ये हम आ गए कहाँ!!! (49)

    लावण्या ने बहाने से शरण्या को रुद्र के साथ बाहर भेज तो दिया था लेकिन रूद्र के लिए इस वक्त ड्राइव करना और शरण्या का ध्यान भटकाना दोनों ही बेहद जरूरी था। कोहरे की वजह से उसकी ड्राइविंग थोड़ी स्लो चल रही थी। न्यू ईयर सेलिब्रेशन की वजह से आज लगभग पूरा मार्केट बंद था, सिर्फ रेस्टोरेंट और होटल्स ही खुले हुए थे। इस वक्त सभी अपने घर में या बाहर अपनों के साथ नए साल का जश्न मनाने में व्यस्त थे और शरण्या रुद्र के साथ केमिस्ट की शॉप ढूंढने में। म्यूजिक सुनते हुए शरण्या ने अपनी आंखें मूंद ली। उसे यह गाना इतना खूबसूरत लग रहा था कि वह इस गाने को रिपीट मोड पर चलाए जा रही थी। रूद्र को भी इससे कोई एतराज नहीं था। यह गाना उसकी पसंद का था और शायद आज की डेट के लिए बिल्कुल परफेक्ट भी था। जिसे सुनते हुए उसने यह तय कर लिया कि वह शरण्या से कुछ नहीं कहेगा सिर्फ उससे अपने प्यार का एहसास दिलाएगा वह भी बिना बोले । 

    काफी देर की ड्राइविंग के बात शरण्या को महसूस हुआ कि वह लोग पार्टी वेन्यू से शायद काफी दूर निकल गए हैं। उसने आंखें खोली और रूद्र से पूछा, "क्या हुआ रूद्र! एक भी केमिस्ट की दुकान नजर नहीं आ रही! हम लोग काफी देर से घूम रहे हैं मतलब काफी देर हो गई है लेकिन इतने भी देर नहीं हुई की दवाई की दुकान ही सारी बंद हो जाए। यहां आस-पास हॉस्पिटल भी तो होंगे, हम वहां जा सकते हैं। अगर नहीं मिलता है तो इससे बेटर है कि हम मेरे घर चले। मेरे पास है कुछ, मैं घर से ही लेते आऊंगी। यहां सड़कों पर घूमने से बेहतर ही है।" रूद्र जोकि ड्राइविंग पर फोकस बनाए हुए था उसने बड़े ही आराम से कहा, "तु घबरा मत! मैं भी वही सोच रहा था। एक काम करते हैं, हॉस्पिटल ही चलते हैं। घर जाकर आना थोड़ा मुश्किल लगता है और मुझे भी घर नहीं जाना। तू आराम से बैठ मैं ले चलता हूं, डोंट वरी!"

    रुद्र को इतना शांत देख शरण्या को थोड़ा अजीब लगा। आम दिनों में वह कभी इतना शांत नहीं रहता था लेकिन इस वक्त उसकी पर्सनालिटी कुछ अलग ही नजर आ रही थी। शरण्या की नजरें कुछ देर के लिए उस पर ठहर सी गई। रूद्र को एहसास हो गया कि शरण्या उसे ही देख रही है। उसने बिना उसकी तरफ देखे कहा, "मुझे देखने से तेरा पेट भर जाएगा क्या? शायद तूने खाना खा लिया था, अब क्या मुझे खाने का इरादा है?" रुद्र की बात सुनकर शरण्या ने जल्दी से अपनी नज़रे दूसरी तरफ घुमा ली और खिड़की की तरफ देखने लगी। अचानक से उसे सड़क के किनारे लगा बैनर दिखा जिसे वह हैरान रह गई। इस वक्त वह दिल्ली से तकरीबन 4 किलोमीटर बाहर निकल चुकी थी। शरण्या ने हैरान होते हुए कहा, "हम कहां जा रहे हैं रूद्र? इस वक्त हम दिल्ली से बाहर है और तु मुझे लेकर कहां जा रहा है? वहां पार्टी में सब हमारा इंतजार कर रहे होंगे! लावी दी हमारा इंतजार कर रही होगी और तू इस तरह मुझे बिना बताए बिना मेरी मर्जी के कहाँ लेकर जा रहा है?"

