सुन मेरे हमसफर 75

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     कार्तिक सिंघानिया हंसते हुए बोला "साला! वाकई तेरी जैसी किस्मत किसी की नहीं होगी। मतलब तेरी एक्स गर्लफ्रेंड, तेरी मंगेतर और तेरा प्यार सारे एक साथ! यानी तेरा पास्ट प्रेजेंट और फ्यूचर तीनो बहने है?" इतना कहते हुए कार्तिक और जोर से हंसने लगा।


     कुणाल को कार्तिक का यू हंसना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। उसने अपने हाथ में पकड़ा ग्लास साइड में फेंका और कार्तिक पर चढ़ गया। कार्तिक जितना हंसता, कुणाल उसे उतना ही मारता। कुछ देर बाद जब दोनों ही थक कर चूर हो गए तो वहीं जमीन पर ही लेट गए। दोनों ही होश में नहीं थे।


     कार्तिक सिंघानिया ने पूछा "तूने सोचा है आगे क्या करेगा? अगर उसके घर वालों को पता चल गई यह बात तो तेरी वाट लगनी तय है। भूल जा उस लड़की को। वह कभी तेरे करीब नहीं आएगी। अगर उसे पता चल गया कि निकी के साथ तेरा चक्कर था तो वह..........."


     कुणाल उसे बीच में ही रोकते हुए बोला "वो जानती है यार! उसे पता है। निक के साथ मेरा रिश्ता और कुहू के साथ मेरी सगाई, उसे सब पता है। मैंने उससे बात करने की कोशिश की तो उसने सबसे पहला सवाल यही किया, तुम नेत्रा के बॉयफ्रेंड हो ना?" 


     कुणाल ने शिवि की स्टाइल में कहा और फिर खुद ही हंस पड़ा फिर एकदम से गंभीर होकर बोला "मेरी समझ में नहीं आ रहा कि मैं इस सारे सिचुएशन से कैसे हैंडल करूं? मैं कुहू से प्यार नहीं करता। मैं उससे सगाई करना ही नहीं चाहता था। मैं यह बात उसे कैसे समझाऊं कि मेरे साथ जबरदस्ती हुई है। आज भी मैं इस रिश्ते को तोड़ने को तैयार हूं। नहीं रहना मुझे इस रिश्ते में बंध कर जहां प्यार ही नहीं होगा। ना मैं कुहू से प्यार कर पाऊंगा और न ही इस एक तरफा प्यार से कुहू खुश रह पाएगी। तू अच्छे से जानता है, मैंने कई लड़कियों को डेट किया है। कितनों के तो मुझे नाम भी याद नहीं होंगे। नाम छोड़, चेहरा तक भूल चुका हूं मैं। लेकिन पता नहीं शिवि में ऐसी क्या बात है जो मैं चाह कर भी उसे कभी भूल नहीं पाया। पता नहीं ऐसा क्या है उसमें जो पागलों की तरह उसे ढूंढता रहा। जबसे उससे मिला, उसके बाद से मैंने किसी को डेट नहीं किया। क्योंकि मुझे सिर्फ उसकी तलाश थी। उसकी आंखें, उसकी मुस्कुराहट, उसकी सादगी। सब किसी जादू की तरह काम करती है मुझ पर। आज भी देखा मैंने उसे, बिल्कुल उसी तरह। बस फर्क सिर्फ इतना है कि हॉस्पिटल में वो एकदम स्ट्रिक्ट, अपनी ड्यूटी निभाने वाली और यहां घर में बिल्कुल बच्चों की तरह मासूम। सच कहूं तो मैं समझ नहीं पा रहा कि वह हॉस्पिटल में ज्यादा खूबसूरत लगती है या घर में। मुझे तो एक बार फिर उससे प्यार हो गया।"


     कार्तिक ने उसे समझाने की कोशिश की "देख भाई! मेरी मान तो भूल जा उसे। उस एक के पीछे तू अपनी लाइफ खराब कर देगा। कुहू एक अच्छी लड़की है। तू उसके साथ सेटल हो जा। प्यार का क्या है? शादी के बाद साथ रहते हो जाता है। तू धीरे-धीरे भूल जाएगा उसे। कुनाल...! कुणाल....!! तू सुन रहा है मेरी बात?"


     लेकिन तब तक कुणाल सो चुका था। कार्तिक उठा और जाकर सोफे पर सो गया।



*****




अंशु ने गाड़ी मित्तल मिशन के अंदर लेने की बजाय बाहर ही रोक दी और निशी से बोला "तुम अंदर जाओ।"


     निशी ने पूछा "तुम नहीं आ रहे हो?"


