ये हम आ गए कहाँ!!! (14)

    एक अनजान शख्स का इस तरह आकर सबके सामने अपने प्यार का इजहार करना हर किसी को हैरत में डाल गया। सबकी नजर मेघना की ओर घूम गई जो खुद कन्फ्यूज्ड सी दिख रही थी क्योंकि उसने भी इस शख्स को पहले कभी देखा तक नहीं था लेकिन जिस तरह उस शख्स ने ऐसी हरकत की थी उससे हर कोई मेघना से जवाब की उम्मीद लगाए हुए था। धनराज गुस्से में उस लड़के पर फट पड़ा, "हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी इस तरह हमारे घर में घुसने की? हो कौन तुम जो इस तरह हमारे घर के बच्चे पर इल्जाम लगा रहे हो? हमारे घर के बच्चे संस्कारी है और समझदार भी, ऐसे किसी भी राह चलते इंसान के साथ कोई रिश्ता रखना नहीं चाहते और तुम उन पर इतना बड़ा इल्जाम लगा रहे हो!" माना मेघना हमारी बेटी नहीं है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम बेटियों की इज्जत करना नहीं जानते!"
      मिस्टर आहूजा ने मेघना से पूछा, "मेघना क्या है यह सब? कौन है यह लड़का और इस तरह से इस सब का क्या मतलब है? आप समझ भी रहे हैं इससे हमारी इज्जत पर कितना बड़ा दाग लग सकता है? अगर आपके दिल में पहले से कोई था तो बताना चाहिए था! यह कोई तरीका नहीं! हमने कभी आप पर कोई पाबंदी नहीं लगाई तो फिर हम से यह सारी बातें छुपाने का क्या मतलब है? आप अच्छे से जानते हैं बेटा! हम आपके मां पापा नहीं बल्कि आपके दोस्त हैं जिसने आप के हर फैसले में आपका साथ दिया है तो फिर यह बात तो आप हमें बता ही सकते थे। आपने हमें बहुत निराश किया बेटा, बहुत ज्यादा!"
      मेघना रोआसी हो कर बोल पड़ी, "पापा प्लीज! आप ऐसी बातें कैसे कर सकते हैं? आपको किसी और की बात पर भरोसा है अपनी बेटी की बातों पर नहीं! मैं इस इंसान को जानती तक नहीं हूं और अगर मेरे दिल में ऐसी कोई भी बात होती तो मैं सबसे पहले आपको बोलती। वैसे भी मेरे रेहान से आज से नहीं बल्कि पिछले दो सालों से प्यार करती हूं। जब उसका रिश्ता आया तो मैंने खुशी-खुशी हाँ कर दी। मैं जानती हूं आप मेरे लिए बहुत ज्यादा सोचते है लेकिन ये शख्स कौन है मुझे नहीं पता। आपको अपनी बेटी पर इतना भरोसा तो होना चाहिए ना।" फिर वह गुस्से में उस लड़के की तरफ बढ़ी और उसका कॉलर पकड़कर चिल्लाते हुए बोली, "मैं तुम्हें ना जानती हूं ना मैं तुम्हें कभी देखा है फिर तो मेरे बारे में इस तरह से बात कैसे कर सकते हो तुम? कब मिली मैं तुमसे? कब की कोई बात? और वादे तो दूर की बात है! सच सच बताओ किसके कहने पर कर रहे हो तुम यह सब? जल्दी बताओ वरना मैं पुलिस को बुला लूंगी और मुझे मेंटली हरैस करने के केस में तुम्हें जेल भिजवा दूंगी। तुम्हें पता नहीं मैं कौन हूं, मैं मेघना आहूजा हूं कुछ भी कर सकती हूं और यही खड़े-खड़े तुम्हारी पूरी कुंडली निकलवा सकती हूं तो बिना एक भी पल गवाए, बिना एक भी सेकंड खराब किए तुम जल्दी से बताओ कौन हो तुम और यहां किसलिए आए हो?"
