सुन मेरे हमसफर 72

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   कुणाल के जाने के बाद अव्यांश ने निर्वाण से पूछा "तेरे और कुणाल के बीच कुछ प्रॉब्लम चल रही है क्या?"

      यह सवाल सुनकर निर्वाण चौक गया। लेकिन उसे इतनी भी कुछ हैरानी नहीं हुई, क्योंकि उसे लगा ही था अव्यांश उससे कुणाल के बारे में कुछ ना कुछ जरूर पूछेगा। लेकिन इतनी जल्दी और कुहू से सामने पूछेगा, ये नही सोचा था। अव्यांश के सवाल पर सबसे पहले तो निर्वाण की नजर कुहू पर गई जो उसके ही जवाब का इंतजार कर रही थी। आखिर उसके सामने उसी के होने वाले पति के बारे में बात करना निर्वाण को सही नहीं लग रहा था। वह चाहता तो था कि सबको कुणाल की असलियत बता दें, लेकिन इस बारे में उसके पास कोई सबूत नहीं था।

      अव्यांश ने फिर सवाल किया "क्या बात है निर्वाण? सब ठीक है? देख! इस बारे में मैं सीरियस हूं। अगर कोई प्रॉब्लम है तो तू बता सकता है।"

    निर्वाण ने कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोला लेकिन एक बार फिर उसकी नजरे जाकर कुहू पर अटक गई। उसने जबर्दस्ती मुस्कुराकर कहा "नहीं भाई, ऐसा कुछ नहीं है। सब ठीक है। मैं तो बस उससे इसलिए नाराज था क्योंकि वो हमारी प्यारी बहन को हमसे दूर ले जाएगा। तुम्हे अच्छा लगेगा क्या?"

     कुहू को निर्वाण के इस बात पर प्यार आया लेकिन अव्यांश उसकी बात काट कर बोला "अरे बिल्कुल! कम से कम हमारी एक मुसीबत टल रही । बेचारा कुणाल अपने सर ले जा रहा है। बाकी बची खुची मुसीबत कोई और ले जाए तो हम चैन की जिंदगी जिए।"

     सुहानी और काया के हाथ में जो आया उसने वही उठाकर अव्यांश की तरफ फेंक कर मारा। कुहू भी कहां पीछे हटने वाली थी! उसने भी अव्यांश की धुनाई चालू कर दी। अव्यांश एकदम से पीछे हटता हुआ बोला "क्या कर रहे हो आप लोग? मेरे ससुराल वाले यही सामने बैठे हैं, कम से कम उनके सामने तो आप लोग थोड़ा तमीज से पेश आओ। क्या सोचेंगे ये लोग आप के बारे में? अरे और कुछ नहीं तो थोड़ा सा मेरी इज्जत का ही ख्याल कर लो।"

     शिवि जो चुपचाप वहां बैठकर सब कुछ देख रही थी और निर्वाण की बातों का मतलब समझने की कोशिश कर रही थी, उसने जोर से कहा "बिल्कुल नहीं। सोनू, कुहू दी! अपनी चप्पल दूं मैं आपको या आपके पास से काम चल जाएगा?"

     अव्यांश बचता बचाता हुआ वहां से पीछे गार्डन की तरफ भाग गया। लेकिन जाते-जाते उसने निर्वाण को कुछ इशारा कर दिया। भाई बहनों के बीच ऐसी नोकझोंक को देख घर में सभी मुस्कुरा रहे थे, खासकर मिश्रा जी और उनकी पत्नी। और निशी तो कुछ दिनों में यह सब कई बार देख चुकी थी। उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, लेकिन अव्यांश के हरकत पर उसे हंसी आ गई। लेकिन एकदम से उसकी हंसी कही गायब हो गई।


    मिश्रा जी ने जब अपनी बेटी के चेहरे पर ऐसे भाव देखें तो समझ गए। अकेली संतान होने का दर्द ना सिर्फ उन दोनों ने बल्कि उनकी बेटी ने भी बर्दाश्त किया था। जो भी उनके सामने हुआ था, यही लड़ाई झगड़े वो अपने घर में भी चाहते थे। लेकिन निशी की किस्मत में ऐसी प्यार भरी लड़ाई नहीं लिखी थी। लेकिन मिश्रा जी खुश थे कि उनकी बेटी ऐसे भरे पूरे परिवार में आई है जहां उसे हर रिश्ते का सुख मिलेगा।


