सुन मेरे हमसफर 170

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   काव्या सबके लिए खाना लगा चुकी थी। सभी डाइनिंग टेबल पर आ चुके थे लेकिन शिवि अभी भी कमरे में थी। धानी ने कहा "कुहू बेटा! जाकर देखा तो कहां रह गई वह!"


    काव्या सबके लिए प्लेट लगाते हुए बोली "यह लड़की कभी टाइम पर नहीं खाती। लगी होगी किसी मीटिंग में। पेशेंट को यह देना है, पेशेंट को वह देना है ऑब्जर्वेशन में रखना है टाइम टाइम पर मॉनिटर करना है। पता नहीं क्या मजा आता है इसको!"


      कार्तिक बोले "उसका पैशन है जिसे उसने खुद से चुना है। और जब हमारा जॉब हमारे पैशन को मैच करता है तो इंसान खाना पीना सोना सब भूल जाता है। मुझे खुशी है कि कम से कम कोई तो है जिसने अपने पैशन को फॉलो किया। वरना हमारे बच्चों को देख लो, हमें पता ही नहीं है कि उन्हें करना क्या है।"


       कुहू ने मुंह बना लिया और बोली "काया! जाकर शिवि को बुला ले आ।" काया उठी और तेजी से सीडीओ पर दौड़ लगा दी।


    काया को कुहू के सामने बहुत अनकंफरटेबल फील हो रहा था। सच बताने के बाद वह कुहू से नजरे नहीं मिल पा रही थी, इसलिए मौका मिलते ही वह सर पर पैर रखकर भागी।



     शिवि कमरे में खड़ी कुछ सोच रही थी। फोन उसके हाथ में था। पार्थ की कही कुछ बातें उसके दिमाग में खटक रही थी। लेकिन सच क्या था? कुहू का कहना था कि कुणाल नेत्रा से प्यार करता है, लेकिन पार्थ का कहना कुछ और था। खुद उसने भी यह बात महसूस की थी। कुणाल जिसे पसंद करता है वह लड़की नेत्रा हो, इसका बस 10% चांस है तो फिर कौन हो सकती है वह? 


   शिवि ने पार्थ को कॉल लगाया और बोली "तू मेरे लिए एक काम कर सकता है क्या? तू यह पता कर सकता है कि कुणाल किस लड़की को पसंद करता है?"


      पार्थ अपने सर पर हाथ रखकर बोला "मतलब अब डॉक्टरी के काम से छुट्टी लेनी पड़ेगी मुझे? तेरा दिमाग तो ठिकाने पर है ना?"


     शिवि परेशान होकर बोली "वही तो प्रॉब्लम है यार! मेरा दिमाग अपनी जगह पर नहीं है। समझ नहीं आ रहा कि मैं किसकी साइड लूं, कुहू दी की,  नेत्रा की या कुणाल की? तीनों के बीच में मैं फंस चुकी हूं।"


     पार्थ बोला "पहले तू मुझे आराम से समझा कि प्रॉब्लम क्या है?"


     शिवि ने अपने और कुहू के बीच हुई बातचीत पार्थ को बताई। कुणाल से जो कुछ भी उसकी बात हुई जो कुछ भी कुणाल ने उसे बताया उस बारे में भी उसने पार्थ को बता दिया। पार्थ अपना सर खुजाते हुए बोला "इसमें प्रॉब्लम क्या है, मेरी समझ नहीं आ रहा। हो सकता है वाकई वह लड़की नेत्रा ही हो। अब भले ही तुम लोगों में खून का रिश्ता नहीं है लेकिन तुम सब भाई-बहन ही हो। नेत्रा और कुहू दी के बीच में कोई भी टेंशन हो लेकिन इतनी भी नहीं हो सकती कि वह...........! सब छोड़, अगर कुहू दी को ऐसा लग रहा है तो होगा ही। वैसे भी लड़कियों की इंट्यूशन कुछ ज्यादा ही तेज होती है।"


      शिवि परेशान होकर बोली "यही तो मैं धोखा खा जा रही हूं। सारी सिचुएशन मेरी समझ से बाहर हो गई है।"


     काया कमरे में दाखिल होते हुए बोली "क्या हुआ दी, कोई प्रॉब्लम हुई है? अस्पताल में सब ठीक तो है ना?"


