सुन मेरे हमसफर 233

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     एक बार फिर से देवेश की आवाज सुनकर निशि फ्रस्ट्रेटेड हो गई। उसने देवेश पर नाराज होकर कहा "मैंने तुमसे कहा था ना मुझे इस सब के बारे में कोई बात नहीं करनी! तुम समझ क्यों नहीं रहे हो? देखो देवेश! अगर तुम्हें लगता है कि अव्यांश को तलाक देकर मैं तुम्हारे पास आ जाऊंगी या फिर तुम वापस से मेरी जिंदगी में आ जाओगे तो ये तुम्हारी बहुत बड़ी गलतफहमी है। मेरे और अव्यांश के बीच जो भी बात है वह हमारा आपसी मामला है। इस सबका तुमसे कोई लेना-देना नहीं इसलिए हमारे बीच में तुम ना पड़ो तो बेहतर होगा, खास तौर पर तुम्हारे लिए। अगर इस वक्त तुम खुली हवा में सांस ले रहे हो तो वह सिर्फ और सिर्फ मेरी वजह से क्योंकि मैंने ही अव्यांश से कहा था तुम्हें आजाद करने के लिए। अब तुम मुझे मजबूर मत करो कि मैं ऐसा कुछ उसे कहूं जो तुम्हारी इस आजादी को छीन जाए। इतने वक्त में मैंने यह तो समझ लिया है कि तुम पर अगर कोई केस बनाना चाहूं तो बहुत आसानी से बन जाएगा। कोई दूध के धुले नहीं हो तो। तुमने भी लाइफ में बहुत सी गलतियां की है। अगर उन सब को इग्नोर भी कर दूं मैं तो भी मुझे बार-बार परेशान करने और मेरी मेंटल टार्चर के ब्लेम में मैं तुम्हें जेल भिजवा सकती हूं। मुझे स्टॉक करना मुझे बार-बार अलग-अलग नंबर से फोन करना। यह मत भूलो कि मेरे फोन में सारे कॉल रिकॉर्ड होते हैं। इसलिए बेहतर है कि तुम अपनी हद में रहो। मुझे अव्यांश के साथ रहना है या उससे अलग होना है, यह मेरा फैसला होगा। तुम कौन होते हो मुझ पर दबाव डालने वाले या मुझे समझाने वाले? ना तो तुम मेरे दोस्त हो और ना ही परिवार के सदस्य जिस पर मैं भरोसा करूं। और जिसके खिलाफ तुम मुझे भड़का रहे हो ना, उसने एक बार भी मुझे कुछ नहीं कहा, सिवाए इसके कि मेरे हर फैसले में वह मेरे साथ है। चाहे मैं उसके साथ रहूं या उससे दूर, उसे अलग हो जाऊं। मेरी नजरों में तुम्हारी कोई इज्जत नहीं है और जिसकी कोई इज्जत नहीं मैं उसकी तरफ देखना भी पसंद नहीं करती। अट लीस्ट, अव्यांश तुमसे बेहतर है। आइंदा मुझे फोन मत करना वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा।"


    निशि सारी बातें एक साथ में कह गई। उसके मन का गुब्बार जैसे बाहर निकल आया था। उसने देवेश को एक बार भी कुछ भी बोलने का मौका नहीं दिया और फोन काट दिया।


     अपना मन खाली करने के बाद निशि को काफी हल्का महसूस हो रहा था। उसने अपनी तेज चलती सांसों को कंट्रोल किया और कुछ देर आंखें बंद कर वहीं खड़ी रही और कुछ लंबी लंबी सांस लेकर वापस हाल में चली आई। प्रेरणा और अव्यांश के बीच क्या कुछ हुआ था यह निशी ने देखा ही नहीं।


    अंदर आते हुए निशि की नजर अपनी मां पर गई तो उसे फिर से अव्यांश पर गुस्सा आने लगा। वह जाकर उनसे दूर अपनी जगह पर बैठ गई।


    'पता नहीं क्या जादू करके रखा है उस इंसान ने। इतना कैसे सपोर्ट कर सकती है वह उसे? यह जानते हुए भी क्या कुछ किया है उसने। पापा ने भी तो कुछ नहीं कहा।' निशि ने गुस्से में वापस से स्टेज की तरफ देखा तो चौंक गई। अंशु किसी लड़की के साथ डांस कर रहा था और वह दोनों बड़े ही रोमांटिक पोज में थे।


     फाइनली आप जाकर पार्थ को थोड़ा-थोड़ा एहसास हो रहा था लेकिन न जाने वह किस दुनिया में था। उसने खुश होकर कहा "यह दोनों की जोड़ी कितनी अच्छी लगती है ना? आई मीन, देखो तो दोनों एक साथ कितने अच्छे लग रहे हैं।"


     शिवि ने एक बार फिर पार्थ को अजीब सी नजरों से घूर कर देखा और बोली "तुम पागल हो क्या? सच में तुम्हारा मेंटल बैलेंस खराब हो चुका है।"


      पार्थ सामने देखते हुए बोला "मैं बिल्कुल ठीक हूं। और तुम्हें मैं किस एंगल से पागल लगता हूं? पागल होगा तेरा होने वाला। वैसे तू चाहे तो मैं पागल बन सकता हूं। क्या कहती है!"


