सुन मेरे हमसफर 137
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इससे पहले कि निशी और भी ज्यादा हाइपर हो जाए, देवेश आगे आया उसका हाथ पकड़ कर बोला "छोड़ दो उसे।"
लेकिन निशी ने उसकी तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और बारटेंडर से बोली "सुना नहीं तुमने, क्या कहा मैंने? लेकर आओ!!!"
बेचारा बारटेंडर एक सीधी सादी दिखने वाली लड़की के एटीट्यूड से थोड़ा घबरा गया। अव्यांश कनखियों से निशी को देखे जा रहा था। दिवेश का यू निशी का हाथ पकड़ना अव्यांश को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था। लेकिन वो देखना चाहता था कि निशी इसका क्या जवाब देती है। देवेश ने निशि का हाथ थोड़ा और जोर से पकड़ा तो निशी ने बारटेंडर की कॉलर छोड़ी और गुस्से में देवेश की तरफ देखते हुए बोली "हाथ छोड़ो मेरा!!"
देवेश उसे समझाते हुए बोला "पहले तुम अपना गुस्सा शांत करो।"
लेकिन निशी ने एक झटके में उसकी कलाई मरोड़ दी जिससे देवेश को दर्द हुआ और उसने निशी का हाथ छोड़ दिया। निशी गुस्से में बोली "हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी मेरा हाथ पकड़ने की? यह हक तुम्हारा नहीं है और ना ही तुम्हारी इतनी औकात है। इसलिए आइंदा अगर कभी मेरे सामने आओ तो अपनी नजर झुका कर आना।"
निशी की इस घमंड भरी बातों को सुनकर देवेश को भी गुस्सा आ गया और उसने कहा "सच में? हो कौन तुम? कहीं की महारानी हो क्या? किसी राज परिवार की बहू हो जो पूरी दुनिया तुम्हारे सामने झुकेगी? आखिर घमंड किस बात का है तुम्हे? देखो अपनी तरफ। तुम्हें एहसास भी है तुमने अपने मेक अप और कपड़ो पर कितना खर्चा किया होगा! वो भी सिर्फ आलिया को दिखाने के लिए? तुम कब से ऐसे दिखावे में यकीन करने लगी? और है कौन तुम्हारा हस्बैंड! एक मामूली सा इंप्लाइ है, वह भी तुम्हारे पापा के अंडर काम करने वाला। किस बात का घमंड है तुममें?"
निशी देवेश के ऊपर हंस पड़ी। उसने एक बार फिर बारटेंडर को आवाज लगाते हुए कहा "मेरा आर्डर मुझे मिलेगा या नहीं? या फिर मैं इस पूरे पब को ही यहां से गायब कर दूं?"
देवेश उसका मजाक बनाते हुए बोला "कुछ भी करने से पहले अपने पति का बैंक बैलेंस जरूर देख लेना। तुम्हारे किए का भुगतान उस बेचारे को ही करना पड़ेगा।" दिवेश के होठों पर जो मुस्कान थी उससे साफ पता चल रहा था कि वह निशि को जलील करने की कोशिश कर रहा है।
अव्यांश ने आलिया को एकदम से इग्नोर किया और वहां से उठकर निशी के पास चला आया। निशी के कंधे पर हाथ रख उसने देवेश की नजरों को ब्लॉक किया और बारटेंडर से सख्त आवाज में पूछा "मैडम ने तुमसे रेड वाइन की बोतल मांगी है, क्या तुम्हें सुनाई नहीं दिया?"
बारटेंडर घबराकर नीचे देखते हुए बोला "सर! लेकिन वह काफी एक्सपेंसिव............."
अव्यांश ने अपना क्रेडिट कार्ड काउंटर पर पटका और बोला "तुम्हारे पास जितनी है मुझे वह सब चाहिए। और जैसा कि मैडम ने कहा, तुम्हें उसकी दुगनी कीमत मिलेगी।"
बारटेंडर उस कार्ड को उठाकर थोड़ा डरते हुए अंदर की तरफ गया और उसने मैनेजर को सारी बात बताई। सब कुछ जानने के बाद मैनेजर ने सीधे इस पब के मालिक को फोन लगाया और कार्ड पर लिखा नाम पढ़कर बताया। कुछ देर बात करने के बाद मैनेजर ने बारटेंडर को इशारा किया और खुद भी उसके साथ चला गया।
10 मिनट के अंदर मैनेजर खुद रेड वाइन की 2 सबसे पुरानी और महंगी बोतल उठाकर लेकर आया और अव्यांश के सामने रखते हुए बोला "सर! यह हमारे यहां की सबसे पुरानी वाइन है और हमारे बॉस ने यह दोनों ही वाइन के बोतल आप दोनों को गिफ्ट के तौर पर दिए हैं।" कहते हुए उस मैनेजर ने अव्यांश का कार्ड उसकी तरफ बढ़ा दिया।
देवेश वहां खड़ा सब कुछ सुन रहा था। उसके होश उड़ गए। वो अच्छे से जानता था कि रेड वाइन जितनी पुरानी होगी कीमत उतनी ही ज्यादा होगी। 'लेकिन यह तो एक मामूली सा एम्प्लॉय है तो फिर इसको इतनी महंगी वाइन कोई गिफ्ट कैसे कर सकता है, वह भी यहां का मालिक, जो आलिया के डैड है?'
