ये हम आ गए कहाँ!!! (17)

          विहान का ऐसे अमित के रिसेप्शन पार्टी से निकल जाना शरण्या को थोड़ा अजीब लगा लेकिन उसने इस बारे में ज्यादा कुछ सोचा नहीं क्योंकि रूद्र के संगत में वह भी थोड़ा अजीब हो गया था और पिछले कुछ समय से कुछ ज्यादा ही अजीब। नेहा उसे ढूंढते हुए जब उसके पास आई तो उसने विहान को कहीं नहीं पाया। वो पूछ बैठी, "क्या हुआ शरण्या? विहान कहां है? अभी तो यहीं था ना वो? कहां चला गया? भाभी से मिला या नही?" शरण्या बोली,"विहान का तो कोई ठिकाना नहीं रहता। जब से वो रुद्र के साथ रहने लगा है तब से ही मेरी समझ से बाहर है। मैंने कहा भी कि भाभी से मिल ले, लेकिन वह नहीं सुना और निकल गया यहां से। कहां जाएगा! रुद्र की पूछ है वो, उसी के पास जाएगा ना। छोड़ो उसे, उसके चक्कर में मैं भाभी से नहीं मिल पाई हूं। वैसे कुछ भी हो! तेरी भाभी है बहुत खूबसूरत!"

      विहान के जाने की बात सुन नेहा थोड़ी मायूस हो गई लेकिन फिर मुस्कुराते हुए शरण्या का हाथ पकड़ स्टेज तक लेकर आए और अपनी भाभी से मिलवाते हुए बोली, "भाभी! इससे मिलिए, यही है हमारी शरण्या! मेरी सबसे प्यारी सबसे दुलारी दुनिया में सबसे अलग अपने तरह की इकलौती आइटम मेरी दोस्त मेरी बहन जो कह दीजिए आप।" नेहा की बातें सुन शरण्या को हंसी आ गई। उसने कहा, "भाभी इतनी भी खास नहीं हूं मैं जितना लंबा चौड़ा इंट्रोडक्शन दे रही है मेरा। हाँ! थोड़ी पागल हूं और थोड़ा सनकी भी इससे ज्यादा कुछ नहीं।" नेहा उसके बात को बीच में काटते हुए बोली,"भाभी इसके साथ रहोगे ना तब जाकर आपको पता चलेगा कि यह किस टाइप की सनकी है ये। अच्छा ये सब छोड़ो, शरण्या! यह है मेरी इकलौती भाभी मानसी।"

      मानसी का नाम सुनकर शरण्या को थोड़ा सा शक हुआ। वह बोली, "मानसी........! ये नाम तो थोड़ा सुना सुना सा लग रहा है। पता नहीं कहां सुना है मैंने लेकिन सुना जरूर है। शायद नेहा ने हीं बताया हो।" अमित ने कहा, "नेहा ने तुझे भाभी का नाम कभी नहीं बताया क्योंकि उसे खुद इतनी फुर्सत नहीं थी कि वो मानसी का नाम जान सके और रही बात नाम की तो या तो यह अपनी रजिया से सुना होगा या फिर विहान से! वैसे भी उन दोनों ने अपनी लाइफ में जितनी लड़कियों को डेट किया है उससे तो हम लोग एक पूरा मैरिज ब्यूरो खोल सकते हैं और इतनी लड़कियां तो बेचारे टिंडर के पास भी नहीं होंगी। वैसे यह विहान है कहां? अभी तो यही था!" विहान का नाम सुन मानसी थोड़ी असहज हो गई। जिस नाम से पिछले दो साल से भागती रही वह नाम एक बार फिर उसके सामने बार-बार लिया जा रहा था। 

