ये हम आ गए कहाँ!!! (76)

    शादी की तैयारी जोरों पर थी। रूद्र सुबह से ही मंडप बनवाने मे लगा हुआ था। सारी डिजाइनिंग वो खुद ही करवा रहा था। शरण्या भी उसके साथ ही लगी थी। बीच बीच में उं दोनों की नोकझोक भी देखने को मिल जाती। किसी किसी डिजाइन पर दोनों ही लड़ पड़ते तो दादी बीच मे पड़ती और झगड़े सूलझाती। ज्यादातर वो शरण्या का ही साइड लेती जिससे शरण्या खुश हो जाती और दादी के गले लग जाती। दादी ने जब उन दोनों को देखा तो शरण्या से धीरे से बोली, "जितना अपनी मर्ज़ी चलाना है चला लो, बाद मे तो तुम्हें ही उसे संभालना है। बस एक बार ये शादी संपन्न हो जाए उसके बाद तेरे उस खडूस बाप से मैं बात करती हु। तुम दोनो ने मिलकर मेरा सबसे बड़ा सपना पूरा कर दिया। अब बस जल्दी से मेरे बच्चे की गृहस्थी संभाल लो वरना इस नालायक का कोई भरोसा नही है मुझे। तुम दोनों को शादी के बंधन मे बंधते देखना चाहती हु। 

      शरण्या दादी का हाथ पकड़ते हुए बोली, "दादी मैं भी तो यही चाहती हु। लेकिन आपका पोता ही है जो खुदको सबकी नजर मे साबित करना चाहता है। जिम्मेदार बनना चाहता है। वो अगर तैयार हो तो मै खड़े खड़े शादी कर लु। रही बात इस नालायक की तो मुझे उससे ज्यादा खुद पर भरोसा है। ये कमीना है लेकिन....... मुझे बहुत प्यार करता है और इसका प्यार इसकी आंखो मे दिखता है मुझे। प्यार से ज्यादा परवाह करता है मेरी। सच कहू दादी तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी और रूद्र की ऐसी बॉन्डिंग होगी। लावि दि ने बताया मुझे जब मैं बेहोश थी तब किस तरह मेरे लिए रो रहा थ। रूद्र के दिल में मैंने अपने लिए प्यार कभी उम्मीद नहीं की थी।"


      दादी बोली, "इसी का नाम तो जिंदगी है! कब क्या हो जाए किसी को नहीं पता। कभी खुद पर भी इतना भरोसा मत करना। जानती हु रूद्र थोड़ा नही पूरा पागल है लेकिन एक बार जो उसने तुमसे अपने प्यार का इजहार कर दिया तो उसे जिन्दगी भर निभाएगा। इसे अभी छोड़ और जाकर देख ले एक बार अपनी बहन को वो गौरी पूजन के लिए तैयार हुई है या नहीं।" दादी की बात मान शरण्या अपनी बहन की कमरे की तरफ चली गई। रूद्र अभी भी अपने काम मे लगा था। 

     रेहान को लावण्या से बात करनी थी लेकिन कोई भी उसे मिलने नही दे रहा था और फोन भी लावण्या के पास नही था। वो तो गौरी पूजन के लिए तैयार हो रही थी। शरण्या जब कमरे मे पहुँची तबतक लावण्या तैयार हो चुकी थी और उसे पूजा के लिए लेकर जाना था। शरण्या नॉर्मल कपड़े मे थी तो अनन्या ने उसे कपड़े बदलने को कहा लेकिन पहले ही पूजा के लिए देर हो चुकी थी तो लावण्या ने मना कर दिया और उसके साथ ही निकल गई। 

    पूजा करते हुए लावण्या का ध्यान सिर्फ रेहान पर था। कल रात से ही उसका फोन उसके पास नहीं था और ना ही वह रेहान को एक बार देख पाई थी। उन दोनों को ही मिलने से मना किया गया था। अब वह दोनों सीधे शादी के मंडप पर ही मिलने वाले थे लेकिन लावण्या रेहान को एक बार देखना चाहती थी। शरण्या उसके साथ थी और इस वक्त मंदिर में वह दोनों ही अकेले थे। मौका पाकर लावण्या ने शरण्या का फोन लिया और रेहान का नंबर डायल कर दिया। शरण्या उससे शरारत भरी नजरों से देखने लगी। उसे अच्छे से पता था इस वक्त लावण्या जितनी डेस्परेट है उतनी ही ज्यादा रेहान से मिलने के लिए बेचैन। 

