सुन मेरे हमसफर 301

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 शिवि इस टाइम हॉस्पिटल के केबिन में बैठे कुछ बातों को सोच रही थी। पार्थ अपने एक हाथ में सैंडविच और एक हाथ में दो मग कॉफी लेकर आया औ शिवि के सामने रखकर कहा "खा लो इसे वरना खाली पेट गैस बन जाएगा और तुम्हारा हसबैंड बेचैन हो जाएगा।"


शिवि ने पार्थ को घूर कर देखा तो पार्थ ने कहा "ऐसे क्या देख रही हो? झूठ नही बोल रहा मैं। कुछ ज्यादा ही प्यार करता है वो तुमसे। गैस तुम्हें होगा और दवाइयां उसे खानी पड़ेगी। कुछ ज्यादा शो ऑफ नहीं करता है वह?"


 एकदम से पार्थ का ध्यान शिवि के फोन पर गया जिसकी स्क्रीन चमक रही थी। फोन साइलेंट पर था इसलिए किसी को कुछ पता नहीं चला। उसने शिवि के फोन की तरफ देखकर कहा "निशी तुम्हें फोन कर रही है, उठाओ।"


 शिवि ने कुछ नहीं कहा लेकिन जैसे ही पार्थ ने फोन लेने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया शिवि ने एक फाइल लेकर पार्थ के हाथ पर मारा और कहा "इससे तुम्हें कोई मतलब नहीं होना चाहिए। वह मुझे फोन कर रही है तुम्हें नहीं।"


जब कॉल कट गया तब जाकर पार्थ ने देखा कि निशि के एक नहीं बल्कि कई मिस्ड कॉल आ चुके थे। उसने पूछा "यह सब करके क्या मिलेगा?"


 शिवि ने फाइल साइड में रखी और कहा "पता नहीं। लेकिन अंशु नहीं चाहता कि हम में से कोई उससे बात करें। सच कहूं तो मैं खुद भी किसी से बात करने के मूड में नहीं हूं।"


 पार्थ ने शिवि के हाथ पर अपना हाथ रखने के लिए बढ़ाया लेकिन उसे एहसास हुआ कि अब शिवि की शादी हो चुकी है इसलिए उसने अपना हाथ वापस खींच लिया और कहा "इस सबसे प्रॉब्लम सॉल्व नहीं हो जाएगी। आखिर कब तक तुम लोग इस तरह रिएक्ट करोगे? माना अव्यांश ने निशी से बात करने से मना किया है लेकिन आखिर कब तक उसे अवॉयड कर सकेंगे? इस बारे में उसे सच बताना ही होगा।"


 एक बार फिर शिवि के फोन की स्क्रीन जल उठी। इस बार भी निशि ही फोन कर रही थी। लेकिन इससे पहले की शिवि कोई रिएक्ट कर पाती, पार्थ ने एकदम से फोन आंसर किया और स्पीकर पर डाल दिया। दूसरी तरफ से निशी की हड़बड़ाई सी आवाज आई "हेलो शिवि दी! कहां है आप लोग? कैसे हैं सब? मैं पिछले कई दिनों से फोन ट्राई कर रही हूं लेकिन किसी से मेरी बात नहीं हो पा रही है। सब ठीक तो है ना? हेलो! हेलो शिवि दी! आप मेरी आवाज सुन रही है ना?"


 निशि को दूसरी तरफ से किसी की कोई आवाज नहीं आई तो उसे लगा कहीं गलत नंबर तो नहीं लग गया। उसने चेक किया तो यह नंबर शिवि का ही था लेकिन शायद हो सकता है वन वे हो गया हो। उसने एक बार फिर कोशिश की और कहा "हेलो शिवि दी! आपको मेरी आवाज आ रही है?"


 शिवि ने गुस्से में पार्थ की तरफ देखा लेकिन पार्थ ने मुस्कुराकर कहा "हां हेलो निशि, मैं बोल रहा हूं पार्थ।"


 पार्थ की आवाज सुनकर निशी थोड़ी राहत की सांस ली और कहा "पार्थ भैया आप? शिवि दी कहां है?"


पार्थ ने अनजान बनते हुए कहा "शिवि! वह तो अभी किसी सर्जरी में बिजी है। तुम बताओ कुछ अर्जेंट है क्या जो उसे ढूंढ रही हो?"


