सुन मेरे हमसफर 78

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     नेत्रा ने जब कुणाल का नाम सुना तो उसके साथ गुजारे वो सारे लम्हे उसकी आंखों के सामने कौंध गए। वह कभी कुणाल को भूल नहीं पाई थी, और ना ही उससे अपने प्यार का इजहार कर पाई थी। वह दोनों तो बस ऐसे ही एक दूसरे के साथ थे। लेकिन साथ होते हुए कब कुणाल ने नेत्रा के दिल में अपनी जगह बना ली, उसे पता ही नहीं चला और उसे कुछ कहने का मौका दिए बगैर कुणाल उससे दूर चला गया।


      नेत्रा से जवाब ना मिलने पर शिवि बेचैन हो गई। उसने फिर कहा "नेत्रा! क्या सोच रही है तू? मैंने बस तुझसे एक छोटे से सवाल का जवाब मांगा है, तू वह भी नहीं दे पा रही है? सिर्फ इतना बता दे, कुणाल किस तरह का लड़का है?"


     अपने सारे यादों को एक तरफ रख नेत्रा बोली "कुणाल! कुणाल एक बहुत अच्छा लड़का है। जितना सच्चा है उतना ही अच्छा भी है। कोई भी लड़की अपने लिए ऐसा ही पार्टनर चुनेगी, जैसा कि कुणाल है।"


      शिवि को यह सुनकर एक झटका सा लगा। वह हैरान होकर बोली "यह तू क्या कह रही है? वह लड़का जो तेरे साथ रिलेशनशिप में था और तुझे चीट कर रहा था, तू उसके लिए ऐसी बातें कैसे कह सकती है?"


    नेत्रा समझ गई कि यह सब कुछ निर्वाण का किया धरा है। उसने कहा "कुणाल ने कभी मुझे चीट नहीं किया। यह सब एक गलतफहमी थी और कुछ नहीं जो नीरू को हो गई थी। इस बारे में आपको उसी ने बताया ना?"


     शिवि खामोश रही तो नेत्रा ने कहा "सच कहूं तो मैं और कुणाल कभी रिलेशनशिप में थे ही नहीं। वह तो हमारी एक मजबूरी थी, जिस कारण हमें एक साथ रहना पड़ा था। लेकिन उसका कमरा अलग था और मेरा कमरा अलग। गलती से भी कभी उसने मेरे कमरे में कदम नहीं रखा। जैसी उसकी आदते थी, मुझे अच्छा लगता था। लेकिन पिछले 1 साल से मैं उसके टच में नहीं हूं। वो इस वक्त कहां है, मुझे कुछ नहीं पता।"


     शिवि को तो अभी भी अपने सवालों का जवाब नहीं मिला था। उसने फिर सवाल किया "लेकिन तू तो उसे लेकर सीरियस थी ना? तूने निर्वाण से भी यही कहा था ना?"


     नेत्रा हंसते हुए बोली "उसने एक बार कुणाल को मेरे साथ देखा लिया था। उसे पता चल गया था कि हम दोनो साथ रह रहे है। ऐसे में मैं उसको क्या ही बताती! जो मेरी समझ में आया मैंने कह दिया। अगर मैं उसे कहती कि हम कुछ टाइम के लिए साथ है तो आप जानते हो वह किस तरह रिएक्ट करता। लेकिन मेरी एक बात समझ नहीं आई, आज इतने टाइम बाद आपको अचानक से कुणाल कहां से याद आ गया? कुछ हुआ है क्या?"


     शिवि ने कुहू और कुणाल की सगाई के बारे में कहने के लिए मुंह खोला लेकिन वो रुक गई और उसने बात को घुमा फिरा कर कहा "एक बात बता। मान ले अगर कुणाल का रिश्ता हमारे घर में किसी के लिए आया तो तू क्या करेगी?"


     नेत्रा के होठों पर जो मुस्कान थी, वह धीरे धीरे गुम हो गई। उसने खुद से कहा 'तो क्या कुणाल का रिश्ता शिवि दी के लिए आया है? तो क्या कुणाल शिवि दी से शादी करने के लिए तैयार है? लेकिन उसे कबसे.......... अगर कुणाल को शिवि दी पसंद है तभी वो इस शादी के लिए हां करेगा वरना वो सीधे इंकार कर देगा। अगर हां करता है तो फिर मुझे अपनी दी के लिए खुश होना चाहिए, ना कि दुखी!' 