      वह लड़का मेघना के इस रूप को देखकर घबरा गया। उसके साथ-साथ पूरे घरवाले भी उसके इस बर्ताव से हैरान थे। अभी कुछ देर पहले मासूम सी सीधी साधी दिखने वाली मेघना इतने खतरनाक अवतार में थी कि किसी को भी यकीन करना मुश्किल हो रहा था कि उसका कौन सा रूप असली है। वह लड़का घबराते हुए अपना कॉलर मेघना की पकड़ से छुड़ाने लगा और छूटते ही बोला, "एक्सक्यूज मी मैडम!!! मैं आपको ना जानता हूं मैं पहचानता हूं और आप इस तरह से मुझ पर इल्जाम नहीं लगा सकती। अरे आप क्या मुझे मेंटल हैरेसमेंट का केस करेंगी, मैं आप पर कर दूंगा मेंटल हैरेसमेंट का केस। मैं यहाँ आपके लिए नहीं आया हूं। मैं यहाँ सिर्फ अपने प्यार के लिए आया हूं। रेहान बेबी देखो ना ये लड़की मुझे क्या कह रही है? तुम्हारे सामने कोई मुझे इस तरह से बर्ताव कर रहा है और तुम चुपचाप खड़े देख रहे हो! तुम ऐसा कैसे कर सकते हो रेहान? आई हेट यू!!!" कहते हुए वह लड़का दौड़ते हुए रेहान से लिपट गया। 
      अब शॉक होने की बारी रेहान की थी। उसका पूरा शरीर सफेद पड़ गया और खून ठंडा हो गया। उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा उसके साथ ऐसा कुछ हादसा हो सकता है। वही सारे घर वाले दिल थाम कर उस नजारे को देख रहे थे जिसके बारे में उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। रेहान को अपनी पूरी दुनिया लूटते हुई सी नजर आ रही थी और उसे चक्कर आ रहे थे। उसने अपना सर पकड़ा और धम्म् से सोफे पर जा गिरा। उसकी ऐसी हालत देख वो लड़का बुरी तरह से घबरा गया और उसे प्यार से पूचकारने लगा। कभी उसके हाथ मलता तो कभी उसके माथे को छूता। थोड़ी देर बाद रेहान को महसूस हुआ कि वो लड़का क्या कर रहा है! उसने उसे झटकते हुए उछलकर दूसरी तरफ खड़ा हो गया। उसे किसी और की नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ इस बात की चिंता थी कि ना जाने लावण्या उसके बारे में क्या सोचेगी। वही खुद पर कंट्रोल किए लावण्या का हाल बेहाल था। उसे अच्छे से पता था कि रेहान ऐसा नहीं है और यह सब रुद्र का किया धरा है। शरण्या ने अपना सिर पीट लिया और मन ही मन बोली, "मुझे पता था, ऐसा ही कुछ करने वाला है। जिसने अपने भाई तक को नहीं छोड़ा, वो किसी और को क्या छोड़ेगा साला! कमीना!!"
      शिखा को मानो अब दिल का दौरा पड़ने वाला था। उसने अपने सीने पर हाथ रखा और घबराते हुए बोली, "हे भगवान!!! अब समझ में आ रहा है कि तुझे लड़कियां क्यों पसंद नहीं थी? क्यों कभी कोई लड़की तुझे अच्छी नहीं लगी क्योंकि तुझे यह पसंद था!! हे भगवान! यह दिन देखने से पहले तूने मुझे उठा क्यों नहीं लिया? इस उम्र में जहां मैं अपने घर बहू लाने का सोच रही थी वही मेरे बेटे ने मुझे दामाद का मुंह दिखा दिया!!! सोचा था दो बेटे हैं तो दो बहुए आएंगी जिन्हें बेटी की तरह रखूंगी! मुझे क्या पता था भगवान ने मुझे बेटे के रूप में एक बेटी दिया, दामाद घर लाएगा हाय राम!!!"
      वही रेहान का घबराहट के मारे बुरा हाल था। उसने अपनी मां के हाथ पकड़ लिए और बोला, "ऐसा कुछ नहीं है माँ!मैं नहीं जानता कि ये आदमी कौन है? मैं बिल्कुल भी नहीं जानता हूं मैं सच कहता हूं मां मैं उनमें से नहीं हूं! मैं तो आपके लिए बहू लाने वाला था और मैंने तो उसे पसंद कर लिया था। यह बात मैं आपसे बताना चाह रहा था कि मुझे मेघना से शादी नहीं करनी लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी और ना ही मुझे बोलने का मौका दिया। लेकिन मैं इससे प्यार नहीं करता, मैं तो इसका नाम तक नहीं जानता, कभी मिला भी नहीं हूं इसलिए क्योकि मैं उस तरह का नहीं हूं मेरा यकीन करो मां!!!"