     अंशु ने सीधे से जवाब दिया "नहीं। फिलहाल मुझे ऑफिस के लिए निकलना होगा, सब लोग ऑफिस मेरा इंतजार कर रहे हैं। तुम जाओ। अगर घर में मन ना लगे तो सबके साथ शॉपिंग के लिए चले जाना या फिर मॉम के साथ उनके एनजीओ। जैसा तुम्हें ठीक लगे।"


     निशि को अंशु थोड़ा उखड़ा हुआ सा लग रहा था, जैसे उसके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा हो। 'लेकिन कुछ देर पहले तो सब कुछ ठीक था। ऐसा क्या हो गया जो इसका मूड खराब लग रहा है? चल क्या रहा है इसके दिमाग में?' निशी अंशु को देखकर सोचने लगी तो अंशु ने जोर से गाड़ी का हॉर्न बजाया जिससे निशी होश में आई। यह अंशु की तरफ से साफ इशारा था कि उसे गाड़ी से उतरना है।


     निशी चुपचाप अपना सीट बेल्ट खोलकर बाहर निकली और मेन गेट की तरफ जाने लगी। सिक्योरिटी गार्ड दरवाजे पर खड़ा उसी का इंतजार कर रहा था कि वह अंदर जाए और वह दरवाजा बंद करें। अंशु ने निशी के अंदर जाने का इंतजार भी नहीं किया और तुरंत वहां से गाड़ी घुमा कर निकल गया। निशी चुपचाप खड़ी उसे जाते हुए देखती रही। गार्ड ने जब आवाज लगाई तो निशी घर के अंदर चली गई।


    अंदर आकर देखा तो पूरे घर में इस वक्त सन्नाटा फैला हुआ था। कुछ देर पहले तक यहीं पर कितनी चहल-पहल थी, यह सोचकर ही निशी के होठों पर मुस्कान आ गई। सिया वही मंदिर में बैठी दीए के लिए बाती तैयार कर रही थी। उन्होंने जब निशि को देखा तो बोली "सब के सब अभी सोनू के कमरे में है। जाओ तुम भी, वह सब शॉपिंग की तैयारियां कर रही हैं। तुम भी हो आओ उनके साथ।" 


   निशी ने सुना तो मुस्कुरा कर वहां से सोनू के कमरे की तरफ चल पड़ी, जहां काया, सोनू और खूब-खूब तीनों हाथ में पेन पेपर लेकर कुछ नोट करने में लगी हुई थी। काया की नजर जब दरवाजे पर खड़ी निशी पर गई तो उसने निशी को अंदर बुलाया और बोली "भाभी! आप भी अपनी रिक्वायरमेंट बता दो। फिर उस हिसाब से हम सब शॉपिंग के लिए निकलते हैं। उससे पहले मैं आपको समझा दे रही हूं, हम सबसे पहले यहां से पार्लर जाएंगे, वहां से तैयार होकर तब शॉपिंग के लिए निकलेंगे। अगर टाइम बचता है तो रात में मूवी देख कर और खाना खाकर लौटेंगे। कुछ और करना है तो आप बता सकते हो।"


    निशी को समझ नहीं आया कि वह इस सब में क्या ही कहे। उसने सीधे-सीधे इंकार कर दिया और बोली "नहीं। मेरी ऐसी कोई रिक्वायरमेंट नहीं है। मैं बस साथ चल सकती हूं, लेकिन मुझे खरीदना कुछ नहीं है।"


     निशी ने अपने चारों तरफ देखा लेकिन शिवि उसे कहीं नजर नहीं आई तो उसने पूछा "शिवि दी कहां है? वह नहीं चलेंगी क्या हमारे साथ?"


     कुहू चिढ़कर बोली "उस लड़की को हमारे लिए कभी टाइम नहीं होता है। हम जब भी कोई प्लान बनाते हैं, तो उसके लिए मुश्किल हो जाती है। अगर उसके हिसाब से हम लोग अपना प्लान बनाने लगे तो हम कभी कुछ नहीं कर पाएंगे। इतने सालों में कितनी मूवीस देखी होगी उसने? कितनी बार पार्टी की होगी? जब देखो हॉस्पिटल, पेशेंट, सर्जरी! बस इसके अलावा उसकी दुनिया ही नहीं है। निकल गई डॉक्टर साहिबा हॉस्पिटल के लिए। देखना! यह सब सिर्फ बचने के बहाने है और कुछ नहीं।"


