सुन मेरे हमसफर 201

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     कुणाल के हाथ पकड़ने से शिवि थोड़ी अनबैलेंस हो गई और जाकर सीधे कुणाल के ऊपर गिरी। उसी वक्त कमरे का दरवाजा खुला और कार्तिक सिंघानिया बेधड़क अंदर घुसते हुए बोला "बधाई हो मेरे दोस्त! हल्दी की रस्म हो गई क्या तेरी?" और सामने नजारा देख उसके मुंह से सिटी बज गई।


    शिवि और कुणाल ने जब कार्तिक की आवाज सुनी तो दोनों ही हड़बड़ा गए। शिवि ने कुणाल को धक्का दिया और उठ खड़ी हुई तो देखा कार्तिक सिंघानिया अपने आंखों पर हाथ रख दूसरी तरफ घूम कर खड़ा था। शिवि ने गुस्से में कुणाल की तरफ देखा और कार्तिक से बोली "थोड़ा ना, अपने दोस्त को संभाल कर और समझ कर रखा करो। कैसे दोस्त हो तुम जो उसकी जरूरत का ख्याल नहीं रख सकते? एक बेचारी नर्स कितना करेगी?"


     कार्तिक सिंघानिया ने अपनी आंखों पर से हाथ हटाया और धीरे से शिवि की तरफ मुड़कर बोला "तुम हो ही उसका ख्याल रखने के लिए। उसे मेरी क्या जरूरत!"


    शिवि ने चौकते हुए पूछा "क्या मतलब?"


    कार्तिक सिंघानिया ने तिरछी नजरों से कुणाल की तरफ देखा जो उसे आंखों से कुछ इशारे कर रहा था। कार्तिक सिंघानिया मुस्कुरा कर बोला "कुछ नहीं। मेरा कहने का मतलब कि नर्स बेचारी कितना करेगी, वह तो बस दवाइयां का ख्याल रखेगी ना! और आप हो ही। बाकी केयर वगैरह आप देख सकते हो। कुणाल की जरूरत का ख्याल तो आप भी रख सकते हो ना? आफ्टर ऑल आप दोनों का रिश्ता जुड़ने वाला है। मेरा मतलब कुहू से शादी हो रही है उसकी तो रिश्ता आप से भी जुड़ेगा ही।"


     शिवि बेचारी वैसे ही थोड़ी शर्मिंदा सी थी। अपनी झेंप छुपाने के लिए कुछ भी बोले जा रही थी। उसे कुणाल पर गुस्सा आ रहा था और कार्तिक से नजरे नहीं मिल पा रही थी। ऐसी कंडीशन में उसे क्या कहना चाहिए समझ नहीं आ रहा था। इसलिए शिवि पैर पटकते हुए वहां से निकल गई। उसके जाते ही कार्तिक सिंघानिया बोला "तेरे तो मजे ही मजे हैं, है ना साले?"


     कुणाल भी कहां पीछे रहने वाला था। वह बोल "साले नहीं साडू भाई बोल।"


   कार्तिक सिंघानिया का चेहरा उतर गया। कुणाल हंसते हुए बोला "शिवि बिल्कुल सही बोल रही थी। कहां था तू? पता है कब से इंतजार कर रहा था तेरा!"


     कार्तिक सिंघानिया जाकर उसके सामने वाली कुर्सी पर बैठ गया और बोला "अगर जल्दी आ जाता तो तुम दोनों का रोमांस मिस कर देता। आई मीन तुम दोनों को रोमांस का मौका नहीं मिलता। वैसे तुझसे बड़ा कमिना नहीं देखा। एक बहन से शादी कर रहा है और दूसरे के साथ रोमांस!"


     कुणाल अपनी किस्मत पर हंसते हुए बोला "तीसरी को तू भूल रहा है।"


    कार्तिक सिंघानिया आपके सर पर हाथ रख कर बोला "अरे हां! उसे तो मैं भूल ही गया था। वह तो बिना मतलब तेरे पीछे पड़ी है।"


    "कौन पीछे पड़ी है?"


     कार्तिक और कुणाल के कानों में नेत्रा की आवाज पड़ी। दोनों ने देखा तो मुस्कुराती हुई नेत्रा उनके सामने दरवाजे पर खड़ी थी। कुणाल धीरे से बोला "शैतान का नाम लिया और शैतान हाजिर।"


    कार्तिक सिंघानिया की हंसी छूटने से बची। नेत्रा उनके पास आई और बोली "बताओ ना कुणाल! कौन पीछे पड़ा है?"


