ये हम आ गए कहाँ!!! (32)

       रूद्र शरण्या को देख गुस्से मे लाल पिला हुआ जा रहा था। तो वहीं शरण्या उसे अवॉइड कर उसके गुस्से को और भी ज्यादा हवा दे रही थी। ऊपर से रिद्धिमा किसी जोक की तरह उससे चिपकी हुई थी। रूद्र चाह कर भी उससे अपना पीछा नहीं छुड़ा पा रहा था और ना ही शरण्या से बात कर पा रहा था। अपने आसपास हर उठती नजर उसे शरण्या को घूरती हुई दिख रही थी। रूद्र ने शरण्या का हाथ पकड़ा और से खींच कर अपने साथ एक तरफ ले गया। शरण्या खुद को उससे छुड़ाने की कोशिश करने लगी। उसे रूद्र के इस बदले व्यवहार से हैरानी हो रही थी। आखिर अब तक सिर्फ वही थी जो रूद्र पर गुस्सा करती थी लेकिन आज रुद्र का यूँ उस पर गुस्सा करना उसे अजीब लग रहा था। जहां हर कोई उसकी तारीफ कर रहा था वही रूद्र चाहता था कि शरण्या यह कपड़े बदल ले और यही बात शरण्या को समझ नहीं आ रही थी कि आखिर किस हक से रूद्र उसे यह सब कह रहा है। 

     "यह क्या बदतमीजी है रुद्र? करना क्या चाहता है तू? इस तरह किसी ने देख लिया तो क्या सोचेगा?" शरण्या अपने गुस्से को दबाते हुए बोली तो रूद्र बोला, "अच्छा!!! इस बात की फिक्र है तुझे, लेकिन इस बात की फिक्र नहीं है जो लोग घूर रहे हैं, तेरे बारे में क्या सोच रहे होंगे! मैं इस बात की परवाह करूं कि मुझे किस तरह तेरे साथ सबके सामने बर्ताव करना चाहिए, लेकिन तु इस बात की परवाह मत करना कि लोगो के सामने किस तरह के कपड़े पहन कर आना चाहिए। मैं अब भी कह रहा हूं शरण्या! जा कर कपड़े बदल ले या फिर अपने बालों को खोल। तेरी ये खुली पीठ....! सबकी नजर........ मुझे कहते हुए भी शर्म आ रही है, सब जिस तरह तुझे देख रहे हैं! तु समझ क्यों नहीं रही?" 

    "तूझे सच में लगता है, किसी में इतनी हिम्मत है कि मुझे उस तरह गंदी नजर से देखें! आंखें ना निकाल लूं मैं और तू होता कौन है मुझ पर इस तरह रौब झाड़ने वाला? मैं क्या पहनू क्या नहीं, यह तुझे परवाह करने की जरूरत नहीं है। मुझे इस बारे में ज्ञान देने का हक या तो मेरे घर वालों को है या फिर मेरे मंगेतर को। जब उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं है तो फिर तुझे इतनी प्रॉब्लम क्यों हो रही है? जा! जाकर संभाल अपनी गर्लफ्रेंड को।" शरण्या गुस्से से बोली तभी रिद्धिमा रूद्र को ढूंढते हुए वहां आ पहुंची। उन दोनों को इतने करीब खड़ा देख उसे बहुत बुरा लगा। रिद्धिमा के आते ही शरण्या ने रुद्र को धक्का दिया और वहां से चली गई। रूद्र उसके पीछे जाना चाहता था लेकिन रिद्धिमा ने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया और बोली, "क्या कर रहे हो तुम रूद्र? देख रही हूं मैं, जब से वह आई है तब से तुम उसी के पीछे घूम रहे हो। एक बार भी तुमने मुझसे बात नहीं की। यह भी नहीं पूछा कि कैसी हु। अपने फैमिली से मिलवाना तो दूर की बात है तुमने तो एक नजर मुझे देखा भी नहीं और यह क्या तुम उसके पीछे तब से घूम रहे हो। वो तुम्हारी गर्लफ्रेंड नहीं है और ऐसी क्या बात हो गई जो तुम उसके इतने करीब खड़े थे? देखो रूद्र! मुझे यह बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा। मैं यह सब बिलकुल भी बर्दास्त नहीं करूंगी कि मेरा बॉयफ्रेंड किसी और के पीछे जाए, खासकर उस नकचड़ी के पीछे।" 

