सुन मेरे हमसफर 274

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   मिस्टर रायचंद, मित्तल परिवार के सारे सदस्यों पर बुरी तरह भड़के हुए थे। "चल क्या रहा है यह सब मिस्टर मित्तल! अरे यह कोई मजाक है? अगर कुहू को शादी ही नहीं करनी थी पहले बोल देती। अगर आपकी बेटी को इस रिश्ते से एतराज था तो उसे पहले मना करना था। इस तरह ऐन शादी के समय गायब होने का क्या मतलब है? हमने कोई उसके साथ जबरदस्ती तो नहीं की थी! या कहीं ऐसा तो नहीं कि आप लोगों ने ही इस रिश्ते के लिए उसके साथ कोई जबरदस्ती की हो?"


     कार्तिक ने आगे आकर कहा "यह कैसी बात कर रहे हैं आप! कुहू हमारी बेटी है, हम उसके साथ कभी कोई जबरदस्ती नहीं कर सकते। ये रिश्ता कुहू की मर्जी का था इसलिए हमने आप लोगों के सामने आपके बेटे के लिए यह प्रस्ताव रखा था। अगर हमारी बेटी को ये रिश्ता मंजूर न होता तो यकीन रखिए मिस्टर रायचंद, हम कभी इस बारे में सोचते भी नहीं। और रही बात कुहू के यहां से भागने की तो एक बात मैं आपको बहुत अच्छे से कंफर्म कर दूं, मेरी बेटी यहां से भागी नहीं है, उसे यहां से ले जाया गया है। किसी ने किडनैप किया है उसका।"


      मिस्टर रायचंद का गुस्सा शांत कहां होने वाला था। उन्होंने भी अगला सवाल दागा "आपको लगता है इतनी भीड़ में ऐसे ही किसी को किडनैप करके ले जाना आसान है? अगर ऐसा है तो क्या आपको उस किडनैपर का फोन आया, कोई फिरौती मांगी उन लोगों ने? कितने कि रेंसम मांगी है?"


     सिद्धार्थ को मिस्टर रायचंद की बातें बहुत बुरी लग रही थी लेकिन फिर भी वह चुप थे। पर अब तो हद हो गई थी। इतनी बेवकूफी भरी बातें कोई कैसे कर सकता था वह भी इतना पढ़ा लिखा और इज्जतदार बिजनेसमैन! सिद्धार्थ आगे आए और कहा, "मिस्टर रायचंद! हर किडनैपिंग का एक ही मोटिव नहीं होता। हर किडनैपर को पैसे नहीं चाहिए होते हैं, क्या यह बात मुझे आपको समझाने की जरूरत है?"


      कुणाल की मां आगे आई और मिस्टर रायचंद का हाथ पकड़ कर उन्हें शांत रहने का इशारा किया लेकिन मिस्टर रायचंद तो अभी बहुत कुछ सुनाना चाहते थे। उन्होंने फिर से मुंह खोला लेकिन मिसेज रायचंद ने थोड़ा जोर से उनकी बांह पकड़ी और सबसे कहा "देखिए मिस्टर मित्तल! मैं जानती हूं आप लोग इस वक्त बहुत ज्यादा परेशान है, लेकिन परेशान तो हम लोग भी है ना! आपकी परेशानी कुछ और है और हमारी परेशानी कुछ और। आपके दरवाजे पर बारात खड़ी है, वो क्या ऐसे ही खाली लौट जाएगी?"


