ये हम आ गए कहाँ!!! (22)

   अगले दिन से सब की खरीदारी शुरू हो गई। लावण्या शरण्या रूद्र रेहान! सबको अपनी पसंद के कपड़े लेने थे और बाकी के सामान भी। वो लोग सगाई में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे। सब ने मिलकर तय किया था कि सगाई घर से होगी और शादी होगी खुद के बैंक्विट हॉल से जो कि शहर का सबसे बड़ा और जाना माना बैंक्विट हॉल था। लावण्या शरण्या को लेकर मॉल पहुंची और वहां अपने लिए कुछ कपड़े देख रही थी। रेहान और रूद्र भी वही पहुंच गए। रेहान ने लावण्या को इशारा किया साथ चलने का लेकिन वो रूद्र और शरण्या को ऐसे छोड़कर जा भी नहीं सकती थी। उसे हिचकीचाता देख रूद्र ने कहा, "आप चले जाओ लावण्या......सॉरी! भाभी!!! वरना मेरा यह भाई मुझे ताने दे देकर मार डालेगा। जाओ और आप दोनों अपनी अपनी तैयारी करो, खरीदारी करो। हम लोग अपना देख लेंगे। वैसे यह विहान है कहां? आज फिर नहीं आया यह लड़का! आजकल कर क्या रहा है मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा! हर बार उसे फोन करना पड़ता है। पता ही नहीं चलता है उसके दिमाग में क्या चल रहा है। मै उसे कॉल करता हूं।" कहकर रूद्र ने विहान को कॉल लगाया। 

      उधर से बिहान की अलसाई हुई आवाज आई तो रूद्र गुस्सा करते हुए बोला, "अबे यार कैसा भाई है तू? और कैसा दोस्त है तू? यहां हम लोग शॉपिंग के लिए आए हैं और तु वहां अभी भी बिस्तर पर पड़ा है! मैं कोई बहाने नहीं सुनूंगा तु बस यहां आ जा सीधा सीधा वरना तेरी मेरी दोस्ती खत्म। वैसे भी समझा कर यार! रेहान और लावण्या तो शॉपिंग के बहाने अपनी गुटर गू करने चले गए और शाकाल के साथ मुझे छोड़ गए। अब तू नही होगा तो फिर मेरी जान कौन बचाएगा?" विहान हंसते हुए बोला, "अबे कमीनी! झूठ तो ढंग से बोल लिया कर! बहाने तो ऐसे बना था जिस पर भरोसा किया जा सके। देख रहा हूं आजकल तुझे शाकाल से डर नहीं लगता। यूं ही मुह उठाकर कभी भी उसके कमरे में घुस जाता है, चक्कर क्या है ब्रो? कुछ भी बोलने से पहले इतना समझ ले, बहन है वह मेरी! अगर मेरी बहन पर डोरे डाले तो तेरी खैर नहीं। अगर तू उसे लेकर सीरियस नहीं है तो खबरदार उसे परेशान किया तो!" 

     विहान की बात बीच में काटते हुए रूद्र बोला,,"मेरी छोड़ आजकल तू नेहा के घर के चक्कर लगा रहा है! बात क्या है? तू कब से उसके चक्कर मे पड़ने लगा? मुझे तो लगा था वह तेरी टाइप की बिल्कुल भी नहीं ,है इसलिए तो उसे भाव नहीं देता! लेकिन कल जिस तरह तु उसके घर के सामने खड़ा था तुझे नहीं लगता यह थोड़ा अजीब था?" रुद्र की बात सुन विहान घबरा गया। उसे लगा शायद रूद्र उसके और नेहा के रिश्ते को लेकर गलत ना समझ ले। अब वो उसे कैसे बताता कि वह वहां नेहा के घर नहीं बल्कि मानसी के घर के सामने खड़ा था। उसने कहां, "यार मेरा मन नहीं है तुम लो कर लो मैं शॉपिंग।" रूद्र बोला, "अबे यार समझा कर ना! अभी थोड़ी देर में नेहा भी आ जाएगी अपनी भाभी के साथ तो शरण्या भी उसके साथ बिजी हो जाएगी। मैं अकेला क्या करूंगा?"

