सुन मेरे हमसफर 215

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    कुणाल अपने केबिन में बिस्तर पर लेटा बोर हो रहा था। उसने कार्तिक सिंघानिया को फोन किया लेकिन कार्तिक इतना बिजी था कुणाल की बोरियत मिटाने के लिए उसके पास बिल्कुल भी टाइम नहीं था। उसने साफ साफ कह दिया "मैं कोई तेरा इंटरटेनमेंट नहीं हूं जो तेरा टाइम पास करें। कुहू आ रही है ना! तो तेरी लाइफ फुल लॉन एंटरटेनमेंट हो जाएगी। बस अब सिर्फ 2 दिन की बात है। तब तक तू खुद से इंजॉय कर ले।"


    कुणाल भी उसपर भड़कते हुए बोला"भाड़ में जा तू। तेरे जैसे दोस्त होने से अच्छा काश तू मेरा दुश्मन होता।" कुणाल ने गुस्से में फोन काट दिया और अपना फोन दरवाजे की तरफ फेंकने के लिए हाथ बढ़ाया। लेकिन उसके हाथ रुक गए क्योंकि उसके पास एंटरटेनमेंट का बस यही एक साधन था। टीवी देखने में उसे कोई इंटरेस्ट नहीं था, ना तो टीवी सीरियल न ही न्यूज़ चैनल। फिर भी न जाने क्या सोचकर उसने टीवी का रिमोट लिया और टीवी ऑन कर दिया।


     शिवि जब उसके कमरे में आई तो वह हैरान रह गई। कुणाल बड़े आराम से बेड पर लेटा हुआ टीवी देख रहा था। और देख भी रहा था तो क्या, कार्टून चैनल!


     शिवि हैरानी से कुणाल को देखकर बोली "तुम्हें छोटा भीम पसंद है?"


    कुणाल को पता ही नहीं चला वह कब कार्टून चैनल देखने में इतना गुम हो गया कि उसे शिवि के आने की खबर भी नहीं हुई। उसने जल्दी से रिमोट उठाया और चैनल चेंज किया। कार्टून चैनल बदलकर अब एक मूवी चैनल लग गया था जहां बड़ी ही रोमांटिक फिल्म चल रही थी। उसमे भी सीन काफी ज्यादा रोमांटिक हो रखा था।


     उस सीन को देख शिवि थोड़ी अनकंफर्टेबल हो गई। उसने हल्के से खांस दिया। कुणाल का हाल भी कुछ ऐसा ही था। उसने चैनल चेंज करने की कोशिश की लेकिन परेशान होकर उसने टीवी ही बंद कर दिया और अपनी झेंप मिटाने के लिए बोला, "सॉरी! नहीं मैं कार्टून नहीं देखता। एक्चुअली मैं टीवी ही नही देखता। लेकिन वो क्या है ना, अभी मैं थोड़ा बोर हो रहा था तो बस........." कुणाल ने भी टीवी रिमोट को ऐसे छोड़ जैसे उसे करंट लगा हो।


     शिवि वही खड़े होकर बोली "अगर तुम्हें यहां पर बोरियत महसूस हो रही है तो क्यों न तुम्हे घर छोड़ दिया जाए?"


      कुणाल ने सवालिया नजरों से शिवि को देखा तो शिवि बोली "इसे हिंदी में क्या कहते हैं? डिस्चार्ज! मैं डिस्चार्ज की बात कर रही हूं। तुम्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करने की बात होती है।"


      कुणाल घबरा गया। यहां रहते उसे कई बार शिवि का चेहरा देखने का मिल जाता था, किसी न किसी बहाने से खुद आए या फिर बुलाए। और फिर इतनी जल्दी डिस्चार्ज? कुणाल बोला "यार! मुझे यहां आए एक पूरा दिन ही हुआ है तुम ऐसे कैसे मुझे डिस्चार्ज करने की बात कर सकती हो?"


     शिवि दो कदम आगे आई और उसके सामने जाकर बोली "तुम्हारे पापा का बिजनेस कौन संभालता है?"


     कुणाल प्राउड होकर बोला "मैं संभालता हूं, और कौन!"