     शरण्या बोली, "पता नहीं! अचानक क्या हो गया उसको, चला गया। अभी कुछ देर पहले ही। मैंने कहा अभी उससे की भाभी से एक बार मिल ले लेकिन आपको तो पता है ना भैया रूद्र के बिना उसका दिल नहीं लगता। कहीं ऐसा ना हो इतनी लड़कियों को डेट करते करते एक दिन वह दोनों खुद ही एक दूसरे से शादी कर ले क्योंकि आगे जाके तो कोई लड़की बचेगी ही नहीं जिन्हें इन दोनों ने डेट ना किया हो।" नेहा तुनक कर बोली, "ऐसा मत बोल! बेचारे विहान ने पिछले दो सालों से किस लड़की को डेट नही किया है। जब से ऊंटी से आया उसके बाद से अजीब हो गया है। रूद्र का तो तुझे पता ही है लेकिन विहान.......! अचानक क्या हो गया उसे जो इतना शरीफ हो गया?" नेहा की बातें सुन शरण्या ने उसे घूर कर देखा और बोली, "तुझे बड़ा पता है उसके बारे में! पिछले दो साल से वह क्या कर रहा है क्या नहीं मुझसे ज्यादा तुझे पता है!" नेहा हड़बड़ाते हुए बोली, "ऐसा कुछ नहीं है यार....! तुझे तो कुछ बहुत बड़ी बात बतानी थी न! क्या हुआ ऐसी क्या खास बात है जिसके लिए तु इतनी एक्साइटेड थी?" शरण्या को अचानक याद आया हो जैसे। वह बोली, "इस सब चक्कर में बताना ही भूल गई। आज लावी दी की शादी तय हो गई है, अचानक से! हम ने सोचा भी नहीं था कि उनकी शादी ऐसे अचानक तय हो जाएगी। और पता है किससे? रेहान से!!! हम में से किसी को भी आईडिया तक नहीं था कि उन दोनों के बीच कुछ हो सकता है। इनफैक्ट यह सारा किया धरा रुद्र का था। हम लोग तो उनके घर गए थे क्योंकि रेहान को देखने लड़की वाले आ रहे थे और लड़की वाले पापा के दोस्त हैं। हमें क्या पता था वहां जाकर पापा अपनी ही बेटी का रिश्ता तय कर देंगे। रेहान ने सबके सामने लावी दी से अपने प्यार का इजहार किया।" नेहा खुश होते हुए बोली, "अरे वाह! यह तो बहुत बड़ी खबर है। मतलब अमित भैया की शादी के बाद तेरे घर में शहनाई बजने वाली है। तेरा और रुद्र का रिश्ता जुड़ने वाला है।" शरण्या उसे पीछे से मारते हुए बोली, "रिश्ता मेरी बहन और उसके भाई का जुड़ रहा है हमारा नहीं और हमारा रिश्ता कभी जुड़ भी नहीं सकता। रेहान सीधा और शरीफ है, अपने दिल की बात कहने में उसे इतने साल लग गए और वही हाल मेरी बहन का भी है। उसने भी कभी नहीं कहा और ना किसी को एहसास होने दिया लेकिन यह रूद्र यह कभी नहीं सुधरने वाला तुझे पता भी है उसने क्या किया?" कहते हुए शरण्या ने उसकी सारी हरकत सबको बता दी। वहां मौजूद सबका हंसते-हंसते बुरा हाल हो रखा था। 



    विहान ने किसी को फोन किया और अपने लिए गाड़ी मंगवाई। अपनी गाड़ी को गेराज में भिजवा कर वह खुद वहां से निकल पड़ा। उसे कहां जाना था उसे भी समझ नहीं आ रहा था, ऐसे में उसे रुद्र का ख्याल आया लेकिन जो बात उसने अब तक किसी से नहीं कही थी वह अब कैसे बताता उसे और उसके सामने खुद को नार्मल भी तो दिखाना था। वह सीधे बार पहुंचा जहां रुद्र काउंटर पर अपनी ठुड्डी टिकाए बैठा हुआ था और ग्लास पर अपनी उंगलियां घुमा रहा था। उसे ऐसे बैठा देख विहान को हैरानी हुई। वह बोल पड़ा, "यह क्या भाई? क्या हुआ है तुझे? कोई गर्लफ्रेंड छोड़कर भाग गई क्या जो इस तरह देवदास बना हुआ है?" इससे पहले कि रूद्र उसे कोई जवाब देता, बारटेंडर बोला,"सर ऑलरेडी टकिला के 4 शॉट्स घटक चुके हैं और यह पांचवीं है। आप समझ रहे हो इसका मतलब! इससे ज्यादा इनको पचेगी नहीं।"

