ये हम आ गए कहाँ!!! (23)

       रेहान और लावण्या दोनों ही अपनी शॉपिंग में लगे हुए थे। रेहान को तो बस लावण्या के साथ कुछ वक्त गुजारने थे।इसी बहाने दोनों को ही रोमांस का मौका मिल गया था। लावण्या जब एक ड्रेस लेकर ट्रायल रूम में पहुंची तो पीछे पीछे रेहान भी चलाया। लावण्या उसे रूम से बाहर निकालते हुए बोली,"यहां! पब्लिक प्लेस में!!! कोई देखेगा तो क्या कहेगा? अभी जाओ तुम वरना वह दो शैतान जो है ना! कभी भी आ टपकेगे।" रेहान उसका हाथ पकड़ रोकते हुए बोला, "यह ट्रायल रूम है! यहां कोई भी ऐसे ही मुंह उठा कर नहीं आ सकता तो फिलहाल यह हमारा सेफ प्लेस है, जहां हम बिना किसी के रोक-टोक के जी भर के रोमांस कर सकते है।" लावण्या बोली, "अच्छा जी! यह पब्लिक प्लेस का ट्रायल रूम है जहां लाइन लगाकर बाहर लोग खड़े रहते हैं। अभी अगर किसी ने बाहर नॉक किया तो तुम्हारे रोमांस की बैंड बज जाएगी।"

     लावण्या ने रेहान की एक न सुनी और उसे धक्का मारते हुए ट्रायल रूम से बाहर कर दिया। रेहान जब वहाँ से जाने को हुआ तो लावण्या बोली, "मुझे बहुत भूख लग रही है। तुम चलकर तब तक कैंटीन में मेरे लिए कुछ आर्डर कर दो मैं आती हूं।" रेहान भी लावण्या की बात मान कैंटीन में चला गया और उसके पसंद का सैंडविच ऑर्डर किया। कुछ देर के बाद ही लावण्या चली आई। उसे देख रेहान झूठी नाराजगी दिखाते हुए दूसरी तरफ घूम गया। लावण्या समझ गई कि रेहान गुस्से में है। जो कुछ भी उसने किया उसके बाद उसका गुस्सा होना जाहिर सी बात थी। लेकिन इस तरह पब्लिक प्लेस में रेहान जो करना चाहता था वह भी तो गलत था। इसी बीच उनका ऑर्डर भी आ गया। लावण्या ने बात करने की कोशिश की। वो बोली, "मैं तो तुम्हें एकदम सीधा शरीफ समझती थी। मुझे नहीं पता था कि तुम इतने ज्यादा रोमांटिक हो! मतलब यह सही है तुम्हारा! इससे पहले मुझसे बात करने से भी कतराते थे। कभी कहने में भी नहीं हुआ तुमसे और अब जब हमारी शादी तय हो गई है तो तुम्हारे रंग ढंग ही बदल गए हैं मेरे होने वाले मिस्टर!" 

     रेहान ने उसका हाथ पकड़ा अपनी और खींच कर धीरे से बोला, "इंसान चाहे कितना भी सीधा शांत शरीफ़ क्यों ना हो, कितना ही शर्मीला क्यों ना हो! पूरी दुनिया में एक शख्स ऐसा होता है जिसके सामने वह पूरी तरह से बेशर्म होता है। अब अगर तुम्हारे सामने भी शर्म करूंगा तो कैसे काम चलेगा! तुम तो मुझे छोड़कर ही चली जाओगी।" रेहान के आंखों में शरारत थी जिसे देख लावण्या ने अपनी पलके झुका ली तो वह बोला, "उफ!!! अब तो जान ही ले लो तुम मेरी। अब समझ में आता है, जिससे हम प्यार करें वो हमें देख कर अपनी नजर झुका ले तो कैसा लगता है! यह आंखें भी ना, बड़ी कातिल होती है हजूर......उठे तो भी कत्ल करती हैं झुके तो भी कत्ल करती हैं।" पीछे से आवाज आई, "वाह वाह! वाह वाह!! वाह वाह!!!" रेहान और लावण्या दोनों चौक पड़े। पलट कर देखा तो रूद्र उनके ठीक पीछे ही खड़ा मुस्कुराये जा रहा था। 

