीसरा ले गया है। अगर नेत्रा कुहू दी को कहीं लेकर जाती तो जरूर पकड़ी जाती, चाहे होश में हो चाहे बेहोश में।"
ऋषभ ने सोचते हुए कहा "बात तो काया की बिल्कुल सही है। कुहू को अगर बेहोश करके नेत्रा यहां से ले जाने की कोशिश करती तो पकड़ी जाती और होश में रहते कुहू नेत्रा के साथ कहीं जाने से रही, चाहे कुछ भी हो जाए।"
सुहानी ने कहा "लेकिन उन दोनों को कोई लेकर जाएगा इस पर भी तो यकीन करने वाली बात नहीं है। इतनी भीड़ में जहां लोग हर एक कोने में आना-जाना कर रहे हैं, ऐसे में किस की इतनी हिम्मत होगी की दो लोगों को बेहोश करके ले जाए।"
ऋषभ ने सवाल किया "तुम्हें कैसे पता कि वह दोनों बेहोश है?"
काया ने कहा "कमरे से क्लोरोफॉर्म की स्मेल आ रही है, उसी से।"
कुणाल परेशान हो गया। कुहू ना सिर्फ उसकी होने वाली वाइफ थी बल्कि उसकी अच्छी दोस्त भी थी। उसके लिए नेत्रा और कुहू एक जैसे ही थे और इस वक्त वो दोनों ही गायब थे। कुणाल परेशान होकर आगे बढ़ा। उसे भी इस मामले में कुछ जानकारी चाहिए थी इसलिए वह घर वालों से बात करने चला गया। काया और सुहानी कुणाल के पीछे भागे लेकिन ऋषभ ने काया का हाथ पकड़ कर रोक लिया।
*****
शिवि अपने केबिन में बैठी न जाने किस सोच में खोई हुई थी उसके दोनों हाथ सामने टेबल पर थे जिन पर उसने अपना सर संभाल रखा था ताकि शिवि का चेहरा किसी को नजर ना आए। पार्थ अपने दोनों हाथों में काफी का मग लिए शिवि है केबिन के बाहर आ खड़ा हुआ और उसने अंदर आवाज लगाई "डॉक्टर शिविका मित्तल! डॉक्टर शिविका मित्तल!!" अंदर से किसने कोई जवाब नहीं दिया।
पार्थ ने पैर के सहारे धीरे से दरवाजा खोला और अंदर झांककर देखने की कोशिश की। शिवि का चेहरा उसे बिल्कुल भी नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में उसके एक्सप्रेशन पढ़ना और मन की बात जानना मुश्किल था। 'पता नहीं मूड कैसा होगा उसका? परेशान हुई तो ठीक लेकिन अगर गुस्से में हुई तो मेरी तो वाट लगा देगी। फिर भी जब मिक्सर ग्राइंडर में सर दे ही दिया है तो स्विच ऑन भी कर ही दे चल!" पार्थ ने मन ही मन सोचा और धीरे से अंदर जाकर दरवाजा बंद कर दिया।
शिवि ने बिना सर उठाया कहा "तू यहां क्या कर रहा है? हाथ पैर तुड़वाने का मन है तेरा?"
पार्थ ने थूक निगला और कहा "देख! हाथ पैर तुड़वाने का मेरा कोई शौक नहीं है। वह क्या है ना, अभी मेरी शादी नहीं हुई है तो यह काम तू शादी के बाद कर सकती है मैं तुझे रोकूंगा नहीं। फिलहाल तो मैं यह देखने आया था कि मेरे अलावा और कौन है जिसने तुझे परेशान कर दिया? मैं भी तो जानू कि किस में इतनी हिम्मत आ गई।"
शिवि ने गुस्से में अपना सर उठाया और पार्थ को घूर कर देखा। शिवि के नज़रे ऐसी थी मानो अपनी आंखों से ही पार्थ का मर्डर कर देगी। पार्थ ने अपने मन का डर अपने अंदर दबाया और बेफिक्र सा चलते हुए आकर शिवि के सामने काफी का मग रख दिया। "बैठने के लिए नहीं कहेगी?"
शिवि ने कॉफी मग अपनी तरफ खींचा और कहा "अगर मैं तुझे यहां से दफा होने को कहूं तो क्या तू होगा? नहीं! तु वही करेगा जो तेरा मन होगा। तुझे जो बकवास करनी है वह कर और जा यहां से, मुझे अकेला छोड़ दे।"
"अरे बाप रे! इसका सर तो किसी एटम की तरह है। कहीं फूट गया तो?" पार्थ धीरे से बड़बड़ाया लेकिन शिवि बोली "सुन रही हूं मैं। अगर तूने मुझे और परेशान किया तो ये यह एटम बम तुझ पर ही फटेगा।"
पार्थ बड़े प्यार से मुस्कुराया और कहा "क्यों अपने चिथड़े उड़वाना चाहती है? मुझे मार के भी तुझे चैन नहीं मिलेगा। मेरे साथ मरना चाहती है तु, मेरे साथ जीने की कसम क्यों नहीं खाती? चल शादी कर लेते हैं। मुझे नहीं पता था तू मेरी इतनी दीवानी है।"
शिवि ने अपना सर पीट लिया और कहा, "तू जाता है या मैं जाऊं यहां से?"