     बेचारा विहान! वह तो खुद अपनी प्रॉब्लम को भुलाने के लिए यहां आया था लेकिन रूद्र को ऐसे बैठा देख उसने अपना सर पकड़ लिया। रूद्र ने उसका हाथ झटकते हुए कहा, "चल तू भी मार ले मेरे साथ! ज्यादा नहीं बस 2 शॉट्स, उसके बाद चलते हैं।" विहान आज खुद भी पीना चाहता था इसलिए वह भी मना नहीं कर पाया और बैठ गया रुद्र के साथ। जीतने के चक्कर में 2 की बजाय उसने ही 6 शॉट्स लगा लिया। अब तो विहान की हालत रुद्र से भी ज्यादा खराब थी। दोनों इस वक्त जिन हालात में थे ऐसे में वह दोनों ही अपने-अपने घर नहीं जा सकते थे और ना ही किसी को फोन कर बुला सकते थे। उन दोनों ने एक-दूसरे को संभाला और गाड़ी के पास आकर लड़ने लगे कि गाड़ी कौन चलाएगा रूद्र 5 शॉट्स लिए थे और विहान ने छह! इस लिहाज से रूद्र ने गाड़ी चलाने का फैसला किया और उसे लेकर वहां से निकल गया। 

     धीरे-धीरे गाड़ी चलाते हुए वह दोनों शहर से थोड़ा बाहर निकल गए और एक सुनसान इलाके में जो कि थोड़ी ऊंचाई पर था, वहां जाकर रूद्र ने गाड़ी रोकी और बाहर निकल गया। विहान भी उसके पीछे-पीछे उतरा। बार से निकलते वक्त विहान ने दो बोतल व्हिस्की और उठा ली। आज वह पूरी तरह सब कुछ भूल जाना चाहता था लेकिन बार-बार उसे मानसी का चेहरा नजर आ जाता। दुल्हन के जोड़े में पूरे मांग सिंदूर माथे पर बिंदी हाथ में सुहाग की चूड़ियां जो विहान के दिल को चीर रही थी। उसने एक बोतल रूद्र को दी और दूसरा खुद पीने लगा पीने के बाद थोड़ा बहुत जो होश रूद्र को था वह भी पूरी तरह से टल्ली हो चुका था। दोनों वही गाड़ी के बाहर जमीन पर बैठ गए। 

     विहान एकदम खामोश था लेकिन रूद्र के सर पर फिलोसोफी का भूत सवार हो गया। किसी दार्शनिक के अंदाज में उसने बात करना शुरू किया, "इस दुनिया में सबसे बड़ा पंगा अगर कुछ है तो वह है लड़की! अगर लाइफ में लड़की ना हो तो इंसान सीधी-सादी नॉर्मल लाइफ जिएं, अपनी मर्जी से जिए लेकिन नही! भगवान ने इन लड़कियों के जैसा कॉम्प्लिकेटेड चीज दुनिया में नहीं बनाई। अरे भगवान ने खुद नहीं समझ पाए उन्हें और हमारे ऊपर थोप दिया। खुद तो झेल रहे हो भगवान हमें क्यों झेला रहे हो? हमने कौन सा पाप कर दिया था? जब आप जानते थे कि लड़कियां कैसी होती है, क्या जरूरत थी और लड़कियां बनाने की?"

