सुन मेरे हमसफर 105

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     निशी बुरी तरह डर गई। उसने अव्यांश की पकड़ से खुद को छुड़ाने की कोशिश की और बोली "अव्यांश प्लीज! हम तो दोस्त है ना! ऐसी वैसी कोई हरकत मत करना"


     लेकिन अव्यांश ने उसे अपने और करीब कर लिया। निशी अंशु की आंखों में देखते हुए अपनी सारी कोशिशें बंद कर दी और खुद को ढीला छोड़ दिया। उसने कहा, "अ......... अव्यांश!"


    अव्यांश उसकी आंखों में देखते हुए बोला "बस तुम मेरा नाम लेती रहो, मुझे और कुछ नहीं चाहिए।"


    निशी अव्यांश की बात समझ नहीं पाई। उसने पूछा "क्या?"


     अव्यांश ने फिर कहा "तुम बस मेरा नाम लेती रहो। मेरा नाम तुम्हारी हर सांस में बस जाना चाहिए। मेरे नाम से तुम्हारा दिल धड़के, तुम्हें सिर्फ मेरा नाम याद हो जब भी मैं तुम्हारे करीब आऊं। तुम्हारी जुबान पर बस मेरा नाम हो।"


    अव्यांश ने निशी की कमर पर हाथ रखा और उसे अपने एकदम करीब खींच लिया। निशी तो जैसे सब कुछ भूल कर अव्यांश की आंखों में खो गई। वो भूल ही गई कि अभी वह अव्यांश की गोद से उतरने की कोशिश कर रही थी। उसने जो कुछ भी कहा, निशी ने शायद सुना ही नहीं। निशी ने एक बार फिर कहा "अव्यांश........ हम......."


    अव्यांश के चेहरे के भाव एकदम से शांत हो गए और उसने कहा "अब तुम मेरी गोद से उतरोगी भी! पीछे खड़ी गाड़िया हॉर्न बजा रही है।"


     निशी को समझने में थोड़ी देर लगी कि अव्यांश ने उसे पकड़ा ही नहीं है, वह खुद उसकी गोद में बैठी हुई थी। निशी हड़बड़ाकर अव्यांश की गोद से उठी और अपनी सीट पर बैठ गई। इस वक्त वह बात बुरी तरह कांप रही थी। खुद को नार्मल करने के लिए उसने खिड़की से बाहर देखना शुरू किया। अव्यांश ने भी ऐसे रिएक्ट किया जैसे कुछ हुआ ही नहीं और गाड़ी स्टार्ट कर आगे निकल गया।




    कुणाल शिवि से कुछ बात करना चाहता था लेकिन क्या बात करनी थी ये उसे खुद नहीं पता था। वह बस मौका ढूंढ रहा था। शिवि उसके सामने थी लेकिन इससे पहले कि कुणाल आगे बढ़ कर उससे कुछ कह पाता, शिवि ने समर्थ को पकड़ा और पूछा "भाई ये नीरू कहां है? कहीं नजर नहीं आ रहा। कहीं हमे बिना बताए वापस तो नही चला गया?"


    समर्थ ने अपनी घड़ी की तरफ देखा और फिर दरवाजे की तरफ। शिवि उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचते हुए बोली "भाई! मैंने नीरू के बारे में पूछा है, भाभी के बारे में नहीं। आती ही होंगी वह, आप चिंता मत करो।"


     समर्थ ने एक बार फिर दरवाजे की तरफ देखा और कहा, "नीरू का तो आजकल कुछ पता ही नहीं है। कब आता है कब जाता है कुछ रूटीन नहीं है। मुझे भी लगा था कि वह घर वापस चला गया है लेकिन चित्रा बुआ का फोन आया था। वो नीरू के बारे में पूछ रही थी। मुझे उनसे झूठ बोलना पड़ गया। सच बताता तो अच्छे से डांट पड़ती उसे। अब लग रहा है, बुआ को उसके बारे में बता ही देना चाहिए रहा। एक बार मिल जाए फिर देखते हैं, उसके साथ क्या करना है।"