      मानसी के आने की बात सुन विहान अचानक से हड़बड़ा गया। वो चाह कर भी मानसी को एक नजर देखने का मौका नहीं खोना चाहता था। उसने बात बदलते हुए कहा, "ठीक है बाबा! तुझे कंपनी ही देनी है ना! तुम लोग हो कहां बताओ मुझे, मैं भी आता हूं। मेरी बहन की भी तो सगाई है, मुझे भी तो कुछ शॉपिंग करनी होगी ना। थोड़ी अपने लिए भी है और थोड़ी अपनी बहन के लिए भी और अपने होने वाले जीजा के लिए भी।" विहान को ऐसे बात बदलते देख रूद्र ने कुछ नहीं कहा और मुस्कुरा दिया। उसने बिहान को अपना लोकेशन भेजा और अपनी शॉपिंग में लग गया लेकिन उसका ध्यान अपनी शॉपिंग के बजाय शरण्या पर थी जो अपने लिए कुछ गाउन देख रही थी। काफी सारे ड्रेसेज देखने के बाद भी उसे कुछ पसंद नहीं आ रहा था और यह बात उसके चेहरे पर साफ साफ दिख रही थी। 

       रूद्र हौले से उसके करीब आया और पीछे से उसके कान में बोला, "तुम कहो तो मैं हेल्प करता हूं!" शरण्या रूद्र के इतने करीब आने से चौक गई और घबराकर पीछे हटी लेकिन रूद्र ने उसकी कमर पकड़ अपनी और खींचा जिससे शरण्या और ज्यादा घबरा गई। उसने अपने चारों ओर नजर दौड़ाई कि कहीं उन दोनों को इस तरह कोई देख ना ले वरना लोग गलत ही समझेंगे। रुद्र का यह बर्ताव पिछले कुछ समय से शरण्या की समझ से बाहर था। जो रूद्र उसके सामने आने से भी घबराता था वह इस तरह उसके करीब आने की कोशिश कर रहा था। शरण्या ने उसे धक्का दिया और खुद को छुड़ाते हुए बोली, "आजकल तेरी हिम्मत बहुत ज्यादा बढ़ गयी है। तेरी गर्लफ्रेंड नहीं हूं जो तुम मेरी हेल्प करेगा। जा...! जाकर ढूंढ किसी और को, जिसे तेरी हेल्प की जरूरत हो। जाकर देख शायद किसी ट्रायल रूम में तेरी गर्लफ्रेंड बैठी हो और उसे तेरी जरूरत हो।" कहकर शरण्या वहां से चली गई। रूद्र उसकी इस हरकत से बस मुस्कुरा कर रह गया।

     थोड़ी देर में नेहा अपनी भाभी मानसी को लेकर मॉल पहुंची। मानसी को देखकर रूद्र एक बार को सोच में पड़ गया। जाने क्यों लेकिन उसे बार-बार यह शक हो रहा था कि वह मानसी को जानता है और यह वही लड़की है जो उसे ऊंटी में मिली थी। हालांकि रूद्र उस लड़की से कभी मिला नही था, बस विहान से उस वक़्त सुना था और इस बारे मे विहान से बात करना बेकार था। वो तो पहले ही इससे इंकार कर चुका था। रूद्र ने भी ज्यादा दिमाग नही दौड़ाया और अपनी शॉपिंग देखने लगा। विहान जल्दी से तैयार हुआ और मॉल के लिए निकला। अपनी बेचैनी मे वह आधे समय में ही वहां पहुंच गया। उसे इतनी जल्दी आया देख रूद्र हैरान होकर बोला, "अबे तु इतनी जल्दी कैसे पहुंच गया यहां? तू कहीं आस-पास ही था क्या?"

    विहान थोड़ा सोच कर बोला, "अरे यार! वो ट्रैफ़िक कम था तो पहुँच गया। वैसे भी कपड़े थोड़े ही बदले है जो टाइम लगता। जैसे था वैसे ही चला आया। अब तु ज्यादा दिमाग दौड़ना बंद कर और ये बता की बाकी सब किधर है?" कहते हुए विहान इधर उधर मानसी को ढूँढने लगा। 


