सुन मेरे हमसफर 161

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   निशि जब कमरे में गई तो उसे वहां कोई नहीं दिखा। अव्यांश कमरे में नहीं था। 'यह अभी तो यही था। कहां चला गया? शायद बालकनी में!' निशी अव्यांश को ढूंढते हुए बालकनी की तरफ गई लेकिन अव्यांश वहां नहीं था। उसे लगा बाथरूम में होगा, लेकिन बाथरूम का लॉक खराब था और वह खुल नहीं रहा था तो फिर वह अंदर कैसे हो सकता है' यह सोचते ही उसकी नजर बाथरूम की तरफ उठी तो यह देखकर चौंक गई।


      बाथरूम का दरवाजा खुला था और अंदर से पानी गिरने की हल्की आवाज आ रही थी। निशी हैरान होकर बोली "लेकिन उसने तो कहा था कि............! मतलब सिर्फ मुझे परेशान करने के लिए किया उसने यह सब......! तुम्हें छोडूंगी नहीं मैं!" निशी बाथरूम की तरफ बढ़ने लगी।


     एकदम से उसका पैर अव्यांश के शर्ट पर पड़ा। वह जल्दी से पीछे हुई और उस शर्ट को उठाकर झाड़ते हुए बोली "ये क्या तरीका है? यह इस तरह कपड़ा कोई नीचे फेंकता है? क्या यह पागल इतना गुस्सा है कि इसने..........! हे भगवान! अब मैं क्या करूं? यहां खड़े रहकर उसका इंतजार करूं या फिर उसे आवाज लगाऊं? कहीं वह और ज्यादा गुस्सा हो गया तो? मुझे यहीं रहकर उसका इंतजार करना चाहिए। जब शांत रहता है तो शांत रहता है लेकिन जब गुस्से में होता है तो उसकी आंखें देख कर ही डर लगता है।" सोचते सोचते निशि जाकर बिस्तर पर बैठ गई। उसकी नज़रें बाथरूम की तरफ अटकी थी।


     पानी लगातार गिरे जा रहा था, बंद होने का नाम नहीं ले रहा था। इरिटेट होकर निशी ने अपने हाथ में पड़े अव्यांश के शर्ट को ऊपर उठाया और उसे अव्यांश समझ कर बोली "तुम्हे इतना गुस्सा किस बात का आता है? कब से इंतजार करती हूं तुम्हारा लेकिन तुम्हें नहीं आना है! जब मैं तुमसे परेशान रहती हूं तो मुझे परेशान करने के लिए मेरे और करीब आते हो। अब जब मैं खुद तुम्हारे पास आई हूं तो तुम हो कि...! क्या चाहते हो तुम, मैं अंदर घुस जाऊं? सॉरी! लेकिन यह मेरे से नहीं होगा। तू भी ना निशी! क्या-क्या सोच रही है! लेकिन बात सही भी तो है। यह इंसान काफी देर से बाथरूम में है। इतना टाइम तो नहीं लगाता और इस टाइम तो नहीं नहाता, तो फिर इतनी देर से अंदर कर क्या रहा है? पानी नल से गिरने की आवाज आ रही है लेकिन इसके अलावा और कोई आवाज नहीं आ रही है। अंदर जाकर देखूं क्या?"


     निशि उठी और बाथरूम के दरवाजे के पास जाकर अव्यांश को आवाज लगने लगी "अव्यांश! अव्यांश कहां तुम? मेरी आवाज सुन रहे हो?" अंदर से कोई आवाज नहीं आई।


     निशि को अब थोड़ी घबराहट होने लगी थी "हे भगवान! वाकई इसे कुछ हो ना गया हो। गुस्से में क्या करता है कुछ पता नहीं चलता है इसका।" निशि ने अपने हाथ में पड़े शर्ट को एक तरफ रखा और धीरे से बाथरूम के अंदर घुसी।


     "ये अव्यांश कहां चला गया? था तो कमरे में ही, लेकिन जा कहां सकता है? और फिर पानी भी खुला छोड़ रखा है।" निशि ने ध्यान दिया, पानी नल से नहीं बल्कि बाथटब से गिर रहा था। तब जाकर उसका ध्यान बाथटब पर गया। अव्यांश आराम से लेटा हुआ था। उसे देख निशी की सांस अटक गई। अव्यांश चुपचाप टब में पानी के नीचे आंखे बंद किए लेटा हुआ था और कोई हरकत नहीं कर रहा था।




*****





     कार्तिक सिंघानिया भागते हुए गया और कुणाल के सामने जाकर खड़ा हो गया। कुणाल उसे अजीब नजरों से देखते हुए बोला "परे हट!" और खुद उसके साइड होकर जाने लगा तो कार्तिक सिंघानिया ने अपने दोनों हाथ फैला कर उसका रास्ता और ज्यादा रोक लिया और बोला "तेरे दिमाग में क्या चल रहा है?"


