ये हम आ गए कहाँ!!! (60)

     रेहान रूद्र को लेकर दूसरी तरफ चला गया जहाँ वो उससे आराम से बात कर सकें और कोई भी उन दोनों को डिस्टर्ब ना कर पाए। मौली की हरकत से वो पहले ही शॉक मे था उसपर से रूद्र की खामोशी। जाते जाते भी रूद्र के कानों में लावण्या की कही बातें गूंज रही थी। आज एक अरसे के बाद किसी ने उसके सामने शरण्या का नाम लिया था। उसका नाम ही रूद्र को बेचैन करने के लिए काफी था लेकिन शरण्या है कहां? यह बात रूद्र चाह कर भी किसी से पूछ नहीं सकता था। आखिर किस हक से और किस से वह यह सवाल करता?

     रेहान को रूद्र से बातें करनी थी। बरसों बाद उसका भाई वापस आया था जिसे ढूंढने के लिए उसने क्या कुछ नहीं किया। लगभग हर दूसरे दिन वह उसे ईमेल किया करता था। उसे तो यह तक नहीं पता था कि उसके मैसेज उसके भाई तक पहुंचते है भी या नहीं। वह उसे पढ़ता भी है या नहीं। ना ही बैंक अकाउंट से और ना ही सोशल मीडिया अकाउंट से उसकी कोई जानकारी मिली। रूद्र ने तो खुद को हर तरह से सबसे अलग कर लिया था और जिस वक्त यह सारे हादसे हुए उस वक़्त वह शहर में था भी नहीं और ना ही उसे इस बात की कोई जानकारी थी। जब तक वह वापस आया तब तक रूद्र वहां से जा चुका था हमेशा के लिए, और आज जब वह वापस आया था तब रेहान को उससे कई सारे सवाल करने थे जिनका जवाब जानना उसके लिए बेहद जरूरी था। 

  रेहान ने उससे गले से लगते हुए कहा, "कहाँ था तु इतने सालों तक? तुझे ढूंढने के लिए ना जाने क्या कुछ नहीं किया मैंने! तुझे पता भी है, मां कितनी बेचैन थी तुझे देखने के लिए? तू ऐसे इस तरह सब से दूर चला जाएगा हम में से किसी ने नहीं सोचा था। यों हम सबकी जिंदगी इस तरह बदल जाएगी यह किसी ने उम्मीद नहीं की थी। तुझे नहीं जाना चाहिए था मेरे भाई, बिल्कुल भी नहीं जाना चाहिए था! यह सब करके तुझे पता भी है तूने कितनी बड़ी गलती की है? जो गलती मैंने की थी उससे भी बड़ी गलती तूने की। तेरे और शरण्या के बीच के रिश्ते का सच क्या था? ये मुझे जानना है। बता मुझे, इस बारे में कौन सही था? तू या शरण्या? शरण्या ने जो कुछ भी कहा था क्या वह सब सच था? और अगर सच था तो फिर तूने इतनी बड़ी गलती क्यों की? और किसके लिए की!!! जिसके लिए तूने सब कुछ किया क्या वो इस लायक भी था? हर गुनहगार को उसके किए की सजा मिलनी चाहिए और किसी गुनहगार को बचाकर तूने अच्छा नहीं किया। 

      रूद्र जो इतनी देर से खामोश था, बोल पड़ा, "अगर गुनहगार हमारा अपना हो तो क्या हम उसका गुनाह अपने सर नहीं ले सकते? आखिरकार परिवार होते किस लिए है, ताकि एक दूसरे की खुशियों को बांट सकें और एक दूसरे के दर्द को भी। किसी एक की तकलीफ सबकी तकलीफ होती है रेहान! वादा किया था मैंने किसी को, उस वादे को पूरी करने के लिए मैंने उन वादों को तोड़ा जो मैंने शरण्या से किया था। हमारे बीच का सच वही था जो उसने बताया था। उसका कहा हर एक शब्द सही था, सच था। क्या करता मैं? मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था। हमारे रिश्ते के बारे में सिर्फ एक दादी जानती थी और एक लावण्या, और मैंने उन दोनों से ही यह बात छुपाने को कही थी क्योंकि मुझे और शरण्या को थोड़ा वक्त चाहिए था। फिर हम दोनों ही अपने रिश्ते को सबके सामने लाकर रख देते। लेकिन ऐसा हो पाता उससे पहले ही किस्मत ने धोखा दे दिया। छोड़ ना यह सब!!!! इतने सालों के बाद अब इन बातों का कोई मतलब नहीं रह जाता।"

