सुन मेरे हमसफर 202

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    शिवि के चेहरे पर लगा हल्दी देखकर नेत्रा का चौंकना लाजिमी था। लेकिन शिवि खुद भी चौंक गई थी। उसने अपने चेहरे पर से हल्दी पोछते हुए कहा "मेरे चेहरे पर हल्दी?"


     शिवि को पता ही नहीं था कि उसके चेहरे पर किस तरफ हल्दी लगी है लेकिन नेत्रा तो साफ़-साफ़ देख रही थी। उसने कहा "आप तो घर नहीं गए थे। मैंने पूछा था रिसेप्शन पर तो पता चला आप कल रात से ही यहां हो।" नेत्रा ने शिवि के चेहरे पर से हल्दी पोंछा और अपने रुमाल से साफ करते हुए बोली "आपने किसी को बताया नहीं कि आपने अपनी नाइट शिफ्ट करवा ली है।"


    शिवि उसके बगल में बैठ गई और बोली "नाइट शिफ्ट की जरूरत थी। अभी कुछ डॉक्टर है जो छुट्टी पर गए हैं। ऐसे में किसी का तो यहां होना बनता था।" शिवि का दिमाग बस यही सोचने में लगा था कि उसके चेहरे पर हल्दी कैसे लगी तब जाकर अचानक ही उसे याद आया कि जब कुणाल ने उसका हाथ पकड़ा था तब वह अचानक ही कुणाल के ऊपर गिर गई थी। उसे अभी भी एहसास हो रहा था जैसे वह हल्दी अब तक उसके चेहरे पर लगी हो।


     शिवि के हाथ बार-बार उसे जगह को पोछने में लगे थे। नेत्रा ने उसका हाथ पकड़ा और बोली "साफ हो गया है दी। इतना रगड़ोगी तो स्किन पर रैशेज पड़ जाएंगे।"


   शिवि ने अपने हाथ नीचे कर लिया। नेत्रा ने एकदम से सवाल किया "आप नहीं चाहते ना कि कुहू और कुणाल की शादी हो?"


    शिवि ने एकदम से चौक कर नेत्रा की तरफ देखा और बोली "ऐसा कुछ नहीं है। हमारे चाहने या ना चाहने से क्या होता है जब दोनों ही शादी के लिए तैयार है। मुझे नहीं लगता कि हमें उनके बीच पड़ना चाहिए ।"


   लेकिन नेत्रा उसे समझाते हुए बोली "मैं समझ रही हूं आपकी बात। लेकिन कुहू बिल्कुल भी कुणाल के लायक नहीं है ।"


    शिवि ने नाराज की से नेत्रा की तरफ देखा। वह अपने और कुहू के बीच की लड़ाई में कुहू के बारे में ऐसा कुछ कैसे बोल सकती थी? नेत्रा को एहसास हुआ और अपनी गलती मानते हुए उसने कहा "मेरे कहने का मतलब वो नहीं था। मैं बस यह कह रही हूं कि कुछ वक्त में ही मुझे इतना समझ में आ गया कि कुणाल को किस तरह की लड़की पसंद है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि कुहू, जो कहती है कि कुणाल के साथ कॉलेज में थी उसे अच्छे से जानती है फिर उसे इतनी बड़ी मिस अंडरस्टैंडिंग कैसे हो सकती है कि कुणाल उसे पसंद करता है और उससे शादी करेगा?"


     शिवि खुद भी यह सब कोशिश करके हार चुकी थी और अब कोई फायदा भी नहीं था इसलिए उसने कहा "तुम्हारी बात मैं भी समझ रही हूं लेकिन इस सब का कोई मतलब नहीं है। वह दोनों शादी के लिए तैयार है तो मुझे नहीं लगता कि हमें इस सब के बीच में पड़ना चाहिए। हां जब तक मुझे लग रहा था कि कुणाल इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं है तब तक मैं भी इसके खिलाफ थी लेकिन अब नहीं। अब हम कुछ नहीं कर सकते।"


   नेत्रा शिवि को समझा कर उसे अपनी तरफ करना चाहती थी लेकिन शिवि ने कुछ भी कहने सुनने से मना कर दिया और बोली "तुम यहां क्या कर रही हो? तुम्हें घर पर होना चाहिए ना?"