    नेत्रा खुद को संभालते हुए बोली "बिल्कुल! मैंने कहा ना, कुणाल बहुत अच्छा लड़का है। और मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी अगर उसका रिश्ता हमारे घर से जुड़ता है तो। आप सब हमारे अपने हो। हम अलग तो नहीं है! और मैं अपने किसी बहन के साथ कुछ गलत नहीं होने दूंगी। अगर कुणाल में कोई खोट होती तो मैं सबसे पहले इंकार करती। दी! वह वाकई बहुत अच्छा है। उसपर भरोसा करना और उसे समझने की कोशिश करना। अच्छा, अभी मैं फोन रखती हूं। मुझे कुछ अर्जेंट काम है।"


     शिवि फोन कान से लगाए हुए थी। दूसरी तरफ से नेत्रा ने फोन कब काटा, उसे पता ही नहीं चला। उसने खुद से सवाल किया, 'जैसा कि नेत्रा कह रही है, अगर कुणाल इतना ही अच्छा है तो फिर उसने नेत्रा को पहचानने से इंकार क्यों कर दिया था? और अगर नेत्रा की माने तो कुणाल, कुहू दी के लिए सही है। क्या करूं, किसकी बातों का यकीन करू? कुणाल से मेरा कोई रिश्ता नहीं है इसीलिए उसकी बातों पर यकीन करना बेवकूफी होगी। लेकिन नेत्रा तो मेरी बहन है, और एक बहन होकर वो मुझसे झूठ नहीं बोलेगी। उसे इस रिश्ते से कोई एतराज नहीं है तो क्या मैंने कुणाल को कुछ ज्यादा सुना दिया? डाउट तो अभी भी है मेरे दिमाग में जिसे क्लियर करना सबसे ज्यादा जरूरी है। मुझे कुणाल से बात करनी होगी, लेकिन उसका नंबर? कुहू दी से मांगू क्या? लेकिन उनसे मैं क्या कहूंगी? नहीं! समर्थ भाई! लेकिन उन्होंने पूछ लिया तो? मैं किसी से मांग नहीं सकती। तो अब क्या करूं?"


     शिवि परेशान हो गई और अपना फोन लेकर सर पर मारने लगी। एकदम से उसके दिमाग में एक आईडिया आया और उसने आपने फोन में समर्थ का जीमेल अकाउंट एक्टिवेट किया। ये काम समर्थ का ही था। उसने एक बार कुछ काम करने के लिए शिवि का फोन लिया था और अपना जीमेल ओपन किया था। और आज यह शिवि के काम आ रहा था। उसने जल्दी से अपना फोन बुक चेक किया तो समर्थ का पूरा कांटेक्ट लिस्ट उसके फोन में नजर आने लगा। उसी में एक नंबर था, कुणाल का।



     इधर कार्तिक सिंघानिया के फ्लैट पर कार्तिक और कुणाल दोनों ही बेहोश पड़े हुए थे। कुणाल का फोन बज रहा था लेकिन कुणाल इस सबसे बेखबर आराम से जमीन पर सो रहा था। कार्तिक सिंघानिया को थोड़ी कम चढ़ी थी इसलिए फोन की घंटी सुनकर उसकी नींद खुली। पहले तो उसे होश में आने में वक्त लगा लेकिन उसके दिमाग एक बात कही 'अगर यह डैड का फोन हुआ तो?' यह सोचते ही कार्तिक सिंघानिया की नींद उड़ गई। उसने अपना फोन ढूंढना शुरू किया। उसका फोन उसके पॉकेट में ही था लेकिन वह बंद था। उस पर कोई कॉल नहीं आ रही थी। "तो फिर किस का फोन बज रहा है?"


   कॉल दो बार आकर कट चुका था और यह तीसरी बार फोन बजा। कार्तिक सिंघानिया ने देखा, कुणाल बेसुध सोया हुआ है और उसके पॉकेट में रखा फोन बजे जा रहा है। उसने कुणाल को जगाने की कोशिश की "कुणाल! उठ जा, तेरा फोन बज रहा है।"


     लेकिन कुणाल ने उसका हाथ झटक दिया और वापस से सो गया। कार्तिक ने देखा, बाहर अंधेरा घिर आया था। आज पूरा दिन वो दोनों सोते रह गए थे। कुणाल ने दो 3 बार और कोशिश की लेकिन जब कुणाल नहीं जागा तो उसने उसके पॉकेट से फोन निकाला और देखा, किसी अननोन नंबर से कॉल था। उसने कॉल रिसीव किया और बोला, "हेलो!"


