ये हम आ गए कहाँ!!! (52)

     रूद्र ने रेडियो स्टेशन के बाहर गाड़ी रोकी और शरण्या के बाल ठीक करते हुए बोला, "तु जा, मै यहीं तेरा इंतज़ार करता हु।" शरण्या ने किसी बच्चे की तरह रुद्र का हाथ पकड़ लिया और बोली, "मुझे नहीं जाना कहीं! मुझे इस वक्त सिर्फ तेरे साथ रहना है।" रुद्र उसकी बाल की लटो को कान के पीछे करते हुए बोला, "मैं कहां तुझसे दूर जा रहा हूं! यहीं हूं तेरा इंतजार कर रहा हूं, तु अपना काम निपटा और जल्दी से वापस आ। काम जरूरी है, अगर तू नहीं गई तो मैं गुस्सा हो जाऊंगा।" शरण्या का बिल्कुल भी मूड नहीं था रूद्र का हाथ छोड़ने का लेकिन फिर भी उसे अपना काम खत्म करना ही था। उसने रूद्र को मुस्कुरा कर देखा और बाहर निकलने से पहले अपने बैग से कुछ समान निकालकर खुद का मेकअप ठीक किया और वहाँ से जाने के लिए दरवाजा खोला। रूद्र उसे जाते हुए नहीं देखना चाहता था इसलिए उसने अपना फोन निकाला और आज रात भर आए न्यू ईयर विशेज के मैसेजेज को चेक कर उन्हें रिप्लाई करने लगा। तभी शरण्या के हाथ उसे अपने चेहरे पर महसूस हुए। इससे पहले कि वह शरण्या की ओर देख पाता शरण्या उसके गाल पर किस कर के चली गई। 

     रूद्र मुस्कुरा कर रह गया। उसके लिए उन दोनों का यह रिश्ता एक किसी सपने से कम नहीं था आखिर कौन यकीन करेगा उन दोनों के रिश्ते पर! जो लोग ये जानते हैं कि वह दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल भी नहीं आना चाहते, जिन दो लोगों में बिल्कुल भी नहीं बनती उन दोनों में प्यार कोई इमेजिन भी नहीं कर सकता। रूद्र ने एक गहरी सांस ली और पीछे सीट पर अपना सर टिका दिया। दादी को तो पता है इस बारे में और लावण्या को भी। दोनों में से कोई अपनी जुबान नहीं खोलने वाला लेकिन मैं बाकियों को कैसे बताऊंगा हमारे रिश्ते के बारे में? क्या कोई यकीन करेगा इस बात पर? सबसे पहले क्या विहान इस बात पर भरोसा करेगा? और मां!!! वह तो कब से मेरे और शरण्या के रिश्ते को लेकर मेरे पीछे पड़ी थी। अब सीधे सीधे उन्हें जाकर मै कैसे बताऊंगा कि मैं....... मैं उस शाकाल से प्यार करता हूं और हम दोनों शादी करना चाहते हैं, एक साथ रहना चाहते हैं। अबे यार! वो टेंशन नहीं है, मेरे घरवाले तो कबसे शरण्या को अपनी बहू बनाने के लिए बेचैन है। सबसे बड़ी टेंशन है मुझे शरण्या के बाप की!!! ससुर मुझे अपना दामाद बनाना ही नहीं चाहता। उसने तो सीधे सीधे दादी को मना कर दिया तो फिर मेरी क्या औकात है! लेकिन इसमें उनकी भी क्या गलती रूद्र! तेरी इमेज ही ऐसी है, तूने अपनी इमेज ऐसी बना रखी है कि कोई भी बाप अपनी बेटी का रिश्ता तुझसे नहीं करना चाहेगा। अबे तो फिर यह मिस्टर खुराना को क्या दिखा मुझ में? यह सब छोड़ और दिमाग शांत रख, कुछ ना कुछ जुगाड़ तो लगाना ही होगा वरना तेरी नैया बीच भंवर में ऐसे गोते खाएगी बेटा कि तु जिंदगी भर कभी पार नहीं लगा पाएगा। वैसे खुद को जिम्मेदार साबित करने का एक मौका है तेरे पास, रेहान और लावण्या की शादी! लेकिन इसकी जिम्मेदारी तो मानसी को......... तो क्या हुआ यार! तू भी हेल्प कर सकता है उसमें। आखिर सारी जिम्मेदारी बेचारी वह अकेली कैसे उठायेगी? यह बेटर ऑप्शन है।"