    रूद्र उसकी आंखों के सामने हाथ हिलाते हुए बोला, "अबे ओए!!! किसे ढूंढ रहा है? जिसे ढूंढ रहा है ना वह सब अपना ग्रुप बनाकर निकल गई यहां से। यहाँ सिर्फ तू और मैं ही बचे हैं। तू इधर उधर तांक झाँक करना बंद कर और चल मेरे साथ। देखते हैं अपन लोग के लिए कुछ मिलता है तो!" रूद्र की बात सुन विहान को एहसास हुआ कि इस वक्त "उसे" ढूंढना सही नहीं होगा और ना ही उसके सामने जाना। रूद्र ने उसका बाँह पकड़ा और वहां से लेकर चला गया। उन दोनों ने ही अपने लिए कुछ जूते देखें और घड़ी की दुकान में घुस गए। रूद्र को तो अपनी पसंद की घड़ी मिल गई लेकिन विहान को वक्त लग रहा था। पूरे शोरूम में देखते हुए उसकी नजर एक घड़ी पर पड़ी। उसने जैसे ही वह घड़ी उठानी चाही, किसी और ने पहले ही वह घड़ी उठा ली। विहान ने देखा तो वह और कोई नहीं बल्कि मानसी ही थी। विहान उसे बस देखता ही रह गया। आज भी वही सादगी, वही मासूमियत! वह जिस प्यार से उस घड़ी को देख रही थी उससे विहान खुद को रोक नहीं पाया और बोला, "यह लड़कों की घड़ी है! आई थिंक आपको दूसरा देखना चाहिए जो लड़कियों के लिए हो।"

     विहान की आवाज सुन मानसी चौक गई। उसने नजर उठा कर देखा तो उसके सामने विहान खड़ा था। उसे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि विहान उसे यहां इस तरह से मिल जाएगा। उसने घबराते हुए अपने हाथ में पकड़ी खड़ी को देखा और बोली, "जरूरी तो नहीं हम सिर्फ अपने लिए घड़ी खरीदें! यह घड़ी में अपने पति के लिए लेना चाहती हूं। मुझे लगता है ये उन पर काफी अच्छा लगेगा। वैसे भी जो लोग दिल से अच्छे होते हैं ना, उन पर सब कुछ अच्छा लगता है और जो खास होते है उसके लिए गिफ्ट भी तो खास ही होना चाहिए। तो आप अपने लिए कुछ और देख लीजिए।" विहान तो जैसे उसकी आवाज में ही कहीं खो कर रह गया। आज बरसों बाद उसे मानसी की आवाज सुनने को मिल रही थी, जिसे सुनने के लिए उसके कान तरस गए थे। आज उसकी मानसी उससे बात कर रही थी फिर चाहे वह जो भी कहे। 

      मानसी जब वहां से जाने को हुई तो विहान ने उसे रोकते हुए कहा, "मेरी पसंद तो आप लेकर जा रही हैं! तो जाते-जाते यह भी बता दीजिए कि मुझ पर कौन सी घड़ी अच्छी लगेगी?" विहान की बात सुन मानसी एकदम से चौंक गई। उसे समझ नहीं आया कि वह विहान के इस बात का क्या जवाब दें। आखिर वह करना क्या चाहता है! उसने कभी सोचा नहीं था कि वो इस तरह उसके सामने आ जाएगा और ऐसे हालात बनेंगे। उस शोरूम में नेहा और शरण्या भी मौजूद थे जिनका ध्यान उन पर नहीं गया था और वह दोनों अपने लिए भी घड़ी देखने में लगे हुए थे। इससे पहले कि विहान कुछ और कहता या कुछ और कहने का उसे मौका मिलता, मानसी ने पास ही में पड़ी एक सस्ती सी घड़ी उठाई और उसे विहान के सामने रख दिया। 

     "यह वाली घड़ी आप पर ज्यादा सूट करेगी।"कहकर मानसी वहां से चली गई और बिलिंग काउंटर पर अपना सामान रखवा दिया। विहान ने एक नजर उस घड़ी को देखा। एक सफेद रंग की सस्ती सी घड़ी जो वह कभी पसंद नहीं करता, इसके बावजूद उसने बड़े प्यार से वह घड़ी उठाई और अपने हाथ में पहन लिया। रूद्र की नजर जब विहान के हाथ पर गई तो उसकी आंखें हैरानी से फैल गई। वह बोला, "यह क्या जोकर बना हुआ है तू? इस तरह की घड़ी कब से पहनने लगा तु भाई? तेरा दिमाग तो खराब नहीं है?" विहान बोला, "लाइफ में हर तरह के एक्सपीरियंस होने चाहिए और अगर इस रंग की घड़ी बनी है तो जाहिर सी बात है कोई ना कोई तो पहनता ही होगा। मुझे तो यह वाली बहुत पसंद आई।" रूद्र को कुछ समझ नहीं आया। वही विहान उस घड़ी को अपने हाथ में लिए बड़े प्यार से निहारे जा रहा था। "चलो! कुछ तो दिया उसने मुझे! माना उसे कोई रिश्ता नहीं रखना लेकिन शायद एक कड़ी अभी टूटी नहीं है!" 