     समर्थ से रहा नहीं गया। बड़ों के बीच में बोलना उसके संस्कार नहीं थे फिर भी यह दोनों हसबेंड वाइफ की बातें समर्थ को गुस्सा दिला रही थी। उसने कहा "आपको किस बात की टेंशन है, और हमें किस बात की टेंशन है, यह दोनों ही अलग-अलग मैटर है। आपके पास बस इतनी सी बात की टेंशन है कि बारात बिना दुल्हन दिए ना लौट जाए, वरना समाज में आपके लोग क्या कहेंगे। लेकिन हमारी टेंशन सिर्फ इतनी नहीं है। हमारे घर की दो बेटियां गायब है। कहां है किस हाल में हैं, हमें नहीं पता। आपको आपके बेटे के लिए कोई भी मिल जाएगी लेकिन अगर हमारी दोनों बहने ना मिली तो हम क्या करेंगे? कहीं ऐसा तो नहीं की सब के पीछे आप लोगों का हाथ है?"


    मिस्टर रायचंद गुस्से में बोले "मिस्टर मित्तल अपने बेटे को समझाइए!"


    सारांश ने जल्दी से समर्थ की कलाई पकड़ी और अपने पीछे खींचा, "मैं अपने बेटे की तरफ से आपसे माफी मांगता हूं। अपनी बहनों के लिए परेशान है और कुछ नहीं। बहुत प्यार करता है वह अपनी सारी बहनों से।"


   मिसेज रायचंद ने कहा "भाईसाहब मैं समझ सकती हूं। लेकिन यह भी तो हो सकता है कि वह दोनों अपनी मर्जी से कहीं गई हो। जब यहां से कोई बाहर नहीं निकला तो उन्हें जमीन खाकर या आसमान? उन दोनों का मिलना हमारे लिए भी बहुत जरूरी है। भले ही दोनों बच्चों से हमारा खून का रिश्ता नहीं लेकिन हमारा परिवार तो है। और कुहू तो मेरी होने वाली बहू है। लेकिन अगर वह नहीं मिली तो हम हमारे लोगों को क्या जवाब देंगे? मुश्किल की घड़ी तो हमारे लिए भी है ना! मान लीजिए अगर बारात बिना दुल्हन लिए लौट गई तो क्या होगा? हमारी तो जो जग हसाई होगी सो होगी लेकिन आप लोगों पर जो गाज गिरेगी, खासकर कुहू पर, यह तो हम सोच भी नहीं सकते। मेरी आपसे हाथ जोड़कर निवेदन है, अगर अगले 1 घंटे में कुहू का पता नहीं चला तो यह बात यहां से बाहर जाते देर नहीं लगेगी। इस सबसे बचने के लिए क्या करना है ये आप लोग सोचिए और हमें बताइए। आपके हर फैसले में हम आपके साथ हैं।" मिसेज रायचंद ने अपनी बात रखकर मिस्टर रायचंद को अपने साथ खींच कर ले गई।


    समर्थ ने गुस्से में उन दोनों को जाते देखा और कहा "क्या कह कर गई है यह? मतलब 1 घंटे का टाइम दिया है हमें! यहां हमारे घर के दो लोग मिसिंग है जिनका कहीं कोई आता पता नहीं और यह हमें अल्टीमेटम देकर गई है!"


    अव्यांश ने समर्थ के कंधे पर हाथ रखा और उसे समझाते हुए कहा "भाई! हमें हर तरफ से सोचना है। उन्होंने क्या कहा कैसे कहा, लेकिन बात तो उनकी भी गलत नहीं थी। अभी तो सिर्फ यह बात हमारे बीच है, अगर बारात बिना दुल्हन के लौट गई तो उनसे ज्यादा हमारी बदनामी होगी और उससे भी ज्यादा कुहू दी की। पता नहीं यह सब के बाद वह क्या करेंगी।"


    इतने में चित्रा भागते हुए आई और एक पेपर लाकर सिद्धार्थ के हाथ में पकड़ा दिया। सिद्धार्थ ने उस पेपर को खोलकर देखा तो आंखें हैरानी से फैल गई। चित्रा ने कहा "यह कुहू की राइटिंग है। मैं पहचान सकती हूं उसकी हैंड राइटिंग।"


    कार्तिक और काव्या ने आगे बढ़कर का पेपर सिद्धार्थ के हाथ से लिया और पढ़ने लगे। सबने पहले सिद्धार्थ की तरफ देखा और कार्तिक की तरफ देखकर पूछा "क्या लिखा है इसमें?"