      रेहान अपने कमरे में बेचैनी से इधर उधर टहल रहा था। लावण्या से बात ना कर पाने की वजह से वह कुछ ज्यादा ही घबराया हुआ था। उसे लावण्या को कुछ बताना था लेकिन वह चाह कर भी नहीं कह पा रहा था। तभी उसका फोन बजा देखा तो शरण्या का नंबर था। पहले तो उसने इग्नोर किया लेकिन जब दोबारा कॉल आया तो उसे उठाना ही पड़ा। "शरण्या इस वक्त मैं बिजी हूं क्या तुम मुझे बाद में फोन कर सकती हो, प्लीज......!" रेहान की बात सुन लावन्या बोली, "अगर तुम इतने ही बिजी हो तो मैं बाद में फोन करती हूं।"

        लावण्या की आवाज सुनकर ही रेहान का दिल धड़कना भूल गया। इससे पहले कि लावण्या फोन काटती रेहान जल्दी से बोला, "लव........, लव तुम हो.......! पता है मैं कब से तुम से बात करने के लिए बेचैन हु! कोई मुझे तुमसे मिलने ही नहीं दे रहा, ना तुम्हारा फोन तुम्हारे पास है। और तुम भी ना कुछ ज्यादा ही बिजी हो गई हो। मेरे लिए तुम्हारे पास टाइम ही नहीं है। एक बार तो किसी और के फोन से कॉल कर सकती थी! इतना वक्त हो गया तुमसे बात किए।" रेहान ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा। 

    लावण्या मुस्कुराते हुए बोली, "रेहान........! शादी है हमारी! मैं दुल्हन हूं तो कई सारी रस्में होती हैं जो हमें निभानी पड़ती है और हम दोनों को ही मिलने से मना किया गया है। हम सीधे शादी के मंडप पर मिलेंगे। हां मैं रस्मों रिवाजों में बिजी थी इसलिए तुम्हें फोन नहीं कर पाई लेकिन जैसे ही मौका मिला मैंने तुम्हें कॉल किया ना!" 

    रेहान बेड पर बैठ गया और एक गहरी सांस लेकर बोला, "लावण्या......! मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। मेरी लाइफ में अगर मैंने किसी से प्यार किया है, किसी को चाहा है तो वह सिर्फ तुम हो, सिर्फ यही एक सच है और कुछ नहीं। कल को चाहे जो कुछ भी हो, हमारे बीच कितनी भी अनबन क्यों ना हो एक बात हमेशा याद रखना! मैंने सिर्फ तुमसे प्यार किया है। मेरा प्यार सिर्फ तुम्हारे लिए है और हमेशा रहेगा।"

    लावण्या मुस्कुरा उठी और कुछ देर इधर-उधर की बात कर उसने फोन रख दिया। अनन्या आई और उन्होंने दोनों बहनों को वापस चलने को कहा। शरण्या बोली, "मां मैं दि को उनके कमरे तक ले जाती हूं आप तब तक पूजा की बाकी विधियाँ देख लो।" अनन्या ने भी कुछ नहीं कहा और वह पंडित जी के साथ आगे की विधि की तैयारी के लिए चली गई। शरण्या ने लावण्या का हाथ पकड़ा और कमरे में जाते हुए बोली, "इतनी क्यों बेचैन हो दी! शादी आज शाम को ही है और अभी से आप दोनों एक दूसरे को इतना ज्यादा मिस कर रहे हो! लगता है शादी के बाद रेहान....... आई मीन रेहान जीजू आपको मायके आने ही नहीं देंगे। मुझसे मेरी लावि दी को छीन कर ले जाएंगे।"

     शरण्या ने थोड़ी सी नौटंकी की तो लावण्या उसका कान पकड़ते हुए बोली, "मेरा छोड़ अपनी बता...... ऐसा लग रहा है जैसे तुम दोनों भी अपनी शादी की पूरी प्लानिंग कर रहे हो। रूद्र को देखो, कितना सीरियस होकर मंडप बनवाने में लगा है। अपनी शादी में भी वह कुछ ऐसा ही करेगा। सोच कर तो देख, जब वह अपने भाई की शादी के लिए इतनी मेहनत कर रहा है तो अपनी शादी के लिए कितनी मेहनत करेगा!" 