     शरण्या और नेहा दोनों बातें करते हुए रुद्र और विहान के पास आए तो देखा मानसी बिलिंग काउंटर पर थी और पेमेंट कर रही थी। शरण्या की नजर जैसे ही विहान के हाथ पर गई, वह बोली, "क्या भाई! तुम कब से यह वाली पहनने लगे? ना यह ब्रांड तुम्हारी पसंद की है और ना ही एक कलर! डिजाइन तो बिल्कुल भी नहीं! तुम्हें क्या हो गया है? लगता है रजिया के साथ रहने से तू भी उसी के जैसा बन गया है।" अपना नाम सुनकर रूद्र बीच में टपक पड़ा, "अब इसमें मैं कहां से आ गया बीच में? तुम लोगों को बात करने के लिए मेरे अलावा और कोई टॉपिक नहीं मिलता है क्या? और खास कर तू शाकाल! तेरी हर कहानी मुझ से शुरू होकर मुझ पर क्यो अटकती है? इतना पसंद करती है तो मुझे एक बार बोल कर तो देख!" शरण्या ने मुस्कुराकर रुद्र से कहा, "लगता है तुझे तेरी जिंदगी अब प्यारी नहीं रही! मरने का बड़ा शौक हो गया है तुझे? कोई बात नहीं बेटा! तेरा यह शौक भी पूरा कर देंगे हम। आओ कभी हवेली पे! पहले जरा हम तेरे जलवे देखेंगे, उसके बाद तेरी ख्वाहिश भी पूरी करेंगे। बस अपने साथ अपनी किसी गर्लफ्रेंड को मत लाना! वो क्या है ना बेचारी इतना खून खराबा देख नहीं पाएगी।"

     शरण्या की बात सुन रूद्र का चेहरा उतर गया और नेहा और विहान हँस पड़े। नेहा बोली, "इस हिसाब से तो मैं आ सकती हु। इससे ज्यादा खून खराबा मैं रोज देखती हु।" शरण्या बोली, "हाँ डॉक्टर साहिबा! आप से ज्यादा खून खराबा और कौन देख सकता है भला।" इतने मे मानसी भी वहाँ आ पहुची। सब को हँसी ठिठोली करते देख बोली, "क्या बात है! मेरे पीछे ऐसी कौन सी बाते हो रही है?" शरण्या मानसी का हाथ थामते हुए बोली, " भाभी!!! रूद्र से तो आप मिल ही चुके हो! इस से मिलिए, ये मेरा भाई विहान है। रूद्र की संगत मे बिगड़ा हुआ है लेकिन एक बार शादी हो गयी तो पूरी तरह से सुधर जायेगा! और विहान! ये मानसी भाभी है, अमित भैया की वाइफ!" विहान ने जैसे ही मानसी की तरफ हाथ बढ़ाया मानसी ने अपने दोनो हाथ जोड़ लिए और बोली, "माफ कीजियेगा! मुझे नही पता था आप मेरी ननद की सहेली के भाई है, इसीलिए बदतमीज़ी कर दी। वैसे काफी दूर का मामला हुआ हमारा, है न? इस लिहाज से तो हम अजनबी ही हुए। नेहा शरण्या!!! अमित आते ही होंगे मुझे लेने तो अभी मुझे निकलना होगा। आप लोगो के साथ शॉपिंग फिर कभी, ठीक है! बाय!!!" कहकर मानसी बाहर चली गयी। विहान बस उसे जाते हुए देखता रहा और अपने हाथ मे बंधी घडी देख मुस्कुरा दिया। 



क्रमश:


टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही बेहतरीन भाग था मैम!! 👌👌 विहान की बात एकदम सही थी के रुद्र तो आजकल बिल्कुल डरता नही अपनी साकाल से!! 😄😄 और शरण्या कहा कम है, 'किसी ट्रायल रूम में बैठी होगी कोई तुम्हारी गर्लफ्रैंड!' 😂😂 और शरण्या की बात रुद्र से शुरू होकर रुद्र पर खत्म नही होगी तो फिर और तो क्या..?! और मानसी ने ऐसा रूखा बर्ताव कर दिया विहान के साथ पर वो बस मुस्कुराता रहा...!! 🙆 अगले भाग का इंतेज़ार रहेगा!! 😊😊

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