सुन मेरे हमसफर 235

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   स्टेज पर खड़ी सुहानी ने सबकी तरफ देखकर कहा "मुझे नहीं पता था यह चंपू इतना अच्छा डांसर है! वैसे ठीक-ठाक कर लेता है, इतना कुछ खास भी नहीं है।"


       काया उसकी बात को करेक्ट करते हुए बोली "बिल्कुल गलत! अंशु हमारे परिवार का रौशन चिराग है और बेहतरीन डांसर भी। तुझे ये बात कैसे पता नहीं?"


     सुहानी ने चिढ़कर कहा "कुछ ज्यादा ही तरफदारी नहीं कर रही तू उसकी? कोई डील वील हुई है क्या तुम दोनों के बीच जो इतना साइड लिया जा रहा है?"


     काया अपनी आंखें नचाकर बात को पलटते हुए बोली "वैसे तुझे नहीं लगता कि अब तक जो भी परफॉर्मेंस हुई है वह हमारी तरफ से हुई है। दूसरे साइड की परफॉर्मेंस तो हमने देखी नहीं। उनकी कोई तैयारी है भी या नहीं?"


    सुहानी का ध्यान भी इस ओर डाइवर्ट हो गया। उसने कुणाल की तरफ इशारा करके बोला "क्या बात है जीजू! आपकी तरफ से कोई परफॉर्मेंस हमें देखने को मिलेगी भी या नहीं? या फिर पहले ही हार मान ली है आप लोगों ने?"


      कुणाल ने कुछ कहा लेकिन उसके पास माइक नहीं था। काया भागते हुए नीचे उतरी और कुणाल के सामने माइक देकर खड़ी हो गई। कुणाल ने काया का हाथ पकड़ा और कहा "टांगे टूटी है मेरी। क्या करूं कैसे करूं?"


     काया ने माइक अपनी तरफ किया और बोली "जीजू! जरूरी थोड़ी है कि पैरों पर ही डांस किया जाए। इंसान हर तरह का डांस कर सकता है, बैठे-बैठे लेटे लेटे। कुछ तो तैयारी की होगी आपने या आपकी फैमिली ने।"


      कुणाल अफसोस करता हुआ बोला "क्या करूं! मेरी फैमिली तुम्हारी फैमिली जितनी बड़ी नहीं है। काश तुम लोगों की तरह मेरी भी कोई सिबलिंग होता। वह मेरे लिए जरूर कुछ करता।"


   काया को हंसी आ गई। उसे इस बात का जवाब देना था लेकिन उसने कुछ कहा नहीं। लेकिन सुहानी कहां से चुप रहने वाली थी! उसने कहा "सॉरी जीजू! इस बात की कंप्लेंट आप हमसे नहीं बल्कि, अपने अपने पेरेंट्स से की होती वह भी बरसों पहले तो शायद आप यह शिकायत अभी नहीं कर रहे होते। इस मामले में आपके पैरेंट्स ही कुछ कर सकते थे।"


   सुहानी के इस हाजिर जवाब पर पूरा हॉल ठहाकों से भर उठा। कुणाल थोड़ा सा झेंप गया और बोला "अब क्या ही कर सकते हैं। उस टाइम मुझे लगता था कि मैं अकेला पूरे घर पर राज करूंगा और पूरी प्रॉपर्टी मेरी होगी लेकिन पासा उल्टा पड़ गया। खैर अब क्या कर सकते हैं। फिर भी मैंने सोचा था कि मैं तुम्हारी बहन के साथ प्रेक्टिस करूंगा लेकिन तुम्हारी बहन ने कोई प्रैक्टिस करवाई नहीं है। अब हमारी तरफ से तुम लोग देख लो। बाकी का मुझे पता नहीं।" काया और सुहानी दोनों ने अपना सर पीट लिया।


      सुहानी अपना गला खराशते हुए बोले "उम्मीद तो कुछ ऐसी ही थी। वैसे भी आप लोगों से कुछ होने वाला नहीं है।"


   सुहानी का इतना ताना देना ही था कि स्टेज पर एक आवाज गूंजी "और यह बात किसने कही?"