अव्यांश ने मैनेजर की तरफ देखा और उससे पूछा "इस एक बोतल की कीमत कितनी है?"
मैनेजर बोला "सर यह गिफ्ट है आपके लिए। इसकी कोई कीमत नहीं है।"
अव्यांश ने काउंटर पर जोर से हाथ मारा और थोड़ा सा झुककर फिर पूछा "कीमत! बताओ! इसकी!"
मैनेजर डरते हुए बोला "सर, दस लाख एक बोतल की।"
अव्यांश ने क्रेडिट कार्ड मैनेजर की तरफ बढ़ा दिया और बोला "मैडम ने इसकी दुगनी कीमत देने की बात की थी। एक काम करो, 40 लाख इस दोनों बोतल के और 10 लाख तुम दोनों का टिप्स। 50 लाख का पेमेंट तैयार करो और कार्ड मैडम को वापस कर देना।"
अव्यांश अभी बात कर ही रहा था, इतनी देर में निशि आधा बोतल गटक चुकी थी। अव्यांश ने बोतल उसके हाथ से छीनते हुए कहा "क्या कर रही हो तुम? इतनी तेजी में कहीं वाइन पी जाती है! अच्छा खासा नशा हो जाएगा तुम्हें।सी
लेकिन निशि को अब धीरे-धीरे नशा होना शुरू हो गया था। उसने हंसते हुए अव्यांश की तरफ देखा और फिर एकदम से उसके कोट को देखकर उसकी सारी हंसी गायब हो गई। निशि ने अव्यांश का कोट उसके ऊपर से उतारना शुरू किया। अव्यांश ने कोई विरोध नहीं किया। निशि ने वह कोट लिया और जाकर आलिया के मुंह पर फेंककर बोली "इसको साफ करके वापस लौटा देना। और हां! उससे पहले अपने गंदे हाथ साफ कर लेना।"
आलिया को अपनी बेज्जती कहां बर्दाश्त होने वाली थी। उसने गुस्से में निशी की तरफ देखा और बोली "हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी, मेरी पार्टी में आकर मुझे ही इंसल्ट कर रही हो?"
निशी भी कहां चुप रहने वाली थी। वह बोली "इंसल्ट! तुम्हें पता भी है इंसल्ट का मतलब क्या होता है? अभी बताती हूं।"
निशी वापस से काउंटर पर गई और वाइन के दोनों बोतल उठाकर लेकर आई। अव्यांश के होठों पर हल्की सी मुस्कान आ गई। वो समझ गया कि निशी आगे क्या करने वाली है, और हुआ भी वही। निशी ने बोतल से एक घूंट पिया और पूरा बोतल आलिया के सर पर खाली कर दिया। बेचारे मैनेजर का दिल उछल कर बाहर निकल गया था। इतनी महंगी वाइन को कोई इस तरह बर्बाद करता है क्या।
आलिया ने सफेद रंग का ऑफ शोल्डर गाउन पहना था जो अब पूरी तरह से गंदा हो चुका था। उसने गुस्से में निशी पर हाथ उठाने की कोशिश की लेकिन ऐन मौके पर अव्यांश ने निशि का हाथ पकड़कर अपनी बाहों में खींच लिया और आलिया के हाथ हवा में ही घूम गए।
अव्यांश गुस्से में आलिया से बोला "आज तुमने हिम्मत की है लेकिन आइंदा ऐसी गलती करने की कोशिश मत करना वरना तुम्हें और तुम्हारे पूरे खानदान को सड़क पर भीख भी नही मिलेगी।"
अव्यांश की आंखों में गुस्सा देख आलिया का चेहरा फीका पड़ गया। उसने डरते हुए पूछा "कौन हो तुम?"