    रेहान आगे कुछ बोलना चाहता था लेकिन कुछ भी बोल नहीं पाया। उसे लगा जैसे रूद्र से बात करके उसकी खुद की जान निकल जाएगी। उसने एक भरपूर निगाह रूद्र के चेहरे पर डाली। उस चेहरे को देखकर रेहान की हिम्मत जवाब दे गई। यह वह रूद्र नहीं था जिसे सभी जानते थे। जिसके साथ उसने अपना पूरा बचपन गुजारा था और अपनी जिंदगी के 26 साल जिसके साथ लड़ते झगड़ते बीते थे। उस रुद्र में जिंदादिली कूट कूट कर भरी थी और इस वक्त जो रूद्र उसके सामने खड़ा था उसमें जिंदगी का अंश मात्र भी बाकी नही था। फिर भी बड़ी हिम्मत करके उसने एक बार पूछ ही लिया, "यह बच्ची... मौली....! यह वही है ना?" रूद्र ने कुछ कहा नहीं, बस हां में सिर हिला दिया। रेहान की नजर उस कमरे की ओर गई जहां मौली गई थी। रेहान वहां से जाना चाहता था तभी रूद्र ने पूछा, "घर मे सब कैसे है? 

    रुद्र के इस सवाल का वह क्या जवाब दें उसे खुद ही समझ नहीं आ रहा था। उसने इस सवाल से बचने की कोशिश करनी चाही लेकिन उसे कोई बहाना नजर नहीं आ रहा था तभी राहुल दौड़ते हुए आया और उसे अपने साथ खींच कर ले जाने को हुआ तो रेहान ने अपने बेटे को रोकते हुए उसे रूद्र से मिलवाया। रेहान ने जब राहुल को रूद्र के पैर छूने को कहें तो राहुल ने एकदम से इनकार करते हुए कहा, "इनकी बेटी ने आपके साथ बदतमीजी की और मैं इनके पैर छूऊ, ऐसा हो ही नहीं सकता! पहले उस बदतमीज लड़की को बोलो कि वह आप से माफी मांगे उसके बाद ही मैं इन अंकल के पैर छू लूंगा।"

     रूद्र ने राहुल के सर पर हाथ फेरते हुए कहा, "और अगर मैं आपके पापा से सॉरी कह दु तो क्या आप मुझे और मौली को माफ करेंगे?" रेहान उसे बीच में ही टोकते हुए बोला, "इसकी कोई जरूरत नहीं है रूद्र! तू बड़ा है मुझसे और यह बात मैं भूल गया था जो मौली ने याद दिला दी। जैसे तू मुझसे बड़ा है वैसे ही मौली इससे बड़ी है। जब ये बात मैं भूल गया तो फिर मैं अपने बेटे से इस बात की उम्मीद कैसे कर सकता हूं! लेकिन अब इसे सीखना होगा अपने से बड़ों से कैसे बात की जाती है। अपनी बड़ी बहन से उसे तमीज से बात करनी होगी।" कहते हुए रेहान की आवाज राहुल के लिए सख्त हो गई। 

     राहुल की आंखों में नाराजगी के भाव थे और वह वहां से रेहान का हाथ छुड़ा कर भाग गया। रेहान ने कहा, "बच्चों को एक दूसरे से घुलने मिलने में थोड़ा वक्त लगेगा। वैसे कुछ भी बोल, उसने मारा बहुत जोर से! दिन में तारे दिखा दिए यार!" कहकर रेहान खुद ही हंस पड़ा। रूद्र को भी हंसी आ गई लेकिन उसके चेहरे को देखकर यह बिल्कुल भी जाहिर नहीं हो रहा था कि वह इस वक्त मुस्कुरा रहा था। उसका चेहरा यूं ही खामोश रहा। रेहान को यह देख बहुत ज्यादा तकलीफ हुई और बोला, "सब मेरी गलती थी! अगर मै उस वक़्त वहाँ मौजूद होता तो मै कभी भी तुझे ऐसा कुछ करने ही नही देता। मुझे नही पता था मेरे पीठ पीछे तु ये सब करेगा! हो सके तो मुझे माफ कर देना।" कहकर रेहान वहां से चला गया। 

