सुन मेरे हमसफर 169

169





    काया हड़बड़ा कर बोली "ऐ ऐसा कुछ नहीं है दी! आप गलत समझ रही हैं। यह तो बस मैं बाहर थी तो किसी कीड़े ने काट लिया।"


     कुहू ने उसे दोनों कंधे से पकड़ा और बोली "कीड़े का कांटा मुझे साफ नजर आता है बेटा! बड़ी हूं तुझसे। मुझसे झूठ मत बोलना। ऐसी बाते छुपा कर नहीं रखी जाती। बता मुझे, कौन है वह?"


    काया अभी भी नहीं चाहती थी कि वह ऋषभ का नाम ले, जब तक कि वह लौट करना आ जाए। कुहू ने सख्ती से पूछा "कायू! तू समझ भी रही है मेरी बात? कौन है वह लड़का, कैसा है किस बैकग्राउंड से आता है, उसकी नियत कैसी है.........! छोटी है अभी तू! तुझे नहीं पता कि दुनिया में किस तरह के लोग रहते हैं। यह हमारा काम है कि हम तुझे सबसे प्रोटेक्ट करें। अगर अंशु को पता चल गया ना तो उसकी टांगे तोड़ देगा।"


     काया घबरा कर बोली "कुणाल जीजू का दोस्त है वो।"


     कुहू हैरान होकर बोली "तू सिंघानिया की बात कर रही है?"


    काया ने हां में सर हिला दिया। कुहू अपना सर पकड़ कर बोली "वह क****! सीधे-सीधे मेरी बहन पर डोरे डाल गया और मुझे पता भी नहीं चला! कब से चल रहा है ये सब?"


     अपनी बहन की डांट सुनकर काया डरते हुए बोली "दी! वो जब मैं अपनी दोस्त की शादी में मनाली गई थी, वहां मिला था मुझे।"


     कूहू और ज्यादा नाराज होकर बोली "मतलब तब से तुम दोनों........." कुहू की आवाज ऊंची हो गई थी। इससे पहले की कोई सुन ले, कुहू ने इधर-उधर देखा और आवाज धीरे करके गुस्से में बोली "मतलब तब से तुम दोनों रिलेशनशिप में हो?"


     काया इनकार करते हुए बोली "नहीं दी, तब से नहीं। इनफैक्ट आपकी सगाई के बाद वह मुझे मिला था। उसके बाद तो वह मेरे पीछे ही पड़ गया।"


     कुहू ने आंखे छोटी कर सवाल किया "तू पसंद करती है उसे?" काया बस सर झुका कर रह गई। कुहू आगे बोली "क्या वह सीरियस है तुझे लेकर?"


     काया धीरे से बोली "पता नहीं दी, शायद!"


     कुहू को काया का ये जवाब समझ नही आया। उसे लग रहा था कि काया कार्तिक की बात कर रही है। उसकी कई सारी गर्लफ्रेंड थी लेकिन कार्तिक इतना मनचला तो नहीं था जो हर किसी के साथ टाइम पास करता। लेकिन उसके भाई के बारे में वह अच्छे से जानती थी। हो सकता है दोनों भाई एक जैसे हो, यह सोचकर उसने कहा "देख कायू! मैं जानती हूं उसे, लेकिन फिर भी ऐसे बिना सोचे समझे किसी भी रिश्ते में बंध जाना समझदारी नहीं है। तुझे यह भी नहीं पता कि वह तुझे लेकर सीरियस है या नहीं है। लेकिन तेरी आंखों में साफ नजर आ रहा है कि तू उसके लिए क्या महसूस करती है। अगर उसने तेरे साथ नाटक किया और तुझे छोड़कर चला गया तब तो क्या करेगी?"


     काया की आंखों में आंसू आ गए। कुहू उसके आंसुओं को पोंछ कर बोली "तू रो मत। एक काम कर, उस गधे को बोल अपने घर वालों के साथ यहां आकर तेरा हाथ मांगे, वरना ऐसे ही मैं तुझे उस लफंगे के साथ टाइम पास करने नहीं दूंगी। और अगर उसने तेरे साथ ऐसी कोई हरकत की तो मैं उसे नहीं छोडूंगी।"


     कुहू वहां से जाने को हुई लेकिन फिर अचानक उसे एक बात खटकी और उसने पलट कर काया से पूछा "तुम दोनों का रिश्ता कहां तक पहुंचा है? तेरी गर्दन पर जो निशान है वह..........."