     कार्तिक ने धीरे से कहा "कुहू यह शादी नहीं करना चाहती। उसे कोई बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी मिली है जिसके लिए उसे आज के आज निकालना जरूरी था।"


    काव्या ने चिल्लाकर कहा "झूठ है यह! कौन सी अपॉर्चुनिटी कैसी अपॉर्चुनिटी? क्या करना चाहती थी वह जिसके लिए उसने आज का दिन चुना? ऐसी कौन सी जगह अप्लाई किया था उसने जिसका रिजल्ट अचानक से आया और वह बिना किसी को बताए कहीं चली गई? गई तो गई, कुछ इस तरह से गई कि सबको लगे कि उसका किडनैप हुआ है! क्या इस सबमें यकीन करने वाला एक भी पॉइंट है?"


     निर्वाण को जैसे शॉक लगा। 'ये क्या बोल रही है मॉम! कुहू दी ने चिट्ठी छोड़ी है? लेकिन ये कैसे हो सकता है? कहीं ये चिट्ठी नेत्रा ने तो नही लिखी? लेकिन क्या वो कुहू दी की हैंड राइटिंग कॉपी कर सकती है? कर भी सकती है, उसे तो मजा आता है कुछ भी कॉपी करने में। लेकिन ये सब तो हमारे प्लान में नहीं था। फिर कैसे?'


     चित्रा एकदम से बोल पड़ी "कुहू ने बताया था मुझे इस बारे में लेकिन मैं उससे ठीक से बात नहीं कर पाई। सबकी नज़रें चित्रा की तरह घूम गई। चित्रा ने आगे कहा "कुहू ने इस बारे में मुझे बहुत पहले ही मैसेज करके बताया था लेकिन मैंने इसे इग्नोर कर दिया था। यहां शादी के लिए आने से पहले उसने उनसे कहा था कि मुझे वह कुछ बहुत जरूरी बात बताना चाहती है और जब मैं आई थी तब उसने मुझे अपना पूरा प्लान समझाया था। लेकिन उसे लगा नहीं था कि इतनी जल्दी उसे बुलावा आ जाएगा।"


     काव्या ने बिफर कर कहा, "चित्रा! तुम इस बारे में खुलकर कुछ बताओगी? आखिर वो क्या करने जा रही थी? ऐसा क्या था जो उसने हमें बताना जरूरी नहीं समझा लेकिन तुम्हें बताया? और क्या तुम हमें इस बारे में कुछ नहीं बता सकती थी?"


     सिया ने भी चित्रा को कांफ्रंट किया और पूछा "कुहू को कभी किसी चीज के लिए रोक-टोक नहीं हुई है। यहां तक कि किसी भी बच्चे को हमने उसके अपने करियर के लिए कभी रोक टोक नहीं किया। सबको बराबर की आजादी मिली है तो फिर कुहू हम सब से यह सब क्यों छुपाएगी और उसका अपना करियर का लक्ष्य क्या था? उसने तो कभी इस बारे में कोई जिक्र ही नहीं किया।"


     चित्रा ने कुछ सोचा और अपना गला खराश कर कहा "उसे........ उसे......... आंटी उसे एयर होस्टेस बनना था। दो बार से कोशिश कर रही थी लेकिन हो नहीं पा रहा था।"


     एयर होस्टेस वाली बात किसी को भी पचाने में थोड़ी मुश्किल हो रही थी। कार्तिक ने पूछा "उसको कब से एयर होस्टेस बनने में इंटरेस्ट आ गया? और वह दो बार रिजेक्ट भी हो चुकी थी, हमने इस बारे में कुछ क्यों नहीं पता? चित्रा साफ-साफ बताओ कहां है कुहू?"