     शिवि समर्थ की बातों से इतना तो समझ गई कि निर्वाण आजकल कुछ अलग ही जुगाड़ में लगा हुआ है और यह सब सिर्फ और सिर्फ कुणाल की पोल खोलने के लिए है। नेत्रा ने उसे जो कुछ भी बताया था उस पर वो यकीन करें तो कुणाल एक बहुत अच्छा लड़का था। लेकिन फिर भी, उसकी हरकतें जो कुहू बता रही थी, उसकी नजरों में कुणाल का इंप्रेशन बहुत खराब कर रही थी।


     शिवि समझ गई की निर्वाण से बात करना बेहद जरूरी है। इतने में उसे निर्वाण अपनी बाइक पर आता हुआ नजर आया समर्थ को छोड़कर निर्वाण की तरह बढ़ी। बीच में ही कुणाल रास्ता रोककर खड़ा हो गया और बोला "हाय! काफी अच्छी लग रही हैं आप।" कुणाल को समझ ही नही आया कि वो क्या कहे।


     शिवि ने नॉर्मल तरीके से कहा "थैंक यू। मुझे उम्मीद है कि यह कंपलीमेंट आपने अपनी मंगेतर को भी दिया होगा।" कुणाल चुप रह गया क्योंकि वो तो कुहू से ठीक से मिला ही नहीं था, और ना ही उसने कुहू की तरफ ध्यान दिया था।


    बाकी घर वाले तो आने वाले मेहमानों के साथ व्यस्त थे, कुहू भी पूरी फैमिली के साथ बैठी कुछ बातें कर रही थी। उसके पास खड़े किसी गेस्ट की नजर जब शिवि और कुणाल गई तो उन्होंने पूछा "यह लड़का शिविका का बॉयफ्रेंड है क्या? आई मीन दोनों एक साथ कितने अच्छे लग रहे हैं!"


     कुहू के कान खड़े हो गए। किसी और ने भले ही ध्यान ना दिया हो लेकिन कुहू कैसे इसको बर्दाश्त करती। उसने तुरंत खड़े होकर कहा, "नहीं। वह कुणाल है, मेरा मंगेतर।"


    गेस्ट ने माफी मांगते हुए कहा "सॉरी! उन दोनों को एक साथ देख कर लगा शायद वह दोनों.............."


    कुहू जबरदस्ती मुस्कुरा कर बोली "इट्स ओके, मैं समझ सकती हूं।" कुहू की आवाज में जो तल्खी थी, उसे महसूस कर वह गेस्ट वहां से दूर हट गया।


     कुहू ने शिवि और कुणाल की तरफ देखा तो उससे रहा नहीं गया और उसने जाकर कुणाल का हाथ पकड़ लिया। "कुणाल! मैं तुम्हें कहां-कहां ढूंढ रही हूं और तुम यहां हो। मेरे कई सारे फ्रेंड्स आए हुए हैं। सभी तुमसे मिलना चाहते हैं और तुम हो कि पता नहीं कहां गायब रहते हो। लेकिन कोई बात नहीं, आज पूरी रात मैं तुम्हें 1 मिनट के भी नहीं छोडूंगी।"


     कुणाल जबरदस्ती मुस्कुरा कर बोला "ये तुम क्या कह रही हो! मैं बस एक-दो घंटे में यहां से चला जाऊंगा, मुझे और भी काम है।"


     वहीं खड़ी शिवि कुहू को सपोर्ट करते हुए बोली "ओह कम ऑन, आज फाइनली जाकर आप दोनों को एक साथ टाइम स्पेंड करने का मौका मिल रहा है तो आप बहाने बना रहे है। आप मेरी बहन को छोड़कर जाना चाहते हैं? खबरदार जो ऐसी कोई हरकत की तो, मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। मेरी बहन की ये चाहत है, और आपको उन्हें अपना टाइम देना होगा। मैं मेरी बहन के चेहरे पर मुस्कुराहट देखना चाहती हूं। इसके लिए मैं आप दोनों को किडनैप करके कहीं दूर जंगल में फेंक आऊंगी।" कुहू हंस पड़ी।


