सुन मेरे हमसफर 203

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  दोपहर के बाद किसी काम के सिलसिले में अव्यांश अपने ऑफिस गया और वहां से कुछ जरूरी फाइल्स लेकर कुणाल के ऑफिस पहुंचा। वहां का काम निपटाने के बाद कुणाल के असिस्टेंट ने अव्यांश को कुछ फाइल दिखाते हुए बोला "सर एक बार आप इसको खुद से चेक कर लेते तो हम आगे का प्रोसीजर कंटिन्यू कर सकते हैं।"


     अव्यांश ने एक सरसरी नजर उस फाइल पर डाली और उसके पेपर चेक करके बोला "यह सब तो ठीक है लेकिन मुझे इससे रिलेटेड एक और डॉक्यूमेंट चाहिए थे।"


    असिस्टेंट बोला "सर वह तो आपको कुणाल सर के लैपटॉप में मिल जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर वही काम कर रहे हैं।"


     अव्यांश सच में पड़ गया। उसने कहा "लेकिन कुणाल तो हॉस्पिटल में है। लैपटॉप का पासवर्ड तो उसे ही पता होगा।"


     असिस्टेंट बोला "मुझे पता है सर मैं आपको लैपटॉप ऑन करके देता हूं आप चलिए मेरे साथ।" कहते हुए असिस्टेंट ने अपना फोन निकाला और कुणाल को नंबर डायल कर दिया। दूसरी तरफ से कुणाल का परमिशन लेने के बाद वह दोनों कुणाल के केबिन में गए।


   असिस्टेंट ने अव्यांश को सोफे पर आराम से बैठने को कहा और खुद जाकर कुणाल का लैपटॉप उठा ले आया। लैपटॉप में कुछ टाइप करने के बाद उसने लैपटॉप अव्यांश की तरफ बढ़ा दिया और बोला "सर आपको कुछ चाहिए? मैं आपके लिए काफी भिजवा दूं?"


     अव्यांश बोला "नहीं उसकी जरूरत नहीं है। आप जाओ।" अव्यांश ने लैपटॉप ऑन किया और अपना काम करने लग गया।



*****





   कुहू नहा चुकी थी और उसने अपने कपड़े भी बदल लिए थे। शिवि भी वही थी और नेत्रा और सुहानी भी। काया कुहू को देखकर बोली "बहुत खिल रहे हो आप! हल्दी का रंग कुछ ज्यादा ही चढ़ गया लगता है।"


    कुहू मुस्कुरा कर बोली "चढ़ेगा ही! प्यार का रंग सबसे ज्यादा चढ़ता है यह बात तो तुझे पता ही होगी।"


    काया लजा गई लेकिन नेत्रा कहां कुहू की खुशी बर्दाश्त कर सकती थी। उसने ताना देते हुए कहा "कोई भी रंग ज्यादा टाइम तक टिकता नहीं है। निखार हो या प्यार का बुखार, उतर ही जाता है।"


    कुहू को गुस्सा आ रहा था लेकिन अपनी शादी में वह अपना ही मूड खराब नहीं करना चाहती थी इसलिए उसने कहा "तुम लोगों का अगर काम हो गया हो तो मेरा पेडीक्योर कर दोगी? नेत्रा! तुम्हें तो आता ही होगा!"


   शिवि को समझ आ गया कि अब दोनों के बीच महाभारत का युद्ध होने वाला है। लेकिन काया ने सिर खुजाते हुए कहा "दी! आपने तो करवाया था ना, क्या हो गया?"


     कुहू कुछ कहती उससे पहले शिवि बोली "कोई बात नहीं। अगर उनको ऐसा लग रहा है ना तो मैं अभी कॉल कर देती हूं, पार्लर वाली आकर आपका अच्छे से पेडीक्योर कर देगी।"


     नेत्रा का दिल कर रहा था अभी के अभी वह कुहू को कुछ ऐसी बातें कह कर सुना दे जिससे कुहू के सारे खुशी गायब हो जाए लेकिन शिवि बोली "नेत्रा! चल ना हम लोग शॉपिंग के लिए चलते हैं। अभी फिलहाल कोई काम नहीं है और मुझे अपने ड्रेस के मैचिंग शूज लेने थे।"


   सुहानी अपने सर पर हाथ मार कर बोली "क्या दिदू! शादी में आप शूज पहनोगे या फिर सैंडल? इसलिए कहते थे हम लोग कि हमारे साथ शॉपिंग पर चलो लेकिन आपको तो अपने काम से फुर्सत ही नहीं होती। थोड़ा भी स्टाइल सेंस नहीं है आप में।"