  मानसी उसके लिए खाना ले आई थी जो कि उसके कमरे में ही रखवा दिया गया था। वह यहां रूद्र को बुलाने आई थी क्योंकि मौली ने हीं बताया था की रूद्र ने कल शाम से कुछ नहीं खाया है। मानसी ने खुद उसकी पसंद का कुछ बनाकर उसके लिए भिजवाया था। रुद्र और रेहान को बातें करते देख मानसी से रहा नहीं गया। फिलहाल तो रूद्र को हर एक के सवालों के जवाब देने थे। वो सारे सवाल जिन से बचने के लिए वह देश छोड़कर चला गया था, सब से दूर।

     रूद्र ने बड़ी हिम्मत करके रेहान से शरण्या के बारे में पूछाना चाहा लेकिन वो पूछ नही पाया। रेहान के जाने के बाद वह मायूस होकर वहां खड़ा रहा तभी मानसी ने पीछे से आवाज लगाई, "कैसे हो रूद्र? मौत के बाद की जिंदगी कैसी लग रही है? उम्मीद है तुम इसे इंजॉय कर रहे होगे! वैसे तिल तिल कर मरना भी एक अलग ही मजा देता है, है ना?" मानसी तो सिर्फ रूद्र के मन के अंदर दबे दर्द को बाहर लाना चाहती थी, जिसके लिए और ज्यादा दर्द देना जरूरी था। इसके बावजूद रूद्र जैसे पत्थर बन चुका था। मानसी के कटाक्ष से उसे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था। उसने कहा, "यह बात तुम से बेहतर और कौन समझ सकता है? जब हमारी जिंदगी किसी और के हवाले हो और वह हमारे पास ना हो, इंसान हर पल मरता है और वह भी तब जब खुद अपने हाथों से अपनी जिंदगी को कुर्बान करना पड़े! मैंने जो किया वह गलत था लेकिन गलत तो मैं भी नहीं था। उस वक्त मुझे जो जरूरी लगा वो मैंने किया। मुझे इसका कोई मलाल नहीं मानसी! क्योंकि हम अपने दर्द से इतने आहत नहीं होते जितने कि हम अपनों के दर्द को देखकर होते हैं। अपना दर्द तो हम फिर भी छुपा लेते हैं लेकिन अपनों का दर्द हमसे देखा नहीं जाता। एक तरफ मेरा परिवार था और दूसरी तरफ मेरा प्यार! एक तरफ मेरे परिवार की खुशियां थी तो दूसरी तरफ मेरी खुशी। जाहिर सी बात है, मेरी खुशी का पलड़ा बहुत हल्का रह गया था, इसलिए सब कुछ हार बैठा।"

    "कितनी आसानी से तुमने कह दिया ना रूद्र! लेकिन क्या जिंदगी के हर फैसले करने का हक हर किसी को होता है? नहीं....! अगर होता तो शरण्या की जिंदगी का फैसला तुम कभी नहीं करते। वह फैसला करने का हक सिर्फ शरण्या को था। तुम दोनों के प्यार को मैंने देखा है अपनी आंखों से, महसूस किया है तुम दोनों के प्यार को! मैं कभी मान ही नहीं सकती थी कि तुम कोई गलती कर सकते हो। अपनों के बारे में सोचना गलत नहीं है लेकिन खुद को भूल जाना वह भी तब जब हमसे किसी और की भी जिंदगी जुड़ी हो, ऐसे में यह नाइंसाफी हम खुद के साथ ही नहीं बल्कि उस जिंदगी के साथ भी करते हैं। जो करने का हमें हक नहीं होता। तुम्हारे जाने के बाद शरण्या की क्या हालत हुई थी इसका अंदाजा भी नहीं है तुम्हें। पागल हो गई थी वह और उसके पागलपन की एक झलक तुमने एयरपोर्ट पर तो देखी थी। उसे ऐसे देख वहाँ अनजान लोगों की आंखें नम हो गई लेकिन तुम्हारा दिल नहीं पिघला। खैर छोड़ो.......! इन सब बातों को...! अब सबका कोई मतलब नहीं है। वैसे एक बात माननी पड़ेगी, तुमने मौली को बिल्कुल शरण्या की तरह बनाया है। तुम्हारा खाना तुम्हारे कमरे में रखा है, जाकर खा लो वरना ठंडा हो जायेगा। मौली ने बताया कि तुमने कल से कुछ नहीं खाया। हम सब इस वक्त दादी जी के लिए यहां पर हैं। उनका ख्याल रखने के लिए तुम्हें खुद का ख्याल रखना होगा। वैसे तुम्हारा ख्याल रखने के लिए तुम्हारी बेटी है लेकिन फिर भी उस छोटी सी बच्ची पर कितना भार डालोगे!"

