सुन मेरे हमसफर 236

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    काया ने इधर-उधर देखा लेकिन उसे कोई नजर नहीं आया। कदमों की आहट साफ सुनाई दे रही थी जिसे सुनकर सुहानी स्टेज के एक साइड हो गई। पता नहीं क्यों लेकिन उसे थोड़ा डर भी लग रहा था। 


   काया भी कुणाल को छोड़कर वापस सुहानी के पास आकर खड़ी हो गई। सुहानी ने धीरे से पूछा "ये कौन हो सकता है?"


    काया जानती थी कि ये आवाज ऋषभ की थी लेकिन वह पहली आवाज किसकी थी यह उसे नहीं पता था। इसलिए उसने कहा "मुझे नहीं पता, मेरी तरफ मत देख। तेरी तरह मैं भी क्लू-लेस हूं।"


    यह सारी आवाज सुनकर अव्यांश भी भागते हुए आया और अपनी दोनों बहनों के कंधे पर हाथ रखकर पूछा "क्या हो रहा है? कौन आ रहा है?"


   काया और सुहानी दोनों ने हीं अपने कंधे उचका दिए तो अव्यांश ने पलट कर डीजे की तरफ देखा। शायद उसे कुछ पता हो। डीजे वाले भैया बस मुस्कुरा दिए और गाना प्ले कर दिया। इसके साथ ही स्टेज का लाइट ऑफ हो गया। प्रभु देवा का फेमस सोंग मुकाबला के म्यूजिक ट्यून पर थिरकते हुए दो जूते स्टेज पर आए जिनके साथ दो पैर भी थे। तीनों भाई बहन ने एक दूसरे की तरफ देखा और तीनों ने ही अपने कंधे उचका दिए क्योंकि आने वाला इंसान कौन था ये कोई नहीं जानता था।


     इस म्यूजिक के बीच में हॉल से लावण्या की जोर की चिल्लाने की आवाज आई "कम ऑन रुद्र!"


     रेहान सिंघानिया ने नाराजगी से अपनी पत्नी लावण्या की तरफ देखा जो खड़े होकर रूद्र को चीयर कर रही थी। इस वक्त कार्तिक सिंघानिया अपनी मां शरण्या सिंघानिया को लेकर वहां आ पहुंचा।


     शरण्या को देखकर लावण्या और ज्यादा एक्साइटेड हो गई और उसे गले लगाकर कहा "हमारा रूद्र डांस करने वाला है, इतने टाइम के बाद?"


    शरण्या मुस्कुरा कर बोली "अकेला नहीं है वो। दोनों बाप बेटे साथ हैं। पता नहीं क्या सूझा है उसे। इस उम्र में अपनी हड्डियां तुड़वाएगा।"


    लावण्या अपनी बहन को धमकाते हुए बोली "खबरदार जो अपनी काली जुबान से कुछ भी कहा तो! हमारा रूद्र अभी भी जवान है। अरे बाप बेटे में कौन सा फर्क नजर आता है जरा बताना! मैं तो आज रूद्र को ही सपोर्ट करूंगी।"


     इसी बीच कार्तिक सिंघानिया अपनी मां का व्हीलचेयर सेट करके वहां से चला गया और लावण्या स्टेज की तरफ देखकर रूद्र को जोर-जोर से सपोर्ट करने लगी। यह सब देखकर रेहान सिंघानिया जो पहले से नाराज था, उसने लावण्या का हाथ पकड़ा और अपनी सीट पर बैठाते हुए बोला "क्या कर रही हो तुम? सब लोग हैं यहां पर। सबके सामने तुम इस तरह की हरकत कैसे कर सकती हो! एटलीस्ट कुछ तो ख्याल रखो हमारी रेपुटेशन का।"


     लावण्या ने नाराजगी से रेहान की तरफ देखा लेकिन उसके कुछ कहने से पहले ही शरण्या बोली "जाने दो दी! जलता है मेरे रुद्र से।"


     लावण्या भी शरण्या का सपोर्ट करते हुए बोली "ये तो बचपन से जलकुकड़ा है। खबरदार जो रूद्र के बारे में एक बार भी कुछ कहा तो!"