     रेहान की बातें सुन मिस्टर आहूजा को गुस्सा आ गया और बोल पड़े, "आपके बेटे की वजह से मैंने अपनी बेटी पर शक किया, अपनी परवरिश पर शक किया सारी गलती आपके बेटे की है। उसे लड़कियां नहीं पसंद तो उसके लिए आप लड़की क्यों ढूंढ रहे हैं? उसके लिए लड़का ढूंढ देना और ढूंढने की क्या जरूरत है! सीधा सामने साक्षात खड़ा है, करवा दीजिए शादी! पंडित जी भी यही है!" मिसेज आहूजा भी कहां पीछे रहने वाली थी। वह बोली, "अरे कम से कम अपने बेटे से पूछ तो लिया होता कि उसे लड़कियों में इंटरेस्ट है भी या नहीं! हमारी बच्ची का दिल तोड़ दिया! आपको पता भी है हमारी मेघना कितनी खुश है इस रिश्ते से? ना जाने हमारी बेटी किस तरह से खुद को संभालेगी और जाने हम कैसे संभालेंगे उसे! यह तो अच्छा हुआ जो वक्त रहते सारी सच्चाई पता चल गई और आप लोगों की पोल खुल गई वरना ना जाने हमारी बेटी के साथ क्या होता? चलो जी! बड़े आये बेटे के लिए लड़की ढूंढने वाले। हमारे बच्ची के लिए इससे भी बड़े-बड़े खानदान के और एक से बढ़कर एक लड़के मिलेंगे।" कहते हुए मिसेज आहूजा ने मिस्टर आहूजा और मेघना का हाथ पकड़ा वहां से बाहर निकल गई। बेचारी मेघना! उसका तो रो रो कर बुरा हाल हो गया और अपने मुंह पर हाथ रखते हुए बड़े अजीब तरह से बाहर की ओर भागी।"
     अचानक से वहां का माहौल एकदम से शांत हो गया। जो जहां थे वहीं मूर्ति की तरह खड़े थे। आगे क्या कहना है किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। रेहान तो बस यही सोच रहा था कि वह सब को कैसे यकीन दिलाएं कि वह नॉर्मल है। इतना बड़ा इल्जाम, वह भी उसके कैरेक्टर को लेकर, वह भी लावण्या के सामने! इससे बड़ा सदमा उसके लिए और कुछ नहीं था। उसने शिखा को समझाने के लिए जैसे ही अपना मुह खोला, शिखा ने एक हाथ से रूद्र को अपनी तरफ आने का इशारा किया। रूद्र बेचारा मासूम सी शक्ल बनाए शिखा की ओर जैसे ही आया शिखा ने उसे प्यार से दुलारते हुए एकदम से उसके कान पकड़ कर खींच लिया और बोली, "क्या है यह सब? क्या किया तुमने इसका अंदाजा भी है? इस सब का अंजाम क्या हो सकता है, अपने भाई की इज्जत पर इतना बड़ा इल्जाम लगाकर तुम करना क्या चाहते थे? और यही सब करना था तो मुझे बता नहीं सकते तुम?"
      वहां खड़ा हर एक शख्स एक बार फिर शॉक मे आ गया। हर थोड़ी-थोड़ी देर पर सब झटके पर झटके खा रहे थे मानो वह किसी बस की सवारी कर रहे हो। कभी कोई झटका देता तो कभी कोई और। अब बारी शिखा की थी जिसने इतनी बढ़िया तरीके से एक्टिंग की जिससे किसी को भी शक नहीं हुआ और यह सब कुछ रुद्र का किया धरा था यह बात सिर्फ लावण्या जानती थी और शरण्या तो खैर उसके रग रग से वाकिफ थी। लेकिन इस सब में शिखा ने उसका साथ दिया, इस बात ने सबको हैरत में डाल दिया। माना वह बच्चों के प्रति काफी नरम थी लेकिन उन्हें इस तरह से बर्ताव करते पहले किसी ने नहीं देखा था। रुद्र ने अपना कान छुड़ाते हुए कहा, "आपको पता था माँ? मतलब आपने यह सब कुछ नाटक किया! आपको कैसे पता? इस बारे तो मैंने किसी को नहीं बताया था, खुद विहान को भी नहीं पता इस बारे में तो फिर आपको कैसे?"
