सुन मेरे हमसफर 68

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कुणाल ने मौका मिलते ही निर्वाण पर एक पंच जड़ दिया। निर्वाण इस सबके लिए तैयार नहीं था, इसलिए उसका दिमाग एक सेकेंड के लिए पूरा ब्लैंक हो गया। लेकिन फिर उसने भी पलट कर एक पंच कुणाल के पेट में मारा। दोनों ही एक दूसरे का कॉलर पकड़ गुत्थम गुत्था हो रहे थे। निर्वाण गुस्से में दहाड़ते हुए बोला "मैंने कहा था मेरी बहन से दूर रहना। मेरे परिवार से दूर रहना, लेकिन नहीं! तुम्हें आग से खेलने में बहुत मजा आता है ना? बहुत कम समझा तुमने मुझे। अब मैं तुम्हारे साथ क्या करूंगा, ये तुम सोच भी नहीं सकते।"


     कुणाल ने भी उसे धमकाते हुए कहा "मुझे कोई शौक नहीं है तुम्हारी बहन के साथ रहने का। उससे सगाई मैंने अपनी मर्जी से नहीं किया, मुझसे जबरदस्ती करवाई गई है। जाकर पूछो अपनी बहन से, आज तक मैंने कभी उसे कुछ भी कहा हो, या कोई उम्मीद दी हो। वो बस सिर्फ मेरी अच्छी दोस्त है और कुछ नहीं। और अगर मुझे पता होता कि वह तुम्हारी बहन है तो ट्रस्ट मी! मुझे तुमसे और तुम्हारे साथ जुड़े हर एक इंसान से नफरत है। तुम जैसा इंसान जो मेरी जान लेने की कोशिश कर सकता है, ना जाने और क्या क्या कर सकता है। उस वक्त मैं तैयार नहीं था लेकिन कोई नही, अभी सारा हिसाब बराबर कर देते हैं।"


    निर्वाण ने कुणाल की कॉलर छोड़ी और उसे एकदम से धक्का देते हुए बोला "तुम्हारे अंदर कितनी शराफत है वह बहुत अच्छे से जानता हूं मैं। मेरी एक बहन के साथ टाइम पास करके दूसरी बहन को अपने प्यार के जाल में फंसाया है। तुम्हारी असलियत तो मैं सबके सामने लाकर रहूंगा। आखिर कुहू दी को भी तो पता चले, जिनसे वो शादी करने जा रही है कितना घटिया इंसान है। वह भी तो जाने, जिसके साथ अपनी आने वाली लाइफ के सपने संजो रही है, वो इंसान लड़कियों को कपड़ों की तरह बदलता है।" निर्वाण गुस्से में से बाहर निकल गया।


    कुणाल भी उसके पीछे पीछे जाना चाहता था लेकिन रुक गया। "एक मिनट! इसका मतलब अगर कुहू को पता चला उसकी एक बहन कभी मेरी गर्लफ्रेंड हुआ करती थी तो...........! और अगर यह बात घर वालों को पता चल गई तो फिर कोई भी मेरी शादी कुहू से नहीं होने देगा। आखिर कौन सी फैमिली यह बर्दाश्त करेगी! वॉ निर्वाण! तुमने तो मेरा काम एकदम से आसान कर दिया। मुझे इस रिश्ते को तोड़ने के लिए कुछ करना ही नहीं पड़ेगा। मेरे दिमाग में क्यों नहीं आई, और मुझे पता कैसे नहीं चला कि निक और कुहू दोनों बहने हैं! कैसे पता होगा! ना निक ने मुझे अपना असली नाम बताया था और ना ही वो मेरा नाम जानती है। मुझे क्या करना है यह सब सोच कर! मेरा तो काम आसान हो रहा है, इससे ज्यादा और क्या चाहिए?" कुणाल के होठों पर एक बड़ी सी मुस्कुराहट आ गई।


     निर्वाण गुस्से में कमरे से बाहर निकला। उसे बस ये बात किसी भी तरह सारांश या सिद्धार्थ को बतानी थी कि कुणाल पहले नेत्रा के साथ रिलेशनशिप में रह चुका है। इतना ही नहीं, नेत्रा के साथ होते हुए भी कुणाल दूसरी लड़कियों के साथ भी इन्वॉल्व था और ये उसने खुद देखा था। बाहर आते ही सामने अव्यांश को देखकर ठिठक गया। अव्यांश उसे बड़े अजीब तरह से देख रहा था।


