सुन मेरे हमसफर 277

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     प्रेरणा का सीधा सवाल सुनकर अव्यांश कुछ देर सोच में पड़ गया कि इस बारे में वह प्रेरणा को सारी सच्चाई बताएं या नहीं। प्रेरणा ने फिर से सवाल किया "अव्यांश तुम मुझे सच-सच बताओगे, कि ये सब हो क्या रहा है? क्योंकि जिस तरह तुमने निर्वाण को समझाया है इससे तो साफ पता चला मुझे की तुम्हारे दिमाग में कुछ और था और तुम उसे बता कुछ और रहे थे। अब सच सच बताओ, क्या प्लान है तुम्हारा?"


     अव्यांश ने प्रेरणा की तरफ देखा और कहा "मेरा प्लान वही है जो मैंने नीरू को समझाया था। इसके अलावा मुझे और कुछ नहीं चाहिए।"


    प्रेरणा ने सवालिया नजरों से अव्यांश को देखा और अपने दोनों हाथ बांधकर ऐसे खड़ी हो गई कि बिना जवाब जाने वह जायेगी नहीं। अव्यांश ने अंगूठे और उंगली से अपना सर सहलाया फिर बोला "मैं जो कुछ भी तुझे बताऊंगा तू वह अपनी तक रखेगी? किसी के साथ शेयर नहीं करेगी? देख प्रेरणा! इस बारे में मैं किसी से भी कुछ नहीं कहा है, यहां तक की डैड को भी इस बारे में कुछ नहीं पता। फिर भी मैं तुझे बता रहा हूं। आई होप कि तू मेरा कहा मानेगी। पहले मुझसे वादा कर।" अव्यांश ने अपना हाथ आगे कर दिया।


    प्रेरणा ने अव्यांश के हाथ पर अपना हाथ रख और कहा "वादा करती हूं तुझे, तू जो भी रहेगा वह मेरे तक ही रहेगा। हमारी दोस्ती की कसम। अब बता तो सही ऐसी क्या बात है जो तुमने किसी से नहीं कही? और ऐसा क्या है जिसके लिए तुम्हें यह सब कुछ करना पड़ा? कौन है वह लड़की? या फिर तुम लोग यह सब कुणाल के लिए कर रहे हो? लेकिन वह तो तुम्हारा अपना नहीं है और कुहू तो कुणाल से प्यार.........! मैं बहुत कंफ्यूज हूं। सच सच बताओ, मेरे पेट में प्रॉब्लम होनी शुरू हो गई है।"


    अव्यांश ने अपने सर पर हाथ मारा और कहा "यही तो मैं नहीं चाहता था। अब अगर प्रॉब्लम होनी शुरू हो गई है तो सुनो! कुणाल शिवि दी से प्यार करता है।"


    शिविका का नाम सुनकर प्रेरणा की आंखें हैरानी से फैल गई। उसने कहा "यह तुम क्या कह रहे हो? मतलब कुणाल एक बहन से इंगेज्ड है और वो दूसरी बहन से प्यार करता है।"


     अव्यांश ने गहरी सांस ली और कहा "एक बहन से इंगेज्ड है दूसरी से प्यार करता है और तीसरी उसकी एक्स है।"


      प्रेरणा का मुंह हैरानी से खुला का खुला रह गया। उसने अपने दोनों हाथ मुंह पर रखा और खुद को संभाल कर कहा "तीसरी? तीसरी कौन, नेत्रा तो नही?"


      अव्यांश ने हां में सर हिलाया और कहा "नेत्रा चाहती थी कि कुहू के बदले कुणाल के साथ वह मंडप में बैठे इसलिए हमें उसको इस सब में घसीटना पड़ा ताकि काम आसानी से हो सके।"


     प्रेरणा की समझ में अभी भी कुछ नहीं आया। उसने पूछा "अगर ऐसा है तो फिर कुहू के न होने का फायदा नेत्रा उठा सकती है। तुझे वह कहीं दिख रही है? हो सकता है जब हम लोग यहां है तो वो घरवालों के बीच खड़ी हो!"


