सुन मेरे हमसफर 303

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अवनी जाकर बेड पर लेट गई लेकिन नींद उनकी आंखों में नहीं था। अवनी निशी से बहुत ज्यादा नाराज थी। आखिर उन सबके प्यार का उसने यह सिला दिया था। उसके जाने से अव्यांश किस कदर बिखर गया था, ये सोच कर ही अवनी अंदर तक कांप जाती थी।

 सारांश कमरे में आए। उन्होंने बेड की तरफ देखा लेकिन अवनी दूसरी तरफ़ करवट करके सोई हुई थी। उन्होंने अपना फोन लिया और बाहर निकल गए। अवनी ने पलट कर देखा और वह समझ गई कि सारांश क्या करने जा रहे हैं लेकिन उन्होंने उनको रोका नहीं।

 सारांश कॉरिडोर के आखिरी में आए और एक बार ऊपर आसमान की तरफ देखा। कुछ देर सोचने के बाद फाइनली उन्होंने एक नंबर डायल किया। कुछ देर रिंग जाने के बाद दूसरी तरफ से कॉल रिसीव हुआ तो उन्होंने पूछा “सोए नहीं थे तुम अभी तक?”

दूसरी तरफ से अव्यांश की आवाज आई “नींद नहीं आ रही थी। लेकिन आप इस टाइम क्यों जाग रहे है?”

 सारांश ने कहा “पहले भी जब तक तू सोता नही था, हमे नींद नहीं आती थी।“

अव्यांश क ने पूछा, “तो इसके लिए आपने फोन किया?”

सारांश ने कहा “अपने आप को टर्रा मत करो। एक बार कोशिश तो करो शायद बात बन जाए।“

 अव्यांश ने पूछा “आपको ऐसा क्यों लगता है डैड कि सब ठीक हो जाएगा? अब कुछ ठीक नहीं होगा। जो होना था वह हो चुका है। इसके बाद आप कोई उम्मीद मत रखिएगा। हमारा अलग हो जाना ही सही था।“

 सारांश ने बताया “अव्यांश! निशी आई है यहां पर।“

 अव्यांश को हैरानी हुई लेकिन उसने इस बारे में कुछ नहीं पूछा। सारांश ने कहा “मुझे लगता है वह तुम्हारे लिए ही आई है। तुम्हारे बारे में पूछ रही थी। आई थिंक तुम्हें यहां आ जाना चाहिए।“

 अव्यांश ने इनकार करते हुए कहा “सॉरी डैड! लेकिन मैं वहां नहीं आ सकता। आप लोग देख लीजिए क्या करना है। अगर उसका कुछ रह गया है तो लेकर वापस चली जाए। ना मुझे उससे मिलना है और ना ही उसका चेहरा देखना है। वो चली जाए तो मुझे फोन कर दीजिएगा।“

 सारांश ने उसे समझाना चाहा लेकिन अव्यांश ने तब तक फोन काट दिया था। “ यह लड़का भी ना, क्यों इतना जिद्दी है? आखिर इस सबमें उसकी क्या गलती?”

 अवनी ने पीछे से आवाज दी “और इस सबमें अंशु की क्या गलती? उसने आने से मना कर दिया ना? जानती थी मैं, इसलिए आपको नहीं रोका। आप भी जानते हैं कि वो नहीं मानेगा फिर भी आप उसे मनाने की कोशिश कर रहे हैं।“

 सारांश ने अवनी को समझाते हुए कहा “तुम भी अपने बेटे के जिद्द में उसका साथ दे रही हो। ऐसा करके वह अपनी पूरी लाइफ खराब कर लेगा। निशी यहां सिर्फ अंशु के लिए आई है, इसका मतलब क्या है? इसका यही मतलब है कि वह भी इस रिश्ते को एक मौका देना चाहती है। अगर वह चली गई तो क्या हम जिंदगी भर अंशु को ऐसे संभाल पाएंगे? कभी नहीं। एक बार फिर मैं उसे रोते हुए नहीं देख सकता।“

 अवनी की आंखों में आंसू आ गए। “मैं जानती हूं मैं क्या कर रही हूं। लेकिन मैं यह भी जानती हूं कि यह बात उन दोनों के बीच एक गांठ बनकर रह जाएगी। निशि ने किसी तीसरे को मौका दिया कि वह दोनों के बीच आए। उस तीसरे ने क्या किया, ये भी सामने है। अंशु चाह कर भी नहीं भूल सकता। एक उसकी वजह से इस घर में क्या कुछ हो गया। मैं अभी भी कह रही हूं, अंशु के साथ कोई जबरदस्ती मत करिएगा वरना उसे संभालना मुश्किल हो जाएगा।“ अवनी फौरन वहां से निकल गई। सारांश अपना फोन हाथ में लिए सोचते रहे।