     विहान जो चुपचाप बैठा था, वह बोल पड़ा, "ऐसा मत बोल यार! तुझे पता है ये जो लड़कियां होती है ना! जितनी पत्थर दिल होती है उतनी ही शिद्दत से प्यार भी करती है। बस इन्हें समझने वाला चाहिए। हम बेवकूफ है जो उन्हें समझ नहीं पाते। यह लड़कियां ही तो है आप जिन्हें मिल कर एहसास होता है कि हमारी लाइफ में कितनी बड़ी कमी है। वही तो है जो हमें एहसास कराती है कि सच में प्यार क्या होता है। अब प्यार तेरे मेरे बीच तो नहीं हो सकता ना यार वरना दुनिया हमें गलत नजर से देखेंगी। जानता है तू! मैंने यह बात किसी से नहीं कहीं किसी से भी नहीं, यहां तक कि उससे भी नहीं जिसे मैं प्यार करता हूं। सोचा था जब वह मिलेगी उससे माफी मांग लूंगा उससे अपने प्यार का इजहार कर लूंगा लेकिन अब सब बेकार हो गया यार! दो सालों से उसे ढूंढ रहा था आज जाकर मिली वह भी किस हालात में! अमित की बीवी के रूप में!!! कुछ दिन पहले भी अगर मुझे मिल जाती तो कभी उसे यह शादी करने ही नहीं देता। भगा कर ले आता चाहे उठाकर ले आता, कम से कम अपने प्यार का इजहार तो कर ही देता। दिल में यह कसक तो नहीं रहती कि उसे अपने दिल की बात ना कह पाया और ना उससे माफी मांग पाया। गलत थी वह, उसने कहा था उसके जैसी कई लड़कियां आई और गई मेरी जिंदगी में। नहीं.......उसके जैसी कोई नहीं आई मेरी जिंदगी में.........अगर आई होती तो मुझे उससे कभी प्यार होता ही नहीं। जब वह चली गई तब जाकर एहसास हुआ कि मैंने क्या खोया है। तुझे याद है दो साल पहले जब हम लोग ऊटी गए थे! वहां कॉलेज स्टूडेंट का एक ग्रुप घूमने के लिए आया था। उसी में मिली थी वह। सलवार सूट पहने सिंपल सी, माथे पर छोटी सी बिंदी थी उसके, और मेकअप के नाम पर कुछ नहीं। कितनी लड़कियों से मिला यार फिर उसके जैसी खूबसूरत कोई नहीं लगी। मानसी.......! मेरी मानसी......! प्यार करने लगी थी वह मुझे, लेकिन मैं ठहरा दुनिया का सबसे बड़ा बेवकूफ! नहीं समझा उसके प्यार को। जाते जाते अपने प्यार का एहसास करा गयी मुझे। उसकी आंखों में आंसू देख तकलीफ हुई थी। जब मुझे पता चला, मैं तो बंध चुका था उसके प्यार में। बस समझ नहीं पाया। पिछले दो साल में कहां-कहां नहीं ढूंढा उसे। सिवाए नाम के और कुछ भी तो नहीं पता था मुझे! क्या करता? फिर भी पूरी कोशिश की थी मैंने और आज जाकर मिली तो ठीक से देख भी नहीं पाया उसे। डर लगता है यार अगर मैं उसके सामने गया तो कहीं एक बार फिर उसकी आंखों में आंसू देखने को ना मिल जाए। प्यार करता हूं यार, उसे रोता हुआ कैसे देख सकता हूं।"

      "अबे रोते हुए तो मेरे उस शाकाल को भी नहीं देख सकता, इसका मतलब क्या मैं भी उससे प्यार करने लगा हूं? वैसे कुछ भी बोल! तेरी बहन है बहुत खूबसूरत! इतने सालों में मैंने कभी इतनी खूबसूरत लड़की नहीं देखी और ना कभी इतने करीब से किसी को देखा। काजल से सनी बड़ी बड़ी आंखें धनी पलके सुर्ख गुलाबी होंठ चेहरे पर झूलती बालों की लट, सच में आज जो रूप मैंने उसका देखा, पहले कभी नहीं देखा था। आज दिल ने कहा उसके करीब जाऊ लेकिन जब उसके करीब जाने की कोशिश की उसकी आंखें नम हो गई। यार ऐसा लगा जैसे मेरे सीने से किसी ने वार कर दी हो, इतना दर्द हुआ मुझे

     रूद्र की बात सुन विहान जोर जोर से हंसता हुआ बोला,"अबे बेवकूफ! तुझे प्यार हो गया है शाकाल से! अब जल्दी से जाकर बता दे उसे कि तू उसे प्यार करता है वरना बहुत देर हो जाएगी। वैसे क्या मस्त जोड़ी बनेगी ना, शाकाल और रजिया की जोड़ी! हाय रे रजिया!!! तू तो सच में गुंडों में फस गई रे। नहीं-नहीं!! गुंडी के साथ फस गई तू।" कहते हुए विहान की हँसी नही रुक रही थी। वो वहीं जमीन पर लेट गया। रुद्र भी हंसता हुआ वैसे ही जमीन को बिस्तर समझ पसर गया और वही उन दोनों की आंख लग गयी। 







क्रमश:


टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही बेहतरीन भाग था मैम! 👌👌 दोनो की बातें काफी इमोशनल और मजेदार भी थी...!! रुद्र तो लड़कियों पर पीएचडी करके बैठा है जैसे के ये सबसे कॉम्प्लिकेटेड होती है!! 😂😂 पर बेचारे विहान और मानसी के साथ गलत हुआ.... मानसी के प्यार का अहसास तो विहान को हुआ नही और जब हुआ तब देर हो चुकी थी..!! और अब तो मानसी अमित की बीवी है!! अब तो...!! 🙄🙄 पर नेहा है अभी विहान के लिए!! आपकी कहानियों की खासियत, कोई अकेला बचेगा नही, हर एक बेहतरीन हमसफ़र मिलेंगे!! 😇😇 और रजिया और शाकाल की जोड़ी, यही तो देखनी है हमे!! 😄😄 अगले भाग का इंतेज़ार रहेगा!! 😊😊

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