     अव्यांश ने सीधे से कहा, "ऐसा नहीं हो सकता। नेत्रा कहां है ये किसी को नहीं पता क्योंकि वह भी वही है जहां कुहू दी है। दोनों ही बेहोश है और दोनों किसी कमरे में एक साथ पड़ी हुई है। अजीब बात है ना, जो दो लड़कियां आपस में सीधे मुंह बात नही करती और एक दूसरे आप पसंद नहीं करती वो दोनो एक साथ है।"

 

      प्रेरणा के दिमाग में अब तक सारी बातें साफ हो गई थी लेकिन एक सवाल अभी भी मन में रह गया था। उसने पूछा, "वो सब तो ठीक है लेकिन तुमने निर्वाण को इस बारे में कुछ नहीं क्यों नहीं बताया? तुमने निर्वाण को शिवि का नाम नहीं बताया।"


      अव्यांश ने कहा "हां क्योंकि कुणाल को लेकर उसका नजरिया कुछ सही नहीं है। मैं भी कुणाल के बारे में कुछ ऐसा ही सोचता था। मुझे भी वो बिल्कुल भी पसंद नहीं था लेकिन क्या है ना, कुछ ऐसी बातें हुई जिसकी वजह से कुणाल के प्रति मेरा नजरिया काफी कुछ बदल गया। इसमें उसने ऐसा कुछ नहीं किया, ना ही उसने मुझे कन्वेंस करने की कोशिश की और यही बहुत बड़ी बात थी।

    प्रेरणा को अव्यांश की बात समझ नहीं आई। उसने पूछा "क्या मतलब?"


     अव्यांश ने कहा "मैने कुणाल से शिवि दी के बारे में बात की तो उसने मेरे सामने सब कुछ सच सच पूरी ईमानदारी से बता दिया। उस टाइम तो मेरा खून खौल रहा था लेकिन उसने मुझे रोकने की बिल्कुल भी कोशिश नही की। बाद में इस बारे में मैंने इनडायरेक्ट अपने फ्रेंड से बात की, आई मीन अपने डैड से। उन्होंने मुझे जो समझाया उसके बाद तो मुझे यही लगा कि कुणाल वाकई में मेरी बहन से बहुत प्यार करता है, कुहू दी से नहीं बल्कि शिवि दी से। बस तभी डिसाइड कर लिया था।"


    प्रेरणा को अव्यांश की बाते सही तो लगी लेकिन अचानक से उसे कुछ याद आया और उसने कहा, "लेकिन तुमने एक गलती कर दी तुम्हें निर्वाण को वहां नहीं भेजना चाहिए था। किसी और बहाने से कहीं और भेज देते। अगर घरवालों ने डिसाइड कर लिया कि घर की बड़ी बेटी होने के नाते शिवि से सबसे पहले बात की जाए तो फिर निर्वाण को सच पता चलते देर नहीं लगेगी। फिर वो क्या करेगा?"


     अव्यांश को भी अब जाकर ख्याल आया। उसने कहा "हे भगवान! सच में। कुहू दी के बाद घर की सबसे बड़ी बेटी शिवि दी है। ऐसे में अगर बात बन भी जाती है तो निर्वाण कोई ना कोई तिगड़म लगाकर यह रिश्ता होने नहीं देगा। हमें उसे रोकना होगा।" प्रेरणा का हाथ अभी भी अव्यांश के हाथ में था। दोनों उसी हाल में उस ओर दौड़ पड़े। दूर खड़ी निशी भले ही उनकी बातें न सुन पा रही हो लेकिन उसकी नजर पूरे टाइम उन्हीं दोनों पर थी। 


     अंशु और प्रेरणा भागते हुए घरवालों के पास जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही उन्हें निर्वाण आता हुआ दिखाई दे गया। इस टाइम वो काफी खुश नजर आ रहा था। उसे ऐसे खुश देख अंशु ने पूछा, "तू इतना खुश क्यों दिखाई दे रहा है? बरात वापस चली गई क्या?"


    निर्वाण ने हंस कर कहा, "गई नही है लेकिन जाने वाले वाली है। घर वालो ने शिवि दी को इस रिश्ते के लिए तैयार होने को कहा लेकिन उन्होंने साफ साफ मना कर दिया है। अब तो कुणाल को वापस जाना ही पड़ेगा।"


     शिवि ने मना कर दिया ये सुनकर प्रेरणा और अंशु के होश उड़ गए। वो दोनो निर्वाण को वहां छोड़ आगे की तरफ भागे। उन्हें कैसे भी करके शिवि को मनाना था। 

टिप्पणियाँ

  1. Jan shivi ke man mai Kunal ko lekar koi feelings nhi hai to avyansh kyu Kunal ki side hokar uski shadi shivi se karwana chahta hai ,aise to kuhu Kunal ko pyar karti hai jaise Kunal shivi ko yadi vo Kunal ki feelings ki respect kar uski shadi shivi se karwata hai to ye bilkul galat h

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