      शरण्या के बारे में रिद्धिमा की ऐसी बकवास बातें सुन रुद्र का पारा गरम हो गया और वह चिल्लाते हुए बोला, "अगर वह नकचड़ी है तो तुम्हें पता है तुम क्या हो? तुम्हें कैसे पता होगा! किसीने तुम्हें बताया है कि तुम कितनी ज्यादा बकवास करती हो? बकबक बकबक बकबक!!! जब से आई हो तब से दिमाग खा लिया है तुमने मेरा। सिर्फ मैं ही नहीं, तुम्हारे आसपास खड़े लोग भी तुमसे तंग आ चुके हैं और खबरदार जो तुम ने शरण्या के खिलाफ एक शब्द बोला तो! तुम्हें लगता है कि तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो? बिल्कुल नहीं!!! अगर मुझे तुम्हें भाव देना होता तो स्कूल में ही दे चुका होता, इतने साल तुम्हें टरका कर नहीं रखता। तुम कितनी इरिटेटिंग और अननोइंग हो, इस बात का अंदाजा तो मुझे बहुत पहले से था और आज महसूस भी कर लिया। यही वजह है कि शरण्या तुमसे जलती नहीं है बल्कि चढ़ती है। तुम एक दिमाग चबाने की मशीन हो और अगर अपनी और बेज्जती नहीं करवानी है तो अभी के अभी यहां से निकल जाओ।" 

      रूद्र की इतनी कड़वी बातें सुन रिद्धिमा की आंखों में आंसू आ गए। उसने रूद्र को एक थप्पड़ मारा और रोते हुए बोली, "मुझे पता था! तुम्हारे और शरण्या के बीच स्कूल से ही बहुत कुछ चल रहा है। आज तुमने कन्फेस भी कर लिया कि वह तुम्हारी गर्लफ्रेंड है। अगर तुम उससे प्यार करते हो तो फिर मेरे पीछे क्यों आए? क्यों बुलाया मुझे यहां पर, मेरी बेइज्जती करने के लिए? मेरी मां कहती है कि मैं दुनिया में सबसे अच्छी हूं, दुनिया में सबसे अलग हु। तुम ना स्कूल से ही उसे पसंद करते आए हो। उसकी हर छोटी छोटी चीजों का ख्याल रखते हो तुम। देखा है मैंने, तुम्हें हमेशा यही डर लगा रहता था कि कहीं शरण्या को बुरा न लग जाए इसलिए तो मेरे पास कभी नहीं आते थे तुम। तुम्हें अपनी खुशी से ज्यादा शरण्या की नाराजगी का डर रहता था। तुम्हें तुम्हारी शरण्या मुबारक हो। आइंदा कभी मेरे पीछे मत आना, आई हेट यू।" 

      रिद्धिमा रोते हुए वहां से निकल गई और रूद्र खड़ा उसकी बातों को सोचता रह गया। कुछ गलत तो नहीं कहा था उसने! हमेशा से ही उसे शरण्या की नाराजगी का डर रहता था। किसी भी काम से पहले वह हमेशा यही सोचता था कि बस शरण्या उससे नाराज ना हो। तभी शिखा ने उसे आवाज लगाई तो रूद्र रेहान के पास चला आया। शरण्या पहले से ही वहां मौजूद थी साथ ही बहुत ही रोमांटिक म्यूजिक चल रहा था। डांस की शुरुआत रेहान और लावण्या को करनी थी। रेहान ने लावण्या का हाथ पकड़ा और सब के बीच लाकर खड़ा कर दिया। म्यूजिक की हर बीट पर दोनों के पैर एक साथ थीरक रहे थे। लावण्या की कमर में हाथ डाले रेहान ने उसे अपनी ओर करीब खींचा और एक रोमांटिक सा डांस उन दोनों ने शुरू किया। धीरे-धीरे कर वहां मौजूद एक एक कपल अपने पार्टनर के साथ उसी धुन पर थिरकने लगे। रिद्धिमा तो जा चुकी थी ऐसे में रूद्र किनारे बैठा था। विहान मानसी के साथ डांस करना चाहता था लेकिन उससे पहले अमित ने मानसी का हाथ पकड़ा और उसके साथ डांस के लिए ले गया। विहान के पास और कोई चारा नहीं था तो उसने नेहा को अपना डांस पार्टनर चुना। नेहा को और क्या चाहिए था! उसके लिए तो यह सबसे ज्यादा खूबसूरत लम्हा था जब वह विहान के साथ उसकी गले में बाहें डाल कर डांस कर रही हो और वह भी इतने रोमांटिक म्यूजिक पर। 