     निर्वाण ने सब को शांत करवाया और बोला "आप लोग बातें करो, मैं थोड़ी देर में आता हूं।" किसी ने भी निर्वाण से कुछ पूछा नहीं और लग गए अपनी धुन में। आज पूरे दिन का प्रोग्राम जो बनाना था उन्हें। कहां शॉपिंग जाना है, कहां मूवी देखने जाना है कौन सी मूवी जानी है वगैरा-वगैरा।


     निर्वाण चुपचाप पीछे बालकनी में चला आया जहां अव्यांश खड़ा उसी का इंतजार कर रहा था। उसके आते ही अंशु ने सबसे पहला सवाल किया "तेरे और कुणाल के बीच क्या प्रॉब्लम है? देखा नीरू! मुझसे झूठ मत बोलना। कुहू दी जितनी मेरी अपनी है तेरे लिए भी उतनी ही अपनी है, भले ही नेत्रा के साथ उनकी नहीं बनती तो क्या! कुणाल से मिलने के लिए तू जितना एक्साइटेड था, उसे देखने के बाद तेरे चेहरे पर मैंने एक बार भी उससे मिलने की खुशी नहीं देखी। तब दरवाजे पर खड़े होकर शायद तूने उसे कुछ कहा भी था। कुछ बताएगा तू मुझे? क्या हुआ है? अंदर कमरे में तुम दोनों फाइट कर रहे थे ना?"


     निर्वाण ने अपना सर झुका लिया और कुछ सोचने के बाद एक गहरी सांस लेकर बोला "कुणाल सही लड़का नहीं लगा मुझे। मुझे नहीं पता उसका बैकग्राउंड क्या है, वो कैसी फैमिली से आता है और कुहू दी उसे कैसे और कब से जानती है। मैं भी उसे ज्यादा नहीं जानता, लेकिन जो थोड़ा बहुत मैंने उसे जाना है उसकी कई सारी गर्लफ्रेंड रही है। एक के साथ रिलेशनशिप में रहते हुए भी वो किसी और को डेट करता था। ऐसे में हम कैसे उसे कुहू दी के लिए सही मान सकते हैं? अगर उसने हमारी दी के साथ कुछ गलत किया तो?"


     अंशु, कुणाल के बारे में ऐसी बातें सोच भी नहीं सकता। उसे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि सीधा-साधा दिखने वाला कुणाल, अपनी रियल लाइफ में ऐसा भी हो सकता है। ऐसी हरकत तो कभी खुद अव्यांश ने भी नहीं की थी। अव्यांश को अभी भी यकीन नहीं हुआ। उसने पूछा "क्या तुझे पूरा यकीन है, जो तू कह रहा है वह सच है? देख! कई सारी गर्लफ्रेंड का होना अभी के टाइम में नॉर्मल सी बात है। लेकिन एक साथ कई सारी गर्लफ्रेंड होना, यह तो कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा। किसी रिश्ते में लॉयल होना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। और कुणाल को देखकर या उसकी बातों से मुझे ऐसा नहीं लगा कि वह........." कहते कहते अव्यांश खुद ही रुक गया। उससे अपनी बात पूरी करते नहीं बनी।


      उसे ऐसे बीच में चुप होते देख निर्वाण को भी थोड़ा सा बल मिला और उसने पूछा "क्या हुआ? कुछ समझ में आया क्या?"


    अंशु को याद आया, कैसे सगाई के ठीक बाद कुणाल एकदम से गायब हो गया था और किसी को पता ही नहीं था कि वह बैंगलोर में है। अगर उसने धमकी देकर कुणाल को वापस आने के लिए नहीं कहा होता तो अभी भी उसका कोई ठिकाना नहीं था। तो क्या वाकई कुणाल अपनी किसी फ्रेंड से मिलने गया था या फिर बात कुछ और थी? अभी भी अंशु ये मानने को पूरी तरह तैयार नहीं हुआ और बोला "कुछ तो प्रॉब्लम है। देख, हमारे पास इसका कोई सबूत नहीं है। अगर तेरे पास है तो हम दोनों मिलकर उसका पर्दाफाश करेंगे। मैं तेरी बात से इंकार नहीं कर रहा, लेकिन पूरी तरह यकीन भी नहीं कर सकता। हो सकता है तुझे कोई गलतफहमी हुई हो। बात हमारी बहन की है तो हम उसे ऐसे ही नहीं जाने दे सकते। तू रुक, मैं कुछ करता हूं।"