      रेहान ने अपना सर पीट लिया। रूद्र उसे इग्नोर करते हुए कुर्सी खींच कर बैठ गया। साथ ही शरण्या विहान और नेहा भी आ गए। रूद्र छूटते ही बोला, "भाई तू इतना रोमांटिक है मुझे पता नहीं था!!! मैं तो तुझे बोरिंग, सडू और अकडू समझता था लेकिन तुझे शायरी भी अच्छी लगती है यह नहीं पता था। तू तो शायर हो गया मेरे भाई, उफ़ यह आंखें!! किसी को भी शायर बना दे।" रेहान अपना गुस्सा दबाते हुए बोला, "तुम लोग यहां कर कर रहे हो? तुम लोगों की शॉपिंग हो गई क्या?" शरण्या बोली, "हमें कुछ खास पसंद नहीं आया तो घूमते फिरते हम लोग यहां आ गए। भूख लगी थी तो सोचा पहले कुछ खा लेते है फिर बाकी की शॉपिंग देखेंगे, शायद कुछ पसंद आ जाए। अभी तक तो कुछ मिला नहीं। बेचारी मानसी भाभी! वह भी बिना कुछ लिए ही चली गई।" रूद्र तपाक से बोला, "अरे लिया कैसे नहीं! अपने पति के लिए घड़ी लिया है उसने और तुम कह रही हो कि कुछ नहीं लिया।" कहते हुए रूद्र की नजर विहान के चेहरे पर गई। वह तो बस विहान का रिएक्शन जानना चाहता था लेकिन विहान वैसे ही मुस्कुराता हुआ लावण्या के प्लेट से सैंडविच उठा कर खा रहा था। 

     नेहा बोली,"हम लोग बड़े दिनों बाद ऐसे इकट्ठा है और शॉपिंग में कुछ अच्छा भी नहीं लग रहा। क्यों नहीं एक काम करते हैं, यहाँ पर एक बहुत अच्छी मूवी लगी है, ऊपर वाले फ्लोर पर। चलो चल कर आज मूवी देख लेते हैं उसके बाद शॉपिंग करेंगे, क्या कहते हो सब?" नेहा की बात सुन लावण्या खुश हो गई और शरण्या तो कुछ ज्यादा ही। बहुत दिनों के बाद सब को एक साथ फिल्म देखने का मौका मिल रहा था यह मौका वह दोनों ही नहीं छोड़ना चाहती थी। लावण्या को खुश देख रेहान मना नहीं कर पाया और तैयार हो गया। विहान और रुद्र भी बहती गंगा में हाथ धो लिए। विहान आज वैसे ही मानसी से मिलकर कुछ ज्यादा ही खुश था। वह बोला, "एक काम करते हैं! रुद्र तू सबके लिए ऑर्डर कर, मैं तब तक फिल्म की टिकटस् ले जाता हूं।"

    सब लोग अपना नाश्ता कर रहे थे और विहान जाकर सबके लिए टिकट ले आया। पेट पूजा करने के बाद सब थिएटर के लिए निकल गए। ऑडी नंबर टू में लगी थी इंग्लिश मूवी थी "द फर्स्ट टाइम"। मूवी रोमांटिक थी इसीलिए किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। लेकिन रुद्र के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। अंदर पहुंचते ही टिकट के हिसाब से सब ने अपनी सीट एडजस्ट किए। रेहान जाकर सबसे कोने में बैठ गया और लावण्या का इंतजार करने लगा। लावण्या कंफ्यूज हो गई और रेहान को पहचान नहीं पाई तो रेहान ने उसे आंखों से इशारा किया। लेकिन उसकी खराब किस्मत! यहां भी रूद्र ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और उसके साथ बैठ गया। उसने आंखों से रूद्र को गुस्सा किया लेकिन रूद्र उसे इग्नोर करता हुआ आराम से बैठ गया। वह रेहान की हर प्लानिंग फेल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था। अपने भाई को परेशान होता देख रूद्र को अब मजा आने लगा था। रेहान चिढ़कर बोला, "कौन कमबख्त एक रोमांटिक मूवी अपने भाई के साथ बैठकर देखता है? तू भी जाकर किसी लड़की के बगल में बैठ जा यार, तेरी तो इतनी सारी गर्लफ्रेंड है! मेरी एक इकलौती है उसके साथ तो बैठकर मुझे फिल्म देखने दे, तू जा ना मेरे भाई।" लेकिन रूद्र के कानों तक उसकी बात जैसे पहुंच ही ना हो। वह और भी ज्यादा आराम से फैल कर बैठ गया। और रेहान ने अपना सर पकड़ लिया। 