     दादी ने जब रूद्र को एक साइड बैठा देखा तो उसके पास बैठे हुए बोली, "तू क्या कर रहा है? तू भी हम बुजुर्गों की तरह हो गया है क्या? देख तेरे मां-बाप को वह भी डांस कर रहे हैं और तेरे होने वाले सास-ससुर को भी! एक सिर्फ तू और शरण्या ही बचे हैं जो डांस नहीं कर रहे हैं। जा और जाकर उसका हाथ थाम। तुझे एहसास भी है, यह जो शादी ब्याह का माहौल होता है ना ऐसा ही माहौल में कई सारी लव स्टोरी बनती है। लड़कियां कुछ ज्यादा ही रोमांटिक हो जाती है एसे शादी के माहौल में। ऐसे में उन्हें मनाना या उन्हें रिझाना बहुत आसान होता है। तू जा इससे पहले कि कोई और शरणया को ले उड़े।"

     रूद्र खुद भी शरण्या को अपना डांस पार्टनर बनाना चाहता था लेकिन उसका ईगो आड़े आ रहा था। दादी के इतना समझाने के बावजूद उसने गुस्से में शरण्या की तरफ देखा भी नहीं। शरण्या भी वहां अकेले खड़ी रूद्र के ही प्रपोजल का इंतजार कर रही थी। वह चाहती थी कि रूद्र सामने से उसे डांस के लिए पूछे। इस तरह कम से कम थोड़ी देर के लिए ही सही लेकिन उसके करीब आने का एक मौका चाहती थी। जो कुछ भी अभी उन दोनों के बीच हुआ उस सब के बावजूद उसे एक उम्मीद थी कि रूद्र उसे मनाने आएगा लेकिन रूद्र था कि उससे मुंह फेरे बैठा था। रूद्र का दिल किया वो खुद आगे बढ़कर उसके बालों को खोल दे ताकि कोई भी उसे देख ना सके लेकिन उसका अहम उसे ऐसा करने नहीं दे रहा था। माना आज शरण्या बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी लेकिन इतनी खूबसूरत कि हर कोई सिर्फ उसे देखें, बस यह उसे पसंद नहीं आ रहा था। 

    अपने दिल और दिमाग के बीच उलझा रूद्र आखिरकार उठा और उसके कदम बरबस ही शरण्या की ओर मुड़ गया लेकिन इससे पहले की वह शरण्या की तरफ जा पाता, रेहान के दोस्त विक्रम शरण्या के पास आया और उससे डांस के लिए पूछा। शरण्या ने एक नजर रुद्र की ओर देखा जो उसकी तरफ ही बढ़ रहा था लेकिन अचानक से रुक गया। उसकी ओर से कोई इशारा ना पाकर शरण्या ने विक्रम की ओर हाथ बढ़ा दिया। विक्रम ने अजीब सी नजरों से उसे घूरते हुए उसका हाथ थामा और लेकर डांस फ्लोर पर चला गया। रूद्र को यह बात अच्छी नहीं लगी। विक्रम की नजर में खोट साफ नजर आ रहा था। वो रेहान का दोस्त था और उसका बिजनेस पार्टनर भी, ऐसे में वह चाह कर भी सीधे-सीधे शरण्या को अपने साथ खींचकर नहीं ले जा सकता था। रूद्र अपना मन मसोसकर रह गया और वापस से अपनी जगह पकड़ ली। पास से गुजरते हुए एक वेटर से उसने वाइन की दो ग्लास उठा ली और पीने लगा। 