     चित्रा ने सबको यकीन दिलाने की पूरी कोशिश की और कहा, "वह तुम सबको सरप्राइज देना चाहती थी।"


     सिद्धार्थ ने नाराजगी से कहा "सरप्राइज? हां सरप्राइज ही तो दिया है उसने हम सबको। वो भी आज के दिन। तुम आगे बताओ।"


    चित्रा थोड़ी नर्वस हो गई। उसने अपना सारा कॉन्फिडेंस इकट्ठा किया और कहा "ये सरप्राइज आज ही के दिन क्यों होना था अब यह तो भगवान ही जाने। इस बारे में तो शायद वह भी नहीं जानती थी। लेकिन अगर उसकी कोशिश रंग लाई होती तो यह सब बहुत पहले हो गया होता। आप सब तो जानते ही हो, उसे उड़ने का कितना शौक था! उसी के लिए उसने अप्लाई भी किया था। दो बार से रिजेक्ट हो जा रही थी लेकिन इस बार अचानक सेलेक्ट हो गई। मैं समझ रही हूं, आप सब लोग कितने नाराज है। किसी को तो इस बारे में भरोसा भी नहीं होगा लेकिन मेरा यकीन करिए, इस बात पर तो मुझे भी यकीन नहीं हुआ था कि कुहू ऐसा कुछ करेगी। उसने मुझे जो कुछ भी कहा था वह सब सही था लेकिन इस तरह का तो उससे मैंने भी उम्मीद नहीं किया था। यहां से जाने से पहले उसने मुझे मैसेज भी किया लेकिन मैं देख नहीं पाई थी। अभी देखा तो उसके कमरे में गई थी कहा मुझे ये लेटर मिला।" 


    चित्रा ने अपना फोन आगे बढ़ा दिया। वाकई उसमें कुहू का एक मैसेज था कि वह आज ये शादी नहीं कर सकती और यहां से जा रही है। उसे अपने सपने को पूरा करना है।' कार्तिक ने वह मैसेज देखा और वापस चित्रा के हाथ में फोन देकर कहा "इस लड़की ने अपने सपने को सबसे ऊपर रखा, हमारी इज्जत से भी ऊपर। मुझे उससे ऐसी उम्मीद नहीं थी।"


     चित्रा को बुरा लग रहा था। उसने मन ही मन कुहू को अच्छी खासी डांट लगाई और कहा "चलो यह बात तो क्लियर हो गई कि कुहू अपनी मर्जी से गई है। लेकिन इस बारे में हम मिस्टर रायचंद से क्या कहेंगे? कुणाल के मां पापा ने तो हमें अल्टीमेटम दे रखा है।"


   कार्तिक ने गुस्से में कहा "कोई अल्टीमेटम नहीं। ये बारात अब बिना दुल्हन के खाली हाथ वापस जाएगी।"


     कार्तिक के इस एकदम से लिए फैसले को सुनकर सभी अवाक रह गए। चित्रा ने उसे रोकना चाहा लेकिन तब तक कार्तिक वहां से बाहर की तरफ निकल चुके थे। इस सबमें नेत्रा के बारे में किसी ने सोचा ही नहीं।


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कहते हैं प्यार किसे!

"तू सिर्फ उनकी एक बचपन की सहेली और घर की नौकरानी की बेटी है फिर भी आज तू जो भी है वह सिर्फ उनके कारण है। तेरी पढ़ाई से लेकर छोटी-छोटी जरूर का भी उन्होंने ख्याल रखा है। यहां तक कि जब तुझे जॉब चाहिए थी तब उन्होंने ही अपनी कंपनी में तेरे लिए जॉब का इंतजाम किया। यहां तक की तुझे रौनक की ही असिस्टेंट बनाया। क्या इतना कुछ करने के बाद भी तेरा उनसे डरना नॉर्मल है? क्या तु उनके साथ कुछ गलत नहीं कर रही?" 

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