     लेकिन नेत्रा शिवि को डिफेंड करते हुए बोली "पागल! आजकल तो लहंगे पर स्पोर्ट्स शूज का बड़ा क्रेज है। सच कहूं तो मैंने भी अपने लिए स्पोर्ट्स शूज ही लिया है।"


    कुहू को अचानक से कुछ याद आया और उसने कहा "तुम लोगों को पता है, चित्रा मॉम ने अपनी सगाई में लहंगे के नीचे स्पोर्ट्स शूज ही पहने थे।"


    अपनी मां के बारे में सुनकर नेत्रा की आंखें हैरानी से फैल गई। नेत्रा ही क्या बाकी सब हैरान रह गए लेकिन चित्रा की जो पर्सनालिटी थी उसमें यह कुछ अलग नहीं था। कुछ देर में ही सारे नॉर्मल हो गए और शिवि बोली "बुआ को देखकर मुझे तो लग ही रहा था। यह बात तो मैंने पहले भी सुनी थी लेकिन उस वक्त मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया था। शायद इसीलिए मैं भी शूज लेने का ही सोच रही थी।"


    सुहानी एक्साइटेड होकर बोली "सोचो जरा! उस टाइम जब चित्रा बुआ ने यह ड्रेसिंग सेंस यूज किया होगा तो फिर उन्हें कितना सुनने को मिला होगा!"


   कुहू हंसते हुए बोली "बिल्कुल! और इसके लिए तो उनकी मॉम ने उन्हें इतना डाटा था कि पूछो मत।"


     नेत्रा उसे टोकते हुए बोली "अरे उसके लिए नहीं। एक्चुअली मॉम ने दो पैग मार लिए थे, वह भी सगाई से पहले। इसीलिए नानी फायर थी।" सभी हंस पड़े।


     हंसते हुए नेत्रा ने अपना हाथ आगे किया तो कुहू उसके हाथ पर ताली मार कर बोली "उनका कैरेक्टर वाकई कमल का है।" बाकी सब हंसने में लगे थे लेकिन शिवि दोनों बहनों के बीच का कोऑर्डिनेशन देख रही थी। उन दोनों ने न सिर्फ ताली मारी थी बल्कि अभी भी दोनों का हाथ एक दूसरे के हाथ में था।


    काया का फोन बजा लेकिन काया तो हंसने में ही लगी हुई थी। सुहानी ने उसके सर पर मारा और बोली "तेरा फोन बज रहा है तुझे सुनाई नहीं दे रहा क्या?"


     काया एकदम से एहसास हुआ और उसने अपना फोन निकाल कर देखा। नंबर देखकर पहले तो उसकी आंखें बड़ी हो गई लेकिन फिर अपने सामने सबको देखकर वह थोड़ा सा हिचकिचाई। कुहू समझ गई और उसने कहा "उठा ले फोन वरना बेचैन हो जाएगा वह।" काया लजा कर वहां से फोन हाथ में लिए भाग गई।


      उसका ऐसे लजाना किसी के समझ में नहीं आया। सबने सवालिया नजरों से कुहू की तरफ देखा तो कुहू बोली "बहुत जल्द एक और बारात इस घर में आने वाली है, तैयारी कर लो तुम लोग।"


     सुहानी बोली "लेकिन ऐसे कैसे? ये तो गलत है। आप सबसे बड़ी हो इसलिए आपकी शादी हो रही है। आपके बाद शिवि दी की और उसके बाद मेरी और नेत्रा की। ऐसे कैसे काया की शादी हम सबसे पहले हो सकती है? और यह है कौन जिसके बारे में मुझे नहीं पता?"


   कुहू बोली "अपनी काया का बॉयफ्रेंड।"


    "बॉयफ्रेंड?" सबके मुंह से एक साथ निकाला। सुहानी को गुस्सा आ गया। वह बोली "मतलब इतना बड़ा राज उसने अपने मन में दबा रखा था? वह कमीनी मुझे नहीं बता सकती थी कि इस बारे में? हिम्मत कैसे हुई उसकी! कोई बॉयफ्रेंड है और मुझे नही पता। लेकिन उसने क्लीयरली बोला था.

..... मतलब झूठ बोला उसने मुझसे? है कौन वो? नाम क्या है उसका?"

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