      रूद्र ने पूछा, "मौली ने खाना खाया?" मानसी ने ना में सर हिला दिया और वहां से जाने को हुई तो रूद्र ने उसे रोका और बेचैन होकर पूछा, "जब से आया हूं इन हवाओं में उसके एहसास को ढूंढने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन वह कहीं नहीं है। शादी हो गई थी ना उसकी!!! इतने सालों में उसे सब कुछ भूलकर आगे बढ़ना चाहिए था। मुझे भूल जाना चाहिए था। अगर वह आगे बढ़ भी चुकी है इसके बावजूद वह मुझे नहीं भूली है। वो आज भी मुझे याद करती है, आज भी मेरा नाम पुकारती है। वो खुश नहीं है मानसी! जब सब लोग यहां है तुम यहां हो, नेहा भी यहां है तो फिर वो यहां क्यों नहीं है? मैं मानता हूं मुझ में हिम्मत नहीं है उसके सामने जाने की लेकिन एक बार उसे देखने का दिल कर रहा है। यही वजह रही जो मैं इतने सालों तक वापस नहीं आया। वह मेरी सबसे बड़ी कमजोरी थी और आज भी है डरता हूं कि अगर वह मेरे सामने आई और मैं खुद को संभाल ना पाया तो क्या होगा? उसके लिए मुसीबतें नहीं बढ़ाना चाहता मैं, इसके बावजूद ये आँखें उसे एक बार देखने को तरसती है।"

      "दूर जाकर क्या तुम जी पाए हो रूद्र जो उससे उम्मीद कर बैठे? उससे अलग होकर जब तुम मर गए तो उससे जीने की उम्मीद तुम कर भी कैसे सकते हो? वजह चाहें जो भी रही हो लेकिन अपनी और शरण्या के मौत के जिम्मेदार तुम खुद हो। शरण्या को भूल जाओ रूद्र! अब वो कभी वापस नहीं आने वाली। उसके आने की कभी उम्मीद भी मत करना। अपने दिल और अपनी आंखों को समझा दो कि वह शरण्या ख्याल छोड़ दे क्योंकि इस जनम में तो वह मुमकिन नहीं है। विहान की हिम्मत नही हो रही तुम्हारे सामने आने की, हो सके तो खुद मिल लेना। अभी जाकर खाना खा लो तुम्हारी बेटी खाने पर तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।" कहकर मानसी वहाँ से चली गयी। 





क्रमश:

टिप्पणियाँ

  1. Har roj suspense 😳😬😜oh god kab khulenge raaj kya hua shranya ko iss janam ka matalab khin mar to nahi gayi hai

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  2. हे भगवान! मैम, आपने तो दिल की धड़कनों की रफ्तार एकदम बढ़ा दी!! मानसी ने जो ये आखिर में कहा के शरण्या अब वापिस नही आ सकती....!! नही, ऐसा तो नही ही होना चाहिए!! 😶😶 और रुद्र ने अपने परिवार को चुनकर कैसी गलती की? क्या हुआ सब जानने का इंतेज़ार रहेगा!! बेहतरीन भाग मैम! 👌👌 अगले का इंतेज़ार रहेगा!! 😊😊

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  3. Kaha hai sharanya mujhe bhi lag rha hai kuch hua hai uske sath kuch bhayanak

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  4. I am hundred percent sure rudra rehan ki galti ki saja kat raha hai

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  5. Such ab toh next part k liye wait hi nhi ho rha akhir kha h sharynaya

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  6. Nice part her part ke sath suspens bd rha h.kya hua hoga kiski galti ki saja mili rudr or sharnya ko

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  7. Bhut jayda suspense h ki aage kya hoga sharynaya h kha kis wajah rudra ney mna kar diya shadi say

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