निशि जब फ्रेश होकर बाथरूम से निकली तो दरवाजे पर दस्तक हुई। घर का एक नौकर हाथ में दूध का गिलास लेकर खड़ा था। निशि ने इनकार करते हुए कहा “मुझे नहीं चाहिए, आप वापस ले जाओ।“

 नौकर ने कहा “दादी मां ने कहा है आपको पीने के लिए। आप थकी हुई है तो इससे और अच्छी नींद आएगी।“

ये सिया ने भिजवाया था इसलिए निशी को लेना पड़ा। नौकर जब वापस जाने लगा तो निशि ने एकदम से उसे पीछे से टोका और पूछा “एक बात बताओ, यह कमरे से कुछ तस्वीरें गायब है, किसने हटाया?”

 निशी को पूरा यकीन था कि उनकी शादी की तस्वीर अव्यांश ने ही हटवाया होगा। लेकिन नौकर ने बताया “अवनी मैम ने यहां से कुछ समान हटवाया था। उसमें कुछ तस्वीरें भी थी। एक बात पूछूं बहुरानी?”

 निशी ने कहा “हां पूछिए।“

 नौकर ने पूछा “आपके और अंशु बाबा के कुछ हुआ है क्या? मैंने उनको इतना परेशान कभी नहीं देखा। आपके जाने के बाद अवनी मैम ने आप दोनों की शादी की तस्वीर यहां से हटाई तो अंशु बाबा वहीं बैठे थे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। मैं जानता हूं मुझे यह सवाल नहीं करना चाहिए था फिर भी...!”

 निशी ने धीरे से मुस्कुराकर कहा “कोई बात नहीं। आप इस घर को अपना मानते हैं इसलिए आपने यह सवाल किया। लेकिन आप चिंता मत कीजिए, सब ठीक हो जाएगा। जो ठीक नहीं है उसे मैं सही करके रहूंगी इसलिए तो आई हूं। वैसे आप जानते हैं अव्यांश कहां है? इस टाइम कहां होंगे और घर कब आयेंगे?”

 नौकर ने सर झुकाकर कहा “मुझे नहीं। पता आजकल वह घर पर ज्यादा देर रुकते नहीं है। आते हैं चले जाते हैं। ऐसा लगता है शायद आपके जाने के बाद कुछ ऐसा हुआ है जो घर में सभी परेशान है। हमसे किसी को इस बारे में कुछ नहीं पता। क्या आप जानती हैं?”

निशी ने इनकार कर दिया और कहा, “रात बहुत हो रही है,, आप जाकर सो जाइए।“ नौकर वहां से चला गया और निशी ने दरवाजा बंद कर लिया।

“ यहां से तस्वीर मॉम ने हटवाई है यानी उनको पता है कि हमारे बीच क्या हुआ है। लेकिन दादी का क्या? क्या वो जानती है इस बारे में? उनके बिहेवियर से तो मुझे बिल्कुल भी नहीं लगा कि उन्हें कुछ पता होगा। लेकिन मुझे यहां देखकर वो लोग कितना परेशान हो गए थे। कहां हो तुम अव्यांश! प्लीज वापस आ जाओ। मुझे तुमसे बहुत जरूरी बात करनी है, प्लीज!” निशी बिस्तर पर लेटी बस अव्यांश के बारे में ही सोचे जा रही थी। उसे कैसे भी करके अव्यांश से बात करनी थी लेकिन अव्यांश ने तो जैसे सारे रिश्ते तोड़ रखे थे। जो सोचकर वह आई थी पता नहीं वह काम कब तक होगा।

जब अव्यांश ने फोन नहीं उठाया तो इस बार निशि ने उसे कॉल करने का मैसेज छोड़ा और सोने की कोशिश करने लगी। लेकिन मन में इतना कुछ चल रहा था तो नींद कैसे आती। सुबह के करीब उसकी आंख लगी।






"देखो मैडम! मैं जो भी कर रहा है वह सब इल्लीगल है। अगर हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोई इस बारे में पता चला तो वो लोग कल के कल मुझे नौकरी से निकाल देंगा।"

वेदिका श्रीवास्तव ने फाइल चेक करते हुए कहा "अगर तुम्हें अस्पताल से निकल भी देंगे तब भी तुम्हारे पास इतना पैसा होगा कि तुम किसी और शहर में जाकर आराम से कहीं दूसरी नौकरी तलाश कर सकती हो। तो मुझे अपना यह डर दिखाने की जरूरत नहीं है।"

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