सुन मेरे हमसफर 141

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   कुणाल ने तय कर लिया था कि आज वह कुहू को सारी सच्चाई बता कर रहेगा फिर चाहे नतीजा जो भी हो। वह अब इस बात को और नहीं टाल सकता था। लेकिन उसके कुछ कहने से पहले ही ऐन मौके पर काव्या ने कुहू को आवाज लगाई।


     कुहू को भी जैसे इसी मौके की तलाश थी। वह हड़बड़ा कर उठी और बोली "मम्मी बुला रही है, मैं चलती हूं।"


     कुणाल ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे रोकते हुए बोला "मैं जो कहना चाह रहा हूं वह बहुत जरूरी है।"


    लेकिन कुहू कुछ सुनना ही नहीं चाहती थी। उसने कहा "कुणाल! तुम्हें जो भी बात करनी है वह हम बाद में भी कर सकते हैं। अभी सबके लिए नाश्ता तैयार करना है और मम्मी अकेले कितना करेगी! काया भी अभी सो रही है। मम्मी ने बताया कि कुछ लोग आने वाले हैं घर पर। अब उनके आने से पहले हमें सारी तैयारी करनी होगी ना? चलो बाय, मैं चलती हूं। तुम जाकर फ्रेश हो जाओ, मैं तुम्हारे लिए कपड़े मंगवा दे रही हूं।" कुहू बिना पीछे मुड़े बाहर निकल गई और भागते हुए सीढ़ियों से नीचे चली आई। उसने पीछे मुड़कर कुणाल के कमरे की तरफ देखा और फिर अपने दिल पर हाथ रखकर खुद से बोली "मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं कुणाल। और चाहे जो भी हो जाए मैं तुम्हें किसी और का नहीं होने दूंगी। उस नेत्रा का तो बिल्कुल नहीं। मैं जानती हूं, तुम मुझसे यही कहने वाले थे ना कि तुम मुझसे नहीं उस नेत्रा से प्यार करते हो! तुम्हें मैं कैसे समझाऊं, नेत्रा पहले ही तुम्हें मुझसे छीनने की कोशिश कर रही है। लेकिन मैं उसके आगे हार नहीं मानने वाली। मैं उसे ऐसा कोई मौका नहीं दूंगी जो वो हमारे बीच आ सके। लेकिन जब तक नेत्र यहां है, मैं इन दोनों को अलग कैसे रखूंगी? हो सकता है यह दोनों घर से बाहर मिले। नहीं! कैसे भी करके मुझे चित्रा मॉम को इस बात के लिए कन्वेंस करना होगा कि का नेत्रा को यहां से वापस बुला ले। लेकिन मैं कहूंगी क्या?" काव्या ने एक बार फिर कुहू को आवाज लगाई। कुहू "आई मम्मी!" बोलकर किचन की तरफ भागी।




*****






     कुणाल को कुहू की यह हरकत बहुत अजीब लगी। कहां तो कुहू अब तक इतने दिनों से खुद कुणाल से बात करने के लिए बेचैन रहती थी। और आज जब कुणाल ने खुद से आगे बढ़ कर उससे बात करनी चाही तो वो इस तरह भागी जैसे उसे किसी बात का डर हो, जैसे कुछ पता चल गया हो।


     'हे भगवान! कहीं इसको कुछ पता तो..........! नही! ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं नहीं चाहता कि उसका और शिवि के बीच का रिश्ता खराब हो। अगर ऐसा हुआ तो कुहू का मुझे पता नहीं लेकिन शिविका मुझे कभी माफ नहीं करेगी। हे भगवान! कहां लाकर फंसा दिया आपने मुझे? अब कैसे निकलूंगा इस सबसे? आखिर किस गलती की सजा है ये? ये दोनों बहनो के बीच मुझे ऐसा कोई रास्ता निकालना होगा जिससे इनके आपस के रिश्ते ना बिगड़े और किसी की लाइफ स्पॉइल ना हो। लेकिन इस सब में भी मुझे नेत्रा का डर है। जिस तरह वो मेरे साथ बिहेव कर रही है, क्या वो मेरा साथ देगी?'


    कुणाल का ध्यान अपनी चाय पर गया जो ठंडी हो रही थी। उसने जल्दी से चाय खत्म की और उठकर बाथरूम की तरफ गया। उसकी कमर में हल्का दर्द अभी भी था लेकिन इस दर्द को महसूस करके वो मुस्कुरा दिया। कल रात जो हुआ वह सब कुछ एक बार फिर इस कमर दर्द ने उसे महसूस करवाया था। "काश इस कमर दर्द को मैं हमेशा के लिए संभाल कर रख पाता!" अपने आप में बडबडाता हुआ कुणाल बाथरूम में घुस गया।


     बाथरूम में उसे करीब आधा घंटा लग गया। वहां से फ्रेश होकर निकलते ही उसकी नजर अपने कमरे में खड़े निर्वाण पर गई जो अपने हाथ में एक पेपर बैग पकड़े हुए था। निर्वाण को देखते ही कुणाल की भौंहे सिकुड़ गई। उसने गुस्से में भरकर पूछा "तुम यहां क्या कर रहे हो?"


