सुन मेरे हमसफर 96

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     सिद्धार्थ को ये आवाज कुछ जानी पहचानी सी लगी। वो चौंक गए। सभी सिद्धार्थ को हाथापाई करने के लिए खड़े तो हुए लेकिन साथ आई उस महिला की आवाज सबको पहचानी सी लगी। ऊपर से उस महिला का सिद्धार्थ को सिद्धार्थ भैया कहकर पुकारना सभी को अचरज में डाल गया।


    अवनी हैरान होकर बोली "दी आप!!!"


    अवनी की आवाज सुनकर सभी उसकी तरफ से देखने लगे और अवनी ने सारांश की तरफ देखा जो मंद मंद मुस्कुरा रहे थे। अवनी हैरान होकर सारांश से बोली "दी और जीजू इस गेटअप में क्या कर रहे हैं? और ये लोग गए थे तन्वी को देखने? रिश्ता तय करने? क्या हो रहा है ये सब? सारांश! आप पहले से जानते थे समर्थ और तन्वी के बारे में?"


    सारांश ने कुछ नहीं कहा। वह बस मुस्कुराते रहें। कार्तिक, जो अभी सिद्धार्थ की पकड़ में थे, उन्होंने खुद को छुड़ाया और जल्दी से चेहरे पर लगे नकली दाढ़ी मूछ हटा कर बोले "यह सब सारांश की करस्तानी है, मैंने कुछ नहीं किया। इसीने कहा था, हमे यह सब करने को।"


     सिद्धार्थ ने हैरान होकर पूछा "लेकिन तू रिश्ता लेकर किसका गया था? और तन्वी की शादी किससे तय हुई है?"


     तनु के पापा मुस्कुराकर "आप के बेटे समर्थ के साथ।"


     अब एक बार फिर सबके चौंकने की बारी थी। तनु की मम्मी बोली "पहले तो हम भी कुछ नहीं समझे थे। लेकिन यहां आकर जब हमने आपके बेटे को देखा, तब जाकर हमें कुछ कुछ समझ में आने लगा। बाकी सब बातें साफ हो गई जब आपने अपने बेटे के लिए हमारी बच्ची का हाथ मांगा।। ऊपर से इन लोगों का इस तरह घर में आना। इन्हें तो पता भी नहीं था कि हम लोग कहां हैं। जब हमें खुद को नहीं पता था कि हम लोग यहां क्या करने आए हैं तो फिर इन लोगों को कैसे पता चल गया?"


     समर्थ ने थोड़ी नाराजगी से अपने चाचू की तरफ देखा और बोला "क्या है यह सब? आपने सब जानबूझकर किया, है ना? यह सारा प्लान आपने बनाया था और इस सब में सारे घरवाले भी शामिल है।"


     सिया ने सबसे पहले अपने दोनों हाथ ऊपर किए और बोली "इस सब में मेरा कोई हाथ नहीं है। मुझे इस बारे में कुछ भी पता नहीं था, इसलिए मुझे इस सब से बाहर रखना।"


      एक एक कर अवनी शिवि श्यामा और बाकी सब ने भी अपने दोनों हाथ खड़े कर दिए सिवाए सिद्धार्थ और अंशु के। सिद्धार्थ ने बस अपना एक हाथ उठाया था और बाकी सब ने अपने दोनों हाथ खड़े किए थे। समर्थ ने उन्हें सवालिया नजरों से देखा तो सिद्धार्थ बोले "मुझे बस इतना पता था कि छोटे क्या करने जा रहा है। उसने क्लीयरली मुझे भी खुलकर कुछ नहीं बताया था और इसने इतना कुछ प्लान करके एग्जीक्यूट किया है, इस बारे में मुझे कोई आईडिया नहीं था। मुझे तो लगा था कि वह बस तेरे दिल की बात जानना चाहता है इसलिए तेरी शादी तय करने का नाटक कर रहा है।"


    कार्तिक ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए और बोले, "इसमें हमारा भी कोई हाथ नहीं है। सारांश ने बस तुम्हारी तस्वीर दी थी और उसे मिस्टर अरोड़ा के घर पहुंचाने को कहा था। इससे ज्यादा मेरा कोई रोल नहीं है। और हां! आज यहां आकर हंगामा करने को भी इसी ने कहा था।"


