सुन मेरे हमसफर 214

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     पार्थ की बातें सुनकर शिवि के चेहरे का रंग फीका पड़ गया तो पार्थ हंसते हुए बोला "वैसे अगर तुम कहो तो मैं शादी के लिए तैयार हूं। चलो हम भी शादी कर लेते हैं।"


     शिवि थोड़ी सी नॉर्मल हुई और उसने भी उसी लहजे में पार्थ से कहा "शादी तो हम कर लेंगे लेकिन एक प्रॉब्लम है, पूछो क्या?"


     पार्थ ने भी पूछा "क्या?" तो शिवि बोली "मेरा वाला बंदर कहां है यह मुझे नहीं पता, और तेरी बंदरिया अब तक लौट कर आई नहीं है। मतलब हमारी शादी अभी पोस्टपोन करनी होगी।"


     पार्थ अफसोस जताते हुए बोला "अरे यार! इतना अच्छा मौका हाथ से निकल जाएगा। क्या पता तेरे हाथ में दोबारा मेहंदी लगे या ना लगे। एक काम करते हैं ना, जब तेरे पास कोई नहीं है मेरे पास कोई नहीं है तो हम दोनों ही कर लेते हैं।"


     पार्थ ने जो मजाक किया था वो कोई पहली बार नहीं था। लेकिन शिवि थोड़ी असहज महसूस करने लगी और यह पहली बार था। पार्थ कुछ और कह पता उससे पहले उसे रिसेप्शन से बुलावा आ गया और वह शिवि की मेहंदी को निहारते हुए वहां से वापस लौट गया।


     शिवि को भी अभी कोई काम नहीं था। वह बस ऐसे ही हॉस्पिटल चली आई थी। उसने वह अपने केबिन से बाहर निकली तो सामने से चली आ रही एक नर्स उर्मिला उसे नजर आई। उर्मिला ने मुस्कुराते हुए पूछा "क्या बात है डॉक्टर! आप शादी कर रहे हो और हमें बुलावा भी नहीं? बुलावा छोड़ो, आपने तो हमें बताना भी जरूरी नहीं समझा।"


     शिवि मुस्कुरा कर बोली "जब मेरी शादी होगी ना तो हॉस्पिटल क्या, पूरी दुनिया को पता चल जाएगा। क्योंकि मेरे जो डैड है ना, वह चिल्ला चिल्ला कर सबको बता देंगे। वो तो पूरी दुनिया को इनवाइट कर लेंगे। पता नहीं कौन सी खुशी मिलेगी उन्हें मेरे दूर जाने से!"


    उर्मिला मुस्कुरा दी। उम्र और तजुर्बे, दोनों में ही वह शिवि से सीनियर थी। फिर भी इस बारे में बोलना उन्हें सही नही लगा। वह बोली "अगर आपको कोई काम नहीं है और अगर आपका मन नहीं लग रहा तो चलकर अपने कुछ पेशेंट को ही देख लीजिए। चिल्ड्रन वार्ड में कुछ बच्चे बहुत शैतानी कर रहे है।"


     बच्चों का नाम सुनते ही शिवि चेहरे की सारी टेंशन गायब हो गई और वह खुशी-खुशी उर्मिला के साथ चिल्ड्रन'स वार्ड की तरफ जाने लगी। लेकिन वहां जाते हुए उसके पैर एकदम से रुक गए। दूसरी तरफ कुणाल का कमरा था। न जाने क्या सोच कर शिवि उर्मिला से बोली "आप चलो मैं अभी थोड़ी देर में आती हूं।"


     उर्मिला ने भी एक नजर कुणाल के रूम की तरफ देखा और फिर बिना कुछ करें वहां से चली गई। शिवि के कदम कुणाल की ओर बढ़ चले।




*****




    अव्यांश को चुप देख सारांश ने पूछा "मुझसे कुछ भी कहने से पहले तुझे कभी सोचना नहीं पड़ा। हमारे बीच ऐसे टिपिकल बाप बेटे जैसा रिश्ता नहीं है और ना ही कभी मैंने तुझे महसूस होने दिया है। फिर ऐसी क्या बात है जिसे कहते हुए तुझे इतना सोचना पड़ रहा है?"


