सुन मेरे हमसफर 168

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   चाहे कुहू जो भी कहे लेकिन शिवि को यकीन नहीं था और ना ही शिवि के बातों पर कुहू को यकीन था। शिवि जानती थी, कुहू को समझने का कोई फायदा नहीं है फिर भी उसने एक कोशिश की और कहा "दी! आपको नहीं लगता, एक ऐसा इंसान जो किसी के बहकावे में आकर यह तक ना समझ पाए कि वह किससे प्यार करता है और किससे नही, क्या वह इंसान भरोसे के लायक है?"


    कुहू चुप हो गई। शिवि आगे बोली "दी! मैं अभी भी कह रही हूं, मत कीजिए यह सब! घर वाले बहुत खुश हैं लेकिन शादी के बाद अगर आपको तकलीफ हुई तो उससे कहीं ज्यादा तकलीफ घर वालों को होगी। अभी अगर आप सब कुछ सच-सच बता देंगे तो कहीं से कोई प्रॉब्लम नहीं होगी। प्लीज!!"


  कुहू तो जैसे कुछ समझ नहीं चाहती थी। उसने कहा "मैं कैसे कुणाल को छोड़ दूं, यह जानते हुए भी कि उसके साथ गलत हो रहा है? मैं उसकी दोस्त हूं मैं उसे गलत रास्ते पर नहीं जाने दे सकती।"


    शिवि इसी प्वाइंट को उठाकर बोली "यही तो मैं कह रही हूं दी! आप कुणाल की दोस्त है, उसका प्यार नहीं। जाने दो उसे। अच्छा ठीक है! अगर आपको लग रहा है कि आपके इस तरह जबरदस्ती रोकने से वो रुक जाएगा तो आप गलत हो। आजकल टीवी और फिल्मों में दिखाते हैं ना, सब कुछ सही चल रहा होता है और लास्ट मोमेंट पर सब गड़बड़ हो जाती है! कुणाल भी वैसा ही निकला तो? अगर शादी वाले दिन ही तो आपको छोड़कर चला गया तो?"


     कुहू ने हैरानी से शिवि की तरफ देखा। उसने तो इस बारे में सोचा ही नहीं था। शिवि आगे बोली "अगर वाकई नेत्रा उसे यह एहसास दिला सकती है कि वह आपसे प्यार नहीं करता, किसी और से करता है तो यह भी तो सोचो, क्या वो उसे यहां से भागने पर कन्वेंस नहीं कर सकती?"


     "किसको भगाने के लिए कन्वेंस करना है?" सुहानी की आवाज सुनकर शिवि और कुहू दोनों ही चौंक पड़े। सुहानी दरवाजा खोलकर अपने हाथ में चाय की ट्रे लिए कब वहां आ पहुंची किसी को पता ही नहीं चला। सुहानी ने फिर पूछा "आप लोग मुझे ऐसा क्यों देख रहे हो? बताओ ना, किसको भगाने के लिए कन्वेंस करना है? मुझे बताओ मैं आपकी सारी प्रॉब्लम क्यों सॉल्व कर दूंगी। अरे बहाने बनाने में तो मैं एक्सपर्ट हूं।"


     शिवि मुस्कुरा कर बोली "अच्छा! जरा मैं भी तो जानू अब तक कितने झूठ बोले हैं तूने?"


      सुहानी अपने गले को छूकर बोली "कसम से दी! मैंने आज तक कभी झूठ नहीं बोला, बस बहाना बनाया है और कुछ नहीं। आपको मैं ऐसी लगती हूं क्या?"


    कुहू के होंठो पर भी मुस्कान आ गई। उसने धीरे से सुहानी के बाल बिगाड़ दिए। सुहानी अपने बालों को ठीक करके बोली "यह महारानी कहां रह गई? इसने तो कहा था कि वह डिलीवरी बॉय से खाना लेने जा रही है लेकिन डिलीवरी बॉय आकर खाना देकर चला भी गया और महारानी का कोई पता पता नहीं है।"


      कुहू ने हैरानी से पूछा "काया तो नीचे ही गई थी, आई नहीं अब तक?" सुहानी ने इनकार में सर हिला दिया और अपना चाय का कप उठकर पीने लगी। 


     कुहू बोली "मैं जाकर देखती हूं उसे। पता नहीं कहां रहती है ये लड़की!" कुहू उठी और वहां से निकल गई।


     सुहानी ने पीछे से आवाज लगाई "कुहू दी! आपकी चाय!!"


