सुन मेरे हमसफर 234

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     निशि को अव्यांश और प्रेरणा की ये नजदीकियां बर्दाश्त नहीं हो रही थी। लेकिन वह यहां सब के बीच कोई तमाशा कर भी नहीं सकती थी। 'लेकिन ये लड़की है कौन जो इसके साथ इतने क्लोज होकर डांस कर रही है? और वो भी इतना कंफर्टेबल है!'


     निशि ने प्रेरणा की असलियत जानने के लिए घर वालों की तरफ देखा। उसके मां पापा के चेहरे पर हल्की नाराजगी और थोड़ी मायूसी नजर आ रही थी। शायद वह यहां अव्यांश और निशि को एक्सपेक्ट कर रहे थे लेकिन मित्तल परिवार बिल्कुल शांत था। वह लोग खुश थे।


   अपने ससुराल वालों के चेहरे पर किसी तरह की कोई नाराजगी निशि को नजर नहीं आई। उसे यह बात अजीब लगी। और कोई नहीं तो कम से कम सारांश तो कभी भी ऐसा कुछ नहीं होने देते और ना ही अव्यांश की दादी। बाकी सब से कहीं ज्यादा वह दोनों निशी सपोर्ट करते थे। तो क्या यह लड़की कोई जानी पहचानी है?' निशि ने गुस्से में अव्यांश की तरफ देखा लेकिन अव्यांश था की प्रेरणा की आंखों में खोया हुआ था। निशी गुस्से में उठी और वहां से चली गई।



      अवनी से रहा नही गया तो उन्होंने धीरे से सारांश से पूछा "निशि कहां है? उसे यहां हमारे साथ होना चाहिए था।"


      सारांश सामने देखकर बोले "उसे हमारे साथ नहीं, सामने होना चाहिए था।"


    अवनी भी चारों तरफ नजर दौड़ा कर बोली "यही बात तो मैं भी सोच रही हूं। प्रेरणा के आने की खबर तो हमें बिल्कुल नहीं थी। हम तो उसे भूल ही गए थे। अंशु को निशी के साथ परफॉर्म करना लेकिन इन दोनों ने अपना परफॉर्मेंस एक साथ रखा, क्यों? इस बारे में अंशु ने आपसे कुछ कहा था?"


      सारांश ने इनकार में सर हिला दिया और बोले "पता नहीं उसके दिमाग में क्या चल रहा है। मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा।" सारांश इतना तो समझ गए थे अंशु यह सब सिर्फ और सिर्फ निशि को दिखाने के लिए कर रहा है। लेकिन क्या अंशु वाकई इतना डेसपरेट हो गया था? क्या अब और कोई रास्ता नहीं था? अव्यांश और निशि के रिश्ते का फ्यूचर सोच कर सारांश परेशान हो गए।


     अवनी ने धीरे से पूछा "अंशु और निशि के बीच सब ठीक तो है ना? उन दोनों के बीच की जो प्रॉब्लम थी वह तो सॉल्व हो गई थी ना?"


      सारांश ने तिरछी नजरों से अवनी की तरफ देखा जो उन्ही को देख रही थी। वह बोले "उन दोनों के बीच की जो भी प्रॉब्लम है वह उन दोनों को ही सॉल्व करनी होगी। आपस में मिलकर बैठकर अपने बीच की सारी गलतफहमियों को दूर कर दे वही अच्छा है। सच कहूं तो मुझे यकीन नहीं होता अंशु निशी को जलाने के लिए प्रेरणा को यूज कर सकता है।"


    अवनी ने सारांश का हाथ कसकर पकड़ लिया और बोली "हमारा बेटा ऐसा नहीं है। उसका और प्रेरणा का रिश्ता तो हम सब अच्छे से जानते है। ये कोई पहली बार तो नही। देखो ना! प्रेरणा के साथ वह फिर से पहले जैसा बन गया है। पिछले कुछ दिनों में मैंने उसे बहुत परेशान देखा है। लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई कुछ पूछने की।"


     सारांश ने अवनी के हाथ पर हाथ रखकर कहा "तुम्हें उससे पूछना चाहिए था। अभी भी देर नहीं हुई है। तुम्हारा बेटा है वह।"