   अब रह गया था सिर्फ अंशु। समर्थ ने उसकी तरफ देखा तो अंशु ने जबरदस्ती मुस्कुरा कर कहा "मैं डैड के प्लान में हमेशा से शामिल था। बेंगलुरु से आने के बाद ही उन्होंने मुझे आप दोनों के बारे में बता दिया था। उनका जो भी प्लान था, सब मुझे पता था और मैंने ही उनकी हेल्प की थी यह सब कुछ करने में।"


     समर्थ के चेहरे पर नाराज़गी देख अंशु समझ गया कि इस वक्त समर्थ कर दिल उसे पंच करने को कर रहा है। वो जल्दी से जाकर सारांश के पीछे खड़ा हो गया और बोला "भाई! इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। डैड ने जो कहा मैंने वह किया। मैं उनकी बातों को कैसे टाल सकता हूं?"


    समर्थ ने तो कुछ नहीं कहा लेकिन अब सिद्धार्थ और बाकी सब को जानना था कि आखिर सारांश ने यहां तक पहुंचने के लिए क्या क्या किया? सिद्धार्थ ने पूछा ,"और बता अपने बाप की पूंछ! क्या क्या किया इस पट्ठे ने?"


     सारांश ने नाराजगी जताई, "भाई प्लीज! आप सबके सामने तो ऐसा मत..........."


     लेकिन सिद्धार्थ ने उनकी बातो को अनसुना किया और अंशु से एक बार फिर पूछा, "बताया नहीं अभी तक! चल, किसी अच्छे तोते की तरह बोलना शुरू कर दे।"


     अंशु ने एक नजर अपने डैड को देखा जिनके चेहरे पर नाराजगी के भाव थे। लेकिन उस नाराजगी को साइड कर उसने कहना शुरू किया, "प्लान तो मेरे आने से पहले शुरू हो चुका था। उन्हें बस मेरी हेल्प चाहिए थी ताकि टाइम टाइम पर मैं तन्वी को भाई के सामने खड़ा कर सकूं और कभी कभी उनकी नजरों से दूर भी। फिर उन्होंने कार्तिक चाचू और मासी को इस सब में शामिल किया ताकि वो तन्वी के घर भाई का रिश्ता लेकर जा सके। क्योंकि ये काम मैं नहीं कर सकता था सो उन्होंने उनको चुना। लेकिन चाचू को कोई और ना सही लेकिन तन्वी तो पहचान ही लेती इसीलिए मैंने अपनी एक फ्रेंड की हेल्प ली और इनका पूरा मेकओवर करवाया ताकि ये दोनों पहचान में न आए।"


    तन्वी के घर रिश्ता क्यों भेजा? वो भी इस तरह!" श्यामा ने सवाल किया तो सिद्धार्थ बोले, "इस लिए ताकि समर्थ पर मेंटल प्रेशर बना सके और किसी को कोई नुकसान भी ना हो। एक तरफ इसकी खुद की शादी का प्रेशर और दूसरी तरफ तन्वी की शादी का प्रेशर। दोनों के बीच इस दूसरे ग्रह के प्राणी को फट जाना था लेकिन अगर ये ऐसा करता तो फिर ये हमारे जैसा इंसान ना कहलाता! इसने सारा प्रेशर अपने अंदर रखा और किसी को जाहिर नही होने दिया। इसका सारा गुस्सा निकला तब जब कल वो दोनों (..........) यहां आई थी।"


   सिया बोली, "उन दोनों को सारांश ने बुलाया था ताकि वो दोनों मिलकर वो बकवास कर सके जो उनको करनी चाहिए थी। सारांश को अच्छे से पता था समर्थ किस तरह रिएक्ट करेगा और वो कुछ न कुछ जरूर कहेगा और उसने ऐसा किया भी।"


     सारांश ने प्राउड होकर अपनी मां की तरफ देखा और कहा "मेरी मां, दुनिया में सबसे ज्यादा स्मार्ट है।"


    समर्थ छूटते ही बोला "और आप ओवर स्मार्ट हो। आप जानते थे, मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाला था। फिर भी आपने मुझे मजबूर किया यह सब करने को। मैं तैयार नहीं था इसके लिए, ये आप अच्छे से जानते थे। ऐसा क्यों था, आपको अच्छे से पता है। लोग क्या कहेंगे हमारे बारे में?"