     शरण्या की नजर अचानक से रुद्र पर चली गई जो इतनी सर्दी में अभी काम की वजह से पसीना पसीना हो गया था और अपना जैकेट उसने उतार कर दूर फेंक दिया था। रूद्र को इतनी मेहनत करता देख शरण्या को खुद भी बुरा लग रहा था। लावण्या उसके चेहरे को अपनी तरफ करते हुए बोली, "वह सच में तुमसे बहुत प्यार करता है। तेरे प्यार ने उसे पूरी तरह से बदल दिया है। यकीन नहीं होता कि ये वही रूद्र है। मैं तो बस यह सोच रही हूं जिस दिन पूरे घर वालों को तुम दोनों के रिश्ते के बारे में पता चलेगा उस दिन घर का माहौल कैसा होगा? बम कटेंगे बम.......!" 

     शरण्या ने भौहै टेढ़ी कर घूर कर देखा तो लावण्या खिलखिला कर हंस पड़ी और वहां से चली गई। रूद्र जो कि सुबह से ही शादी की तैयारियों में लगा था उसे इतनी भी फुर्सत नहीं थी कि वह 2 मिनट बैठ कर आराम कर सके। शरण्या ने जब उसकी हालत देखी तो उससे रहा नहीं गया और उसका हाथ पकड़ खींचकर अपने साथ लेकर गई। रूद्र अचानक से कम घबरा सा गया और बोला, "शरण्या क्या कर रही है? कोई देखेगा तो क्या सोचेगा? देखा, और भी बहुत से काम है। तुझे जो भी कहना हो तु यहीं पर कह दे। अगर कुछ काम है तो बता दे मैं बिहान को बोलकर करवा दूंगा, लेकिन फिलहाल अभी मैं बहुत जरूरी काम कर रहा हूं। "

    शरण्या ने कुछ नहीं कहा और उसे खींच कर अपने साथ ले गई। रूद्र इससे पहले कुछ बोलता शरण्या ने उसे किचन में ले जाकर बैठाया और खुद उसके लिए नाश्ता निकालने लगी। दोपहर से ज्यादा हो चुकी थी और रूद्र ने सुबह से कुछ नहीं खाया था। इस बात का ख्याल खुद रुद्र को भी नहीं था, जिससे भूख बर्दाश्त नहीं होती थी। शरण्या ने निवाला उठाया और उसकी तरफ बढ़ा दिया तो रूद्र बोला, "शरण्या में अभी नहाया नहीं हूं !और देखो ना कैसी हालत है मेरी, एक बार नहा लूं उसके बाद खा लूंगा।" 

     शरण्या ने पहले तो घूर कर देखा और फिर निवाला उठाते हुए बोली, "चुपचाप खा ले मैं खिला रही हूं ना तुझे!!! नहाने का काम । बाद में भी कर सकता है, देख रही हूं तु जरूरत से ज्यादा मेहनत कर रहा है तेरी तबीयत बिगड़ जाएगी। इतना वक्त हो गया और तेरे गले से एक निवाला नहीं उतरा है बीमार पड़ जाएगा तो? फिर मेरा ख्याल कौन रखेगा? 

क्स 

   रूद्र मुस्कुरा उठा और बोला, तूने भी नहीं खाया ना मेरे चक्कर में। तू भी भूखी रह गई। मैं काम में लगा था यार और यह जरूरी भी है। तेरी तबीयत ठीक नहीं है तुझे अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए। अगर तू बीमार पड़ गई तो फिर मेरा ध्यान कौन रखेगा?" शरण्या उसे खिलाते हुए बोली, "हम दोनों को ही एक दूसरे का खयाल रखना है। दुनिया जाए भाड़ में मुझे उससे कोई मतलब नहीं। मेरे लिए सिर्फ तू है और तू ही रहेगा। जल्दी से खा ले।"

    रूद्र के हाथ गंदे थे तो उसने भी चम्मच उठा लिया और शरण्या को खिलाने लगा। वह दोनों ही खुद खाने की बजाय एक दूसरे को खिला रहे थे। 

      रेहान नहा चुका था और तैयार हो रहा था। उसके कपड़े रूद्र लेकर आया और उसे पहनाते हुए बोला, "तुझे किसी बात की परेशानी है क्या? इतना उदास क्यों लग रहा है तेरा चेहरा?