    नेत्रा ने भी उल्टा सवाल किया "आप भी तो यहां हो। सबसे पहले तो आपकी बहन आप ही को ढूंढेंगी मुझे नहीं।"


     शिवि उसे समझाते हुए बोली "तुम दोनों अपने बीच की यह प्रॉब्लम सॉल्व क्यों नहीं कर लेती? मेरा मतलब कुहू और कुणाल की शादी हो रही है इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। चित्रा बुआ तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती है लेकिन उनको कुहू दी से ज्यादा लगाव है इस बात से हम इनकार भी नहीं कर सकते क्योंकि पहली बार उन्होंने ही बुआ को मां का कर पुकारा था और यह बात तुम्हें एहसास होगा जब तुम्हारी शादी हो जाएगी और तुम्हें भी कोई ऐसी पुकारने वाला आएगा या आएगी। मैं चाहती हूं, इनफैक्ट घर में हर कोई चाहता है कि हम पांचो बहने एक साथ एक मुट्ठी की तरह बन कर रहे। अब चलो घर।"


     शिवि उठी और वहां से चलने लगी। नेत्रा मन ही मन बोली 'पता नहीं हमारे बीच के डिफरेंस कब तक सॉल्व होंगे! और इस जन्म में होंगे भी या नहीं कह नहीं सकते। क्योंकि पहले सिर्फ मॉम थी और अब मेरा कुणाल भी है। मैं जानती हूं, उसने मुझे जो भी कहा सिर्फ मुझे सुनने के लिए कहा। और मैं ये भी जानती हूं वह मुझसे प्यार करता है और मैं उसे ऐसे नहीं जाने दूंगी।' 


    शिवि ने पीछे पलट कर देखा तो नेत्रा अभी भी वहीं बैठी थी। उसने आवाज लगाई "क्या हुआ तू ऐसा क्यों बैठी है? क्या सोच रही है?"


    नेत्रा की तंत्र टूटी और वह जल्दी से उठते हुए बोली "कुछ नहीं दी, कुछ भी तो नहीं।" और वह शिवि के पीछे-पीछे चल पड़ी।


     दोनों जब तक घर पहुंचे तब तक कुहू की हल्दी लगभग खत्म हो चुकी थी और सारे लोग अपने अपने कामों में लगे हुए थे। शिवि को देखते ही श्यामा नाराज होकर बोली "मिल गई तुझे फुर्सत? तेरी बहन की हल्दी थी और तू इस वक्त आ रही है?"


   कुहू जानती थी सारी सच्चाई इसलिए वह श्यामा को मनाते हुए बोली "बड़ी मां मत डांटो ना उसे! बेचारी रात भर जागी है। उसकी आंखों को देखिए। नाइट शिफ्ट करना पड़ा होगा तभी तो इस वक्त आ रही है वरना मेरी बहन कभी मेरी खुशियों में शामिल न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता, है ना शिवि?"


    शिवि मुस्कुरा दी लेकिन कहा कुछ नहीं। श्यामा के पास भी उसे डांटने का कोई रीज़न नहीं था इसलिए दोनों बहनों को अकेला छोड़ दिया और वहां से चली गई। शिवि ने अपने हाथ में थोड़ी सी हल्दी ली और कुहू के गाल पर लगाकर बोली "आपकी जिंदगी में भी खुशियों के रंग ऐसे ही चढ़ जाए जो कभी ना निकले।"


     उसी वक्त न जाने कहां से सारे इकट्ठा हो गए और एकदम से शिवि के ऊपर हल्दी की बरसात हो गई। कुहू हंसते हुए बोली "तुझे क्या लगा, बच जाएगी तू?"


     शिवि पहले तो शॉक हो गई लेकिन फिर देखा तो सबके सब हल्दी में नहाए हुए थे।

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