सुन मेरे हमसफर 150

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   अव्यांश की गाड़ी शहर से बाहर आकर रुकी। उस इलाके में चारों तरफ खाली प्लॉट पड़े हुए थे और इक्का दुक्का अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग खड़ी थी। उसके सामने भी ऐसे ही एक 6 मंजिला अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग थी। उसने गाड़ी का दरवाजा खोला और बाहर निकाल।


      चारों तरफ सन्नाटा था। कहीं कोई चिड़िया भी नजर नहीं आ रही थी। फिर भी अव्यांश ने अपने आसपास देखा और कोई हलचल न पाकर वह सीधे उसे अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग में घुस गया। कुछ कदम चलते ही अव्यांश के सामने एक आदमी आकर खड़ा हो गया और उसे अंदर चलने का इशारा किया। यह वही इंसान था जो अव्यांश और निशि के लिए गाड़ी लेकर आया था।



*****



  शिवि गाड़ी ड्राइव कर रही थी और कुणाल चुपचाप बैठा हुआ था। उसके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। वो मिलने निकला था कुहू से और मिल गई थी शिवि। अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। पहले कुहू से बात करें या शिवि से जो उसके साथ थी।


     गाड़ी चलाते हुए शिवि की नजरे सामने सड़क पर थी लेकिन उसका ध्यान कुणाल पर था। कुछ देर खामोशी से रास्ता काटने के बाद शिवि एकदम से बोली "तुम और कुहू दी काफी टाइम से एक दूसरे को जानते हो ना?"


     कुणाल ने धीरे से "हम्मम" कहा तो शिवि बोली "फिर तो कुहू दी तुम्हारे बारे में सब कुछ जानती होगी? सब कुछ मतलब, सब कुछ। तुमने उनसे कभी कुछ छुपाया नहीं होगा। एम आई राइट?"


     कुणाल को शिवि की बातें थोड़ी अटपटी लगी। वैसे उसका कहना गलत नहीं था लेकिन जिस लहजे में शिवि ने यह बातें कही थी, उससे कुणाल को कहीं ना कहीं डाउट हो रहा था। कुणाल को सोचते देखा शिवि ने एक बार फिर पूछा "क्या हुआ कुणाल रायचंद, क्या सोच रहे हो? मैंने कुछ गलत सवाल कर दिया क्या?"


    कुणाल ने गौर से शिवि के चेहरे की तरफ देखा जिस पर गुस्से की लाली साफ नजर आ रही थी। कुणाल ऐसा कुछ नहीं करना चाहता था जिससे शिवि की नजरों में वह गिर जाए। कुहू के साथ उसका जो पंगा था वह एक अलग बात थी, लेकिन उसकी वजह से वह शिवि का भरोसा नहीं खो सकता था। वो ऐसी कोई वजह नहीं देना चाहता था जिससे शिवि उसे झूठा समझे। इसलिए उसने बिना कोई बात छुपाए साफ साफ बोला "मैं और कुहू काफी अच्छे से एक दूसरे को जानते हैं। हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं। हमारी फ्रेंडशिप पूरे कॉलेज में फेमस थी। सबको लगता था कि हम एक दूसरे को डेट कर रहे हैं लेकिन मैं और कुहू, दोनो ही ये बात अच्छे से जानते थे कि हम दोनो सिर्फ अच्छे दोस्त है, उससे ज्यादा कुछ नहीं। और वैसे भी, कॉलेज में कुहू के होते हुए मेरी कई सारी गर्लफ्रेंड रही है और इस बारे में कुहू से कुछ नहीं छुपा है।"


     शिवि ने उसे ताना मारा "रियली! मतलब कुहू दी को तुम्हारे सारे अफेयर के बारे में पता है? तुम्हारे और नेत्रा के अफेयर के बारे में भी?"