     लेकिन कुहू को तो वहां से निकलना था। शिवि ने अब तक जो कुछ भी कहा था और जो कुछ भी उसने शिवि से कहा था उसे सब का कोई नतीजा नहीं निकला था। लेकिन एक बात तो शिवि ने बिल्कुल सही कही थी, अगर कुणाल शादी वाले दिन भाग गया तो? 'नहीं! मैं ऐसा कुछ नहीं होने दूंगी। कुणाल ऐसा नहीं करेगा। मुझे उससे बात करनी होगी। लेकिन अगर बात की मैंने तो फिर वो मुझे अपने दिल की बात कहतएल देगा और मुझसे हमेशा के लिए दूर हो जाएगा। हर हाल में हार मेरी ही होगी। क्या करूं मैं जो कुणाल हमेशा मेरे पास रहे?"


    कुहू सीढ़ियों से उतर रही थी। उसका ध्यान बिल्कुल भी सामने की तरफ नहीं था। एकदम से काया भागते हुए आई और कुहू से टकरा गई। दोनो ही नीचे गिर पड़ी। गनीमत थी जो दोनों सीढ़ियों से नीचे थी इसलिए दोनों को चोट नहीं आई। कुहू उस पर गुस्सा होकर बोली "तुझे दिखाई नहीं देता है? इस तरह कोई चलता है क्या? क्या कर रही थी तू? कहां से आ रही है?"


     काया ने सफाई देनी चाही, "दी! वह मैं बाहर.........!"


     लेकिन कुहू उसे बीच में ही रोक कर बोली "खबरदार जो मुझसे झूठ बोला तो! और डिलीवरी बॉय का तो नाम भी मत लेना। वह बेचारा कब का खाना डिलीवर करके जा चुका है।"


     काया ने किचन की तरफ नजर दौड़ाई तो देखा उसकी मम्मी खाना लग रही थी। उसे समझ नहीं आया कि वह अपनी बहन को क्या सफाई दें। इसलिए वह बोली "आप भी ना! एकदम पुलिस वालों की तरह सर पर सवार हो जाते हो। बाहर थी मैं, किसी से बात कर रही थी, आई मीन फोन पर बात कर रही थी। वह डिलीवरी वाला मेरे पीठ पीछे घर के अंदर घुसकर डिलीवर कर जाए तो फिर इसमें मेरी गलती? मैंने उसे नहीं देखा। जब मुझे नोटिफिकेशन आया तब जाकर मैं वापस आई चेक करने के लिए। अब छोड़ो भी यह सब। आपका इंटेरोगेशन खत्म हो गया हो तो हम खाना खा ले? बहुत भूख लग रही है।"


     काया ने कुहू को इग्नोर किया और अपनी मम्मी को आवाज लगा कर बोली "मम्मी! जल्दी खाना लगा दो।"


     काया वहां से जाने को हुई तो कुहू ने एकदम से उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया। काया चौक गई और परेशान भी हो गई। वह किसी से भी ऋषभ के बारे में नहीं बताना चाहती थी, इतनी जल्दी तो बिल्कुल नहीं। पता नहीं वह इस रिलेशनशिप को लेकर सीरियस है भी या नहीं? अब तक तो उसने खुलकर कुछ भी नहीं कहा था।


    कुहू ने कहा कुछ नहीं बस उसका हाथ पकड़ कर साथ ले गई। सीढ़ियों के पीछे ले जाकर उसने काया को सीधे से खड़ा किया और बोली "तेरा कोई बॉयफ्रेंड है?"


    कुछ कह पाती उससे पहले कुहू उसके गर्दन पर बनी निशान को दिखाकर बोली "क्या है ये सब?"


     अब काया क्या जवाब देगी?

    

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