     निर्वाण घबरा गया कि कहीं अव्यांश ने कुछ सुन ना लिया हो या फिर उसे कोई शक ना हो गया हो वरना वह अपने शक के कीड़े को मारने के लिए कौन कौन सा चप्पल उठाएगा ये उसे नहीं पता था। लेकिन इतना तय था कि उस कीड़े को बिना मारे वो छोड़ेगा नहीं। निर्वाण का गला सूख गया। फिर उसने खुद को समझाते हुए कहा, 'ऐसे क्यों घबरा रहा है? अच्छा है अगर अंशु ने सब सुन लिया हो तो। तेरा काम आसान हो जाएगा।' 


     निर्वाण ने अंशु के करीब आकर पूछा "क्या हुआ? तू ऐसे क्यों देख रहा है?"


    अव्यांश ने मुंह बिचकाकर कहा "बड़ा हूं तुझसे, थोड़ी तो इज्जत दे दिया कर! और पहले यह बता, तेरी ऐसी हालत कैसे हुई? बिखरे बाल, अस्त-व्यस्त कपड़े, होठों पर सूजन! कोई लड़की थी क्या तेरे साथ?"


     निर्वाण एंबेरेस हो गया और अपनी एंबेरेसमेंट छुपाते हुए बोला "क्या भाई तुम भी! कोई गर्लफ्रेंड नहीं है मेरी। वह तो बस थकान कुछ ज्यादा हो रखी थी और मैंने कपड़े भी तो नहीं बदले। थोड़ी बहुत खुजली हो रही है। मेरे लिए कपड़े निकाल कर दे दे, मुझे नहाना है। जब तक नहाऊंगा नहीं, मुझे अजीब सी खुजली होती रहेगी।"


     अंशु निर्वाण से थोड़ी दूरी बनाकर बोला "तू दूर रह मुझसे! और अपने कपड़े तू खुद निकाल ले। मैं मेरे कपड़े नहीं दूंगा। क्या पता, तेरी खुजली मुझे भी लगता जाए और ऐसे भी जैसी तेरी हालत हो रखी है..........."


     अव्यांश आगे कुछ कहता उससे पहले उसकी नजर पीछे से आ रहे कुणाल पर पड़ी, जिसे देख वो चौक गया। कुणाल की हालत भी निर्वाण से ज्यादा कुछ अलग नहीं थी। लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह थी कि कुणाल भी उसी कमरे से बाहर निकला जिस कमरे से निर्वाण आया था। अव्यांश ने निर्वाण का हाथ पकड़ा और कुणाल से कहा "कुणाल! आई थिंक तुम्हें फ्रेश होने की जरूरत है। तो तुम काम करो, उसी कमरे में बाथरूम है। तुम अच्छे से फ्रेश हो जाओ, सारा सामान वही ड्रेसिंग टेबल पर रखा हुआ है, तुम देख लो अपना।" इतना कहकर अव्यांश ने निर्वाण को लगभग खींचते हुए अपने साथ ले गया


      निर्वाण अव्यांश की इस हरकत से थोड़ा परेशान हो गया। अव्यांश ने निर्वाण को अपने कमरे में धक्का दिया और दरवाजा बंद कर बोला "सच सच बता, तू नॉर्मल है ना?"


      निर्वाण को कुछ समझ नहीं आया। उसने अपना सर हिला कर कहा "हां बिल्कुल! मैं बिल्कुल ठीक हूं, मुझे क्या हुआ? तबीयत ठीक है मेरी।"


     अव्यांश परेशान कर बोला, "तेरी तबीयत की बात नहीं कर रहा हु। मैं तेरे अंदर की बात कर रहा हूं, तेरे हारमोंस की बात कर रहा हूं। तुझे लड़कियां पसंद है या लड़के?"


     निर्वाण ने पहले तो अव्यांश को अजीब तरह से देखा फिर दो कदम पीछे होकर बोला "भाई प्लीज! मेरे साथ ऐसा वैसा कुछ करने का सोचना भी मत। मैं नॉर्मल हूं और मुझे लड़कियां पसंद है। लड़कों में मेरा कोई इंटरेस्ट नहीं है और तुम भी मुझ से थोड़ा दूर रहा करो। भाभी इतनी अच्छी है फिर भी तुम! छी छी छी छी!!!"


      बात को अपनी तरफ पलट के देख अव्यांश ने निर्वाण के सर पर मारा और बोला "अबे मैं नॉर्मल हूं। मेरी एक बीवी है और बहुत सुंदर है। मुझे कोई जरूरत नहीं है। लेकिन अगर तू स्ट्रेट है तो तेरे और कुणाल के बीच क्या चल रहा है?"