    शिवि परेशान होकर बोली "तू ऑलरेडी पागल ही है बनने की जरूरत नहीं है। क्योंकि गधे! सामने जिसके साथ अंशु डांस कर रहा है और जिसके साथ अंशु की जोड़ी तुझे बहुत अच्छी लग रही है वह लड़की प्रेरणा है, तेरी अपनी गर्लफ्रेंड!"


     पार्थ को अब जाकर एहसास हुआ और उसकी आंख हैरानी से बड़ी-बड़ी हो गई। "मेरी गर्लफ्रेंड! मेरी गर्लफ्रेंड के साथ डांस कर रहा है तुम्हारा भाई!! मेरी गर्लफ्रेंड के साथ डांस कर रहा है वो!!! इस अंशु की तो मैं! हिम्मत कैसे हुई उसकी?"


     शिवि बड़े आराम से बोली "यह सवाल तुझे बहुत पहले करना चाहिए था। तुझे अपनी गर्लफ्रेंड की आवाज पहचान भी नहीं आती। तुझे उसकी जोड़ी अंशु के साथ ज्यादा अच्छी लगती है। कैसा बॉयफ्रेंड है तू, सीरियसली?"


     पार्थ एकदम से अपनी जगह पर से उठने को हुआ और बोला "इसकी तो मैं......!"


    शिवि ने जल्दी से उसकी गर्दन पकड़ी और वापस उसे जगह पर बिठाते हुए कहा "खबरदार जो इस टाइम उन दोनों को डिस्टर्ब किया तो! चुपचाप बैठकर तमाशा देख, यही तेरी पनिशमेंट है।" पार्थ ने रोनी सी सूरत बना ली।




     अव्यांश और प्रेरणा का डांस देखकर निशि की त्यौरियां चढ़ गई। जहां वह बैठी थी उसके ठीक पीछे कुछ लड़कियां बैठी हुई थी। उनमें से एक ने कहा "हेय! क्या वो प्रेरणा है?"


     प्रेरणा का नाम सुनकर दूसरी ने कहा "वह सुपर मॉडल प्रेरणा? अव्यांश की गर्लफ्रेंड राइट?"


     तो पहले वाली ने कहा "हां! लेकिन यह तो पेरिस गई थी ना, इतनी जल्दी वापस आ गई?"


      दूसरी ने कहा "वापस आएगी ही ना! अव्यांश ने बुलाया होगा। उसके बुलाने पर तो वो कहीं भी चली आएगी।" दोनों ने एक साथ ठंडी आहें भरकर कहा "दोनों एक साथ बहुत अच्छे लगते हैं। काश मैं होती।" दोनों लड़कियों ने एक दूसरे को देखा और फिर सामने देखने लगी।


    मॉडल! पेरिस!! गर्लफ्रेंड!!! यह सुनकर निशि के कान खड़े हो गए। ऐसी कुछ बातें अव्यांश ने पहले कही थी लेकिन उसने तो साफ-साफ कहा था कि उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और जो कुछ भी कहा था उसने वह सब झूठ था तो फिर सच क्या था? 'और कितना झूठ बोलोगे तुम मुझसे अव्यांश मित्तल! तुम्हारा असली चेहरा क्या है? क्या है तुम्हारी सच्चाई?' 


   पीछे से लड़कियां अभी भी अव्यांश और प्रेरणा की बातें कर रही थी। एक लड़की बोली "देखना! यह दोनों जरूर शादी करेंगे।"


      दूसरी ने चौक कर कहा "लेकिन अव्यांश की तो शादी हो चुकी है ना? तो फिर वह प्रेरणा से शादी कैसे करेगा?"


     पहली ने कहा "हो सकता है प्रेरणा ही उसकी वाइफ हो। या फिर उसकी वाइफ कोई और है भी, तब भी देख लेना, अव्यांश प्रेरणा से ही शादी करेगा। अगर उन दोनों का तलाक हो गया तो। वैसे मुझे नहीं लगता अव्यांश प्रेरणा के अलावा किसी को अपनी लाइफ में आने देगा।"


     दूसरी ने भी उसकी हां में हां मिलाकर कहा "यह बात तो है। बचपन से दोनों साथ है। हो सकता है अव्यांश ने शादी मजबूरी में की हो और मजबूरी का रिश्ता ज्यादा वक्त तक नहीं चलता।" एक बार फिर दोनों ने एक साथ कहा "काश! इस जगह मैं होती।"


    निशि का ध्यान पीछे बैठी लड़कियों की बातों पर था और आंखें सामने अव्यांश और प्रेरणा पर। दोनों का परफॉर्मेंस बहुत ही रोमांटिक था और दोनों एक दूसरे के बेहद करीब थे। ये देख निशी का चेहरा लाल पड़ गया।



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