     रूद्र समझ गया कि अब शरण्या को समझाना मुश्किल है। उसने चुप रहना ही बेहतर समझा और उसे चुप देख शरण्या को गुस्सा आया। उसने गुस्से में गाड़ी का दरवाजा खोलना चाहा लेकिन वह लॉक था। उसने सामने डेस बोर्ड पर रखे अपने फोन को उठाना चाहा लेकिन उसका फोन वहां नहीं था। उसने अपनी सीट के आसपास चारों ओर नजर दौड़ाई लेकिन उसका फोन उसे कहीं नजर नहीं आया। रूद्र का फोन उसके पॉकेट में था। शरण्या ने जल्दी से उसके पॉकेट से फोन निकाला और लावण्या का नंबर डायल कर दिया। उसे सबसे ज्यादा फिक्र लावण्या की ही थी। दो रिंग जाते ही लावण्या ने फोन उठा ली और इससे पहले की शरण्या कुछ बोल पाती, लवणया ने कहा, "जब शरण्या तुम्हारे पास है तो फिर तुम मुझे क्यों कॉल कर रहे हो? शायद मुझे थैंक यू मैसेज करके तुम्हारा थैंक्यू पूरा नहीं हुआ इसलिए कॉल किया ना? वैसे मुझे थैंक यू बोलने की जरूरत नहीं है, यू आर मोस्ट वेलकम! और हां! ध्यान से वरना शरण्या तुम्हारा कचूमर निकाल देगी। और जब उसे पता चलेगा कि मैंने उससे झूठ बोला है तो मेरा कचूमर निकाल देगी। बाय द वे तुम दोनों आज पूरी रात बाहर से आने वाले हो या घर भी लौटना है?"

    लावण्या की बातें सुन शरण्या हैरान रह गई। इसका मतलब लावी दी ने झूठ बोला ताकि वह मुझे रूद्र के साथ भेज सकें? लेकिन रूद्र मुझे बहाने से शहर से बाहर क्यों ले जा रहा है? आखिर वो करना क्या चाहता है? उसने बिना कुछ कहे फोन काट दिया और फोन डैसबोर्ड पर रख दिया। 

      कुछ देर बाद ही गाड़ी हिचकोले खाने लगी। शरण्या को समझते देर नहीं लगी कि इस वक्त वह लोग किसी ऊंची जगह पर जा रहे हैं। उसे वैसे ही उचाई से डर लगता था। उपर से ऐसे उबड़ खाबड़ रास्ते पर चलती गाड़ी, उसने आंखें बंद कर ली। रूद्र ने गाड़ी रोकी और एक कपड़ा लेकर शरण्या की बंद आंखों पर बांध दिया। शरण्या चौक गई और कपड़े को हटाने के लिए जैसे अपना हाथ बढ़ाया रूद्र ने उसके दोनों हाथ पकड़ लिया और उसके करीब आकर बोला, "इतना तो भरोसा रख मुझ पर! एक सरप्राइज है तेरे लिए और यकीन मान वो तुझे बहुत पसंद आएगा।"

     रूद्र की सांसे शरण्या की कानों से टकराई जिससे उसके पूरे बदन में सिहरन सी उठी और सांसे तेज हो गई। शरण्या ने खुद को संभाला और बोली, "रूद्र! 12:00 बजने वाले हैं और नया साल शुरू हो जाएगा। ऐसे में इस वक्त हर कोई अपनों के साथ रहना पसंद करता है या फिर उसके साथ जिसे वो प्यार करते हैं। तुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड के पास होना चाहिए था। हमें वापस चलना चाहिए।" रुद्र ने आपनी उंगली उसके होठों पर रखते हुए उसे चुप करा दिया और बोला, "सही कहा तूने! नया साल हम अपनों के साथ मनाते हैं या फिर उससे जिसे हम प्यार करते हैं। क्या तू मेरी नहीं? क्या तु मुझसे प्यार नहीं करती नहीं करती? अगर नही करती तो इसी पहाड़ी से मुझे धक्का दे देना!" बोलकर रूद्र वहां से बाहर निकल गया। शरण्या खुद के जज्बातों को काबू करने में लगी थी। 