      कुणाल का नाम सुनकर ही निर्वाण की आंखों में रोश उतर आया। लेकिन अभी वह अव्यांश के सामने इसके बारे में कुछ कहना नहीं चाहता था। पता नहीं वह कैसे रिएक्ट करें और इस बारे में वो उसकी बात का यकीन करें भी या ना करें। वह नहीं जानता था कि कुणाल ने उन सब से क्या झूठ बोला है। लेकिन यह बात उसे बहुत अच्छे से पता थी कि कुणाल ने सबको अपनी मीठी मीठी बातों में फंसा कर रखा है। उसकी असलियत सामने लाने से पहले उसके इस मायाजाल को तोड़ना होगा, तभी वो कुछ कर पाएगा। इस सब में उसे नेत्रा को भी शामिल करना होगा। लेकिन क्या नेत्रा उसका साथ देगी?


    अव्यांश ने उसकी आंखों के सामने चुटकी बजाई और पूछा "क्या सोच रहा है? कहां खो गया?"


    निर्वाण होश में आया और बोला "कुछ नहीं भाई! मैं बस यह कह रहा था कि मैं जाकर फ्रेश हो जाता हूं। तेरे कपड़े तो अलमारी में होंगे, मैं ले लूंगा, तुम जाओ।" निर्वाण ने बिना अव्यांश की परमिशन लिए सीधे उसकी अलमारी खोली और एक आउटफिट बाहर निकाला। लेकिन वह अव्यांश का नहीं, निशी के कपड़े थे। अव्यांश हंसते हुए बोला "अच्छा है, बहुत अच्छा है। ट्राई कर ले, तुझ पर बहुत सूट करेगा।"


    निर्वाण को गुस्सा आ गया। उसने उस कपड़े को अव्यांश के ऊपर फेंकने के लिए हाथ उठाया लेकिन उससे पहले ही अव्यांश दरवाजे की तरफ भागते हुए बोला खबरदार यह तेरी भाभी के कपड़े हैं। कुछ भी करने से पहले सोच लेना। कल रात में उसने तुझे प्रोटेक्ट किया था, आज सुबह तेरी उंगली चाय में डाल दी थी। इस बार पक्का तेरा मर्डर कर देगी।"


     निर्वाण ने उस ड्रेस को देखा और जल्दी से उसे वापस अलमारी में लगा दिया। अव्यांश वापस आया और अपनी अलमारी से कुछ कपड़े निकाल कर निर्वाण के हाथ में देते हुए बोला "जा जल्दी से फ्रेश हो जा, बहुत बदबू कर रहा है तू।" और उसे चिढ़ाने के लिए अपनी नाक बंद कर ली।


     निर्वाण भी कहां पीछे रहता! उसने कपड़े तो ले लिए और अव्यांश से दूरी बनाकर बोला "भाई! मैं तो कल रात को नहाकर सोया था लेकिन तेरा क्या? तू कितने दिनों से नहीं नहाया है? पता नहीं भाभी तुझे कैसे झेलती है? मेरे से ज्यादा तो तू बदबू कर रहा है। छी! यक!!" निर्वाण अपनी नाक बंद कर भाग गया। उसने अव्यांश की चाल उसी पर पलट दी। अव्यांश कुछ देर तो उसे जाते हुए देख कर हंस कर वापस किचन में चला आया।


      कुणाल भी सबके साथ किचन में उनकी हेल्प करने में लगा हुआ था। लेकिन उसे देखकर साफ समझ आ रहा था की लाइफ में कभी किचन में नहीं गया था। समर्थ ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा "सीख लो। जितना जल्दी हो सके इस सब की आदत डाल लो। शादी के बाद बहुत काम आएगी। क्योंकि हमारी कुहू जब भी नाराज होती है तो उसे मनाने के लिए एक कप कॉफी की जरूरत पड़ती है और ऐसे में कॉफी बनाना तुम्हें आना चाहिए, और उसके लिए किचन में आना पड़ेगा। तुम्हारी ही भलाई के लिए कह रहा हूं।"


     कुणाल मुस्कुरा दिया। उसने अव्यांश को देखा तो उसे लगा, निर्वाण ने अव्यांश को अकेले में सारा सच बता दिया होगा। ऐसे में बाकी घर वालों तक यह बात पहुंचने में देर नहीं लगेगी। इसके बाद क्या होगा यह सोच कर कुणाल के होठों पर बड़ी सी मुस्कुराहट आ गई।




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