     शिवि को कुणाल की आवाज का कोई आईडिया नहीं था। उस पर भी कार्तिक की आवाज काफी अजीब सी महसूस हो रही थी। उसने कहा "हेलो कुणाल! तुम ठीक हो?"


     कार्तिक बोला "नहीं! मैं कुणाल नहीं, कार्तिक बोल रहा हूं। वह कुणाल सो रहा है। तुम कहो तो मैं जगा दूं उसे?"


      शिवि ने कहा "फिलहाल उसकी जरूरत नहीं है। मैंने बस उसे इतना कहने के लिए फोन किया था कि मुझे उससे बात करनी है, बहुत जरूरी बात। इसलिए 1 घंटे बाद मैं उसे कॉफी शॉप में मिलूंगी।"


     शिवि फोन रखने को हुई लेकिन कार्तिक ने एकदम से सवाल किया "ठीक है, मैं उसे बता दूंगा। लेकिन तुम बोल कौन रही हो, यह तो बताओ! तुम्हारा नंबर कुणाल के फोन में सेव नहीं है इसका मतलब वह तुम्हे नहीं जानता। अगर वह उठेगा तो मैं उसे क्या कहूंगा?"


     कार्तिक एक तरफ शिवि से बात कर रहा था और दूसरी तरफ कुणाल को जगाने की कोशिश भी कर रहा था। शिवि ने सीधे से जवाब दिया "अगर वह उठे तो उससे कहना, कुहू की बहन शिविका ने उसे कॉल किया था।"


     कार्तिक की आंखें हैरानी से फैल गई। "शिविका? मतलब शिवि!"


    शिवि का नाम सुनकर ही कुणाल जो अब तक अपने को तैयार नहीं था, वह एकदम से उठ कर बैठ गया और कार्तिक के हाथ से फोन छीन कर अपने काने से लगाया। "हेलो! हेलो शिवि!"


     लेकिन तब तक शिविका फोन काट चुकी थी। कुणाल ने फोन देखा और उसे साइड में रख कर कार्तिक का कलर पकड़ते हुए बोला "साले! तु मुझे उठा नहीं सकता था? बोल नहीं सकता था कि शिवि का फोन है?"


     कार्तिक अपना कॉलर छुड़ाते हुए बोला "अबे मुझे क्या सपना आया था? मैंने तो उससे पूछा और उसने अपना नाम बता कर फोन काट दिया, तो अब इसमें मेरी क्या गलती? तभी से जगा रहा हूं तुझे लेकिन नही! एक लात मारनी चाहिए थे तेरे पिछवाड़े पर, तब जाकर तू जागता।"


   करती को नाराज होते देख कुणाल ने उसे मनाते हुए पूछा, "सॉरी ना यार! अब गुस्सा छोड़ और ये बता, तू सच बोल रहा है ना? वाकई शिवि ने कॉल किया था मुझे? क्या बोली वो? क्यों फोन किया था? और ऐसे फोन क्यों काटा?"


    कार्तिक ने तंज कसा, "उसने तुझे नही, मुझे कॉल किया था। और ये मेरा फोन है।" कार्तिक ने कुणाल का फोन उसके हाथ में पकड़ा दिया। "वो बोली, 1 घंटे बाद तुझसे मिलना चाहती है।"


    कुणाल ने हैरानी से पूछा "मिलने बुलाया है? लेकिन कहां मिलने बुलाया उसने?"


      कार्तिक खड़ा हुआ और बाथरूम की तरफ जाते हुए बोला "उसका नंबर है ना तेरे फोन में, लास्ट डायल। उसे कॉल बैक कर और पूछ ले कि उसने कहां मिलने बुलाया है? क्योंकि मुझे तो बताया नहीं। भलाई का तो जमाना ही नहीं है।"

 

     थोड़ी ही देर में कुणाल को उसके सवाल का जवाब भी मिल गया, जब शिवि का मैसेज उसे मिला जिसमें उसने अपने हॉस्पिटल का एड्रेस भेजा था।




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