     शिवि मुस्कुरा कर बोली "फिर तुम्हारे पापा के बिजनेस का भगवान ही मालिक है।"


     शिवि की बात फिर से कुणाल की समझ में नहीं आई। शिवि बोली "तुम्हें पता है ना बिजनेस बिना प्लानिंग के नहीं चलती है और जो इंसान और ढंग से एक्सीडेंट भी ना कर पाए वह क्या खाक बिजनेस संभालेगा!"


    कुणाल ने अकड़ कर कहा "मेरी प्लानिंग कभी फेल नहीं होती।"


     शिवि ने उसे ऐसे देखा जैसे उसका मजाक बना रही हो। तब कुणाल अपने गुब्बारे से थोड़ी सी हवा निकल कर बोला "हां कभी-कभी होता है कि हमारी प्लानिंग सही से नहीं जाती है। इसका मतलब यह नहीं कि वह फेल हो गई। वैसे भी अभी अगर मुझे डिस्चार्ज करोगी तो फिर तुम्हें लगता है मैं ऐसे घर जा पाऊंगा? अगले एक महीने मैं बेड से उठ नहीं सकता। और ये लोग शादी पोस्टपोन करने की बजाय सब मुझे ही पोस्टपोन करने पर तुले है।"


      शिवि उसकी हरकत पर हंसते हुए बोली "इसलिए क्योंकि उन्हें भी पता है कि तुम क्या चीज हो। तुम्हारे पापा बहुत अच्छे से जानते हैं, तुम्हारी रग रग से वाकिफ हैं। तुम्हें क्या लगता है तुम्हारे मम्मी पापा को तुम्हारी टेंशन नहीं है? और शायद कुहू दी भी तुम्हें बहुत अच्छे से जानती है इसलिए शादी तो तय समय पर ही होगी। और सही बात तुम्हारे पैरों की तो कुछ नहीं हुआ है तुम्हें। तुम्हारा प्लान फेल हो गया है। जो डॉक्टर के आगे तुमने अपना पैंतरा फेंका था उसे मैं बहुत अच्छे से जान गई हूं।"


    कुणाल की चोरी पकड़ी गई थी। शिवि से नजर मिलाने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी लेकिन फिर भी शिवि के सामने अपना इमेज खराब नहीं होने दे सकता था। उसने अपनी बात सही साबित करने की कोशिश की और कहा "चाहे जो भी हो, तुम इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि मेरा एक्सीडेंट हुआ था और मेरे पैरों में चोट आई है और इतनी जल्दी डिस्चार्ज? तुम कैसे कर सकती हो ऐसा?"


     शिवि भी मुस्कुरा कर बोली "शादी है तुम्हारी परसों, तो जाहिर सी बात है कल तुम्हें छुट्टी मिल ही जाएगी चाहे तुम चाहो या ना चाहो। इसलिए आज की रात तुम्हारी आखिरी रात है। आई मीन इस अस्पताल में तुम्हारी आखिरी रात है। रात भर जाग कर अपना बोरिया बिस्तर समेट लो। रही बात तुम्हारे एक्सीडेंट की तो वह कितना बड़ा एक्सीडेंट था यह मुझे बहुत अच्छे से पता चल गया है। जब मुझे हॉस्पिटल से कॉल आया तो मुझे भी लगा था कि तुम गए। लेकिन यहां आकर थोड़ा थोड़ा मुझे डाउट होना शुरू हो गया था। रही सही कसर तुम्हारी ओरिजनल रिपोर्ट ने पूरी कर दी। बड़ा ही बेकार प्लान था। इससे अच्छा मेरे से प्लानिंग करवा लेते। मैं बेकार तुम्हें लेकर परेशान हो रही थी।"


     शिवि वहां से जाने लगी तो कुणाल ने उसे पीछे से आवाज लगाई "तुम मुझे लेकर परेशान थी? सच में?"


    शिवि के कदम वहीं रुक गए। उसने पलट कर कुणाल की तरफ देखा नहीं और ना ही उसके किसी बात का जवाब दिया और सीधे वहां से बाहर निकल गई।


    कुणाल के चेहरे पर हैरानी और मुस्कान दोनों थी। यह सोचकर ही कि शिवि के लिए वह मायने रखता है। लेकिन क्या वाकई ऐसा था या फिर शिवि सिर्फ और सिर्फ कुहू के लिए परेशान थी?



(सॉरी फ्रेंड! दीपावली के कारण लिख नही पाई। लेकिन अब से आपको नियमित एपिसोड मिलेंगे।)

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