ये हम आ गए कहाँ!!! (43)
अमित के उस क्लाइंट के बारे में जान कर रूद्र के होश उड़ गए। कहीं ना कहीं उसे विहान की कहीं सारी बातें अब जाकर समझ में आ रही थी। उस आदमी का ऐसे मानसी को छूना और अमित का यूं खामोश बैठे रहना यह सब उसी ओर इशारा कर रहे थे लेकिन मानसी यह सब कुछ बर्दाश्त क्यों कर रही थी यह रुद्र को समझ नहीं आ रहा था। जहां तक उसने विहान से मानसी के बारे में जाना था वो ऐसी लड़की नहीं थी जो किसी के दबाव में आकर कुछ करे या अपना स्टैंड ना ले सकें। शरण्या और बच्चों के जाने के बाद रूद्र कुछ और देर तक वहां बैठा रहा। वह जानना चाहता था आखिर जो कुछ भी हो रहा था और जो भी वो समझ रहा था क्या वह सब सही था या फिर एक गलतफहमी! अमित की इमेज एक सीधे शरीफ इंसान की थी जिसके बारे में कोई ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकता था लेकिन इस वक्त जो कुछ भी उसे नजर आ रहा था वह सब उसकी समझ से परे था। हो सकता है अमित नशे में हो और उसे इस बात का एहसास ही ना हो कि उसकी बीवी के साथ क्या हो रहा है। इस बारे में विहान को बताएं या ना बताएं यही सोच कर रूद्र परेशान था और तय नहीं कर पा रहा था। उसका शक यकीन में तब बदल गया जब ...