    इस अनजान आवाज को सुनकर सभी चौंक गए। सुहानी ने अपने पीछे और फिर चारों तरफ नजर दौड़ाई लेकिन उसे कोई नजर नहीं आया। सुहानी उस आवाज को पहचानने की कोशिश करते हुए बोली "कौन है जो यहां स्पेशल एंट्री करने का सोच रहा है? हम भी तो देखे उसका चेहरा।"


     एक आवाज फिर से गूंजी "हम तो अपने आप में स्पेशल है। एंट्री चाहे कहीं से भी ले, वो एंट्री अपने आप ही खास हो ही जाती है।"।


    यह आवाज थोड़ी दूसरी थी जिसे सुहानी नहीं पहचान पाई। लेकिन काया का दिल धड़क उठा।




*****




    प्रेरणा के ड्रेस की जीप टूट गई थी जिस वजह से उसे परफॉर्मेंस के बीच में ही काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। लेकिन अव्यांश ने अपने हिसाब से उसे संभाल लिया था। अपनी हालत को इमेजिन कर प्रेरणा का मन रोने को हो गया और दो बूंद आंसू उसकी आंखों से गिर गए।


    अगर कुछ गड़बड़ हो जाती या किसी को पता चल जाता या अव्यांश वहां नहीं होता तो यह बात मीडिया में पहुंचने देर न लगती और उसके करियर पर असर पड़ता जो वह अफोर्ड नहीं कर सकती थी। प्रेरणा ने अपने आंसू पोछे और इधर उधर नजर दौड़ाई। वहां कमरे में कपड़ों की एक पूरी ट्रॉली रखी हुई थी उसमें से उसने अपने हिसाब से एक ड्रेस उठाया और लेकर चेंजिंग रूम में चली गई।


    इस बार उसने क्रॉप टॉप या लहंगे की बजाए एक सिंपल ऑफ शोल्डर गाउन सिलेक्ट किया था। कपड़े बदलकर जब बाहर निकाली और आईने में सामने खड़े होकर खुद को सही करने लगी तो उसे महसूस हुआ कमरे में कोई है। उसने चौंकते हुए पलट कर देखा तो पार्थ को देखकर हैरान रह गई। पार्थ नाराजगी से बोला "अब मुझसे बातें छुपाई जा रही है।"


     प्रेरणा ने बड़े ही कैजुअल अंदाज में कहा "मैंने कौन सी बात छुपाई तुमसे?"


     पार्थ उसके पास आया और आईने के बराबर खड़े होकर बोला "तुम्हारा इंडिया वापस आने का प्लान था लेकिन इस बारे में तुमने मुझे कुछ नहीं बताया।"


    प्रेरणा ने शिकायती लहजे में कहा"कुहू की शादी तय हो गई थी इस बारे में भी तुमने मुझे कुछ नहीं बताया। पिछले 1 महीने से तुमने मुझे कॉल नहीं किया है।"


     पार्थ भी नाराजगी से बोला "तो क्या तुम्हें टाइम मिला है मुझे फोन करने का? और वैसे भी, अब तुम मुझसे क्यों बात करोगी? तुम्हें तो पेरिस में मिल गया होगा कोई बॉयफ्रेंड और तुम मूव ऑन गई होगी। पिछले 1 महीने से मैं यही सोच रहा हूं कि अगर ऐसा कुछ नहीं होता तो मुझे जरुर फोन करेगी।"


     अपने बालों में कंघी करते हुए प्रेरणा के हाथ रुक गए। उसने नाराजगी से पार्थ की तरफ देखा और कंगी वही पटक कर जाकर वहां लगे सोफे पर बैठ गई। पार्थ को समझ आ गया और वह भी जाकर उसके ठीक सामने बैठ गया। प्रेरणा ने अपने हथेलियां में अपना चेहरा छुपा लिया तो पार्थ ने उसका हाथ पकड़ कर पूछा "क्या हुआ? सच में मुझे लगा था कि तुम अपनी लाइफ में मूव ऑन कर गई हो।"


    प्रेरणा ने अपने चेहरे पर से हाथ हटाया और आंखों में आंसू भर कर बोली "काश! ये मूव ऑन करना इतना आसान होता। लेकिन मैं नहीं कर पाई। मैं आज भी वही खड़ी हूं, अपने पास्ट में।"


    पार्थ ने आगे बढ़कर प्रेरणा को गले लगा लिया और बोला, "सॉरी! ये सारी मेरी गलती है। सब ठीक हो जाएगा।"






 आखिर चल क्या रहा है दोनों में?





मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं 🎉

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