सुन मेरे हमसफर 206

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    कुणाल को पहले तो कुछ समझ नहीं आया लेकिन लैपटॉप देखकर उसने अपनी आंखें बंद कर ली और समझ गया कि अव्यांश को उसकी सच्चाई पता चल गई है। जब उसके असिस्टेंट ने उसे फोन किया था तो उसने यह नहीं बताया था कि अव्यांश को काम है। उसने अव्यांश के सामने अपनी सफाई देनी चाही तो अव्यांश ने एक पंच और उसके जबड़े पर दे मारा और बोला "एक और शब्द नहीं! कोई झूठ नहीं!! हिम्मत भी मत करना मेरे सामने झूठ बोलने की वरना तुम्हारे साथ में क्या करूंगा ये तुम सोच भी नहीं सकते। तुम जैसा घटिया इंसान मैंने आज तक नहीं देखा। तुम्हारा कैरेक्टर क्या है कुणाल रायचंद?"


    कुणाल को हंसी आ गई। उसने कहा "तुम दोनों भाई बहन बिल्कुल एक जैसे हो। शिविका भी मुझे यही कहती है।"


     अव्यांश ने कुणाल की कॉलर पकड़ ली और बोला मेरी बहन का नाम लेने की कोशिश भी मत करना। तुम जैसा घटिया इंसान...........! बेचारी मेरी कुहू दी! जो यह सोचती है कि तुम उनसे प्यार करते हो और शादी करना चाहते हो।"


     कुणाल उसके बाद बीच में टोक कर बोला "तुम्हारी बहन बहुत अच्छे से जानती है कि मैं उससे प्यार नहीं करता अव्यांश, बल्कि किसी और से करता हूं।"


     अव्यांश का मन किया कि वह एक पंच और उसके चेहरे पर मारे लेकिन वह रुक गया और बोला "अगर तुम्हें लगता है कि यह सब कहकर तुम बच जाओगे तो फिर तुम्हारी बहुत बड़ी गलतफहमी है। मैं तुम्हें नहीं छोड़ने वाला। मेरी एक बहन से तुम शादी कर रहे हो और दूसरे की तस्वीर अपने लैपटॉप में रखा है, संभाल कर। मतलब क्या समझू मैं?"


    कुणाल अपने जबड़े का दर्द बर्दाश्त करते हुए बोला "तुम्हें जो समझना है तुम समझ सकते हो और तुम्हारी सोच गलत भी नहीं है। हां मैं शिवि से प्यार करता हूं। मैंने कभी कुहू प्यार नहीं किया।"


     कुणाल को करने के लिए अव्यांश ने एक बार फिर अपना हाथ उठाया लेकिन कुणाल ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला "अगर तुम्हें मेरी बात पर यकीन नहीं है तो जाकर अपनी बहन से पूछ सकते हो तुम। मैंने उससे कोई धोखा नहीं दिया। हां बस यह नहीं बताया कि मैं कि शिवि प्यार करता हूं। मेरा प्यार मेरे सीने में छुपा है और शायद अब हमेशा के लिए मेरे दिल में दफन हो जाएगा क्योंकि तुम्हारी बहन कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं है।"


     अव्यांश उसे ताना देते हुए बोला "अच्छा! खुद को बहुत मासूम समझ रहे हो? लेकिन मैं इतना बेवकूफ नहीं हूं! मेरी बहन तुम्हारे प्यार में पागल हो गई है और कुछ नहीं। यह जानती होती कि जिससे वह शादी कर रही है वह किसी और को चाहता है, वह बहुत पहले ही रिश्ता तोड़ चुकी होती। मैं अभी के अभी तुम्हारी सच्चाई पूरे घर वालों को बताऊंगा।"


    अव्यांश वहां से जाने के लिए आगे बढ़ा तो कुणाल उसे रोकते हुए बोला "जाओ और जाकर सबको सच्चाई बता दो अव्यांश! वह सच जो मैं लाख कोशिश करके भी किसी को नहीं बता पाया। तुम मेरा काम आसान कर दोगे।"


    अव्यांश के कदम रुक गए। उसने पलट कर कुणाल की तरफ देखा और बोला "तुम्हे मैं क्या लगता हूं? मैं यह सब चुपचाप बर्दाश्त कर लूंगा और अपनी बहन की शादी होने दूंगा?"