    रेहान को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। उसने मुंह बनाकर कहा "बुड्ढा हो गया फिर भी आदत नहीं गई इसकी। ऐसा क्या है उसमें जो आज भी लड़कियां दीवानी बनी पड़ी है उसके पीछे? शक्ल तो एक जैसी है हमारी।"


     लावण्या ने हंस कर कहा "सिर्फ शक्ल एक जैसी है, स्वैग नहीं। अपना रूद्र तो हर लड़की पर आज भी जादू चलाना जानता है, हाय!" रेहान सिंघानिया की नाराजगी जायज थी। आज भी उसकी बीवी उसको नहीं, उसके भाई को सपोर्ट करती थी।


   लावण्या ने रेहान को इग्नोर किया शरण्या से पूछा, "लेकिन अभी परफॉर्म कौन कर रहा है? रूद्र या.......……?"


    शरण्या ने सीधे से जवाब न देकर कहा, "खुद देख लो आप, कौन क्या कर रहा है। मैं तो थोड़ी देर आराम करूंगी। इन लोगों का हो जाए तो बताना।" लावण्या ने सामने रखें फूलों से शरण्या के सर पर मारा।


    इधर स्टेज पर खड़े तीनों भाई-बहन हैरानी से सामने होते परफॉर्मेंस को देखे जा रहे थे। एक का परफॉर्मेंस कम था जो दूसरा भी साथ देने चला आया। अभी तक किसी ने भी वहां डांस कर रहे दोनों लोगों का चेहरा नहीं देखा था लेकिन उन दोनों के परफॉर्मेंस ने सबको अपनी जगह पर थिरकने पर मजबूर कर दिया था।


    काया जानती थी कि दोनों में से एक ऋषभ है लेकिन ऋषभ कौन है, और वो दूसरा कौन है यह उसे नहीं समझ आ रहा था। अव्यांश हैरान होकर बोला "क्या डांस करता है यार! लाइक मुझे लगता है जैसे मैं प्रभु देवा को देख रहा हूं।"


    काया ऋषभ की इतनी तारीफ नहीं सुन सकती थी। इसलिए उसने कहा "प्लीज भाई! कहां प्रभु देवा और कहां यह दोनों। चांस ही नहीं है। हां ठीक है अच्छा डांस कर रहे हैं लेकिन उस लेवल का भी नहीं है।"


     दोनों बाप बेटे ने अपनी परफॉर्मेंस खत्म की और अपने सर पर पहना हैट उतार कर दो अलग-अलग दिशाओं में उछाल दिया। उन दोनों का चेहरा देखकर सिद्धार्थ ने हैरानी से कहा "यह रुद्र यहां? तुझे पता था कि ये आ रहा है?"


     सारांश ने भी असमंजस में कहा "नहीं! मुझे इस बारे में कुछ पता नहीं था। उसने तो कहा था कि वह नहीं आ पाएगा।"


     सिद्धार्थ ने चारों तरफ देखा तो पाया, शरण्या लावण्या के साथ ही बैठी थी। उसे देख सिद्धार्थ अपनी जगह से उठा तो सारांश ने पूछा "कहां जा रहे हो आप?"


      सिद्धार्थ ने एक नजर शरण्या की तरफ देखा और कहा "रुद्र की क्लास लगानी है ना? बस उसी का इंतजाम करने जा रहा हूं।"


     सिद्धार्थ चुपके से जाकर शरण्या के पीछे खड़े हो गए और शरण्या के व्हीलचेयर को धक्का देकर वहां से दूर ले गए। लावण्या ने पहले तो चौक कर रिएक्ट करना चाहा लेकिन सिद्धार्थ को देखकर वह शांत हो गई। और हमारी शरण्या! उसे तो जैसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। फिर भी उसने बड़े आराम से पूछा "कौन है आप और मुझे कहां लेकर जा रहे हैं?"


     शरण्या के बोलने का अंदाज काफी कैजुअल था। सिद्धार्थ ने मजाक में कहा "आपको किडनेप किया जा रहा है मैडम। अगर आपको अपनी जान बचानी है तो अपने पति से बोलना कि..........."


    सिद्धार्थ की बात पूरी होने से पहले ही शरण्या बोली "मेरे पति को यह सब की आदत नहीं है। और मैं नहीं चाहती कि वह सब लफड़े में पड़े। रही बात मेरी जान बचाने की तो मैं अकेली काफी हूं। उसे बुलाने की कोई जरूरत नहीं है।"


      सिद्धार्थ हंस दिया और शरण्या को लेकर वहां से जाने लगा। लेकिन एकदम से रुद्र सामने आकर खड़ा हो गया और बिना कुछ सोचे समझे एक पंच सिद्धार्थ को मारा।



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Dil Na Jaaneya दिल ना जानेया|



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