शिवि को इतना ज्यादा परेशान होते देख पार्थ थोड़ा गंभीर हुआ और कहा, "क्या हुआ है तुझे? किस बात पर इतनी परेशान है? किसी ने कुछ कहा तुझे? कुणाल और कुहू के रिश्ते को लेकर तुझे अच्छा नहीं लग रहा?"
कुणाल का जिक्र सुनकर शिवि थोड़ा परेशान हो गई। उसने नज़रे चुराते हुए कहा "नहीं ऐसा कुछ नहीं है।"
पार्थ थोड़ा आगे झुका और बोला "तो फिर अपनी बहन की शादी छोड़कर तू यहां क्या कर रही है?"
शिवि थोड़ा तो हड़बड़ाई लेकिन खुद को संभाल कर कहा "वह बस मेरा मन नहीं कर रहा था। यह हॉस्पिटल में भी तो कुछ काम था इसलिए मैं चली आई। वैसे भी ये रिश्ता मुझे पसंद नहीं, मैं उसे अटेंड क्यों करूं! पता नहीं क्यों लेकिन कुणाल जब भी मेरे सामने आता है ना तो मुझे बहुत अजीब सी फीलिंग आती है। उसकी आंखें जिस तरह मुझे देखती है ना मैं बहुत अनकंफरटेबल हो जाती हूं। मेरी समझ में नहीं आता मैं क्या करूं।"
पार्थ को कुछ बातें याद आई। उसने कहा "शिवि ये तेरी प्रॉब्लम है और इसका सॉल्यूशन तुझे ही निकालना है। तो जब तक तुझे वह सॉल्यूशन नहीं मिल जाता तब तक क्यों नही मेरी पार्टनर बन जाती है? तू कहे तो यहीं पर हम एक डीजे लगवा दे? चल डांस करते है।"
शिवि ने पार्थ को ऐसे देखा जैसे कोई एलियन हो। "तेरी गर्लफ्रेंड वहां किसी और के साथ एंजॉय कर रही है और तुझे यहां डांस करना है?"
पार्थ ने अपनी एक हाथ की मुट्ठी बनाई और दूसरे हाथ पर मार कर कहा "यार इसी बात से तो दिल जलता है मेरा! जब से आई है उस कनखजूरे के साथ चिपकी हुई है। मैं तो उसका मर्डर कर दूंगा। उसके भेजे का ऑपरेशन कर दूंगा मैं।"
शिवि ने पास में रखा एक सर्जिकल नाइफ उठाया और पार्थ की तरफ दिखा कर कहा "भाई है वह मेरा खबरदार उसके लिए ऐसी वैसी कोई बात कही तो!"
पार्थ हंस पड़ा और बोला "हां! तुम्हारा जो भाई है और मेरी जो गर्लफ्रेंड है, दोनों दोस्त है यार! इतने टाइम बाद मिले हैं तो दोनों को एंजॉय करने दो मैं कौन सा भाग जा रहा हूं। वैसे भी दोनों एक साथ बहुत खुश रहते हैं तो उन्हें थोड़ा खुश रहने दो। वैसे ही बेचारा अंशु, शादी हो गई है उसकी।"
शिवि ने सवाल किया "तो क्या शादी के बाद इंसान खुश नहीं रहता?"
शिवि का फोन बजा। पार्थ ने कहा, "नेत्रा फोन कर रही है उठा ले।"
शिवि का मूड पहले से थोड़ा हल्का हो गया था। उसने कॉल रिसीव किया और कहा "अब क्या हो गया तुझे? तेरा क्लोरोफॉर्म काम नहीं कर रहा क्या?"
दूसरी तरफ से जो कुछ भी उसे सुनाई दिया वह सुनकर शिवि हैरान रह गई। उसने एकदम से पार्थ का हाथ पकड़ा और खींचकर अपने साथ केबिन से बाहर ले गई।
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कहानी तीन किरदारों की जिसकी अपनी ही एक अलग दुनिया है। रक्षित, रौनक और सूची। रक्षित और रौनक बिजनेस राईबल है जो कभी स्कूल में दोस्त हुआ करते थे। लेकिन आज उन दोनों को देखकर कोई यह नहीं कह सकता। बिजनेस वर्ल्ड में दोनों के झगड़ा आम थे। दोनों की राहें जुदा थी लेकिन मंजिल एक। लेकिन इस सब के बीच सूची कहां से आई? भोली भाली मासूम अल्हड़ सी सूची, क्या इन दोनों के नफरत की बलि चढ़ जाएगी? या दोनों के बीच का दोस्ती का वह पुराना रिश्ता लौट आएगा? क्या सूची, रक्षित और रौनक को साथ लाने में कामयाब हो पाएगी या उसकी खुद की जिंदगी दांव पर लग जाएगी?
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