    कार्तिक के इस सवाल पर कुणाल ने उसके चेहरे को गौर से देखा फिर कुछ सोच कर बोला "कुछ नहीं! कुछ भी तो नहीं!! और तू ऐसे क्यों पूछ रहा है?"


      कार्तिक सिंघानिया शक भरी नजरों से कुणाल की तरफ देखकर बोला "तेरे दिमाग में अभी भी कुछ आईडिया आया था। कौन सा आइडिया आया था, और मैंने तुझे कौन सा आईडिया दे दिया जो मुझे नहीं पता?"


      कुणाल मुस्कुरा कर बोला "आईडिया तो तूने ही दिया था ना? तूने कहा था कि जाकर शिविका से बात करो तो मैं वही जा रहा था, उससे बात करने।"


     कुणाल उसे साइड कर दो कदम आगे बढ़ा तो कार्तिक एक बार फिर आकर उसके सामने खड़ा हो गया और बोला "तुझे मैं शक्ल से पागल दिखता हूं?"


     कुणाल भी मुस्कुरा कर बोला "मेरी नजर से देख तो तू वाकई पागल ही लगता है। तेरा ऊपर का माला खाली है।"


    कार्तिक चिढ़कर बोला "लेकिन तेरे ऊपर के माले में भूसा भरा है। तुझे लगता है कि मेरी समझ में कुछ नहीं आएगा? देख कुणाल! सच सच बता क्या करने वाला है तू? कहीं ऐसा ना हो कि सारी बात बिगड़ जाए।"


     कुणाल उसे समझाते हुए बोला "ऐसा कुछ नहीं है यार! तूने ही कहा था ना जाकर बात कर! जब शिविका सामने थी तो मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी, लेकिन........"


     "........... यह डॉक्टर पेशेंट वाली बात सुनकर तेरे दिमाग में क्या आया मुझे वह जानना है। किस आइडिया की बात कर रहा था तू?" कार्तिक ने सख्ती से पूछा तो कुणाल बोला "सिंपल सा आइडिया है। देख! मैं हॉस्पिटल जाऊंगा और यह शिकायत करूंगा कि मैं सीने में दर्द हो रहा है। शायद कोई हार्ट प्रॉब्लम हो। यू नो, एक रेगुलर चेकअप के हिसाब से। वहां मैं एक डॉक्टर को पैसे खिलाऊंगा और उससे कुछ अजीब सी रिपोर्ट बनवाने को कहूंगा।"


      कार्तिक को उसकी बात पर विश्वास नहीं हो रहा था। उसने फिर सवाल किया "अच्छा! गलत रिपोर्ट बनवाएगा तू? उसके बाद क्या करेगा? उसे लेकर तू शिविका से मिलेगा? वह तुझे इतनी बेवकूफ लगती है जो तेरे झांसे में आ जाएगी? क्या उसे पता नहीं चलेगा की रिपोर्ट में क्या गड़बड़ है?"


      कुणाल कार्तिक के कंधे पर हाथ रखकर बोला "चिल यार! मुझे बस उसका टाइम चाहिए और इसके लिए तो मुझे उसका पेशेंट बना ही पड़ेगा। झूठा ही सही लेकिन एटलिस्ट उसको कंसल्टेशन चार्ज देकर अगर थोड़ा सा वक्त उसका मिल जाए तो उसमें बुरा क्या है? जिस वक्त वह मुझे एग्जामिन कर रही होगी, मैं दिल में उठे दर्द का बहाना बनाकर उसे अपने प्यार का इजहार कर दूंगा। तब तो वह मेरी बात सुनेगी ना?"


     कार्तिक को अभी भी उसकी बातों पर यकीन नहीं था। कुणाल की आंखें कुछ और कह रही थी और जुबान कुछ और। उसने डांटते हुए कहा, "तू सच में बेवकूफी करने जा रहा है। ये अपना बकवास प्लान छोड़ और मेरे साथ घर चल।"


   इस बार कुणाल की एक ना चली और कार्तिक उसे अपने साथ ले गया। अब कुणाल क्या करेगा?

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