     कुणाल ने एक गहरी सांस ली और कहा "नेत्रा के साथ मेरा कभी कोई अफेयर नहीं रहा। मैं तो उसका नाम तक नहीं जानता था। हां कुछ ऐसी सिचुएशन बनी जिसके कारण हम दोनों को...........। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम एक दूसरे को डेट कर रहे थे। और जिस वक्त की यह बात है, उस वक्त मैं कुहू के टच में नहीं था। इस बारे में किसी को बता कर या समझा कर मैं नेत्रा की लाइफ स्पॉइल नहीं करना चाहता। कुहू ही तरह ही नेत्रा भी मेरी बहुत अच्छी दोस्त है। कुहू और नेत्रा के बीच बहुत सी प्रॉब्लम है, मैं जानता हूं। लेकिन मेरे लिए जैसी नेत्रा वैसी कुहू।"


      शिवि ने एक झटके से गाड़ी रोकी और गुस्से में कुणाल की तरफ देखकर बोली "रियली? तुम्हारी नजर में नेत्रा और कुहू दी के बीच कोई डिफरेंस नहीं है? दिमाग तो सही रास्ते पर है तुम्हारा? नेत्रा तुम्हारी दोस्त है और कुहू दी तुम्हारी मंगेतर! क्या मैं यह समझु कि तुम एक साथ दोनों बहनों को डबल डेट करना चाहते हो?"


     कुणाल बिल्कुल शांत होकर बोला "तुम डबल डेट की बात कर रही हो? यहां सिंगल डेट मुझे नसीब नहीं है। मैंने जो भी कहा कुछ गलत नहीं कहा। नेत्रा मेरी दोस्त है और कुहू भी मेरे दोस्त है। बस हालात ऐसे हो गए हैं कि लगता है जैसे मैं अपनी दोस्त को खो दूंगा।"


    शिवि दांत पीसकर बोली "तुम्हारा दिमाग खराब हो चुका है। तुम खुद कन्फ्यूज्ड हो। मंगेतर और दोस्त में फर्क होता है और यह बात तुम्हारी समझ में नहीं आ रही।"


     कुणाल अभी भी शांत बैठा हुआ था। उसने सामने देखते हुए कहा "मुझे कोई कंफ्यूजन नहीं है, मेरा दिमाग बिल्कुल क्लियर। कुहू मेरी दोस्त है और हमेशा रहेगी, चाहे कोई कितना भी दबाव बना ले। इस दोस्ती से ज्यादा मैं उसे कभी कुछ नहीं दे पाऊंगा, और यह मेरी लाइफ की सच्चाई है। मैं शादी नहीं करना चाहता। मैं यह शादी नहीं करना चाहता क्योंकि मैं किसी और से प्यार करता हूं। लेकिन कोई मेरी बात सुनने को तैयार ही नहीं है।"


     शिवि का दिल किया कि वह अभी कुणाल का गला दबा दे। वह चिल्लाते हुए बोली "यह बात तुम्हें अब याद आ रही है? अगर तुम्हें यह शादी करनी ही नहीं थी तो इस रिश्ते के लिए तुमने हां क्यों किया? तुम्हारा कोई हक नहीं बनता कि तुम मेरी बहन का दिल तोड़ो, वह भी किसी और के लिए!"


     कुणाल ने फाइनली शिवि की तरफ देखा जिसका चेहरा गुस्से में और ज्यादा लाल हो चुका था। उसने शिवि की आंखों में आंखें डाल कर कहा, "मैंने कभी इस रिश्ते के लिए हां किया ही नहीं था। तुम्हें यकीन ना हो तो तुम किसी से भी पूछ सकती हो। ना मैंने कुहू से कभी ऐसी कोई बात की थी और नहीं अपने घर वालों से। ये रिश्ता जबरदस्ती जोड़ा गया है, बिना मेरी मर्जी के। और मैं इस रिश्ते को तोड़ने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा हूं, लेकिन ना मेरे घर वाले और ना कुहू मेरी बात सुनने को तैयार है। मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं।" कुणाल ने दोनो हाथो से अपना सिर पकड़ लिया।


   

 कुणाल की आंखों में शिवि को सच्चाई नजर आ रही थी

टिप्पणियाँ

  1. फाइनली कुछ तो शिवि के सामने सच्चाई आई और कुणाल बेगुनाह दिखा अब शिवि किसका साथ देगी यह देखना होगा

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