सुन मेरे हमसफर 132
132 आज की पार्टी में सुहानी अव्यांश को बहुत मिस कर रही थी। काया ने उसे ऐसे उदास देखा तो बोली "सामने होते हो तुम दोनों तो एक दूसरे की जान लेने पर तुले रहते हो। 1 दिन के लिए गया है वह, कल लौट आएगा।" सुहानी धीरे से मुस्कुरा कर बोली "उस से लड़ती हूं, झगड़ती हूं, तभी तो मेरा खाना पचता है। अभी अगर वह यहां होता तो अब तक कितनी बातों के लिए हमारी लड़ाई हो चुकी होती। मेरे सैंडल में खुजली हो रही है यार, उसे पीटने का मन कर रहा है।" काया ठहाके मारकर हंस पड़ी और बोली "कोई बात नहीं, कल आएगा तो जितना मन है उतना कूट लेना। लेकिन प्लीज! निशी के सामने ऐसा कुछ मत करना। बेचारे की इंसल्ट हो जाएगी।" सुहानी कुछ सोचकर शैतानी मुस्कान के साथ बोली "उसकी बीवी के सामने उसे पीटने में जो मजा है, वह किसी और चीज में नहीं है।" दोनों बहनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और अपनी गर्दन हिला कर रह गई। काया ने अपना फोन निकाला और अव्यांश का नंबर डायल करने को हुई लेकिन उससे पहले उसके फोन पर किसी का कॉल आने लगा। सुहानी स्क्रीन की तरफ देख कर बोली "यह क...