     निशी शिवि को साइड लेते हुए बोली, "ऐसा नहीं है दी। एक डॉक्टर के ऊपर जितनी जिम्मेदारी होती है, हम और आप सोच भी नहीं सकते। कई बार तो ठीक से सोने को नहीं मिलता। कई बार अभी ढंग से खाना नसीब नहीं होता। जरा सी लापरवाही और बहुत कुछ गलत हो सकता है। इसलिए तो डॉक्टर्स को भगवान मानते है। मुझे नहीं लगता कि शिवि दी को यह सब कुछ अच्छा नहीं लगता होगा। वह भी एक लड़की है। उनका भी दिल करता होगा कि वो शॉपिंग करें, मूवी देखने जाए। लेकिन अपनी ड्यूटी को वह बहुत बखूबी से निभा रही है। मुझे बहुत खुशी है कि हमारी शिवि दी इतनी रिस्पांसिबल है।"


    कुहू बोली, "हां! बस एक ये ही बची थी, शिवि की लाडली! अभी-अभी मिले हो तुम दोनों, इतनी जल्दी शिवि को इतने अच्छे से जान लिया?"


     निशी को लगा शायद कुहू बुरा मान गई है, इसलिए उसने अपनी बात संभालते हुए कहा "नहीं दी! ऐसी बात नहीं है। मैं बस यह कह रही थी कि एक डॉक्टर की जिम्मेदारी बहुत ज्यादा होती है। हम उस जिम्मेदारी को नहीं निभा सकते जितना वो निभाती है।"


     कुहू ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली "मुझे पता है तुम क्या कहना चाह रही हो। लेकिन हम भी चाहते हैं कि शिवि थोड़ा तो अपनी लाइफ इंजॉय करें! हमेशा काम काम! यह सही नहीं होता है। अब चलो, तुम तो तैयार हो हमें तैयार होना है और इसमें तुम हमारी हेल्प करोगी, ठीक है? निशी ने भी मुस्कुरा कर हां कर दिया।


*****




शिवि पूरे रास्ते कोशिश करती रही कि वह नेत्रा को कॉल करें लेकिन वो रुक गई क्योंकि उसका ड्राइवर उसके साथ था। और वह जो भी बात करना चाहती थी, उसके बारे में वो किसी तीसरे को खबर नहीं होने देना चाहती थी। इसलिए उसने अपना फोन वापस से अपने बैग में डाल दिया और आराम से बैठ गई।


     हॉस्पिटल पहुंचकर उसने सबसे पहले तो अपना डेली रूटीन फॉलो किया और जब वह थोड़ी फ्री हुई तो उसने अपना फोन लिया और नेत्रा को कॉल कर दिया। उधर रिंग जा रही थी और इधर शिवि को समझ नहीं आ रहा था कि वह आखिर नेत्रा से बात क्या करेगी? "नेत्रा को इतना तो पता है कि कुहू की सगाई हो गई है लेकिन किससे हुई है शायद यह नहीं पता। तभी तो नीरू कुणाल से मिलने के लिए इतना एक्साइटेड था। लेकिन कुणाल को देखने के बाद उसने जो रिएक्शन दिया, उससे तो यही जाहिर है कि इन दोनों भाई बहनों ने कुहू की सगाई वाली तस्वीर देखी नहीं है। जैसा कि नीरू ने बताया, क्या वह सच है या फिर मैं कुणाल को गलत समझ रही हूं? मैंने उसे इतना कुछ कह दिया लेकिन कुणाल ने पलटकर मुझे कुछ नहीं कहा। 1 मिनट! ऐसे कैसे कुछ नहीं कहा उसने! उसने क्लियरली कहा था कि वह नेत्रा को नहीं जानता। मतलब डेफिनेटली वो सब को धोखा दे रहा है।"

     काफी देर रिंग जाने के बाद नेत्रा ने कॉल उठाया और अलसाई आवाज में बोली "हेलो शिवि! क्या हो गया? इतनी सुबह फोन कौन करता है? सोने दे मुझे अभी।"


   शिवि जल्दी से बोली "नेत्रा! मुझे बात करनी है तुमसे।"


     लेकिन नेत्रा कहां सुनने वाली थी। उसने कहा "जो भी बात करनी है, मैं आपको बाद में फोन करूंगी। लेकिन अभी सोने दो। देर रात तक काम करना पड़ा है यार! गुड नाइट।"


     शिवि उसे आवाज दे दी रह गई लेकिन नेत्रा फोन काट चुकी थी।




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