सुन मेरे हमसफर 152

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     जब सामने बैठे इंसान की तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो अव्यांश ने अपना सवाल फिर से दोहराया "कुछ पूछ रहा हूं मैं तुमसे! आखिर क्यों अपनी पूरी लाइफ बर्बाद करना चाहते हो तुम? देखो देवेश! मेरा तुमसे कोई वास्ता नहीं है। ना तुमसे दोस्ती है ना दुश्मनी है। तुम मेरी लाइफ में जरा भी मैटर नहीं करते इसलिए बेहतर होगा तुम मुझे सब सच सच बता दो। तुम्हारा फ्यूचर मैं सिक्योर कर के दूंगा।"


     सामने बैठा देवेश अभी भी कुछ नहीं बोला। उसने अव्यांश की तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दिया। अव्यांश समझ गया कि देवेश कुछ नहीं बोलने वाला। लेकिन एक और तरीका था, उसे इमोशनल ब्लैकमेल करना। अव्यांश ने आगे कहा "एक बात तो बताओ, आखिर तुम मारना किसे चाहते थे, मुझे या निशि को? जहां तक मुझे पता है, मेरा तुम्हारा कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि तुमने वह गोली मेरे लिए चलाई थी। तो क्या तुम निशि को मारना चाहते थे? तुम भूल गए कि तुम निशि से कितना प्यार करते थे? तुम दोनों ने एक साथ काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया है, बहुत ही खूबसूरत यादें होगी तुम्हारे पास। इतने टाइम में तुम दोनों ने बहुत से ऐसे मोमेंट क्रिएट किए होंगे जो कभी कोई भूल नहीं सकता। मैं जानता हूं निशि का पति होने के नाते मुझे यह सब कुछ नहीं कहना चाहिए था। लेकिन निशि से मैं भी प्यार करता हूं। मैं समझ सकता हूं तुम्हारा दर्द। लेकिन जिस लड़की से तुमने इतना प्यार किया, उसे तुम खुद भरी मंडप में छोड़ कर चले गए थे, उसके बाद ही मैंने उसका हाथ थामा था। उसे मैने तुम से चुराया या छीना नही है और ना ही वो तुम्हे छोड़कर मेरे पास आई है। मुझे तो तुम्हें थैंक यू कहना चाहिए। मेरे दिल में तुम्हारे लिए कोई गुस्सा नहीं है क्योंकि तुमने जो भी किया अपनी फैमिली के लिए किया। माना तुम गलत थे लेकिन पूरी तरह गलत नहीं थे। अपने परिवार के आगे हर बार हमारी नहीं चलती है। लेकिन थोड़ी हिम्मत तुम्हें दिखानी चाहिए थी, तो शायद आज हम दोनों यहां नहीं होते। सच-सच बताओ देवेश, किसके कहने पर तुमने किया यह?"


     देवेश अव्यांश को देखते हुए हंस पड़ा और बड़ी मुश्किल से हंसते हुए बोला "मैं तुम दोनों को मार डालना चाहता हूं। मेरे हाथ खोल दो, मैं अभी के अभी तुम्हारी जान ले लूंगा। तुम मेरी निशि को मुझसे दूर ले गए। मुझे लगा था मेरी निशि कभी मुझे भूल नहीं सकती, लेकिन वह तुम्हारे साथ खुश है और मेरी तरफ एक बार देखना अब तक नहीं चाहती। कुछ दिनों में ऐसा क्या कर दिया तुमने कि हमारा इतने सालों का रिश्ता एकदम से खत्म हो गया? मुझे लगा था पहले उसकी शादी तुमसे हो गई हो लेकिन बहुत जल्द वह तुम्हें छोड़कर मेरे पास वापस आ जाएगी। मैंने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वो मेरी तरफ देखने को भी तैयार नहीं है। आखिर वो भी बाकियों की तरह ही निकली, पैसे की लालची। जिस तरह से उसने तुम पर हक जताया और जिस तरह वह तुम्हारी बाहों में झूल रही थी, मैंने उसी वक्त तय कर लिया कि मैं तुम्हें और उस लड़की को जिंदा नहीं छोडूंगा।"


      इस बार अव्यांश को गुस्सा आ गया। उसने एक जोरदार पंच देवेश के चेहरे पर मारा। देवेश के मुंह से खून निकल गया। अव्यांश खड़े होकर बोला "तुमने मुझ पर अटैक किया होता तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं थी क्योंकि मैं जानता हूं मुझ पर अटैक करने वाले को मुझे कैसे संभालना है। लेकिन तुमने मेरी पत्नी के ऊपर जानलेवा हमला किया है, इसकी माफी मैं तुम्हें नहीं दे सकता। अगर तुम नहीं बताना चाहते तो कोई बात नहीं। जो कोई भी तुम्हें बैक कर रहा है और जिसके इशारे पर तुम यह सब कुछ कर रहे थे, उस तक तो मैं पहुंच ही जाऊंगा। फिलहाल तुम्हें तुम्हारा असली जगह पहुंचाना होगा।"