      अव्यांश कुछ नहीं छुपाना चाह रहा था और यह सच लेकर वह ज्यादा वक्त तक चुप रह भी नहीं सकता था। उसने कहा "आप जानते हो मैं आपसे कभी कुछ नहीं छुपाया और ना कुछ छुपा सकता हूं। मेरी हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन आपके पास होता है लेकिन यहां प्रॉब्लम ऐसी है कि मैं उसे सॉल्व नहीं कर पा रहा। जबकि मैं जानता हूं उसे किस तरह सॉल्व करना है और इसीलिए मैं समझ नहीं पा रहा कि आपसे कैसे कहूं।"


     अव्यांश के हाथ अभी भी पेपर वेट को नचा रहे थे। सारांश ने अपना एक हाथ अव्यांश के उसी हाथ पर रखा और बोले "जब तक हम प्रॉब्लम शेयर नहीं करेंगे तब तक कैसे पता चलेगा कि उसे सॉल्व कैसे करना है! और अगर तुझे पता है कि उसे सॉल्व कैसे करना है तो बेटा, मैथ तेरा फेवरेट सब्जेक्ट रहा है। तू बता, क्या एक क्वेश्चन को सॉल्व करने का सिर्फ एक तरीका होता है?"


     अव्यांश मुस्कुरा दिया और बोला "डैड! मेरा एक दोस्त है, उसकी शादी होने वाली है। लेकिन वह प्यार किसी और से करता है। मेरी समझ नहीं आ रहा की मैं कैसे इस शादी को रोकूं?"


    सारांश को सिचुएशन बहुत अजीब लगी। वह बोले "सिंपल सी बात है। अगर प्यार किसी और से करता है तो फिर यह शादी उसे करनी ही नहीं चाहिए। सबसे बेस्ट ऑप्शन है कि वह सीधे-सीधे जाकर उस लड़की को बोल दे।"


     अव्यांश गहरी सांस लेकर बोला "यही तो प्रॉब्लम है ना डैड! जिससे शादी हो रही है वह उसके प्यार में पूरा पागल है और सच जानते हुए भी किसी भी हालत में इस रिश्ते को तोड़ने को तैयार नहीं है। वह दोनों ही मेरे अच्छे दोस्त है और मेरी समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं? इस तरह दोनों की लाइफ खराब हो जाएगी।"


    सारांश ने उठकर अव्यांश को दोनों कंधे से पकड़ा और बोले "यह उन दोनों की प्रॉब्लम है। मैं समझ रहा हूं तेरी बात लेकिन जब दोनों ही इस रिश्ते में बंध रहे हैं तो इस बारे में फैसला करने का हक भी सिर्फ उन दोनों को है। तुम या मैं कुछ नहीं कर सकते इसलिए ज्यादा परेशान मत हो और चल मेरे साथ। यहां ऑफिस में अकेले भूत की तरह रहने का इरादा है क्या? अगली सुबह पूरे ऑफिस में हड़कंप मच जाएगा कि तू रात भर काम कर रहा था।"


    अव्यांश फाइनली मुस्कुराया और बोला "हां! वह भी भूत की तरह।"


     सारांश भी मुस्कुरा कर बोले "तेरा हूलिया तो बिल्कुल वैसा ही है। सिक्योरिटी गार्ड ने अगर तुझे इस हालत में देखा तो वाकई डर जाएगा। अपने बाल ठीक कर और चल मेरे साथ। शादी की बहुत ही तैयारी करनी है। तेरे हाथ में मेहंदी भी तो नहीं लगी।"


     अव्यांश अजीब सी शक्ल बनाकर बोला "आप सीरियस हो?"


    सारांश ने मुस्कुरा कर बस अपनी गर्दन हिला दी। अव्यांश भी उठा और वो सारांश के पीछे पीछे जाने लगा। लेकिन चलते हुए एकदम से बोल पड़ा "डैड! अगर किसी इंसान को अपना राज खुलने का डर ना हो तो?"


    चलते हुए सारांश ने बिना कुछ सोचे कहा "अगर हमारे मन में कोई डर नहीं है, इसका मतलब हमारे मन में खोट नहीं है। डर तभी होता है जब नियत में खोट हो।"


     चलते हुए अव्यांश के कदम धीमे हो गए।




 

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