सुन मेरे हमसफर 211

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   कुहू अपना काजल ठीक करते हुए बोली, "क्या मॉम आप भी! सुबह आपने मेरा मेक अप किया था और अभी बाथरूम जाकर आई हूं। गलती से मैंने चेहरे पर पानी मार लिया था इसीलिए काजल फैल गया है। अभी निशी इसको ठीक कर देगी।" 

    कुहू का जवाब सुनकर किसी ने भी कुछ और नहीं पूछा और सभी शिवि की मेहंदी देखने लगे। निशी आगे आकर कुहू का काजल ठीक करने में लग गई।


     जैसे-जैसे मेहंदी शिवि की कलाइयों पर चढ़ती जा रही थी उसके चेहरे के एक्सप्रेशन भी बिगड़ते जा रहे थे। श्यामा ने अपनी बेटी को इस तरह देखा तो बड़ी मुश्किल से अपनी हंसी को कंट्रोल किया और अपना फोन निकाल कर एक तस्वीर ले ली। शिवि अजीब सी शक्ल बनाकर बोली "क्या मॉम आप भी! ये भी कोई याद रखने वाला मोमेंट है!"


    श्यामा हंसते हुए बोली "बिल्कुल! मैं तो ऐसे ही तस्वीर ले रही हूं। मुझे तो उसका वीडियो बनाना चाहिए।"


     निशि वही खड़ी थी। उसने कहा "आप चिंता मत कीजिए बड़ी मां, मैं वीडियो में बना रही हूं आपको भेज दूंगी।"


     शिवि ने गुस्से से निशि की तरफ देखा लेकिन निशि कहां उससे डरने वाली थी। इस वक्त सबको मौका मिल गया था क्योंकि दोनों लड़कियां शिवि के दोनों हाथ पकड़ कर बैठी थी। श्यामा ने शिवि की दो चार तस्वीर और ली, और सिद्धार्थ को भेज दी। ज्यादा वक्त नहीं लगा सिद्धार्थ का रिप्लाई आने में।


     फोन की घंटी बजते ही शिवि समझ गई कि उसकी मम्मी ने अपना काम कर दिया है। उसने नाराजगी से अपनी मम्मी को दिखा तो श्यामा ने फोन काट कर सिद्धार्थ को वीडियो कॉल कर दिया। दूसरी तरफ से सिद्धार्थ की आवाज आई "मेरी बेटी कितनी प्यारी लग रही है!"


     शिवि अपना चेहरा छुपा कर बोली "बिल्कुल नहीं। मेरी तरफ मत देखो, मॉम प्लीज कैमरा हटाओ मेरी तरफ से।"


    लेकिन श्यामा ने फोन शिवि की तरफ घुमाकर रख दिया और बोली "बात करो अपने पापा से।"


     सिद्धार्थ सबको डांटते हुए बोले "कोई नहीं हंसेगा, कोई कुछ नहीं कहेगा मेरी प्रिंसेस को। आज इतनी प्यारी लग रही है ना, तेरी शादी पर भी मैं शायद यह दिन ना देख पाऊं। पता नही , तेरा बस चले तो तू सीधे कोर्ट में शादी करे"


     शादी का नाम सुनकर शिवि तुनक गई और बोली "आप लोग फिर मेरी शादी के पीछे पड़ गए! मतलब शादी के अलावा और कोई काम नहीं।"


     सिद्धार्थ ने भी अपनी बेटी की तरह ही जवाब दिया "अरे कैसे कोई काम नहीं है? बहुत से कम है। सबसे पहले तो दूल्हा ढूंढना है एल। यह तो सबसे बड़ा काम है। पहले यह बता तुझे किस तरह का लड़का चाहिए?"


    यह सुनकर ही शिवि का चेहरा उतर गया क्योंकि इस वक्त सभी उसे देखकर मुंह दबाकर हंसी जा रहे थे। उसने सब की तरफ देखा और अपने पापा से बोली, "मेरा मजाक उड़ाने के लिए आपको कोई और टाइम नहीं मिला था? एक तो कुहू दी की मेहंदी है और मुझे लग रही है। कोई बताएगा मुझे कि यह सब क्या हो रहा है?"