     अचानक से रूद्र को कुछ याद आया। उसने गाड़ी स्टार्ट की और वहां से निकल गया। शरण्या का शो स्टार्ट हो चुका था और उसने सबसे पहला गाना रूद्र को डेडिकेट किया बिना उसका नाम लिए, बिना अपनी फिलिंग्स बताएं। हर वह प्यार करने वालों के लिए जिन्होंने नए साल में नई शुरुआत की है। 

     "तू जो मिला सब मिल गया

    दिल की नमाजे जाके पहुंची फलक से आगे तो जाके पाया तुझको मेरे रहनुमा"

    रूद्र का दिल खुशी से झूम उठा, यह सोच कर कि शरण्या उसे कितना प्यार करती है। अपनी फिलिंग्स जाहिर करने के लिए उसने बिल्कुल सही गाना चुना था। वैसे वह खुद को कम खुशनसीब नहीं मानता था जो शरण्या ने उसे चाहा। 

     शरण्या के उंगली में अंगूठी चमक रही थी जो रूद्र ने खुद अपने हाथों से पहनाया था। उसकी अंगूठी देखते ही एलेक्स समझ गई और उस अंगूठी की तरफ इशारा करते हुए उसने शरण्या को देखकर भौहें उचका दी। शरण्या ने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुरा कर रह गई। उसे शर्माना नहीं आता था इसके बावजूद वो शर्माते हुए बहुत प्यारी लग रही थी। एलेक्स ने शो खत्म होते होते बस बिना कुछ कहे उसकी बलाये ली और चली गई। शरण्या ने भी अपना बैग समेटा और भागते हुए बाहर पहुंची लेकिन बाहर रूद्र की गाड़ी कहीं नजर नहीं आ रही थी। उसने ऑफिस के बाहर और पार्किंग एरिया में सब जगह देखा लेकिन रुद्र कहीं नहीं था और ना ही उसकी गाड़ी थी। वह बदहवास सी इधर उधर रूद्र का नाम पुकारे जा रही थी। तभी उसे दूर से रुद्र की गाड़ी आती हुई नजर आई और वह बिना सोचे समझे भागते हुए उसके गाड़ी के सामने आ गई।

       रूद्र ने अचानक ब्रेक लगाया, शरण्या को इस तरह देख वो बुरी तरह से घबरा गया और वह जल्दी से बाहर निकलकर शरण्या को संभालते हुए बोला, "क्या हुआ शरू? क्या हुआ तुझे तु ठीक तो है? इस तरह से....... क्या हुआ किसी ने कुछ कहा क्या, बता मुझे!!!"

    शरण्या ने कुछ नहीं कहा बस उसके सीने से लग कर रोने लगी और कुछ देर बाद सिसकते हुए उसने कहा, "तूने कहा था तु मेरा इंतजार करेगा तो फिर क्यों चला गया था? कितना डर गई थी मैं, तु मेरे पास नहीं था। मुझे लगा तु मुझे छोड़ कर चला गया।" रूद्र ने उसे अपने सीने से लगा लिया और बोला,"तुझसे दूर कहां जाऊंगा मैं? मेरा सुकून है तेरे पास! तुझसे दूर जाऊंगा भी तो जिंदगी भर सिर्फ बेचैन ही रहूंगा। तुझसे दूर होकर मेरी कोई जिंदगी नहीं। तुझसे अलग होकर मेरा कोई वजूद नहीं, इतना जान ले तू! और इतना याद रखना, हमेशा......! चाहे कुछ भी हो जाए जब तक मैं जिंदा हूं तुझे दूर कहीं नहीं जाऊंगा।" शरण्या को रोते देख रूद्र की आंखें भी नम हो गई। उसने शरण्या को संभाला और गाड़ी में से एक पैकेट निकाल कर देते हुए बोला, "यह जॉगिंग सूट है। इन कपड़ों में तू घर जाएगी तो सब सवाल करेंगे तुझसे। एक काम कर जाकर पहले चेंज कर ले फिर मैं तुझे घर छोड़ देता हूं।"