    शिवि ने अपनी आंखों से काजल निकालकर कुहू के कान के पीछे लगाया और उसकी बलाएं लेकर बोली, "अंशु तो अपनी वाली को लेकर निकल गया है, आप दोनों को भी अगर जाना हो तो आईडिया बुरा नहीं है। यहां से सब खत्म हो जाए तो आप दोनों चले जाना। यहां पर मैं सब संभाल लूंगी, ठीक है?" कुहू मुस्कुरा दी लेकिन कुणाल के माथे पर बल पड़ गए। शिवि मुस्कुरा कर वहां से निर्वाण की तरफ चली गई।




*****




      काया बुरी तरह हाथ पैर मारने लगी लेकिन ऋषभ उसे छोड़ने को तैयार नहीं था। उसने सवाल किया "तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?"


   काया चौंक कर बोली "क्या?"


   ऋषभ ने फिर से सवाल किया "तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है या अभी भी सिंगल हो?"


     काया उसके सीने पर मारते हुए बोली "मेरे बॉयफ्रेंड से तुम्हारा क्या काम? और तुम होते कौन हो मुझसे यह सवाल करने वाले? अगर मैं सिंगल हूं भी, तो भी तुम से क्या लेना देना?"


     ऋषभ हंसते हुए बोला "लेना देना है। देखो अगर तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है तो तुम्हें उसके साथ ब्रेकअप करना पड़ेगा। और अगर नहीं है और अगर तुम सिंगल हो तो मुझे अपना बॉयफ्रेंड बना सकती हो। मैं परफेक्ट हूं।"


    ऋषभ की इस बात से काया भौचक्की रह गई। फिर एकदम से उसके सीने पर मुक्का मार कर बोली "लिसन मिस्टर, अपनी हद में रहो। मुझे अगर तुम जैसो को बॉयफ्रेंड बनाना होता तो बहुत पहले बना चुकी होती। अगर अभी तक मैं सिंगल हूं इसका मतलब यह कि मुझे मेरे स्टैंडर्ड का कोई नहीं मिला। तुम जैसे लुच्चे लफंगे से लाख गुना बेहतर लड़के मेरे आगे पीछे घूमते रहते हैं और मैं उन्हें भाव नहीं देती।"


     ऋषभ ने एकदम से उसे गोद से उतारा और दीवार की तरफ धक्का देकर उसे अपने दोनों बाहों के दरमियां बांधकर बोला "मैं किसी और की नहीं, अपनी बात कर रहा हूं।"


     काया ने उसकी नजदीकी से बचने के लिए अपने दोनों हाथ उसके सीने पर रख दिए। इतना तो वह भी महसूस कर रही थी कि ऋषभ का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था। फिर भी इस सब को इग्नोर कर उसने कहा "तुम जैसे इंसान को मैं अपने आसपास भी फटकने ना दूं। तुम जैसा बदतमीज इंसान, जो बिना मेरे परमिशन के मेरी फास्ट किस चुरा ले गया, मैं उसे अपना बॉयफ्रेंड बनाऊंगी? कभी नहीं।"


     ऋषभ ने ऐसे रिएक्ट किया जैसे अब जाकर उसे सारी बात समझ में आई हो। उसने हँसते हुए कहा, "तो वो तुम्हारी फर्स्ट किस थी? आई कांट बिलीव इट!"


    काया ने उसे गुस्से से देखा तो ऋषभ ने आगे कहा "तुम नाराज हो कि मैंने तुम से बिना पूछे तुम्हें किस किया तो अगर मैं तुमसे पूछ कर तुम्हें किस करूं तब तो तुम मेरी तरफ प्यार से देखोगी ना?"


    काया हैरानी से उसे आंखें फाड़े देखने लगी। उसने कहा क्या था, और ऋषभ ने समझा क्या। उसने कुछ कहने की कोशिश की तो ऋषभ ने फिर पूछा "क्या मैं तुम्हें किस कर सकता हूं, फिर से?"


    "हांह?!?!" काया ने हैरानी से कहा जिसे ऋषभ ने उसकी हां समझी।

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