अव्यांश हौले से मुस्कुरा दिया और बोला "अपने डैड से पूछ लेना, अव्यांश सारांश मित्तल कौन है। वह तुम्हें बता भी देंगे और बहुत अच्छे से समझा भी देंगे।"
निशी अपने पति के इस अदा पर फिदा हो गई। उसने झूमते हुए अव्यांश के दोनों गाल पकड़कर खींचे और बड़े प्यार से बोली "तुम्हारी यही बात मुझे बहुत अच्छी लगती है। लेकिन मैं समझ नहीं आता, तुम एक्चुअल में क्या हो। मेरा मतलब, मेरे और सब के साथ तो तुम इतनी ज्यादा स्वीट हो जाते हो कि डायबिटीज हो जाए और कभी कभी इतना ज्यादा रफ हो जाते हो कि तुमको देखकर डर लगता है।"
अव्यांश ने निशी से प्यार से पूछा "तुम्हें मेरी कौन सी साइड अच्छी लगती है?"
निशी बड़ी सी स्माइल के साथ बोली "स्वीट वाली, जब तुम मेरी केयर करते हो। लेकिन थोड़ी सी रफ भी चलेगी।"
निशी ने अपने चारों तरफ देखा और फिर आलिया की तरफ देख कर अजीब सी शक्ल बना कर बोली "मुझे घर जाना है। यहां अजीब सी बदबू आ रही है।" अव्यांश उसे सहारा देते हुए दूसरी तरफ जाने को मुड़ा और बोला "कोई बात नहीं। तुम्हारा मन था ना लॉन्ग ड्राइव पर जाने का तो! हम लॉन्ग ड्राइव पर ही जाएंगे, ठीक है?" निशी खुशी से चहकते हुए अव्यांश के गले लग गई।
आलिया अपनी बेइज्जती का बदला लिया बिना उन्हें वहां से जाने देने वाली नहीं थी। उसने अपनी दोनों चम्मचियों को इशारा किया तो वह दोनों जाकर अव्यांशनिशी के सामने खड़ी हो गई और बोली "जब तक आलिया तुम्हें परमिशन नहीं देती तुम लोग यहां से नहीं जा सकते।"
अव्यांश चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं आए। लेकिन निशी ठहाके मारकर हंस पड़ी और बोली "तुम्हारी आलिया हमे जाने नही देगी? एक काम करो, अपनी आलिया से बोलो कि अपने डैड को फोन करें और उन्हें यहां बुलाए। फिर मैं बताती हूं कि हमें यहां से जाने के लिए किसकी परमिशन की जरूरत है।"
अचानक ही पूरे पब में अफरा तफरी का माहौल हो गया कुछ हथियारबंद गार्ड अंदर आए और पूरे पब को घेर लिया। आलिया के होंठो पर मुस्कान आ गई।
पब का मैनेजर भागते हुए दरवाजे की तरफ गया। आलिया की नजर जब अंदर आते हुए शख्स पर पड़ी तो उसने अपने चेहरे पर मासूमियत लाते हुए रोनी सूरत बना कर कहा "डैड! डैड देखिए इसने क्या किया मेरे साथ।"
आलिया के डैड मिस्टर रंधावा ने आलिया को सर से पैर तक देखा। फिर उनकी नजर अव्यांश पर जाकर ठहर गई। मैनेजर ने धीरे से कान में कुछ कहा तो मिस्टर रंधावा मुस्कुराकर अपने दोनो हाथ जोड़कर अव्यांश से बोले "अपनी बेटी की तरफ से मैं माफी मांगता हूं। आप लोगों को जो परेशानी हुई है उसके लिए वेरी सॉरी।"
लेकिन अव्यांश गुस्से में बोला "मिस्टर रंधावा! मुझे लगता है आपको अपनी बेटी पर थोड़ा कंट्रोल रखना चाहिए। उसे किस के सामने अपना मुंह खोलना है और किस के सामने चुप रहना है, लगता है इसकी तमीज आपने नहीं सिखाई है। जितने छोटे उसके कपड़े है उससे कहीं ज्यादा छोटी उसकी सोच है और उससे भी कहीं ज्यादा छोटी आप की परवरिश है। अगर आप नहीं चाहते कि आपका यह पब आज रात को ही बंद हो जाए तो अपनी बेटी से कहिए मेरी पत्नी से माफी मांगे, अभी के अभी।"
Aaaaa..kya jalwe he,avyansh ke ..aaj to aaliya aur devesh ko shock k mare heartattack na aa jaye...
जवाब देंहटाएंSuperb part..