     शरण्या ने कपड़े बदले और रूद्र उसे लेकर वहां से घर के लिए निकल गया। उसने शरण्या को घर से थोड़ी दूर पहले उतारा और पैदल ही उसे घर तक लेकर गया। शरण्या रोज की तरह बालकनी के रास्ते अपने कमरे में गई उसके हाथ में दो पैकेट थे। शरण्या को ध्यान ही नहीं रहा कि रूद्र ने उसे दो पैकेट दिए थे। एक पैकेट में उसके वह कपड़े थे जो उसने पार्टी में पहने थे और दूसरे पैकेट में वह लाल रंग की ड्रेस थी जो रूद्र ने शरण्या के लिए खरीदता था। उस ड्रेस को देखकर शरण्या के चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल आ गई। "झूठा कहीं का" शरण्या मन ही मन बुदबुदा उठी। तभी उसके दरवाजे पर दस्तक हुई। शरण्या ने दोनों पैकेट अपने अलमारी में छुपाए और दरवाजा खोला। दरवाजे पर लावण्या खड़ी मुस्कुरा रही थी। उसके चेहरे पर जो खुशी थी वह खुशी कम और शरारत ज्यादा नजर आ रही थी। 

     "वैसे मुझे लगा नहीं था कि तू रात भर उसके साथ होगी! मुझे तो लगा तुम दोनों एक बार फिर लड़ झगड़ कर कुछ देर में वापस आ जाओगे लेकिन ये जो तेरे चेहरे का ग्लो है ना, ये तो कुछ और ही कहानी कह रहा है! ऐसा क्या हो गया रात को जो तेरा चेहरा इतना चमक रहा है और तेरी गले पर ये निशान कैसा? लावण्या की बात सुन शरण्या ने घबरा कर खुद को आईने में देखा लेकिन उसे अपने गले पर किसी तरह का कोई निशान नहीं दिखा। उसे इस तरह परेशान होता देख लावण्या खिलखिला कर हंस पड़ी और बोली, "तेरी चोरी पकड़ी गई! मतलब कुछ हुआ क्या?"

     शरण्या हल्का गुस्सा दिखाते हुए बोली, "ऐसा है, जो आप सोच रहे हो ना, अपनी सोच को आप अपने तक रखो मेरे सामने फोर्स करने की जरूरत नहीं है। ऐसा वैसा कुछ नहीं हुआ है जैसा आपके दिमाग में चल रहा है। वैसे आपकी तो शादी तय हो गई है ना, आप दोनों कहां तक पहुंचे हो और सबसे पहले मुझे एक बात बताओ, आप को सब पता था, आप ने रूद्र को उसके प्लान में हेल्प किया, मुझे बहाने से उसके साथ भेजा, यह सब आप मुझे पहले नहीं बता सकती थी!"

     अपनी और रेहान के रिलेशनशिप के बारे में सुनकर लावण्या थोड़ी सी अपसेट जरूर हुई लेकिन रेहान के बदले बर्ताव से वह खुश थी। उसने रूद्र की प्लानिंग में उसका साथ दिया था क्योंकि वह अच्छे से जानती थी कि शरण्या रूद्र से कितना प्यार करती है। उसने कहा, "अगर तुझे पहले से बता देती तो क्या तेरे चेहरे पर ये निखार होता जो इस वक्त नजर आ रहा है? बिल्कुल भी नहीं! अब चल जल्दी से फ्रेश हो जा, नीचे नाश्ता तैयार हो रहा है, एक घंटा है तेरे पास। सब इकट्ठा हो जाएंगे और तुझे ढूंढा जाएगा। अपने सपनों की दुनिया से थोड़ी देर के लिए बाहर आ जा। अपने रूद्र को कुछ देर के लिए दिल के कमरे की अलमारी में बंद कर दें और जल्दी से तैयार होकर आ जा। एक बार मेरी शादी हो जाने दे, फिर उसके बाद तुझे खींचकर अपने साथ अपने ससुराल ले जाऊंगी। जैसे यहां पर साथ-साथ वैसे ही ससुराल में भी साथ साथ, मेरी होने वाली देवरानी!!!"

