सुन मेरे हमसफर 252
252 इतनी बड़ी बात अव्यांश ने बड़ी आसानी से घर वालों से छुपा लिया था। इस बारे में ना कभी शिवि ने कोई जिक्र किया था ना ही प्रेरणा ने। यहां तक कि सुहानी भी इस बात को छुपा गई थी जो अव्यांश को घर वालों से डांट पड़वाने का एक मौका नहीं छोड़ती थी। सबकी नजर अव्यांश की तरफ ही उठी। सारांश ने नाराजगी से पूछा "क्या है यह सब? हमें इस बारे में किसी ने क्यों नहीं बताया? अंशु! कब की बात है यह?" जो कुछ भी हुआ होगा और जो कुछ भी हो सकता था, वह सोचकर ही सारांश के रोंगटे खड़े हो गए थे। अपने बेटे की शैतानीयों में उन्होंने भले ही कितना भी साथ दिया हो लेकिन एक पिता होने के नाते वह किस हद तक डर गए थे यह समझ जा सकता था। लेकिन अव्यांश भी कुछ कम नहीं था। इस सवाल का जवाब देने से बचने के लिए उसने पहले ही अपने मुंह में ढोकले का एक बड़ा सा बाइट रख लिया था। अब जाहिर सी बात है, ढोकला अंदर जाने में थोड़ा टाइम तो लगेगा ही। इतनी देर में उसे कुछ सोचने का भी मौका मिल जाता। लेकिन यहीं पर हमारे अंशु बाबा ने गलती कर दी। अव्यांश ने सबको तो समझा दिया था लेकिन शायद वह यह भूल गए थे की प्रेरणा जब एक्सा