    कुहू ने एक हाथ से फोन संभाला और बोली "कुछ नहीं बड़े पापा! हमारी शिवि की शादी में हम इससे भी बड़ा वाला धमाल मचाएंगे और अभी तो सिर्फ पूरी कलाई की मेहंदी लग रही है, इसकी शादी में तो पूरे कंधे से लगवाऊंगी।"


   श्यामा ने भी मौके पर चौका मारा "ताकि इसका दूल्हा इसकी मेहंदी में अपना नाम ढूंढते रह जाए।" सभी हंसने लगे।


    कुहू बोली "वैसे बड़े पापा! अगर लड़के की बात है तो फिर मेरी नजर में है कोई । आप कहो तो लगे हाथो इसी मंडप में शिवि के भी फेरे हो जाए।" शिवि फटी आंखों से कुहू की तरफ देखने लगी तो कुहू ने उसकी आंखों पर हाथ रखकर कहा "ऐसे मत देख वरना आंखें निकाल कर नीचे गिर जाएगी। फिलहाल तू अपने मेहंदी पर कंसंट्रेट कर।" फिर वह सिद्धार्थ की तरफ देखते हुए बोली "हां तो बड़े पापा मैं क्या कह रही थी? मेरी नजर में एक लड़का है, मैं बताती हूं आपको उसके बारे में।"


     कुहू उठी और वहां से जाने लगी तो शिवि ने उसे टोका "आप कहां जा रहे हो?"


     कुहू ने उसका मजाक उड़ाते हुए पूछा "तुझे अपने होने वाले पति को लेकर काफी ज्यादा इंटरेस्ट नहीं आ रहा? तुझे जानना है उसके बारे में?"


    शिवि ने गुस्से में कहा "भाड़ में जाओ आप। अगर इतना ही अच्छा है ना तो आप ही शादी कर लो उससे।"


     कुहू ने भी मुस्कुराकर कहा "देखेंगे" और वहां से चली गई। शिवि ने मासूम सी शक्ल बनाकर श्यामा से शिकायत की "सब मेरी शादी के पीछे पड़े हैं। पहले कुहू दी की शादी तो हो जाने दो!"


     पीछे से काया ने आकर उसके गले में बाहें डाल दी और कहा "दी! आपकी शादी हो जाएगी तब तो हमारा नंबर आएगा।"


    श्यामा ने हंसते हुए उसके सर पर चपत लगाई और कहा "बेशर्म!" और वह भी वहां से चली गई। अपने आप को ऐसे फंसते देख शिवि ने गहरी सांस ली और अपने दोनों तरफ बैठी मेहंदी वाली से पूछा "अरे ओ गब्बर! और कितना टाइम लगेगा रे?"


   दोनों गब्बर ने एक साथ जवाब दिया "हो गया।" शिवि ने चैन की सांस ली और वहां से उठकर चली गई।


     उसके उठते ही काया ने जाकर वहां आसन जमा लिया लेकिन कुहू ने उसे हिदायत दी और कहा "पहले निशि को, उसके बाद किसी और को।"


    काया ने सुहानी की तरफ देखा और बोली "भाभी के बाद मुझे, उसके बाद सोनू।"


     कुहू कुछ कहे उससे पहले सुहानी बोली "दी! आप काया को लगा लेने दो, मेरा मन नहीं है। मेरा मतलब मैं बाद में लगवा लूंगी।" कुहू ने उस वक्त कुछ नहीं कहा और सिद्धार्थ से बात करने में लग गई।


     कुछ देर बात कर लेने के बाद कुहू ने चित्रा की तरफ देखा जो वहां मेहंदी की डिजाइन सेलेक्ट करने में लगी थी, जिसने कुछ देर पहले सबके साथ मिलकर डांस किया था और उसके कारण चित्रा बहुत ज्यादा थक गई थी। वो काया और सुहानी को अपने दोनों तरफ बैठा कर पंखा करवा रही थी।


     अचानक ही चित्रा को अपने ऊपर किसी की आंखों की चुभन महसूस हुई तो उन्होंने नजर उठा कर देखा। सामने कुहू पर नजर पड़ते ही एकदम से वह उठी और वहां से गेस्ट रूम की तरफ चली गई। सुहानी और काया हैरानी से एक दूसरे को देखते रह गए।


     आखिर क्या चल रहा है कूहू और चित्रा के बीच में?

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