सुन मेरे हमसफर 130
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ना चाहते हुए भी निशी को तैयार होना पड़ा। गोल्डन रंग की ब्लाउज और सुर्ख लाल रंग की साड़ी, जो खासतौर पर अव्यांश आज की पार्टी के लिए लेकर आया था। निशी उसमें बहुत खूबसूरत लग रही थी। अपने कान में झुमके डालती निशी ने आईने में देखा तो पाया, अव्यांश उसे ही देख रहा था।
निशी अपनी नजरें इधर-उधर घुमाते हुए बोली "ऐसे क्या देख रहे हो?"
अव्यांश उसे छेड़ते हुए बोला "वो क्या है ना, तुम्हें जब भी देखता हूं, तुम हर बार ही नई सी लगती हो। सोचता हूं तुम्हें अलग अलग नामों से बुलाऊं। ताकि एक तुम्हारे आने से मेरी लाइफ में जो लड़कियों की कमी हो गई है, वह पूरी हो जाए।"
निशी ने उसे घूर कर देखा और कंगी उठाकर उसे मारने को हुई। अव्यांश उससे बचते हुए बोला "अरे यार, तुम इतना गुस्सा क्यों हो जाती हो? कौन सा मैं किसी और की बात कर रहा हूं!"
निशी ने कुछ नहीं कहा। वह वापस से अपने झुमके पहनने लगी। अव्यांश उसके करीब आकर सामने आईने के पास से दूसरा झुमका उठाया और निशी के दूसरे कान में लगाते हुए बोला "मैं अच्छे से जानता हूं, जिसने भी तुम्हें पार्टी में इनवाइट किया है, उसके इरादे सही नहीं है। और मैं यह भी जानता हूं कि तुम यह बात बहुत अच्छे से जानती हो और इसीलिए उसकी पार्टी में जाना नहीं चाहती। लेकिन एक बात जान लो! ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देना बहुत जरूरी होता है। इन्हें जितना अवॉइड करोगी, यह उतना ही सर पर चढ़ जाते हैं। इसलिए बेहतर है, इनका मुंह बंद कर दो और इन्हें जमीन पर लाकर पटक दो।"
निशी ने कुछ कहना चाहा लेकिन अव्यांश उसे चुप कराते हुए बोला "कोई भी प्रॉब्लम हो, कभी भी, कहीं भी, मैं हूं तुम्हारे साथ, हमेशा! लेकिन एक शर्त है।"
निशी इस बार चुप न रह सकी और उसने पूछा "कौन सी शर्त?"
अव्यांश उसकी साड़ी का पल्लू ठीक करते हुए बोला "अगर तुम्हारी फ्रेंड तुमसे ज्यादा खूबसूरत हुई तो फिर मैं कुछ कह नहीं सकता। वो क्या है ना, खूबसूरत लड़कियां बुरी नहीं होती है। वो बस खूबसूरत होती है।"
इस बार निशी ने क्रीम का बोतल उठाया और उसके सिर पर दे मारा। अव्यांश अपना सिर पकड़ कर चिल्लाया, "ये क्या कर रही हो यार? अब तुम किस बात पर गुस्सा हो गई?"
निशी बोली "बकवास करने वाले लोग मुझे अच्छे नहीं लगते फिर चाहे वह आलिया हो चाहे तुम! अपना मुंह बंद रखो और जो मुसीबत मेरे सर पर डाला है उसे उतारो। आ बैल मुझे मार वाली कहावत साफ एकदम फिट बैठती है तुम पर। मुझे नहीं जाना था उसके यहां। अच्छे से जानती हूं मैं वह किस टाइप की है, क्या क्या कर सकती है, किस हद तक जा सकती है। यह तुम नहीं जानते हो, लेकिन मैं जानती हूं।"