    शिखा फिर से उसके कान पकड़ते हुए बोली, "बेटा मां हूं मैं तुम्हारी! चेहरे के बदलते हर रंग से पहचान जाती हूं और जो तेरी आंखें सब बता देती है। मुझे भी पहले यही लगा था कि जो यह लड़का बोल रहा है सही बोल रहा है लेकिन फिर मुझे एहसास हुआ कि मेरा रेहान ऐसा नहीं है। तब जाकर मुझे तुझ पर शक हुआ। ऐसी हरकत तेरे अलावा कोई और कर ही नहीं सकता और मुझे यह भी पता है कि तूने अगर रेहान के लिए यह सब कुछ किया है तो जरूर सोच समझकर ही किया होगा। तो अब तुम दोनों मुझे सच सच बताओ यह लड़का कौन है और यह सब कुछ जो हुआ वह क्यों हुआ?"
     रूद्र ने शिखा को आराम से बैठाते हुए उसके पैरों के पास बैठ गया और बोला, "मां! यह हमारे क्लब में वेटर का काम करता है और हमारा दोस्त भी है। अभी कुछ दिन पहले ही ज्वाइन किया था। कुछ पैसों की जरूरत थी हमने कहा ठीक है! लेकिन ऐसे मुफ्त में पैसे देना कोई अच्छी बात नहीं होती, ये आप ही कहते हैं ना! इससे सामने वाले को एक एहसान का एहसास होता है या फिर कर्ज का, तो मैंने सोचा इससे काम निकलवा लूं उसके बदले में इसे पैसे मिल जाएंगे और उसे लौटाने की से फिक्र भी नहीं होगी तो बस मैंने से बुला लिया। अब आगे की बात आपका यही बेटा खुद अपने मुंह से कबूल करेगा। क्यों बंधु! तूने तो लड़की पसंद कर ली थी ना, बताओ उसका नाम!"
       शिखा ने हैरानी से रेहान की ओर देखा और बोली, "तूने लड़की पसंद कर ली? कब? कहां?? कौन है वह??? एक बार भी तुमने मुझसे यह बताने की कोशिश नहीं की! रुद्र का देख, वह अपनी हर बात मुझे बताता है और तू!!! माना कि तु कम बोलता है इसका मतलब यह तो नहीं कि मुझसे भी बात छुपाएगा, वह भी इतनी बड़ी बात! अब सच सच बता कौन है वह लड़की?" शिखा की बातों का जवाब देने से पहले रेहान ने एक नजर उठाकर लावण्या की ओर देखा जो आंखें झुका कर शर्माते हुए मुस्कुरा रही थी। रेहान को चुप देख शिखा गुस्से में बोली, "अगर अभी के अभी तूने मुझे उसका नाम नहीं बताया तो मैं इसी वक्त इस लड़के से तेरी सगाई करवा दूंगी।" शिखा की बात सुन रेहान घबराते हुए बोला, "नहीं मां! मैं बताता हूं! बताता हूं! वह लड़की....! मां पापा! यह बात मैंने उससे कभी नहीं की, आज सबके सामने कहता हूं।"  
      रेहान उठा और धीरे से चलकर लावण्या के सामने आया फिर उसका हाथ पकड़ कर बोला, "मां पापा मैं लावण्या से प्यार करता हूं और सिर्फ उसी से शादी करना चाहता हूं।" शिखा की तो मानो मुंह मांगी मुराद पूरी हो गई हो। धनराज भी रेहान के इस फैसले से खुश थे लेकिन ललित और अनन्या का क्या? क्या वह दोनों इस रिश्ते के लिए तैयार होंगे? 


       क्रमश:

टिप्पणियाँ

  1. Kya jhatke diye aapne.. Mujhe to bechare rehan par taras Aaya.. Rudra की harkate badi shocking hai... Bahot hasaya aapne.. Superb part.. Awesome

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  2. बेचारे सब...!! मतलब झटके पर झटके!! और वो लड़का तो सीधा जाकर रेहान के ही गले पड़ गया!! बेचारे सब रेहान पर शक कर बैठे...!! 😂😂😂🤣 भले ही रुद्र का प्लान थोड़ा विचित्र था😂 पर काम कर गया... आखिरकार रेहान बोल पाया सबके सामने लावण्या के बारे में!! बस अब कुछ तो अच्छा होने की उम्मीद है! 😊😊

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