    देवेश बोला "किसके लिए तुम यह सब कर रहे हो? उस लड़की के लिए जिसके साथ तुम्हारे रिश्ते को अभी एक महीना ही हुआ है! तुम्हें पता भी है हम दोनों ने कितने साल साथ में गुजरे हैं? अरे जब मुझे भूलने में उसे जरा भी वक्त नहीं लगा तो तुम्हें क्या लगता है, तुमसे भी ज्यादा पैसे वाला उसे मिलेगा तो तुम्हें भी भूलने में जरा सा भी वक्त नहीं लगाएगी। इस वक्त जहां मैं हूं, कुछ वक्त बाद तुम भी वही मिलोगे। जैसे उसके पीछे मैं पागल हो गया, तुम भी एक दिन पागल हो जाओगे, वो तुम्हे भी पागल कर देगी।"


    अव्यांश ने पलट कर देवेश की तरफ देखा और बोला "काफी वक्त से जानते हो तुम उसे लेकिन फिर भी इतना भी नहीं समझ पाए कि निशि उन लड़कियों में से नहीं है जो पैसे के पीछे भागती है। धोखा उसने तुम्हें नहीं दिया,, तुम उसे छोड़ कर गए थे। सात फेरों के रिश्ते की अहमियत क्या होती है ये वह अच्छे से समझती है इसलिए तुम्हें भूलकर आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। लेकिन तुम्हें समझ में कहां आएगा! तुमने तो बस वही देखा जो तुम्हें दिखाने की कोशिश की गई। कभी खुद से सवाल किया तुमने? कभी अपने अंदर झांक कर देखा?"


   देवेश ने अपनी नज़रें झुका ली। अव्यांश आगे बोला "दूसरों पर ब्लेम लगाना बहुत आसान है लेकिन अपने अंदर देखना बहुत मुश्किल। तुम्हें क्या लगता है, अगर निशि को पता चला कि उसे पर जानलेवा हमला हुआ है और उसकी जान लेने की कोशिश करने वाला और कोई नहीं बल्कि तुम हो.........! वो इंसान जिससे कभी उसने प्यार किया था। जिसके साथ अपनी पूरी लाइफ स्पेंड करना चाहती थी। तुम्हें जरा सा भी एहसास है उस पर क्या गुजरेगी? और जब उसे पता चलेगा कि तुम उसके बारे में क्या कुछ सोचते हो तो उसे कैसा लगेगा? देवेश! निशि तुम्हारा बीता हुआ कल है, वह जा चुकी है। तुम्हें अपने आज और आने वाले कल पर ध्यान देना चाहिए था, सब कुछ भूल कर आगे बढ़ना चाहिए था लेकिन तुमने अपना फ्यूचर खुद खराब किया है। मैं पूरी कोशिश करूंगा कि तुम्हारी इस हरकत के बारे में निशी को पता ना चले क्योंकि मैं नहीं चाहता मेरी निशि की आंखों में जरा सा भी आंसू आए या उसके माथे पर हल्की सी भी परेशानी के लकीर उभरे।"


    वहां से वापस लौटते हुए अव्यांश ने अपनी बॉडीगार्ड को कुछ इशारा किया और फौरन ही वहां से बाहर के लिए निकल गया। उसके जाने के कुछ देर बाद ही पुलिस वहां आई और देवेश को अरेस्ट करके ले गई।



*****



    शिवि को खुद भी एहसास नहीं हुआ कि उसने ऐसा सवाल क्यों पूछा। उसका तो कोई हक नहीं बनता था ऐसा सवाल करने का। कुणाल की लाइफ में चाहे जो भी थी इससे शिवि का कोई लेना-देना नहीं था। शिवि खुद भी अपनी सवाल पर थोड़ी शर्मिंदा हो गई और कहा "सॉरी। मैं जानती हूं यह तुम्हारा बहुत पर्सनल मेटर है और मेरा कोई हक नहीं बनता तुमसे ऐसा सवाल करने का लेकिन एटलीस्ट कुहू दी की बहन को तो यह हक है। कुहू दी की बहन होने के नाते मुझे यह जानने का पूरा हक है कि आखिर मेरी बहन की खुशियां छीनने वाली वह कौन है? कौन है वो जिसके लिए तुम सब कुछ छोड़ने को तैयार हो?"


    कुणाल ने मुस्कुराकर शिवि की तरफ देखा और बड़ी गहरी आवाज में बोला "तुम.......!"


   शिवि की आंखें हैरानी से बड़ी हो गई और दिल धक से रह गया। 

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