    सारांश खड़े हुए और समर्थ के पास आकर उसके कंधे पर हाथ रखकर बोले, "तू पहले खुद तो तय कर ले कि तुझे क्या चाहिए! बहुत अच्छे से जानता हूं तुझे। अगर तेरे दिल में तन्वी के लिए कोई एहसास नहीं होता तो तु कभी उसके पीछे नहीं जाता। क्यों अपने कदम रोक रहा है? सिर्फ इसलिए कि वह तेरी स्टूडेंट है! लेकिन तूने तो जॉब छोड़ दी ना! कॉलेज छोड़ दिया। तू तन्वी के लिए अपना पैशन छोड़ सकता है तो क्या अपने दिमाग को समझा नहीं सकता जो तुझे तन्वी से दूर कर रहा है? यह सब कुछ मैंने सिर्फ इसलिए किया ताकि तेरे दिल की बात तेरी जुबान पर आए। जानता हूं तेरे लिए सब कुछ बहुत मुश्किल था। आज तक तूने तन्वी से अपने दिल की बात कही भी नहीं होगी। लेकिन फिर भी, तू खुद को तन्वी से दूर नहीं रख पाता है। तेरा दिल तुझे अपने प्यार के करीब जाने को कहता है लेकिन तेरा दिमाग तुझे उससे दूर रहने को कहता है। तेरी इस परेशानी को समझ कर ही मैंने ये सब कुछ किया वरना मैं चाहता तो सीधे-सीधे भैया भाभी से बात कर तन्वी के घर रिश्ता लेकर चला जाता। लेकिन तुझे समझना होगा। यह जानते हुए भी कि तन्वी की शादी तय हो गई है, कल तूने सबके बीच उसका हाथ पकड़ लिया था। अब यह मत कहना मुझे कैसे पता चला! मेरी नजरों से तेरी कोई हरकत छिपी नहीं है। तन्वी तेरी है इस बात को तू एक्सेप्ट कर ले। हमारा बच्चा जिससे प्यार करता है, जो हमारे बच्चे की खुशी है, उसके लिए हम पूरी दुनिया से लड़ सकते हैं। तन्वी को ना अपनाने की तेरी अपनी एक वजह थी, और सच कहूं तो मुझे खुशी है कि तूने ऐसा सोचा। लेकिन तूने कोशिश की ना! कुछ हुआ? उसका नतीजा कुछ निकला? नहीं निकला ना! तो जिस कोशिश में हमें सफलता नहीं मिलती, हमें वह कोशिश करनी नहीं चाहिए। या तो उस तरीके को बदल दो या फिर रास्ते को। अपने प्यार से दूर जाना हर किसी के बस की बात नहीं होती, और खुद को तकलीफ देना कोई समझदारी नहीं होती। हम में से किसी को भी इस रिश्ते से कोई एतराज नहीं है। तू भी इस बात को एक्सेप्ट कर ले और अपनी जिंदगी में आगे बढ़। हम तुझे एंग्री यंग मैन के लुक में नहीं देख सकते। कई सालों तक हमने भैया को द ग्रेट सिद्धार्थ मित्तल को ऐसे ही देखा है। वही सब कुछ फिर से नहीं झेल सकते थे। इसलिए हमने तेरे गले में फांसी का फंदा डालने का तय कर लिया है।"


    समर्थ ने चौक कर देखा तो सिद्धार्थ बोले, "इतना घुरकर मत देखा वरना आंखे बाहर आकर दोनों साथ में लूडो खेलने लगेंगे।" सबकी हंसी छूट गई।


     सारांश ने अंशु को कुछ इशारा किया तो वो भागते हुए अपने कमरे में गया। श्यामा से रहा नहीं गया। उन्होंने पूछा "क्या करने का इरादा है?"


     सारांश ने कहा, "इन दोनों को हमेशा के लिए एक रिश्ते में बांधने का इरादा है। सॉरी भाभी! लेकिन मैंने अकेले ही ये सब तय कर दिया।"


   श्यामा मुस्कुराकर बोली, "हमे आप पर सबसे ज्यादा भरोसा है।"

टिप्पणियाँ

  1. बेहद अच्छी मजा आ गया इतने दिनों की कशमकश के बाद सुखद अहसास

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