     शरण्या ने सुना तो शरमा गयी। लावण्या उसे यूं ही शरमाता छोड़ कमरे से बाहर चली गई। शरण्या ने अलमारी से कपड़े निकाले और टॉवल लेकर बाथरूम में जाने को हुई। अचानक से उसे ध्यान आया, उसने मन ही मन कहा, "रूद्र रेहान से बड़ा है और अगर मेरी शादी रूद्र से हो जाती है तो मैं आपकी देवरानी नहीं जेठानी बन जाऊंगी। यह कौन सा स्यपा है भगवान! मतलब मैं अपनी बड़ी बहन की जेठानी बनूंगी, कोई क्या सोचेगा?" शरण्या के माथे पर चिंता की लकीर खीच गई। 


    अनन्या ने नाश्ते में सबके लिए सबकी पसंद का कुछ ना कुछ बनाया था। शरण्या अभी भी डाइनिंग टेबल पर नहीं आई थी। लावण्या ने आवाज दी तो शरण्या भागते हुए नीचे डायनिंग एरिया में पहुंची। नाश्ता करते हुए उसने अपने हाथ में फोन पकड़े रखा। वो लगातार रूद्र को मैसेज पर मैसेज किए जा रही थी। अभी कुछ देर ही हुए थे उसे रूद्र से अलग हुए और इतने में ही वह इतनी ज्यादा बेचैन हो गई थी। रूद्र उसे मैसेज करने के बाद नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया इस बीच शरण्या ने मैसेज की झड़ी लगा दी। उसे अपने फोन में घुसा देख अनन्या ने डांट लगा दी। "शरण्या फोन रखो!" लेकिन शरण्या ने नहीं सुना तो अनन्या ने चम्मच प्लेट में जोर से पटकते हुए कहा, "शरण्या, मैंने कहा फोन रखो! अगर तुम्हें नाश्ता नहीं करना तो तुम जा सकती हो!"

     शरण्या इस वक्त सिर्फ रूद्र से बात करना चाहती थी। उसके लिए सिर्फ और सिर्फ रूद्र ही मायने रखता था। उसने अनन्या की बातों पर ध्यान नहीं दिया और जैसा अनन्या ने कहा था, उसने फोन छोड़ने की बजाए नाश्ते की प्लेट आगे सरकाते हुए उठ खड़ी हुई। "वैसे भी इस वक्त टेबल पर मेरी पसंद का कुछ नहीं है। इसका मतलब यह कि आप चाहती नहीं कि मैं यहां नाश्ता करू तो ठीक है! मैं कहीं और से मंगवा लूंगी अपना नाश्ता।" कह कर वो जाने को हुई तो लावण्या ने उसका हाथ पकड़ लिया और जबरदस्ती उसे बैठाते हुए अपनी थाली में से एक निवाला उसकी और बढ़ा दिया। "खाने का अपमान नहीं करते। अगर तु नही खायेगी तो मैं भी नही खाऊँगी।"

      शरण्या ने भी लावण्या की बात मानते हुए अपनी प्लेट वापस से अपनी ओर खिसकाया और पूरा नाश्ता खत्म किया। जैसे ही वहां से जाने को हुई ललित ने कहा, "आज शाम हम सब लोग डिनर पर जा रहे हैं। शरण्या! बेटा, आज रात का आपका जो भी प्लान हो उसको कैंसिल कीजिए। इशान और उसके घरवाले आज हमें होटल में ही डिनर पर ज्वाइन करेंगे। तीनों फैमिली एक साथ वहां मौजूद होगी। आप और इशान मिल लेना, दोनों आपस में बातें कर लेना आखिर तुम दोनों को एक साथ जिंदगी गुजारनी है, इसलिए कोई बहाना नहीं ठीक है!!!" शरण्या और लावण्या ने एक दूसरे को देखा। शरण्या को यह ध्यान ही नहीं रहा कि उसे इस रिश्ते से इनकार करना है। लावण्या ने उसे देखकर ऐसे गर्दन हिलाया मानो उसे ताना मार रही हो, "मैंने तो पहले ही कहा था शादी के लिए हां मत करना, लेकिन तूने सुनी नहीं" बेचारी शरण्या! अब वो क्या करेगी? 





क्रमश:

टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही बेहतरीन भाग था मैम!! 👌👌 रुद्र के ना मिलने पर आज शरण्या जैसे बदहवास सी हो गई ये पढ़कर ही दर्द हुआ...!! आगे जरुर कुछ गलत तो होगी ही!! पर रुद्र ने वादा किया है, वो नही जाएगा छोड़ कर....!! 🤗🤗 और ये ईशान! इस आफत को तो भूल ही गए थे सब पर देखते है क्या होगा अब? अगले भाग का इंतेज़ार रहेगा! 😊😊

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  2. 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊

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