    शरण्या का यूं किसी और के करीब आकर डांस करना रुद्र को बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। उस पर भी विक्रम की ऐसी गंदी नजर जो शरण्या पर ही टिकी थी विक्रम के इरादे साफ बयान कर रही थी। रुद्र का गुस्सा अब अंदर ही अंदर बहुत ज्यादा भड़क चुका था और ज्वालामुखी की तरह कभी भी फट सकता था। विक्रम ने शरण्या की कमर में हाथ डाल उसे अपनी ओर खींचा और उसका दूसरा हाथ शरण्या की पीठ को सहलाने लगा जिससे शरण्या एकदम से घबरा गई। विक्रम का इस तरह उसे छूना उसके गलत इरादे साफ जाहिर कर रहे थे। शरण्या का दिल किया कि अभी इसी वक्त उसे एक जोरदार थप्पड़ मारे लेकिन इस तरह सब के बीच अपने घर आए मेहमान का अपमान करना और तमाशा खड़ा करना उसे सही नहीं लगा। उसने डांस को बीच में ही रोकते हुए खुद को विक्रम की पकड़ से छुड़ाया और वहां से जाने को हुई लेकिन विक्रम ने उसका हाथ पकड़ अपनी और खींच कर वापस अपनी बाहों में भर लिया और एक बार फिर उसके हाथ उसकी पीठ पर लहराने लगे। खुद को इतना मजबूर पाकर शरण्या की आंखों में आंसू आ गए। पहले कभी किसी ने उसे इस तरह नहीं छुआ था। अब जाकर उसे एहसास हुआ कि रूद्र क्यों बार-बार उसे उसके कपड़ों के लिए गुस्सा कर रहा था। वह बस विक्रम की पकड़ से छूटना चाहती थी लेकिन उसके लिए यह मुमकिन नहीं लग रहा था। विक्रम की पकड़ शरण्या पर और कसने लगी थी और ये देख रुद्र की पकड़ उसके वाइन के ग्लास पर इतनी ज्यादा बढ़ गई कि ग्लास वही टूट कर बिखर गया और रूद्र के हाथ से खून निकलने लगा। 

    वहां सभी अपनी अपनी धुन में थे। किसी का भी ध्यान न शरण्या पर गया ना हीं विक्रम के हरकतों पर और ना ही रुद्र पर। लेकिन शरण्या की नजर जैसे ही रूद्र के जख्मी हाथ पर गई उसे विक्रम से बचने का मौका मिल गया। उसने खुद को उसकी पकड़ से छुड़ाया और वही खड़ी चिल्लाई, "रूद्र!!!" और भागते हुए रूद्र के पास पहुंच गई। शरण्या अच्छे से जानती थी कि रूद्र के रहते विक्रम उसके करीब नहीं आएगा और ना ही उसे छूने की गलती करेगा। उसने रूद्र का हाथ थामा और चुभे हुए शीशे को संभाल कर बड़ी बारीकी से निकालने लगी। रुद्र की नजर विक्रम पर थी। विक्रम उसकी नजर का तीखापन और गुस्सा देख डर गया और वहां से निकल गया। शरण्या ने रूद्र का हाथ पकड़ा और लेकर घर के अंदर चली गई। 

    

     

     

     

     

     क्रमश:

टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही बेहतरीन भाग था मैम!! 👌👌 रुद्र और शरण्या, इन दोनों का ही क्या होगा? 🤦🤦 पर आज न रिद्धिमा को जलील कर दिया रुद्र ने... भगा दिया उसे असलियत कहकर पर बेचारी जाते वक्त रुद्र को सच्चाई बताती गई, अब बस कभी वापिस न आए! 😁 और ये विक्रम! इसको अच्छे से धुलवाना रुद्र के हाथों!! 🙄😒 बाकी अब शरण्या रुद्र के साथ है, देखते है क्या होगा..?! अगले भाग का इंतेज़ार रहेगा!! 😊😊

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  2. Bahut hi interesting part tha. Mujhe to lga tha ke wine Peete kahin rudra jakar Vikram ka sir hi na for de

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