निशी पैर पटकती हुई बिस्तर पर बैठ गई। अव्यांश उसके पास आया और दोनों हाथ उसके कंधे पर रखकर बोला "मैंने कहा ना, कोई इंसान कितना भी शातिर या गिरा हुआ क्यों ना हो, उसे सबक सिखाने के लिए हमें उसकी लेवल तक गिरना नहीं पड़ता है। हम बिना उंगली उठाए उसे उसकी औकात दिखा सकते हैं। देखो निशी! पैसो का घमंड करना अच्छी बात नहीं होती, यह बात मुझे पापा ने सिखाइ है। लेकिन हर जगह डाउन टू अर्थ होना भी अच्छा नहीं होता। कभी-कभी लोगों को असलियत दिखाने के लिए हमें वह सब करना पड़ता है जो हमारे संस्कार कभी अलाउड नहीं करते। तुम बस मुस्कुराओ और यह जितनी भी फिक्र है वह सब मेरे लिए छोड़ दो, ठीक है? मैं भी तैयार हुआ कर आता हूं।"
अव्यांश ने अपने कपड़े उठाया और तैयार होने चला गया। निशी के माथे की परेशानी अभी भी कम नहीं हुई थी। उसकी परेशानी की वजह जितनी आलिया थी, उससे कहीं ज्यादा था देवेश। और निशी यह बात बहुत अच्छे से जान रही थी कि आलिया ने उसे जरूर इनवाइट किया होगा। वह बस यही अवॉइड करना चाह रही थी।
*****
कुणाल नाराजगी से शिवि को देख रहा था लेकिन शिवि इस सबसे बेखबर अपना फोन चलाने में लगी हुई थी। असल में वो कुहू के साथ चैट कर रही थी। उसने कुणाल के बारे में इतना लिखा "आपका वाला आइटम इस वक्त मेरे पास है। थोड़ी टूटी फूटी हालत में है। गेराज में उसकी मरम्मत चल रही है।"
कुहू को पहले तो कुछ समझ नहीं आया। उसने पूछा "तू किस बारे में बात कर रही है? दूसरी तो, मैंने अपना कोई सामान नहीं दिया, जिसके रिपेयरिंग के लिए गेराज भेजनी पड़े।"
शिविका ने चुपके से ड्रेसिंग करवाते कुणाल की तस्वीर लेकर कुहू को भेज दी और बोली "आपने मुझे दी नहीं थी, लेकिन मेरे पास पहुंच गई थी। रास्ते में किसी ने ठोक ठाक दिया था। कुहू ने परेशान होकर पूछा वह ठीक तो है ज्यादा चोट तो नहीं आई एक्सीडेंट कैसे हुआ?"
शिविका ने लिखा "बाबा रे! इतने सारे सवाल!! आप परेशान क्यों हो रहे हो! ठीक है वह, बिल्कुल ठीक है। बस थोड़ा सा सर में चोट लगी है। डोंट वरी, उसके रिपेयरिंग का काम चालू है। बस आप ध्यान रखना, कि यह सर की चोट की वजह से वह सच में पागल ना हो जाए।"
कुहू ने जवाब दिया "शैतान लड़की! इस मौके पर भी तुझे मजाक ही नजर आ रहा है। वह सब छोड़ और यह बता कि तू कब आ रही है?"
शिविका ने लिखा "मेरा काम हो गया है, मैं बस निकल रही हूं।"
कुहू ने जवाब दिया "ठीक है। आते हुए मेरे आइटम को भी साथ लेते आना।"
"आइटम!!!" यह देखकर शिवि ने कुणाल की तरफ देखा और बड़ी मुश्किल से अपनी हंसी को कंट्रोल किया।
*****
नेत्रा निर्वाण के साथ कुहू के घर में इंटर हुई। उसने ब्लैक रंग की एक शॉर्ट ड्रेस पहन रखी थी जो उसकी पर्सनालिटी पर बहुत जच रहा था। निर्वाण ने भी ब्लैक ही पहन रखा था।दोनो। भाई बहन, सिंपल लुक में भी काफी अच्छे लग रहे थे।
जबसे नेत्रा कुहू के घर से आई थी, निर्वाण ने उसे अकेले नहीं छोड़ा था और नेत्रा इस सब से अब परेशान हो चुकी थी। लेकिन निर्वाण कहां कुछ सुनने वाला था! अपनी बहन को लेकर वह इतना पोजेसिव था कि वह 1 सेकंड को भी नेत्रा को कुणाल के साथ बर्दाश्त नहीं कर सकता था। सुबह से लेकर अब तक ना जाने कितनी ही बार उसने नेत्रा को हिदायत दी होगी लेकिन नेत्रा भी ठहरी अपने मन की करने वाली!