     काया की आवाज सुनकर शिवि चौंक गई। उसके चेहरे का रंग उड़ गया। 'यह लड़की कब आई कमरे में? क्या इसने सुन लिया सब कुछ?' 


 ।।।।काया शिवि के सामने खड़े होकर बोली "क्या हुआ दी, सब ठीक है ना?"


    शिवि को फाइनली थोड़ी राहत मिली और उसने अपना सर हिला कर कहा "हां सब ठीक है। तू बता तू ऐसे भूत की तरह यहां क्यों टपक पड़ी?"


      काया हंसते हुए बोली "आप भी ना ! मम्मी ने सबको खाने पर बुलाया है खाना लग गया है जल्दी चलो वरना ठंडी हो जाएगी।" शिवि ने कॉल खत्म किया और काया के साथ चल पड़ी। परेशानी और मुसीबत कितनी बढ़ाने वाली थी इसका उसे अंदाजा भी नहीं था और कल क्या रंग लाने वाला था यह तो किसी को पता नहीं था।



      दूसरी तरफ पार्थ भी शिवि के इन बातों को सुनकर परेशान हो उठा। बार-बार उसके दिमाग में बस एक ही बात घूम रही थी कहीं वह लड़की शिवि हुई तो? क्या ऐसा पॉसिबल है? नेत्रा कुणाल को पसंद करती है यह बात मैंने भी नोटिस की थी तो फिर कुणाल अगर नेत्रा को पसंद करता है तो फिर उसने ऐसा क्यों कहा होगा? जब दोनों एक दूसरे को पसंद करते हो तो फिर कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए। पता नहीं क्यों लेकिन मेरा सिक्स्थ सेंस मुझे यही कह रहा है, मैं जो सोच रहा हूं वह बिल्कुल सही है। लेकिन इसको साबित कैसे किया जाए? इसके बारे में ऑनलाइन कुछ जानकारी मिल सकती है क्या?"


     पार्थ ने अपना लैपटॉप खोला और उसमें कुणाल रायचंद के बारे में कुछ सर्च करने लगा। फिर अपनी ही बेवकूफी पर हंसते हुए खुद को गालियां देकर बोला "बेवकूफ! ऐसी सेंसिटिव बात जो को खुद ही नहीं जानती वह तुझे गूगल पर मिलेगा? लगता है अपने जासूसी घोड़े को दौड़ना पड़ेगा।" पार्थ ने गाड़ी की चाबी उठाई और अस्पताल से निकल गया।



    खाना खाने के बाद सर बर्तन समेतकर और बाकी के काम निपटाना के बाद कुहू जब अपने कमरे में जाने लगी तो अकेले मौका पाकर शिवि बोली "दी! आपको नहीं लगता जो सिख आप काया को दे रही थी उसे आपको खुद भी अमल करना चाहिए!"


     कुहू अनजान बनकर बोली "तू किस बारे में बात कर रही है? मैं कुछ समझी नहीं।"


     शिवि उसके पास आई और बोली "दी! अगर काया उसे लड़के से प्यार करती है और वह लड़का काया से प्यार नहीं करता तो क्या किया को उसके पीछे जाना चाहिए?"


      कुहू शिवि के कहे बातों का मतलब अच्छे से समझ रही थी उसने कहा बिल्कुल नहीं जाना चाहिए अगर वह लड़का टाइम पास कर रहा है तो! लेकिन मेरी बात अलग है। हमारे देश में लव मैरिज बहुत कम होता है और अरेंज मैरिज आज भी बहुत ज्यादा। जहां प्यार नहीं होता लेकिन धीरे-धीरे हो जाता है। तू चिंता मत कर, सब ठीक हो जाएगा।"


    इन सभी बातों से शिवि का मन उचट हो चुका था।  इसलिए वह वापस अपने घर चली आई। देर रात उसे अस्पताल से फोन आया। इमरजेंसी केस के बारे में सुनकर शिवि के होश उड़ गए और वह अस्पताल के लिए भागी।

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