     अव्यांश वहां से चला गया लेकिन उसे करना क्या है यह वह खुद नहीं समझ पा रहा था। शिवि जो एक साइड खड़े होकर उन दोनों की बातें सुन रही थी वो अंशु के सामने आकर बोली, "निशी के मां पापा वापस जाने को तैयार है। सब तुझे ही ढूंढ रहे है।" अंशु जल्दी से निकल गया।


     अंशु के जाते ही शिवि ने निर्वाण से पूछा "क्या हुआ? तुम कुणाल को इतनी अच्छी तरीके से कैसे जानते हो?"


     निर्वाण नजरे चुराता हुआ बोला "वह....... उसको देखा है मैंने। वह मेरे किसी क्लोज फ्रेंड के साथ रिलेशनशिप में था, और वो किसी और को भी डेट कर रहा था।"


      शिवि ने सीधा सा सवाल किया "क्लोज फ्रेंड या फिर बहन?"


      निर्वाण बुरी तरह चौक गया। उसने नजर उठाकर शिवि की तरफ देखा तो शिवि ने पूछा "कुणाल नेत्रा को डेट कर रहा था और उसे चीट कर रहा था, इसलिए गुस्से में आकर तूने उसका एक्सीडेंट किया। जिसके कारण नेत्रा कुणाल के सामने नहीं आना चाहती थी, इसलिए उसने मुझे फोन किया। बता मैं सही कह रही हूं ना?"


     निर्वाण ने अब बात पूरी तरह खुलकर सामने रखती दी "मैंने नेत्रा को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन उसका यही कहना था कि कुणाल ऐसा नहीं है और वो कुछ टाइम के बाद कुणाल को सबसे मिलवाएगी। मेरी समझ में नहीं आया आखिर नेत्रा को कैसे समझाऊं? अपनी बहन को उससे बचाने की कोशिश की मैंने लेकिन उसे लगा, हर भाई की तरह मैं प्रॉब्लम क्रिएट कर रहा हूं। मुझे कुणाल से कोई प्रॉब्लम नहीं होती, अगर वो मेरी बहन के लिए लॉयल होता तो। जो इंसान कपड़ों की तरह गर्लफ्रेंड बदल सकता है, जो मेरी एक बहन को छोड़कर दूसरी बहन से सगाई कर सकता है, मैं उससे ईमानदारी की कितनी उम्मीद रखू, आप ही बताओ!"


      शिवि कुछ सोचते हुए बोली "टेंशन तो मुझे भी है, क्योंकि बात यहां नेत्रा और कुहू दी की है। उन दोनों के बीच में पहले से ही टेंशन है, कहीं और ज्यादा ना बढ़ जाए। हमें ध्यान रखना होगा। नेत्रा से इस बारे में पूछना होगा कि उसके दिल में अभी भी कुणाल के लिए कोई फीलिंग है या नहीं! अगर उसका जवाब ना हुआ तो फिर मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है। क्योंकि इतना तो मुझे पता है कुणाल कुहू को चीट नहीं कर सकता। अगर ऐसा करेगा तो फिर बात यहां से उन दोनों के बीच नहीं होगी बल्कि फैमिली के बीच रिश्ते खराब होंगे। सबसे पहले तो हमें कुणाल से बात करनी होगी। अगर वह इस सब से डिल करने को तैयार है तो हम उसका साथ जरूर देंगे, क्योंकि कुहू दी कुणाल से बहुत प्यार करती है और यह मैंने उनकी आंखों में देखा है। हमें बहुत सोच समझकर यह काम करना होगा। इस बारे में तुमने अव्यांश को बताया, अब किसी और को बताने की जरूरत नहीं है। हम लोग देखते हैं क्या कर सकते हैं। अगर कुणाल कुहू दी के लिए वाकई सीरियस हुआ तो हम अपनी ही बहन की खुशियां छीन लेंगे।"




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