    रूद्र ने शरण्या की तरफ का दरवाजा खोला और उसे गोद में उठा कर बाहर निकाल लिया। शरण्या और भी ज्यादा हैरान हो गई और बोली, "रूद्र मै चल रही हूं ना! मुझे नीचे उतार दे! मुझे डर लग रहा है। मैं चल लूंगी!" लेकिन रुद्र कहां सुनने वाला था। वो चुपचाप ऐसे ही उसे गोद में उठाया चलता गया और कुछ ही देर पर जाकर उसने शरण्या को जमीन पर खड़ा कर दिया। "तेरे पैरों में हिल्स है जिसके कारण इस रास्ते पर चल नहीं पाती। इसलिए तुझे ऐसे उठाकर लेकर आया हूं। अब तु अपनी आंखें खोल सकती है।" शरण्या ने तुरंत ही अपनी आंखों पर लगी पट्टी उतार दी। अपने आसपास का माहौल देख वह पूरी तरह से चौक गई। इस वक्त वह दोनों एक ऊंची पहाड़ी पर थे जहां से पूरा शहर नजर आता था और यहां कोहरा भी बाकी जगह से कम था। 

      उस जगह की लाइटिंग और डेकोरेशन देख शरण्या का चौंकना लाजिमी था। सब कुछ इतनी खूबसूरती से सजाया गया था जैसे यहां किसी की डेट हो। अपने चारों ओर नजर घुमाते हुए हर एक चीज पर उसने बारीकी से ध्यान दिया। वह सारी चीजें, वह सारे फूल, सब उसकी पसंद के थे। साथ ही बोनफायर का भी इंतजाम था और एक टेंट भी लगा था, जिसे देख शरण्या को लावण्या की बात याद आ गई। "तो क्या रूद्र मेरे साथ पूरी रात यहां रहना चाहता है? लेकिन इस तरह की सजावट वह मेरे लिए क्यों करेगा?" शरण्या को सोच में डूबा देख रूद्र उसके करीब आकर बोला, "क्या हुआ? तुझे पसंद नहीं आया यह सब कुछ?" शरण्या अचानक से बोल पड़ी, "यह सब बहुत खूबसूरत है, सच में! लेकिन यह सब कुछ तो मेरी पसंद का है लेकिन तेरी गर्लफ्रेंड कहां है? आई मीन ये तो कोई डेट लग रही है! यह टेबल, ये फ्लावर्स, रेड वाइन की बोतल वगैरा-वगैरा! ये सेब तो सिर्फ डेट पर ही होता है!"

      रुद्रा उसकी आंखों में झाँकते हुए बोला, "तो तुझे क्या लगता है मैं यहां तुझे क्यों लेकर आया हूं? और बिल्कुल सही पहचाना तूने, यह एक डेट ही है............ तेरी और मेरी डेट..........! हमारी पहली डेट......!"

   "आज नया साल है, फर्स्ट अप्रैल नही! तो मेरे साथ मजाक करने की कोशिश भी मत करना। तु यहाँ मुझे अपनी गर्लफ्रेंड से मिलवाने लाया है न?" शरण्या को बिलकुल भी यकीन नही हुआ जो कुछ भी रूद्र ने कहा था। उसके दिल में कई सारे ख्याल आ जा रहे थे और उसका दिल इस वक्त बिजली की रफ्तार से धड़क रहा था। डेट का नाम सुनते ही उसे मानो एक झटका सा लगा हो। उसने ये कभी उम्मीद नहीं की थी।

    " यहां तेरे और मेरे अलावा और कोई नहीं है। यहां सिर्फ हम दोनों हैं। ध्यान से देख, यह सारी चीजें सिर्फ तेरी पसंद की है किसी और की नहीं, फिर भी तुझे यकीन नहीं हो रहा?"

   शरण्या ये मानने को तैयार ही नहीं थी कि रूद्र उसे लेकर सीरियस हो सकता है। शरण्या की आंखों में सवाल देख रुद्र ने पास में ही रखे पटाखों की लड़ी में आग लगा दी और शरण्या के चेहरे को आसमान की तरफ उठा दिया। सारे पटाखे एक साथ आसमान में किसी दिए की तरह जल उठे और काले आसमान में रुद्र का संदेश भी। "मैरी मी शरण्या!!! " शरण्या ने कहाँ तो उससे प्यार के इजहार की उम्मीद भी नहीं की थी और यहां पर सीधे सीधे वो उसे शादी के लिए प्रपोज कर रहा था। इससे पहले वह कुछ कह पाती रुद्र ने उसके पीछे से आकर अपनी मुट्ठी उसके आगे कर दी। शरण्या ने देखा तो उसमें एक बहुत ही खूबसूरत सा परिजात के फूल के डिजाइन में बनी अंगूठी थी। 