     अब बेचारा कुणाल क्या ही बोलता। वो नेत्रा से कुछ उल्टा सीधा बोलना नहीं चाह रहा था इसलिए कार्तिक सिंघानिया बोला "अरे कुछ नहीं। तुमको तो पता ही है आजकल के लोगों को थोड़ी सी हेल्प कर दो तो सीधा सर पर चढ़ जाते हैं। यार मेरा मतलब यह लड़कियां, इनको समझ क्यों नहीं आता कि दोस्ती और प्यार में फर्क होता है। एक तो यह फिल्म वालों ने बेवजह अजीब सा कॉन्सेप्ट दिमाग में डाल रखा है कि लड़का लड़की दोस्त नहीं हो सकते।"


     कुणाल भी इस बात को सपोर्ट करते हुए बोला "बिल्कुल यार! यह तो गलत है। ऐसा थोड़ी है कि अगर कोई लड़का लड़की दोस्त है तो उन्हें प्यार होना ही होना है। अब मुझे और नेत्रा देख ले। मैं और नेत्रा, हम दोस्त हैं लेकिन हमारे बीच तो प्यार वाला कोई एंगल नहीं है और ना हो सकता है। तो ऐसे ही बाकी भी तो होते हैं।"


     अपने लिए दोस्त सुनकर नेत्रा का चेहरा उतर गया। उसे बिल्कुल नहीं लगा था कि कुणाल इतने कैजुअल तरीके उसे सिर्फ अपनी दोस्त बता देगा और जिस टॉपिक पर दोनों दोस्त बात कर रहे थे, ऐसे में नेत्रा कार्तिक के सामने ही कुणाल से कोई सवाल नहीं कर सकती थी। फिर भी उसके मुंह से निकला "क्या हम सिर्फ दोस्त हैं कुणाल?"


    उसकी बात से इनकार करते हुए बोला "बिल्कुल नहीं नेत्रा! हम सिर्फ दोस्त नहीं है, हम बहुत अच्छे दोस्त हैं। हां ठीक है हम एक दूसरे को ज्यादा टाइम से नहीं जानते और बहुत कम मिले हैं लेकिन जितना भी मिले हैं एक दूसरे को जानने के लिए वह काफी थे। मुझे तुम्हारे बैकग्राउंड से कोई मतलब नहीं है क्योंकि दोस्ती हम बैकग्राउंड देखकर नहीं करते।"


    नेत्रा का दिल टूट गया। वह वहां से अपने दिल की बात करने आई थी और यहां..........! वो "मैं चलती हूं तुम अपना ख्याल रखना" बोल कर वहां से निकल गई। कुणाल ने राहत की सांस ली और कार्तिक सिंघानिया से बोल "अच्छा हुआ यार जो तूने यह वाला टॉपिक छेड़ दिया। अब एटलिस्ट नेत्रा के दिमाग में यह बात तो रहेगी कि हम सिर्फ दोस्त हैं और कुछ नहीं।"


    कार्तिक सिंघानिया ने अपना एक हाथ कुणाल के पैर पर मारा और बोला "तेरा दोस्त हूं यार!"


    पर हाथ लगने से कुणाल को दर्द का एहसास हुआ और उससे कहीं ज्यादा वह चिल्ला कर बोला "दोस्त नहीं दुश्मन है तो मेरा साले!"



   नेत्रा को बहुत बुरा लग रहा था। उसका रोने का दिल कर रहा था इसलिए वो जाकर अस्पताल के पीछे वाले गार्डन में बैठ गई और अपने चेहरे को दोनों हाथों में छुपा कर रोने लगी।


    इतने में न जाने कहां से शिवि ने उसे देख लिया और जाकर पीछे से उसके गले में बाहें डालकर बोली "मेरी जान रो रही है, क्यों?"


     नेत्रा सुबकते हुए बोली "कुणाल मुझसे प्यार नहीं करता दी। उसने क्लीयरली कहा कि हम सिर्फ दोस्त हैं और कुछ नहीं। इस तरह कोई दिल तोड़ता है क्या?"


    नेत्रा ने सर घूमर शिवि की तरफ देखा तो चौंक गई। "ये आपके चेहरे पर हल्दी कैसे लगी है दी?"

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