    अवनी मुस्कुरा कर बोली "मैंने अगर पूछा भी तो वह मुझसे कभी खुलकर बात नहीं कर पाएगा। वह आपका बेटा है। उसकी लाइफ में कोई भी प्रॉब्लम होगी तो हमेशा की तरह वह आपसे ही शेयर करेगा और वह बात आप मुझे बता सकते हैं।"


     सारांश अपनी परेशानी छुपाते हुए बोले "फिलहाल तो मुझे भी इस बारे में कुछ नहीं पता। एक बाप कितना भी अच्छा दोस्त क्यों न बन जाए, लेकिन हर इंसान अपने अंदर कुछ ना कुछ राज छुपा कर ही रखता है जो वह किसी से नहीं कह सकता। हमारा बेटा भी वही कर रहा है। लेकिन इतना जानता हूं, जब तक वो संभाल सकता है, संभाल लेगा। जब बात जरूर से ज्यादा बढ़ जाएगी तब वह जरूर आएगा मेरे पास। तुम चिंता मत करो, हमारा बेटा कभी कुछ गलत नहीं करेगा।"


     प्रेरणा और अव्यांश का परफॉर्मेंस खत्म होते ही सुहानी और काया भागते हुए स्टेज पर आए और दोनों को धक्के मार कर स्टेज के पीछे भेज दिया। अव्यांश ने प्रेरणा को बड़े प्यार से थाम रखा था, कुछ ऐसे जैसे उसे प्रोटेक्ट कर रहा हो।


     स्टेज के पीछे जाते ही प्रेरणा एकदम से अव्यांश के गले लग गई और बोली "थैंक यू! थैंक यू सो मच!!"


     अव्यांश भी उसे अपनी बाहों में लेकर उसके बाल सहलाते हुए बोला "पागल! मुझे थैंक यू को बोल रही है? और ऐसा भी क्या कर दिया मैंने? मैंने वही किया जो मुझे करना चाहिए था। अब जा जल्दी और जाकर चेंज कर ले।"


     प्रेरणा अव्यांश से अलग हुई और वहां से अपने दुपट्टे को शॉल की तरह ओढ़ कर वहां से भाग गई। निशि वहीं कुछ दूर खड़ी दोनों को देख रही थी और दोनों को इतना करीब देख उसे बहुत बुरा लग रहा था।


    प्रेरणा के जाते ही अव्यांश के फोन में नोटिफिकेशन की बेल बजी। उसने फोन चेक किया तो सारांश का एक मैसेज था "किसी को जलाने के लिए किसी और का यूज नहीं किया जाता। कोई तीसरा दो लोगों के बीच के रिश्ते सही नहीं कर सकता।"


    अव्यांश ने मैसेज टाइप किया "इतना तो अपने बेटे पर भरोसा रखिए। मैंने जो भी किया है अपनी खुशी के लिए किया है। आप जानते हैं प्रेरणा मेरे लिए क्या है। मैं सिर्फ अपने बारे में सोच रहा था क्योंकि इस वक्त मुझे इसकी बहुत ज्यादा जरूरत थी।"


    अव्यांश न सिर्फ टाइप कर रहा था बल्कि वह बोल भी रहा था जिसे निशि ने साफ सुना। अव्यांश मैसेज भेज कर अपना फोन जेल में डाला और वहां से जाने के लिए पलटा तो सामने उसके निशि खड़ी थी। निशी की आंखों में बहुत से सवाल थे और चेहरे पर नाराजगी साफ नजर आ रही थी। लेकिन अव्यांश के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। वह बस सूनी आंखों से निशि की तरफ देखता रहा लेकिन कुछ ही देर में उसने अपनी नज़रें फेर ली।


      उसकी यह हरकत निशी को नागवार गुजरी। वह चाहती थी कि अव्यांश इस बात की सफाई दें कि वह लड़की कौन थी और उसकी क्या लगती थी। लेकिन अव्यांश के इस हरकत का साफ मतलब था कि वह इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहता और निशि का वहां रुकना किसी काम का ना था। इसलिए निशी पैर पटकते हुए वहां से वापस चली गई। अव्यांश ने उसे रोकने की कोशिश भी ना की।




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