     लाइट ऑफ हुई और फिल्म शुरू हो गई। रेहान को ध्यान ही नहीं रहा कब रूद्र उसके बगल से उठकर दूसरी तरफ चला गया और उसकी जगह लावण्या बैठ गई। रेहान को इस तरह सर पकड़े बैठा देख लावण्या को हंसी आ गई। उसने धीरे से उसका हाथ पकड़ा तो रेहान चौक गया। अपने पास लावण्या को बैठा देख उसने मन ही मन रूद्र को थैंक यू बोला। उसे अच्छे से पता था उसका भाई उसे परेशान करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। उसने हैंडल को उठा कर ऊपर कर दिया और लावण्या का हाथ कस कर पकड़ लिया। फिल्म देखते हुए लावण्या ने भी उसके कंधे पर सर रखा और उसके करीब आ गई। रूद्र की नजर जब उन दोनों पड़ी तो उन्हें देख वह मुस्कुरा उठा। अचानक से उसकी नजर शरण्या पर गई जो कि फिल्म देखने में खोई हुई थी। 

    नेहा विहान के बगल में ही बैठी हुई थी। यह पहला मौका था जब वह उसके इतने करीब बैठी थी और उसके साथ एक रोमांटिक इंग्लिश मूवी देखने का मौका मिला था। फिल्म देखने की बजाय नेहा का ध्यान बार-बार विहान की तरफ ही जाता जो कि फिल्म देखने में खोया हुआ था। लेकिन असल में विहान अपने और मानसी के पहली मुलाकात और उन दोनों के साथ गुजारे वह खूबसूरत लम्हे को ही याद कर रहा था। विहान को हमेशा से यह अफसोस रहा कि अगर उसने मानसी के प्यार को समझा होता तो आज वह उसके साथ होती, यहां उसके बगल में और वह दोनों की एक दूसरे का हाथ पकड़े फिल्म देख रहे होते। विहान ने मन ही मन कहा, "जिंदगी तुम्हारे बिना कितनी अधूरी है यह सिर्फ मैं जानता हूं मानसी। काश कि मै तुम्हें कभी बता पाता मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं। मेरी गलती और तुम मुझसे दूर हो गई...... हमेशा के लिए। एक बार मुड़ कर भी नहीं देखा तुमने। एक बार तो कांटेक्ट करने की कोशिश की होती तो तुम्हें अपनी जिंदगी में वापस ले आता, अपनी सारी गलतियों को कबूल कर....। तुम्हें कभी वापस जाने ही नहीं देता मै। आज तुम्हारी आंखों में जो अजनबी सा एहसास मैंने देखा, मै नहीं जानता मैंने खुद को कैसे संभाला है। जरा सी लापरवाही और जिंदगी किस तरह बदल जाती है यह मैंने तुम्हें खो कर जाना है।"

     शरण्या का पूरा ध्यान मूवी पर टिका था। स्क्रीन पर एक रोमांटिक सीन आ रहा था जिससे वह थोड़ी सी नर्वस से कोई और असलियत में वापस आई तो उसे एहसास हुआ कि किसी की नजर उस पर टिकी है। उसने नजर घुमा कर देखा तो पाया कि फिल्म देखने की बजाय रूद्र उसे ही देखे जा रहा था। उसका यू देखना शरण्या का दिल धड़का गया। उसने सोचा नहीं था इस तरह रोमांटिक सीन देखते हुए रुद्र उसे देखेगा, वह भी इस तरह कि वह खुद भी उस से नजर नहीं हटा पाएगी। शरण्या होश में आई और अचानक से उसे लावण्या का ख्याल आया। उसे अच्छे से पता था कि लावण्या रेहान के साथ बैठी है, फिर भी एक बार उसने मुड़कर उसे देखना चाहा तो रूद्र ने उसे कंधे से पकड़ अपनी ओर खींच लिया। 