     रेहान मुस्कुराते हुए बोला, "मुझे कोई परेशानी नहीं है। आज शादी है मेरी और शादी से पहले हर कोई नर्वस हो हीं जाता है। यह तो नॉर्मल सी बात है।" रूद्र उसकी शेरवानी के बटन लगाते हुए बोला, "मैं अपनी शादी में नर्वस नहीं होने वाला, तु देख लेना मैं तो अभी से अपनी शादी के लिए इतना एक्साइटेड हु कि मैं बता नहीं सकता।" 

    रेहान ने उसे घूर् कर देखा और बोला, "कल तक तो तु शादी के नाम से भागता था अचानक तुझे शादी करने की इतनी एक्साइटमेंट कब से होने लगी? कोई मिल गई क्या?" रूद्र को अचानक से खयाल आया कि उसने क्या बोल दिया है। अब उसे अपनी बात को संभालना ही था लेकिन जो बात उसने कही थी उसे वह घुमा फिरा कर कहीं और नहीं ले जा सकता था तो उसने सीधी सी बात कही। "मुझे लड़की मिल गई है और लड़की ने हा भी कह दिया है, इनफेक्ट मुझसे ज्यादा एक्साइटेड तो वह है। अब बस उसके बाप को पटाना है।" 

     रूद्र की बात सुन रेहान का मुंह खुला का खुला रह गया। उसने जैसे ही चिल्लाना चाहा रूद्र उसके मुंह पर हाथ रख उसका मुंह बंद करते हुए बोला, "फिलहाल तु यह बात किसी से नहीं कहेगा। अगर तूने किसी से कुछ भी कहा तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।" रेहान ने पलकें झपका कर गर्दन हिला दी तो रूद्र ने उसे छोड़ा और उसके सर पर पगड़ी बांधते हुए बोला, "इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता। मेरी अपनी भी कुछ प्लानिंग है इसलिए जब तक वह पूरे नहीं हो जाते मैं इस बारे में किसी से कुछ नहीं कह सकता। लेकिन बस इतना समझ ले मैं अपने रिश्ते को लेकर सीरियस हूं और मैं उससे बहुत प्यार करता हूं।" रेहान ने फिर से कुछ कहने के लिए मुंह खोला तो रुद्र उसे फिर से चुप कराते हुए बोला, "अगर तू सोच रहा है कि मैं तुझे उस लड़की का नाम बताऊंगा तो भूल जा। फिलहाल मैं तुझे कुछ नहीं बताने वाला। वो तो बस गलती से और एक्साइटमेंट में मेरे मुंह से निकल गया वरना इस बारे में किसी को खबर तक नहीं है। तू सोच भी नहीं सकता वह लड़की कौन हो सकती है इसलिए मेरे पीछे अपनी नाक लगाने की कोशिश भी मत करना। अब जल्दी से खुद को आईने में देख। तेरे मेकअप को ठीक करने के लिए मैं भेजता हूं किसी को।" कहकर वो बाहर निकल गया। 


टिप्पणियाँ

  1. Wonderful Mind Blowing nd Amazing Part 💗💗💗💗💖💖💖💖💖👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌

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  2. Superb bbbb interesting ,💐💐💐❤️❤️❤️❤️💜💜💜

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  3. बहुत ही बेहतरीन भाग था मैम!! 👌👌 रुद्र और शरण्या जब भी एक साथ होते है न तब उन्हें पढ़ते वक्त मेरे चेहरे से मुस्कान ही नही हटती!! 😍💙 और ये रेहान अजीब सा बर्ताव.... शक हो रहा है उसपर और दिल घबरा रहा है!! अगले भाग का इंतेज़ार रहेगा!! 😊😊

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  4. Awesome Awesome lovely super beautiful jabardast behtareen lajabab part

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