अभी घर में कदम रखते ही निर्वाण ने एक बार फिर कहा "देख नेतू! मैं साफ-साफ कह दे रहा हूं, मुझे वो लड़का बिल्कुल नहीं पसंद। इस पार्टी में वो भी मौजूद होगा तो उससे दूर रहना है तुझे। और में चाहता हूं कि कुहू दी और कुणाल का रिश्ता तोड़ने में तू मेरी हेल्प करे। मैं नहीं चाहता कि उसकी शादी कुहू दी से हो। इसका मतलब यह नहीं कि तू उसके साथ अपना रिश्ता जोड़ने की कोशिश करें। वह एक बहुत ही वाहियात किसका इंसान है और मुझे वह बिल्कुल नहीं पसंद। तू उससे दूर रहेगी, समझ में आई बात तुझे? तू उस कुणाल रायचंद से दूर रहेगी।"
नेत्रा अब तक पूरी तरह पक चुकी थी। उसने परेशान होकर कहा "हो गया तेरा? अब बस भी कर, कितना परेशान करेगा तू मुझे! यह मेरी लाइफ है, मेरी मर्जी है। अगर मैं कुणाल को पसंद करती हूं तो कोई मुझे रोक नहीं सकता, तुम भी नहीं।
निर्वाण ने उसे फिर से समझाना चाहा "तू समझ क्यों नही रही? वो सही नही है किसी के लिए। किसी के लिए नहीं मतलब किसी के लिए भी नही!"
लेकिन नेत्रा तो जैसे जिद्द पर अड़ गई थी। वो बोली, "तू एयर जरा सी बात को लेकर ओवर रिएक्ट कर रहा है। मैं जानती हूं उसे और उससे अच्छा लाइफ पार्टनर मुझे कोई और मिल ही नहीं सकता। तू समझ ले इस बात को। कुणाल को मैं पाकर रहूंगी, चाहे कुछ भी हो जाए। मुझे लगा था कि कुणाल का रिश्ता शिवि दी के लिए आया है। और एक बार को मैं उसे शिवि दी को दे भी देती लेकिन अब नहीं। अब मैं किसी को भी मेरे और कुणाल के बीच नहीं आने दूंगी। और तू बड़ा अपनी कुहू दी की साइड ले रहा है! तुम्हारी कुहू दी ने हमसे बहुत कुछ छीना है। उसकी वजह से हमारी मॉम हमसे ज्यादा उसे प्यार करती है।"
निर्वाण उसे डांटते हुए बोला "तू चुप करेगी? कितनी बार समझाऊं तुझे, तेरी समझ में कुछ नहीं आता है क्या? कुहू दी और मॉम का रिश्ता हमारे इस दुनिया में आने से बहुत पहले का है। मॉम ने भले ही उन्हें जन्म ना दिया हो लेकिन उनके पैदा होने के बाद कुछ टाइम तक मॉम ने हीं उनकी केयर की थी। मां बनने का अहसास उन्हें कुहू दी से मिला तो वह कैसे अपनी एक बेटी को अपनी दूसरी बेटी के लिए छोड़ दें?"
नेत्रा इरिटेट होकर बोली, "रियली? तो उसकी मॉम उसे जन्म लेते ही कहां चली गई थी जो मॉम को उसकी केयर करनी पड़ी थी?"
निर्वाण ने गहरी सांस ली और पूछा, "नेत्रा! तुझे मुझसे जलन होती है क्या?"
नेत्रा अजीब तरह से उसे देखकर बोली, "अब मुझे तुझसे क्यों जलन होगी? तू भाई है मेरा।"
निर्वाण उसके दोनों कंधे पकड़कर अपनी तरफ करते हुए बोला "आपको मुझसे जलन नहीं होती क्योंकि मैं आपका भाई हूं। जबकि हम दोनों सगे भाई बहन साथ रहते हैं, सब कुछ शेयर करते हैं। आप मुझसे मामा का प्यार शेयर कर सकते हो लेकिन उनसे नहीं।"
नेत्रा को अब और कोई भाषण नहीं सुनना था। कोई लॉजिक नहीं लगानी थी। कुहू के लिए जो उसके दिल में नफरत थी, उसे शायद ही कोई मिटा सकता था। उसने अपना एक हाथ ऊपर हवा में लहरा कर कहा "भाई प्लीज! यह उसके, मेरे और कुणाल के बीच की बात है। कुणाल को मैं भले ही बहुत ज्यादा टेंशन नहीं जानती लेकिन थोड़ा बहुत तो जानती ही हूं और वो परफेक्ट है मेरे लिए। वैसे भी इतनी इज्जत से मेरे साथ बात मत किया कर तू। जब भी मुझे इज्जत देता है, कुछ ना कुछ प्रॉब्लम जरूर होती है मुझे।"
निर्वाण नाराजगी में भी मुस्कुरा दिया तो नेत्रा निर्वाण के गले लग गई। लेकिन निर्वाण भी इतनी आसानी से हार नही मानने वाला था।
Going smoothly and I loved it mam
जवाब देंहटाएंNetra agar uski dost he ,tab to use bat jaroor karni chahiye kunal se..kunal k dil me koun he??
जवाब देंहटाएंSuperb part..