सुन मेरे हमसफर 76
76 अव्यांश मीटिंग रूम में सबके साथ बैठा हुआ था। इस वक्त सभी किसी प्रोजेक्ट पर डिस्कशन कर रहे थे लेकिन अव्यांश का दिमाग तो कहीं और ही अटका हुआ था। उसे रह रह कर बस मिश्रा जी की बात याद आ रही थी जिसकी वजह से वह इस मीटिंग में कंसंट्रेट नहीं कर पा रहा था। सिद्धार्थ ने एकदम से अव्यांश के कंधे पर हाथ रखा और पूछा "क्या हुआ? कहां खोया हुआ है? कब से देख रहा हूं तुझे ऐसे!" अव्यांश की तंद्रा टूटी और वह हड़बड़ा कर सीधा होकर बैठ गया। "नहीं बड़े पापा! सब ठीक है, यही हूं मैं आप सबके बीच।" अव्यांश कुछ अलग लग रहा था और यह बात सारांश ने भी नोटिस की। उन्होंने कहा "तू यहां है और हमें दिख भी रहा है लेकिन तेरा ध्यान कहां है? सुबह सब कुछ ठीक था फिर अचानक से ऐसा क्या हुआ जो तू इतने टेंशन में नजर आ रहा है? बात क्या है?" अव्यांश कुछ कहता है उससे पहले ही समर्थ ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा "कोई टेंशन नहीं है इसको चाचू। मुझे लगता है निशी को भी ऑफिस ज्वाइन कर लेना चाहिए। वरना यह यहां काम नहीं कर पाएगा।" सबकी नजर अव्यां...