    निर्वाण आराम से उस बिस्तर पर बैठकर अपना पैर हिलाते हुए बोला "ये कमरा तुम्हारा नहीं है, और ना ही यह घर तुम्हारा है जो तुम मुझसे यह सवाल करो। इसलिए अपने दिमाग को थोड़ा सा शांत रखो। कुछ ज्यादा ही गर्म रहता है।"


    कुणाल गुस्से में बोला "अच्छा! अगर मैं ऐसा ना करूं तो?"


    निर्वाण मुस्कुरा कर बोला "ज्यादा कुछ नहीं, बस तुम्हारा दिमाग शांत करने के लिए मैं तुम्हें बाथरूम में खींच कर ले जाऊंगा और अंदर से दरवाजा बंद कर दूंगा। तुम चीखोगे चलाओगे लेकिन तुम्हारी आवाज सुनने वाला यहां कोई नहीं होगा। एक काम हो सकता है, नानी ने मुझे यहां तुम्हें लेने के लिए भेजा है। अगर अभी थोड़ी देर में मैं तुम्हें लेकर नीचे नहीं पहुंचा तो वह किसी न किसी को ऊपर जरूर भेज देगी। वह अगर किसी को ना भी भेज तो भी सुहानी या काया उछलते कूदते यहां चली आएगी। फिर वह हम दोनों को बाथरूम में देखेगी जहां तुम चीख चिल्ला रहे होंगे। अब सोच लो कि सारी सिचुएशन देखकर उनके दिमाग में क्या आएगा! उन्हें तो यकीनन गलतफहमी ही होगी।"


   कुणाल का दिल किया अभी इसी वक्त उसका मुंह तोड़ डालें। उसने कैसे भी अपने गुस्से को कंट्रोल किया और बोला "चाहते क्या हो तुम?"


     निर्वाण ने अपने हाथ में पड़ा पैकेट कुणाल की तरफ उछाल दिया। कुणाल ने जल्दी से उस पैकेट को पकड़ लिया और बोला, "क्या है इसमें?"


    निर्वाण बड़े आराम से बोला "कपड़े हैं तुम्हारे, तैयार होकर नीचे चलो। ऐसे नंगे होकर तो नहीं जाओगे तुम सबके बीच!"


     कुणाल का मन तो नहीं था कि वो निर्वाण का दिया किसी भी चीज को यूज करने का, लेकिन उसके पास और कोई ऑप्शन नहीं था। वो कपड़े लेकर बाथरूम में गया और पहनकर वापस आया। निर्वाण ने उसे अपने साथ नीचे चलने का इशारा किया और खुद आगे निकल गया।


     कुणाल ने एक बार खुद को आईने में देखा और अपने हाथों से बाल बनाते हुए निर्वाण के पीछे-पीछे जब नीचे उतरा तो उसने देखा, हॉल में घर का एक-एक सदस्य मौजूद था फिर चाहे वह कुहू का अपना परिवार हो या फिर मित्तल परिवार या फिर उसका अपना परिवार। अपने मम्मी पापा को वहां आया देख कुणाल चौक गया।


     पिछले कुछ दिनों से कुणाल की अपनी मम्मी पापा से बिल्कुल भी बात नहीं हुई थी। दो-तीन दिनों से तो वह घर भी नहीं गया था। लेकिन उन्हें यहां देखकर कुणाल के सिक्स सेंस ने उसके दिमाग की घंटी बजाई। 'कुछ तो गड़बड़ है! ये लोग यहां, वह भी इतनी सुबह? क्या करने आए हैं ये लोग? चल क्या रहा है?' 


   कुहू कुणाल के चेहरे पर आए सवालों को और परेशानियों को समझ गई। अपने मन में आए हर भावों को अपने मन में दबाकर उसने कुणाल का हाथ पकड़ लिया और उसके साथ जाकर खड़ी हो गई। उसके सामने नेत्रा खड़ी थी जो उसे ही घूर कर देखे जा रही थी। कुहू के लिए तो यह किसी जीत से कम नहीं था। और जो होने वाला था उसके बाद तो नेत्रा को अपने कदम पीछे हटाने ही पड़ते। कुहू एकदम से चहकते हुए बोली "पंडित जी आ गए!"