निशी ने जबरदस्ती मुस्कुरा कर कहा "नहीं भैया ऐसा कुछ नहीं है। मैं तो बस यह पूछ रही थी कि घर में सब कैसे हैं? वह क्या है ना, मेरी किसी से बात नहीं हो पा रही है। जब से मैं यहां आई हूं मुझे कहीं से कोई खबर नहीं मिल रही। कितना भी फोन करूं कोई फोन ही नहीं उठाता। कुछ हुआ है क्या?"


 शिवि ने अपना सर पकड़ लिया यह सोचकर कि ना जाने आप पार्थ क्या जवाब देगा। पार्थ ने गंभीर होकर कहा "निशि! तुम्हें यहां से नहीं जाना चाहिए था।"


 निशी घबरा गई। उसने पूछा "क्या हुआ है भैया, कुछ हुआ है क्या? आप कहो तो मैं अभी वापस आ जाती हूं।"


 पार्थ ने उसे रोकते हुए कहा "अरे सब ठीक है, और अब आकर क्या करोगी तुम? तुम्हारी कजिन की शादी थी ना जज तो उसे अटेंड करके ही आना।"


 निशि को पार्थ के बातों पर भरोसा नहीं हुआ। उसने पूछा "पार्थ भैया! आप सच बताइए, क्या हुआ है वहां पर?"


 पार्थ ने शिवि की तरफ देखा और कहा, "यह पूछो क्या नहीं हुआ है। तुम्हारा पति, तुम उसे छोड़कर क्या गई वो तो अपनी बैचलर लाइफ जी रहा है। यही कारण है कि वह तुम्हारा फोन नहीं उठा रहा। तुम्हें पता है जिस दिन तुम गई थी उस दिन उसने क्या किया था?"


 निशी को याद आया, मीनू ने उसे अव्यांश के कुछ फोटोज भेजी थी जो क्लब का था, जहां वह प्रेरणा के साथ था। उसने अनजान बनते हुए पूछा "क्या किया था उसने?"


 पार्थ ने कहा "तुम्हारा हस्बैंड एक नंबर का सनकी इंसान है। कब क्या करता है किसी को पता नहीं चलता। कितना मना किया था हम लोगों ने लेकिन वह माने तब तो। इतनी मुश्किल से उसने रेसिंग छोड़ी थी, लेकिन इन लोगों ने वापस से उसे उसी ट्रैक पर डाल दिया।"


 निशी को समझ नहीं आया। उसने पूछा "आप साफ-साफ बताइए ना भैया, बात क्या है।"


 पार्थ ने अपनी बात डिटेल में समझाया "अवनी आंटी ने अंशु की यह रेसिंग की आदत छुड़वाया थी, लेकिन जिस दिन तुम गई थी उस दिन ये भाई बहन रेसिंग ट्रैक पर थे। तुम्हें पता है अंशु ने कितना खतरनाक स्टंट किया था! आई मीन, इतने टाइम के बाद अगर कोई करेगा तो जाहिर सी बात है वह थोड़ा सा डेंजरस होगा ही। और इसी चक्कर में उसके सर पर अच्छी खासी चोट लगी है। देखना कहीं उसकी याददाश्त ना गुम हो गई हो।"


अव्यांश के एक्सीडेंट की खबर सुनकर निशी परेशान हो उठी। उसने घबरा कर पूछा "सर पर चोट लगी है? मतलब कहीं इसलिए तो वह मुझे अवॉइड नहीं कर रहा? पार्थ भैया! अव्यांश ठीक है ना? कहां है वह, कैसा है वह? मेरी उससे बात करवाइए प्लीज।"


 पार्थ ने एक बार फिर शिवि की तरफ देखा लेकिन इस बार शिवि ने इनकार में सर हिलाकर उसे कुछ भी बताने से मना कर दिया। पार्थ ने कहा "अभी वह कहां है यह तो मुझे नहीं पता लेकिन तुम परेशान मत हो वह ठीक है। मैंने उसके घाव में टांके लगा दिए थे और अगले कुछ दिनों में वह पूरी तरह से ठीक भी हो जाएगा।"


 निशि को संतुष्टि नहीं मिली। उसने कहा "भैया प्लीज एक बार मुझे उसे देखना है। अस्पताल में ही है ना वह या घर पर?"