    रूद्र बोला, "देख शरण्या! लाइफ में कभी किसी से प्यार नहीं हुआ मुझे लेकिन तेरे अलावा किसी और के बारे में सोचा भी नहीं। माना बाहर मे मेरी इमेज चाहे जो भी हो लेकिन बंदा मै काफी ट्रेडिशनल हु। जिसको मैंने कस्तूरी की तरह बाहर ढूंढा वह मेरे इतने करीब थी इस बात का मुझे एहसास ही नहीं हुआ। जब एक बार तेरी आवाज सुनी तो एक अलग ही खिंचाव सा महसूस हुआ। लगा शायद यही हो सकती है जिसकी मुझे तलाश है। बहुत कोशिश की मैंने लेकिन पहचान नहीं पाया कि वह लड़की कौन है? कुछ वक़्त पहले ही मेरे सामने वह सारी सच्चाई आई जिसे जानकर मुझे यकीन नहीं हुआ कि जिस लड़की के सामने जाने से भी मेरा दिल डरता है उस लड़की के आगे मैं अपना दिल हार चुका हूं। मुझे यकीन ही नहीं हुआ जिसकी आवाज सुनकर मै दीवाना हो गया, वो लड़की कभी मुझसे प्यार से बात ही नहीं करती, बेवजह गुस्सा करती है। क्यों करती है, यह मैं कभी समझ नहीं पाया। तब तक नहीं जब तक मैं खुद बेवजह उस पर गुस्सा करके उसे चोट ना पहुंचा बैठा। तब जाकर एहसास हुआ। मैंने तुझे एक बार किसी और के साथ देखा तो इतनी तकलीफ हुई, तो तुझे कितनी तकलीफ होती होगी! लेकिन मेरा यकीन मान, तेरे अलावा ना कोई थी और ना कोई होगी। मैं यह नहीं कहता कि मैं तुमसे प्यार करता हूं मैं यह कभी नहीं कहूंगा..... लेकिन सिर्फ इतना जान ले कि तेरे बिना मर जाऊंगा। जिंदगी है तू मेरी! ना हीं मैं कभी यह चाहूंगा कि तू मुझे वो सारी बातें कहे। बस एक वादा चाहता हूं तुझसे, पूरी जिंदगी तू मेरी होकर रहेगी। जिंदगी भर यूं ही मुझसे लड़ती रहेगी। चाहे जो हो जाए हम कभी अलग ना हो। ना सिर्फ इस जन्म में बल्कि अगले हर जन्म के लिए मैं तुझसे तेरा साथ मांगना चाहता हूं। बोल...... देगी तु मेरा साथ? झेल पाएगी मुझे हमेशा के लिए?"

   शरण्या ने पूरी हिम्मत जुटा कर कहा, "तू सच मे मजाक नहीं कर रहा ना?" रूद्र ने ना में सर हिला दिया तो शरण्या बोली, "हैप्पी न्यू ईयर रूद्र!" और उसके सीने से जा लगी। "ये मेरी लाइफ का सबसे खूबसूरत लम्हा है रूद्र! मैंने हर उम्मीद छोड़ दी थी इस पल को जीने की। मैंने हर उम्मीद छोड़ दी थी तुझे पाने की। मुझे कभी नहीं लगा की तु मुझे वह सब कुछ कहेगा जो मैं तुझसे कहना चाहती हु। थैंक यू! थैंक यू सो मच!! मैं नहीं जानती ये लम्हा मेरी जिंदगी में कब तक रहेगा लेकिन यह बात मैं तुझसे जरूर कहती हूं कि मैं जिंदगी भर तेरी होकर रहूंगी। मैं नहीं जानती तु मुझे लेकर कितना सीरियस है, फिर भी मैंने तुझसे प्यार किया और हमेशा करती रहूँगी।" रूद्र ने मुस्कुराकर उसे अपनी बाहो मे समेट लिया। 

     

     

     

     

    


क्रमश:

टिप्पणियाँ

  1. Ye raten ye mausam nadi ki kinara ye chanchal hawa song gane ka man ho raha hai inhe dekh k mind blowing mazedaar khubsurat superb 👌👏😆😄😑👌👏😆 fabulous part

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  2. ओह्ह माय गॉड....!!! बस ये सपना ना हो, मतलब रुद्र ने कितने प्यारे तरीके से प्रपोज़ कर दिया शरण्या को और शरण्या ने हां भी कर दी....!! 💙💙 सबसे बेहतरीन वो लगा जब रुद्र ने कहा के उसे आई लव यू नही सुनना बस शरण्या का साथ चाहिए उम्र भर!! 🤗🤗

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