     "किसी के रोमांस में दखल देना अच्छी बात नहीं होती और वो भी तब जब दो लोग एक दूसरे में खोए हो तो फिर देखना भी बुरी बात होती है।" रूद्र की आवाज शरण्या के कान से टकराई। उसका रोम रोम सिहर उठा। उसने अपनी आंखें मूंद ली। रूद्र तो उसकी बंद पलकों को ही देखता रह गया, शांत और ठहरी हुई। शरण्या ने आंखें खोली तो रूद्र को यूं ही उसे निहारता हुआ पाया। वो तो बस उसकी आंखों में कहीं खो सी गई। फिल्म कैसे खत्म हुई वह दोनों ही नहीं जान पाए। 

        थिएटर से निकलने के बाद उनमें से कोई भी फ़िल्म के बारे में बात नहीं कर रहा था क्योंकि वह सब के सब थिएटर में बैठे जरूर थे लेकिन फिल्म किसी ने नहीं देखी थी। सब अपनी अपनी दुनिया में खोए हुए थे। रेहान और लावण्या अभी भी एक-दूसरे का हाथ थामें चल रहे थे तो रूद्र रेहान को खींच कर अपने साथ ले गया और बोला, "चल भाई! आज तु मेरे साथ शॉपिंग कर। वैसे भी तु ऑफिस के काम में इतना बिजी रहता है कि मेरे लिए तेरे पास टाइम ही नहीं होता। अब तो लावण्या भी आ गई है तेरी लाइफ में। शादी के बाद तो तेरा पूरा टाइम उसी के लिए होगा। मेरे लिए तो कुछ बचेगा ही नहीं तो चल शादी से पहले तेरा सारा टाइम मेरा। उसके बाद तुझे जो करना है अपना करते रहना।"

    बेचारा रेहान! इससे पहले कि वह कुछ कहता लावण्या मुस्कुराकर शरण्या के साथ निकल गई। रेहान ने रूद्र को गुस्से में देखा जो उसे देखकर अपनी हंसी कंट्रोल किए हुए था। रेहान झुंझला कर बोला, "मजा आ रहा है न तुझे मुझे ऐसे परेशान देख कर!! खुश हो ले, जितना मन हो उतना खुश हो ले! हर किसी का टाइम आता है। अभी तेरा टाइम है एक दिन मेरा टाइम भी आयेगा। एक दिन तेरी लाइफ मे भी कोई लड़की होगी जिससे तुझे प्यार होगा। जिस दिन तुझे प्यार होगा उस दिन सारे बदले गिन गिन कर लूंगा मैं तुझसे। अभी जितना तु मुझे परेशान कर रहा है ना, एक झटके में मैं तेरे सारे हिसाब बराबर कर दूंगा, तु बस देख लेना। तेरी लव स्टोरी का सबसे बड़ा विलेन मैं ही बनूंगा और वह दिन बहुत जल्द आएगा तु देख लेना।" रेहान की बात सुन रूद्र को हँसी आ गयी। 






क्रमश:

टिप्पणियाँ

  1. Oh my god lagta hai rehan ki baat Sach ho gayi yahi villian ban gaya story ka aur aaj ka part superb 😆mind blowing fantastic 😄 khubsurat

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही बेहतरीन भाग था मैम!! 👌👌 रेहान तो सच मे बड़ा रोमांटिक निकला..!! उसकी शायरी कमाल थी! पर रुद्र! छोड़ेगा नही वो रेहान को!! 😂😂 और आज की मूवी, देखी किसीने नही.... सब अपने मे ही खोए हुए थे!! खासकर रुद्र और शरण्या...!! 😍😍

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सुन मेरे हमसफर 272

सुन मेरे हमसफर 309

सुन मेरे हमसफर 274