    सबका ध्यान दरवाजे की तरफ गया जहां से पंडित जी चले आ रहे थे। अब कुणाल का माथा ठनका। वो समझ गया यहां क्या होने वाला है। उसने हैरानी से अपनी मम्मी पापा की तरफ देखा लेकिन उन दोनों ने ही उसे इग्नोर कर दिया।


    शिविका, सुहानी काया और नेत्रा के साथ खड़ी थी। कुणाल ने बेबसी से शिवि की तरफ देखा जिसका ध्यान उसकी तरफ बिल्कुल नहीं था। कुहू को लगा कुणाल नेत्रा को ही देख रहा है इसलिए उसने कुणाल की बांह को और भी कस कर पकड़ लिया।


     पंडित जी सबके बीच आकर बैठ गए और अपनी पत्री निकाल कर कुछ कैलकुलेशन करते हुए बोले "एक हफ्ते बाद मलमास शुरू हो रहा है। अब या तो इस 1 हफ्ते के अंदर आप शादी करवा लीजिए या फिर सवा महीने आपको इंतजार करना पड़ेगा।"


      कुहू एकदम से बोल पड़ी "7 दिन काफी होंगे, है ना?"


    सब लोग उसके इस उतावलेपन को देखकर हंस पड़े। कुहू शर्मिंदा होकर थोड़ा सा कुणाल की ओट लेकर छुप गई। लेकिन कुणाल के चेहरे का रंग उड़ गया। उसने कुछ कहना चाहा "7 दिन? सात दिन बहुत कम नहीं हो गए? इतनी जल्दी शादी?"


      लेकिन मिस्टर रायचंद कुहू की बातों का सपोर्ट करते हुए बोले "अरे 7 दिन क्या, आजकल तो शादी एक से दो दिन में हो जाती है। हमें क्या करना होता है, बस शॉपिंग और कुछ तैयारी। बाकी सारा काम तो वेडिंग प्लानर करता है। हमें तो कुछ करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। हां अगर इन लोगों को कोरियोग्राफर या कुछ और की जरूरत है तो यह लोग टाइम ले सकते हैं।"


      कुणाल ने अपने पापा को रोकने की कोशिश की "पापा लेकिन इतनी जल्दी शादी?"


      कुणाल की मम्मी बोली "लेकिन वेकिन कुछ नहीं। तुम दोनों एक दूसरे को इतने टाइम से जानते हो अब और कितना वक्त चाहिए तुम लोगों को एक दूसरे को जानने के लिए? मैं तो कहती हूं कि लगे हाथो ये शादी हो जाए। हम भी तो अपनी बहू को अपने घर लेकर आए! हमारा भी मन है अपनी बहू के साथ वक्त बिताने का।"


     नेत्रा भला क्यों चाहेगी कि कुणाल की शादी इतनी जल्दी हो! उसने कुणाल को सपोर्ट करते हुए कहा "अरे आंटी! ये दोनों एक दूसरे को भले कितने भी टाइम से जानते हो लेकिन शादी की तैयारी में तो टाइम लगता ही है। चाहे कितनी भी जल्दी कर ले अगर कुछ छूट गया तो लोगों को बातें बनाने का मौका मिल जाएगा। वह सब छोड़िए, अगर गेस्ट लिस्ट में ही किसी का नाम रह गया तो फिर रिश्ते बिगड़ जाते हैं। वैसे भी कुणाल आपका एकलौता बेटा है। आप ही तो चाहेंगे कि आपके बेटे की शादी धूमधाम से हो। इतनी जल्दबाजी में कोई शादी करता है क्या?"


     कुणाल को खुशी हुई कि नेत्रा उसका साथ दे रही है। उसने आंखों ही आंखों में नेत्रा को थैंक्यू कहा तो नेत्रा ने भी उसके थैंक्यू को आंखों से ही एक्सेप्ट कर लिया और आगे बोली "आंटी! मैं मानती हूं कि दोनों एक दूसरे को काफी टाइम से जानते हैं लेकिन कुछ अरमान तो आपके भी होंगे कि अपने बेटे की शादी में यह करूंगी वह करूंगी। ड्रेस डिजाइनिंग से लेकर मंडप बनवाने तक, सब में थोड़ा टाइम लगता ही है। हर मां चाहती है कि अपने बेटे के लिए शेरवानी खुद से डिजाइन करवाए। अपनी बहू का लहंगा अपने पसंद का बनवाए। क्या आप नहीं चाहती? मेरा मतलब, अगर एक हफ्ते में शादी हो गई तो फिर कहां से हो पाएगा यह सब! और वैसे भी, कुणाल के लगभग सारे दोस्त अब्रॉड में रहते हैं। कुणाल अपनी शादी में अपने दोस्तों को बुलाएगा ही। उनको आने में थोड़ा टाइम तो लग ही जाएगा। ऐसे अचानक से तो वह सब नहीं आ पाएंगे, तो कुणाल को भी कितना कुछ सुनने को मिल जाएगा। आप समझ रहे हो ना मैं क्या कह रही हूं?"


     कुहू गुस्से में नेत्रा को देखे जा रही थी। अभी अगर यहां कोई मौजूद न होता तो वाकई दोनों बहनों के बीच लड़ाई हो जानी थी।

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