 पार्थ ने इनकार करते हुए कहा "तुम्हें लगता है तुम्हारा हस्बैंड हॉस्पिटल में टिकेगा? बिल्कुल नहीं। उसने अपने घाव में टांके लगवाए और निकल पड़ा पार्टी करने। फिलहाल तो वह घर पर भी नहीं होगा, किसी काम में उलझा होगा। तुम खुद उसे कॉल करके बात कर लो। और वैसे भी जैसी उसकी हरकतें है ना, मेरा दिल कर रहा था उसे 8 10 टांके और लगा दूं। तुम बस जल्दी से आ जाओ। उसने मेरी नाक में दम करके रखा हुआ है।"


 निशी अभी भी घबराई हुई थी। उसने पूछा "इस कंडीशन में भी वह इंसान अपनी हरकतों से बात नहीं आ सकता क्या? मैं कोशिश करती हूं जल्दी आने की। लेकिन खबरदार जो मेरे हस्बैंड के बारे में आपने ऐसी वैसी कोई भी बात की तो! 15 20 टांके आपको लगवाने पड़ेंगे।"


 शिवि की हंसी छूट गई जिसे निशि ने सुन लिया। उसने पूछा "शिवि दी आ गई क्या?"


अब शिवि को निशी से बात करना ही पड़ा। "हाय निशि! कैसी हो? यहां पर सब ठीक है, तुम परेशान मत होना। अंशु बिल्कुल ठीक है। ऐसी छोटी मोटी चोटें उसे हमेशा लगती रहती थी। इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। तुम्हे इतनी जल्दी आने की जरूरत नहीं है। तुम आराम से आना। अंशु का इतना भी कुछ सीरियस नहीं था जितना यह तुम्हें बता रहा है। वह क्या है ना, जलता है अंशु से। जब से प्रेरणा आई है, इसे प्रेरणा के साथ टाइम नहीं मिला है बस इसीलिए वह तुम्हें जल्दी से क्या बुलाना चाहता है ताकि अंशु तुम्हारे साथ बिजी हो जाए और वह भी प्रेरणा के साथ डेट पर जा सके।"


 निशी ने हैरानी से पूछा "पार्थ भैया प्रेरणा के साथ डेट पर जाना चाहते हैं?"


 शिवि ने पार्थ की तरफ देखा और मुस्कुराकर कहा "हां! दोनों पिछले कई सालों से एक दूसरे को डेट कर रहे है एल। तुम्हें अव्यांश इस बारे में नहीं बताया?"


निशि के होश उड़ गए। कहां तो वह यह समझ रही थी कि अव्यांश और प्रेरणा एक साथ थे लेकिन यहां तो बात कुछ और ही निकली। उसने जल्दी से फोन रखा और अपने पर्स में कुछ ढूंढने लगी।


 रेनू जी कमरे में आई और पूछा "क्या हुआ तुम इतनी जल्दी चली आई? अब आ ही गई हो तो जल्दी तैयार हो जाओ हमें निकालना है।"


 निशी ने अपने छोटे से पर्स में से कुछ सामान निकाले और कुछ रखते हुए कहा "मम्मी आप चले जाओ मुझे भी कहीं और निकालना है।"


 रेनू जी ने उसे रोकते हुए कहा "इतनी हड़बड़ी में तुझे कहां जाना है? और तू किस बात कर रही थी?"


निशी ने अपना पर्स कंधे पर रखते हुए कहा "घर जा रही हूं मम्मी, अपने घर। मेरा वहां जाना बहुत जरूरी है। वहां पहुंचकर फोन करती हूं। मेरी तरफ से यहां सबसे माफी मांग लेना। मैं फोन करके सबको कह दूंगी कि कुछ जरूरी था इसलिए मैं वापस चली गई।"


 निशि ने बेड पर से अपना फोन उठाया और बाहर की तरफ भागी। रेनू जी पीछे से आवाज लगाती रह गई लेकिन निशि ने सुनी नहीं। 


शिवि ने पार्थ की तरफ देखा और कहा "अच्छा किया तुमने जो बात संभाल लिया।"


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