      काया जल्दी से बोली "नहीं दी, ऐसा कुछ नहीं है जैसा आप सोच रहे हो। मैं अभी तक उसे कुछ खास रिस्पांस नहीं दिया है।"


    कुहू उसके सर पर हाथ रख कर बोली "बिल्कुल ठीक किया तूने, और आगे से ध्यान रखना। किसी भी रिश्ते में एक उचित दूरी बहुत जरूरी होती है। इस लक्ष्मण रेखा को ना तू पार करना, ना उसे पार करने देना, ठीक है?" काया ने अपना सर हिला दिया।





*****






    "अच्छा सुन! ध्यान से जाना। और मॉम के लिए सारा सामान रख लिया है ना तूने.............? हां तू टेंशन मत ले, यहां का सब मैं संभाल लूंगा.............। तू ऐसा क्यों बोल रहा है? देख रिशु! मैं समझ रहा हूं तेरी बात, और क्या तुझे मुझ पर भरोसा नहीं है? तेरे ना होने का कोई फायदा नहीं उठाया जाएगा। मेरे लिए सबसे जरूरी तू है..........। एक काम कर, अगर तुझे इतनी ही प्रॉब्लम हो रही है तो मैं चला जाता हूं। मैंने तो इंकार नहीं किया था.............! तेरा कुछ नहीं हो सकता। कब क्या करता है क्या सोचता है तुझे खुद को मालूम नहीं होता। और आजकल जो तू कर रहा है उसका ध्यान रख और जाकर मॉम डैड को सबसे पहले इस बारे में बता दे वरना तू जानता है क्या होगा। चल बाय! अपना ध्यान रखना।"


      कुणाल ने कार्तिक सिंघानिया के कंधे पर हाथ रखा और पूछा "क्या हो गया? किससे बात कर रहा था?"


    कार्तिक सिंघानिया अपना फोन जेब में रखते हुए बोला "भाई मेरा। मॉम के पास जा रहा है, अगले कुछ दिन वह वही रहेगा। अब यहां से जा रहा है तो यहां उसकी जितनी भी गर्लफ्रेंड है, उसको लेकर उसे टेंशन हो रही है।"


     कुणाल हंसते हुए बोला "तुम दोनों का भी अलग ही सीन है। उसकी सारी गर्लफ्रेंड्स तुझे संभालती पड़ती है। कितना लकी है ना तू!"


     कार्तिक ने तिरछी नजरों से कुणाल को देखा और उसके पेट में कोहनी मार कर बोला "एटलिस्ट तेरे जैसी किस्मत तो नहीं है मेरी। तुझे देखता हूं तो लगता है कि मैं कितना ज्यादा लकी इंसान हूं।"


    कुणाल अपने पेट पर हाथ रख कर बोला "उड़ा ले मेरा मजाक। मेरा भी टाइम आएगा।"


     कार्तिक सिंघानिया बोला "फिलहाल तो कुहू के शो छूटने का टाइम हो रहा है। चल जल्दी!"


    कुणाल और कार्तिक दोनों ही भागते हुए टॉप फ्लोर पर पहुंचे और एग्जिट के पास जाकर खड़े हो गए। दोनों ने देखा शो ओवर होने में टाइम था तो दोनों इधर-उधर टहलने लगे। कुणाल के फोन पर शिवि का कॉल आया, तब कार्तिक ने भौंहे चढ़ा कर उसे चिढ़ाया।


     कुणाल उसके सर को दूर करते हुए अपना फोन लेकर साइड हो गया। दूसरी तरफ से शिवि ने कुणाल को कुहू की खबर दे दी। कुणाल परेशान हो गया। उसके माथे पर चिंता की लकीर देख कार्तिक सिंघानिया ने पूछा "क्या हुआ तुझे?"


    कुणाल बस इतना ही बोल पाया "चल यहां से। अब यहां रुकने का कोई फायदा नहीं है। ये लड़की मुझे अपने पीछे घुमा रही है।"


    कार्तिक कुछ पूछ नहीं पाया और उसके पीछे-पीछे पार्किंग एरिया में चला आया। कुणाल परेशान तो था कि कुहू से उसकी बात नहीं हो पाई लेकिन एक तरफ वह खुश भी था। क्योंकि अब वो अपने ओरिजनल प्लान को अंजाम देने वाला था। 



    तो क्या होगा कुणाल का प्लान?

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सुन मेरे हमसफर 272

सुन मेरे हमसफर 309

सुन मेरे हमसफर 274