   कुणाल मुस्कुरा कर बोला "जानता हूं तुम क्या करोगे और वही मैं भी चाहता हूं। तुम नहीं जानते अव्यांश तुम्हारी बहन ने मुझे किसी मुसीबत में डाल रखा है। वह अच्छे से जानती है कि मैं उससे प्यार नहीं करता, बावजूद इसके उसने मुझ पर दबाव डाला, इस रिश्ते को लेकर।"


    अव्यांश भी उसका मजाक बनाते हुए बोला "और तुम इतने मासूम हो कि तुम कुछ नहीं कर पाए।"


    कुणाल फिर मुस्कुरा कर बोला "जब तुम्हारी कोई दोस्त सुसाइड की धमकी देकर तुमसे कोई काम करवाना चाहे तो तुम क्या ही कर सकते हो!"


     अव्यांश को हैरानी हुई। उसके हैरान चेहरे को देखकर कुणाल बोला "यकीन नहीं हो रहा ना? लेकिन यह सच है। सच कह रहा हूं, मैं चाहता हूं कि तुम जाकर सबको सच्चाई बता दो। मैं खुद नहीं चाहता कि कुहू की जिंदगी खराब हो। मैं बस यह चाहता हूं कि वह अपनी लाइफ में आगे बढ़े। मैं शादी नहीं करना चाहता क्योंकि मैं जानता हूं मैं कुहू से प्यार नहीं कर पाऊंगा और ना कभी शिवि को भूल पाऊंगा। और शिवि! वह तो वैसे ही नफरत करती है मुझ। अव्यांश जाओ और जाकर बोल दो सबको। ताकि यह रिश्ता जुड़ने से पहले टूट जाए।"


     अव्यांश दो पल को कुणाल की आंखों में देखकर ठहर गया। फिर बिना कुछ बोले वह वहां से निकल गया।




*****




    शाम हो चुकी थी। शिवि और नेत्रा अपनी बची खुची शॉपिंग करके वापस आ चुकी थी। चित्रा हॉल में बैठी थी और कुहू उसके ठीक आगे पालथी मार कर बैठी थी और अपने चित्रा मॉम से बालों में चंपी करवा रही थी। चित्रा इमोशनल होकर बोली "न जाने यह मौका फिर कब मिलेगा! एक बार बेटी की शादी हो जाए उसके बाद तो जैसे वह पराई ही हो जाती है।"


     काव्या ने सुना तो वह चित्रा को पीछे से गले लगा कर बोली "बिल्कुल सही। लेकिन ऐसा तो बिल्कुल नहीं है कि मायका छूट जाता है। ना मायका छूटता है ना मायके का मोह, बस थोड़ी सी दूरियां आ जाती है। अपनी बेटी पर से अपना हक कम होता हुआ महसूस करते हैं।"


    अपनी दोनों मां को इमोशनल होते देख कुहू बोली "क्या मॉम! कौन सा में आप सबसे दूर जा रही हूं जो इतना इमोशनल हो रही हो!"


    चित्रा ने धीरे से कुहू के सर पर चपत लगाई और बोली "हां हां! तू तो जैसे हमारे पास ही रहेगी। एक बार शादी हो जाए उसके बाद देखती हूं। कभी हमारी याद भी नहीं आएगी तुझे।"


     कुहू ने सिर घुमाकर चित्रा की तरफ देखा और बोली "बिल्कुल आपकी तरह, है ना? आप भी तो निक अंकल के साथ शादी करके हमें भूल गई।"


     चित्रा ने हैरानी से कुहू को देखा और बोली "कुछ ज्यादा बड़ी नहीं हो गई है तू? रुक, अभी तुझे यह बताती हूं।"


    कुहू उठकर वहां से भागी और चित्रा उसके पीछे। अव्यांश वहां खड़ा अपनी बहन को इस तरह हंसते खिलखिलाते देख रहा था और उसे मन ही मन बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही थी।

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